Press Releases - Consumer Education and Protection - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
फ़रवरी 04, 2019
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी
4 फरवरी 2019 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य अल्पकालिक फसल ऋण के लिए किसानों को लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल विंडों के अंतर्गत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर सहायता उपलब्ध कराना है। पशुपालन और मत्स्यपालन में लगे हुए किसानों को परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2018-19 के बज़ट में इन किसानों को केसीसी की सुविधा प्रदान करने संबंधी निर्णय की घोषणा की थ
4 फरवरी 2019 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य अल्पकालिक फसल ऋण के लिए किसानों को लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल विंडों के अंतर्गत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर सहायता उपलब्ध कराना है। पशुपालन और मत्स्यपालन में लगे हुए किसानों को परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2018-19 के बज़ट में इन किसानों को केसीसी की सुविधा प्रदान करने संबंधी निर्णय की घोषणा की थ
फ़रवरी 04, 2019
बीदर महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर, कर्नाटक – पर आर्थिक दंड लगाया गया
4 फरवरी 2019 बीदर महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर, कर्नाटक –पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47 ए के प्रावधानों के तहत उसे प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए बीदर महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के तहत निदेशकों या उनके विनिर्दिष्ट संबंधियों को ऋण प्रदान करने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा मा
4 फरवरी 2019 बीदर महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर, कर्नाटक –पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47 ए के प्रावधानों के तहत उसे प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए बीदर महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के तहत निदेशकों या उनके विनिर्दिष्ट संबंधियों को ऋण प्रदान करने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा मा
जनवरी 31, 2019
रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना शुरू की
31 जनवरी 2019 रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना शुरू की 5 दिसंबर 2018 के मौद्रिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज लोकपाल योजना में यथापरिभाषित प्रणाली सहभागियों के विरूद्ध शिकायतों के समाधान के लिए 31 जनवरी 2019 की अधिसूचना के तहत डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) की शुरुआत की। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 18 के अंतर्गत शुरू की गई यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित गैर-बैंक संस्था
31 जनवरी 2019 रिज़र्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के लिए लोकपाल योजना शुरू की 5 दिसंबर 2018 के मौद्रिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज लोकपाल योजना में यथापरिभाषित प्रणाली सहभागियों के विरूद्ध शिकायतों के समाधान के लिए 31 जनवरी 2019 की अधिसूचना के तहत डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) की शुरुआत की। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 18 के अंतर्गत शुरू की गई यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित गैर-बैंक संस्था
जनवरी 31, 2019
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों की अवधि बढ़ाना – द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र
31 जनवरी 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों की अवधि बढ़ाना – द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लि., मुंबई को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश के माध्यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की अवधि 23 जुलाई 2018 के निदेश के माध्यम से 31 जनवरी 2019 तक समय-समय पर बढ़ाई गई थी। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचि
31 जनवरी 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों की अवधि बढ़ाना – द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लि., मुंबई को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश के माध्यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की अवधि 23 जुलाई 2018 के निदेश के माध्यम से 31 जनवरी 2019 तक समय-समय पर बढ़ाई गई थी। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचि
जनवरी 28, 2019
सिटी सहकारी बैंक लिमिटेड, हासन, कर्नाटक – पर आर्थिक दंड लगाया गया
28 जनवरी 2019 सिटी सहकारी बैंक लिमिटेड, हासन, कर्नाटक – पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए के प्रावधानों के तहत उसे प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए सिटी सहकारी बैंक लिमिटेड, हासन पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के तहत निदेशकों या उनके विनिर्दिष्ट संबंधियों को ऋण प्रदान करने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा मानदंडो का उल
28 जनवरी 2019 सिटी सहकारी बैंक लिमिटेड, हासन, कर्नाटक – पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए के प्रावधानों के तहत उसे प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए सिटी सहकारी बैंक लिमिटेड, हासन पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) के तहत निदेशकों या उनके विनिर्दिष्ट संबंधियों को ऋण प्रदान करने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा मानदंडो का उल
जनवरी 25, 2019
अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर, उत्तर प्रदेश पर अर्थदण्ड लगाया गया
25 जनवरी 2019 अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर, उत्तर प्रदेश पर अर्थदण्ड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47 ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश, के.वाई.सी (ग्राहक को जानिए), क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (सी.आइ.सी) की सदस्यता प्राप्त करने एवं आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले
25 जनवरी 2019 अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर, उत्तर प्रदेश पर अर्थदण्ड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47 ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश, के.वाई.सी (ग्राहक को जानिए), क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (सी.आइ.सी) की सदस्यता प्राप्त करने एवं आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले
जनवरी 25, 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया
25 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्रम संख्या कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या पंजीकरण प्रमाणपत्र की तारीख पंजीकरण रद्द करने की तारीख 1. एस एफ एस एल इंवेस्टमेंटस लिमिट
25 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्रम संख्या कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या पंजीकरण प्रमाणपत्र की तारीख पंजीकरण रद्द करने की तारीख 1. एस एफ एस एल इंवेस्टमेंटस लिमिट
जनवरी 25, 2019
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
25 जनवरी 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 24 जून 2015 के निदेश के माध्यम से 26 जून 2015 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढ़ाया गया या संशोधित किया गया था और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 2 जुलाई 2018 के निदेश द्वारा बढाया गया और ये निदे
25 जनवरी 2019 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 24 जून 2015 के निदेश के माध्यम से 26 जून 2015 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढ़ाया गया या संशोधित किया गया था और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 2 जुलाई 2018 के निदेश द्वारा बढाया गया और ये निदे
जनवरी 24, 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए
24 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए भारतीय रिजर्व बैंक ने भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र पर कतिपय निदेश जारी किए है। ये निदेश 17 जनवरी, 2019 को बैकिंग कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए लागू रहेंगे। निदेश के अनुसार, भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑप बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप
24 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए भारतीय रिजर्व बैंक ने भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र पर कतिपय निदेश जारी किए है। ये निदेश 17 जनवरी, 2019 को बैकिंग कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए लागू रहेंगे। निदेश के अनुसार, भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑप बैंक लिमिटेड, वरुड, जिला अमरावती, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप
जनवरी 24, 2019
5 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा
24 जनवरी 2019 5 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें प्रदान किया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस सौंप दिया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्र जा
24 जनवरी 2019 5 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें प्रदान किया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस सौंप दिया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्र जा
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