अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
डिजिटल उधार दिशानिर्देश
उत्तर: क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई कार्यक्रम विशेष रूप से 'क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर मास्टर निदेश - जारी करना और आचार, २०२२ के पैरा 6 (बी) (iii)1 द्वारा नियंत्रित होते हैं। इस तरह के लेनदेन डिजिटल ऋण संबंधी दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आएंगे। तथापि, क्रेडिट कार्डों पर दिए जाने वाले अन्य ऋण उत्पाद जो मास्टर निदेश के उपर्युक्त पैरा के अंतर्गत कवर/परिकल्पित नहीं हैं, डिजिटल ऋण संबंधी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत निर्धारित नियमों द्वारा अभिशासित होंगे। इसके अलावा, दिशानिर्देश ईएमआई कार्यक्रमों सहित डेबिट कार्ड पर दिए गए सभी ऋणों पर भी लागू होंगे।
उत्तर: उधारदाताओं द्वारा धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत ऋण खातों के हस्तांतरण पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जो एआरसी को छोड़कर एमडी-टीएलई के जारी होने से पहले की स्थिति थी। ऋणदाता खंड 73 का अनुपालन करते हुए अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार अनुमति प्राप्त हस्तांतरणकर्ताओं को इस तरह के एक्सपोजर को हस्तांतरित कर सकते हैं।
उत्तर: बाज़ार लागत क्या है, कृपया प्रश्न 1 और 3 के सापेक्ष दिये गए जवाब का संदर्भ लें।
उत्तर: आवेदनकर्ता शमन हेतु आवेदन ‘निदेश-फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों का शमन’ के अनुबंध-I, अनुबंध-II तथा अनुबंध-III पर दिए गए दस्तावेजों/ फॉर्मेट के साथ, भौतिक रूप से या रिज़र्व बैंक के प्रवाह (PRAVAAH) पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत कर सकता है।
ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन भुगतानकर्ता शाखाओं के काउंटर पर जमा किए गए जीवन प्रमाणपत्र गुम हो जाते हैं जिसके कारण मासिक पेंशन के भुगतान में देरी होती है। पेंशनरों द्वारा सामना की जा रही मुश्किलों को कम करने के लिए, एजेंसी बैंकों को निर्देश दिया गया था कि वे जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर अनिवार्य रूप से पावती दें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया था कि वे जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति को अपने सीबीएस में भी दर्ज़ करें और यंत्रजनित पावती भी दें जिससे पावती और रिकार्डों को तत्काल अद्यतन कर देने के दोहरे उद्देश्य की पूर्ति भी हो जाएगी। बैंकों को पेंशनरों द्वारा प्रस्तुत डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए डिजिटल पावती प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा स्वीकृत शिक्षा ऋणों सहित अग्रिमों पर ब्याज दरों को अविनियमित कर दिया है। ब्याज दरें बैंकों द्वारा अपने संबंधित निदेशक मंडल के अनुमोदन से निर्धारित की जाती हैं, जो आरबीआई के मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (अग्रिमों पर ब्याज दर) निदेश, 2016, समय-समय पर अद्यतन, में निहित अग्रिमों पर ब्याज दर संबंधी विनियामक दिशानिर्देशों के अधीन है।
उत्तर. जी हाँ, विनियमित संस्थाओं को सभी समान किस्त आधारित वैयक्तिक ऋण श्रेणियों में अनिवार्य रूप से निश्चित ब्याज दर वाला उत्पाद उपलब्ध कराना होगा। जैसा कि परिपत्र के पैराग्राफ 2 (ii) में कहा गया है, विनियमित संस्थाएं ब्याज दरों के पुनर्निर्धारण के समय उधारकर्ताओं को अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार निश्चित दर पर बदलने (स्विच करने) का विकल्प प्रदान करेंगी।
उत्तर: ई₹ वॉलेट सुरक्षित और संरक्षित हैं। उपयोगकर्ताओं के वॉलेट में ई₹ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु , एक सुदृढ़ साइबर सुरक्षा प्रणाली लागू की गई है। ई₹ वॉलेट में संग्रहित ई₹ सुरक्षित रहता है क्योंकि यदि वह मोबाइल डिवाइस खो भी जाए, तो भी हम उसी फोन नंबर/सिम का उपयोग करके नए मोबाइल डिवाइस पर ई₹ वॉलेट को पुनः सक्रिय या पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
उधारकर्ता द्वारा पुनर्भुगतान में चूक भी उधारकर्ता द्वारा ऋण पुनर्भुगतान अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का एक प्रकार का गैर-अनुपालन है और जुर्माना, यदि लगाया जाता है, तो ऐसे चूक के लिए केवल दंडात्मक शुल्क के रूप में लगाया जा सकता है, न कि दंडात्मक ब्याज के रूप में। इस तरह के दंडात्मक शुल्क उचित होंगे और ऋणदाताओं द्वारा उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से चूक राशि पर ही लगाए जाएंगे। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण न हो यानी ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज की गणना न की जाए।
उत्तर: नहीं। चूंकि मुद्रा नाबालिग बच्चे से संबंधित है न कि बैंक कर्मचारी से, अत: इन निदेशों के पैरा 9.1.6 के अनुसार अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जा सकता है।
आरबीआई ओम्बड्समैन आरबीआई द्वारा नियुक्त आरबीआई का एक वरिष्ठ अधिकारी है, जिसे आरबी-आइओएस, 2021 के खंड 3 (1) (छ) के तहत परिभाषित "सेवा में कमी" के विरुद्ध आरई के ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए नियुक्त किया गया है।
“सेवा में कमी” का अर्थ विनियमित संस्था से वैधानिक रुप से या अन्यथा प्रदान करने के लिए अपेक्षित किसी भी वित्तीय सेवा या उससे संबंधित अन्य सेवा में कमी या अपर्याप्तता से है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।
उत्तर: एक बार सर्वेक्षण शुरू किए जाने के बाद,एमएफ कंपनियों को आरबीआई से Excel प्रारूप में सर्वेक्षण प्रश्नावली (प्रश्नावली-4) की सॉफ्ट कॉपी के साथ एक ईमेल प्राप्त होगा ।कंपनी को इस सर्वेक्षण प्रश्नावली का उपयोग विवरण भरने के लिए करना चाहिए। Excel प्रारूप (.xls प्रारूप) में भरे हुए सर्वेक्षण प्रश्नावली (प्रश्नावली-4) को ईमेल द्वारा mf@rbi.org.in पर भेजा जाना चाहिए। एमएफ सर्वेक्षण प्रश्नावली के साथ कोई अन्य संलग्नक प्रेषित नहीं किया जाना चाहिए।
उत्तर: आईटीईएस सर्वेक्षण दौर की संदर्भ अवधि ठीक पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) है।
उत्तर: ऐसे मामलों में जहां न्यायालय के निदेशानुसार एफएमआर वापस लेना/अपराधी का नाम हटाना आवश्यक हो, विनियमित संस्थाएं तत्काल एफएमआर वापस लेने/अपराधी का नाम हटाने की व्यवस्था कर सकती हैं। ऐसे मामलों को बाद में सूचना के लिए डब्ल्यूटीडी स्तर के अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
उत्तर: कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग का आशय किसी मध्यस्थ या एजेंट के रूप में कार्य करना है, जिसमें बैंकों को आपस में तार-अंतरण (वायर ट्रान्सफर) की सुविधा देना, व्यापारिक लेनदेन करना, जमाराशियां स्वीकार करना और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज़ जुटाना करना, आदि शामिल हैं। घरेलू बैंक आमतौर पर कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों की सेवाओं का उपयोग उन लेनदेनों के लिए करते हैं, जो प्रायः विदेशों में प्रारम्भ होते हैं या ऐसे लेनदेन जिनका अंतिम निपटान विदेशों में होता है। घरेलू बैंक विदेशी वित्तीय बाजारों तक अपनी पहुंच बनाने और विदेशों में शाखाएं खोले बिना अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों का उपयोग करते हैं।
उत्तर. नहीं, यदि किसी आरई का कोई मौजूदा केवाईसी अनुपालक ग्राहक उसी आरई में दूसरा खाता खोलना चाहता है अथवा कोई अन्य उत्पाद/सेवा प्राप्त करना चाहता है, तो उसे कोई केवाईसी दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि उसकी पहचान और/अथवा पते से संबंधित जानकारी में कोई बदलाव न हो।
उत्तर: पात्र जमाकर्ता केवाईसी संबंधी मानदंडों को पूरा करने के पश्चात किसी भी नामित बैंक में स्वर्ण जमा खाता खोल सकता है। सामान्यतया, इस योजना के तहत जमा सीपीटीसी/जीएमएस मोबिलाइजेशन, कलेक्शन एंड टेस्टिंग एजेंट (जीएमसीटीए) में किया जाएगा, जो ग्राहकों की उपस्थिति में उनके सोने की शुद्धता का परीक्षण करेगा और और जमाकर्ता को 995 शुद्धता के मानक सोने की जमा रसीद जारी करेगा और साथ ही, जमा की स्वीकृति के बारें में ग्राहक के संबन्धित बैंक को सूचित करेगा। नामित बैंक जमाकर्ता द्वारा जमा रसीद प्राप्त करने के दिन या सीपीटीसी/जीएमसीटीए में सोना जमा होने के 30 दिनों के भीतर (बावजूद इसके कि जमाकर्ता रसीद प्रस्तुत करता है या नहीं), जो भी पहले आता है, ग्राहक के अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी), जैसा कि लागू है, में जमा करेगा।
तत्पश्चात, जमा किए गए सोने को व्यापार योग्य सोने की बिस्कुटों में बदलने की तारीख से या सीपीटीसी/जीएमसीटीए में सोने की प्राप्ति के 30 दिन बाद, जो भी पहले आता है, से जमा पर ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा।
उत्तर: पाकिस्तान की नागरिकता/ स्वामित्व वाले व्यक्तियों/ इकाइयों द्वारा खाते खोलने और बांग्लादेश के स्वामित्व की इकाइयों द्वारा खाते खोलने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है।
तथापि, बांग्लादेश की नागरिकता वाले व्यक्ति एनआरओ खाता खोल सकते हैं, बशर्ते ऐसे व्यक्ति(यों) के पास वैध वीज़ा हो और विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ)/ विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा जारी वैध आवासीय परमिट हो।
भारत में निवासी पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जोकि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से आते हैं, और जिन्हें दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन विचाराधीन है, वे किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक के पास केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा। इस प्रकार के एनआरओ खाते खोलना दिनांक 28 मार्च 2019 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 द्वारा दिए गए अनुदेश के अनुसार संबंधित प्राधिकृत बैंक द्वारा खोले गए खातों के ब्यौरे तिमाही आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के अधीन होगा।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के अंतर्गत प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के हिस्से के रूप में केवल वे क्षेत्र शामिल हैं जो आबादी के बड़े हिस्से, कमजोर वर्गों और रोजगार-प्रधान क्षेत्रों जैसे कृषि, तथा सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रभावित करते हैं। प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार पर विस्तृत दिशानिर्देश 24 मार्च 2025 के हमारे मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण) निदेश, 2025 में उपलब्ध हैं और समय-समय पर अद्यतन किए जाते हैं।
इंटर-ऑपरेबल विनियामक सैंडबॉक्स (आईओआरएस) नवप्रवर्तकों को एक से अधिक वित्तीय क्षेत्र विनियामकों के विनियामकीय दायरे में आने वाले हाइब्रिड वित्तीय उत्पादों/सेवाओं का परीक्षण करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। विभिन्न विनियामकों के साथ अलग-अलग संपर्क करने की आवश्यकता को समाप्त करके, आईओआरएस परीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है और वित्तीय पारितंत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देता है।
पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी ऋण, जब तक कि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैरा 2 के विशिष्ट अपवर्जन सूची मे शामिल नहीं हैं, उक्त क्र सं 2 के स्पष्टीकरण के तहत समाधान ढांचे के दायरे के अधीन होंगे। ये ऋण, यदि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैराग्राफ 2 में उल्लिखित श्रेणियों में से किसी के अंतर्गत नहीं आते हैं, तो वे दिनांक 4 जनवरी 2018 को एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना विषय पर जारी परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 में परिभाषित "व्यक्तिगत ऋण" के दायरे में आने पर अनुबंध के भाग ए के तहत समाधान के लिए पात्र हैं, भले ही वे स्पष्ट रूप से किसी भी विनियामकीय/पर्यवेक्षी रिपोर्टिंग में, या अनुबंध के भाग बी के तहत स्पष्ट रूप से वर्गीकृत नहीं किए गए हैं।
उत्तर. आरटीजीएस 14 दिसंबर 2020 से 24x7x365 उपलब्ध है।
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सूचकांक अनुपात (आईआर) निर्गम तारीख पर संदर्भित डबल्यूपीआई के साथ निपटान तारीख पर संदर्भित डबल्यूपीआई के विभाजन द्वारा गणना की जाएगी।
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उक्त के लिए फॉर्मूला निम्न है:

जीएएच की ओर से, प्राथमिक सदस्य द्वारा सीसीआइएल को एक एक्सेस रिक्वेस्ट फार्म प्रस्तुत करना होता है। यह अनुरोध औपचारिक तौर पर रिज़र्व बैंक को संबोधित किया जाएगा। लेकिन, सीसीआइएल को सीधे ही प्राथमिक सदस्य से प्राप्त एक्सेस रिक्वेस्ट फार्म को प्राप्त करने और उस पर कार्रवाई करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस बारे में विस्तृत जानकारी अनुबंध-1 में दी गयी है।
उत्तर: आईडीएफ-एमएफ को प्रायोजित करने के इच्छुक एनबीएफसी को निम्नलिखित आवश्यकताओं का पालन करना आवश्यक है:
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एनबीएफसी के पास 300 करोड़ रुपये का न्यूनतम निवल स्वाधिकृत फंड (एनओएफ) होना चाहिए; और जोखिम भारित आस्तियों के लिए पूंजी (सीआरएआर) 15%;
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इसका निवल एनपीए निवल अग्रिम के 3% से कम होना चाहिए;
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यह कम से कम 5 साल के लिए अस्तित्व में होना चाहिए था;
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इसे पिछले तीन वर्षों से लाभ अर्जित करना चाहिए और इसका प्रदर्शन संतोषजनक होना चाहिए;
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आईडीएफ-एमएफ में निवेश के बाद एनबीएफसी का सीआरएआर इसके लिए निर्धारित विनियामक न्यूनतम से कम नहीं होना चाहिए;
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एनबीएफसी को प्रस्तावित आईडीएफ में निवेश के लिए लेखांकन के बाद एनओएफ के आवश्यक स्तर को बनाए रखना जारी रखना चाहिए और
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एनबीएफसी के संबंध में कोई पर्यवेक्षी चिंता नहीं होनी चाहिए
अधिकांश देशों की तरह, भारत में बैंकों को भी चेकों के संग्रहण से संबंधित अपनी व्यक्तिगत नीति/प्रक्रियाओं को विकसित करने की आवश्यकता होती है। ग्राहक बैंक के दायित्वों और ग्राहकों के अधिकारों पर बैंक से देय प्रकटीकरण प्राप्त करने का हकदार है।
मोटे तौर पर, बैंकों द्वारा बनाई गई नीतियों में निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया जाना चाहिए:
स्थानीय/बाहरी चेकों के लिए तत्काल क्रेडिट, स्थानीय/बाहरी लिखतों की वसूली के लिए समय सीमा और विलंबित वसूली के लिए देय मुआवजा।
विभिन्न बैंकों के संबंधित सीसीपी बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं।
बैंक स्वयं द्वारा निर्धारित मानकों का पालन न करने के लिए देरी के कारण मुआवजे/ब्याज भुगतान के माध्यम से ग्राहकों को अपनी देयता का खुलासा करने के लिए बाध्य हैं। ग्राहक को मुआवजा/ब्याज का भुगतान दिया जाना चाहिए, भले ही इस के लिए कोई औपचारिक दावा दर्ज न किया गया हो।
बैंक द्वारा आम तौर पर निम्नलिखित ऋण विकल्पों में से किसी एक की पेशकश की जा सकती हैं: फ्लोटिंग रेट (अस्थायी दर) होम लोन और फिक्स्ड रेट (निश्चित दर) आवास ऋण। फिक्स्ड रेट लोन के लिए, ब्याज की दर या तो ऋण की पूरी अवधि के लिए या ऋण की अवधि के एक निश्चित हिस्से के लिए तय होती है। शुद्ध निश्चित ऋण के मामले में, बैंक की ईएमआई स्थिर रहती है। यदि कोई बैंक ऋण की पेशकश करता है जो केवल ऋण की अवधि की एक निश्चित अवधि के लिए निर्धारित है, तो कृपया बैंक से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करें कि क्या अवधि के बाद दरें बढ़ाई जा सकती हैं (पुनर्स्थापना खंड)। आप एक लॉक-इन पर बातचीत करने का प्रयास कर सकते हैं जिसमें वह दर शामिल होनी चाहिए जिस पर आपने शुरुआत में सहमति दी थी और लॉक-इन की अवधि भी शामिल होनी चाहिए।
इसलिए फिक्स्ड रेट वाले लोन की ईएमआई पहले से पता होती है। यह वह नकद बहिर्प्रवाह है जिसकी योजना ऋण की शुरुआत में बनाई जा सकती है। यदि मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था में ब्याज दर वर्षों में बढ़ती है, तो एक निश्चित ईएमआई आकर्षक रूप से स्थिर होती है और इसकी योजना बनाना आसान होता है। हालांकि, अगर आपने ईएमआई तय कर रखी है तो बाजार में ब्याज दरों में किसी तरह की कटौती से आपको कोई फायदा नहीं होगा।
फ्लोटिंग रेट के निर्धारक:
फ्लोटिंग रेट लोन की ईएमआई बाजार की ब्याज दरों में बदलाव के साथ बदलती है। यदि बाजार दर बढ़ती है, तो आपकी चुकौती (पुनर्भुगतान) बढ़ जाती है। जब दरें गिरती हैं, तो आपकी बकाया राशि भी गिर जाती है। फ्लोटिंग ब्याज दर दो भागों से बनी होती है: इंडेक्स और स्प्रेड (सूचकांक और फैलाव)। सूचकांक आम तौर पर ब्याज दरों का एक उपाय है (सरकारी प्रतिभूतियों की कीमतों के आधार पर), और प्रसार एक अतिरिक्त राशि है जिसे बैंकर क्रेडिट जोखिम, लाभ मार्क-अप आदि को कवर करने के लिए जोड़ता है। प्रसार की राशि एक ऋणदाता से दूसरे में भिन्न हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर ऋण के जीवन पर स्थिर होती है। अगर सूचकांक दर ऊपर जाती है, तो अधिकांश परिस्थितियों में आपकी ब्याज दर भी बढ़ती है और आपको अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा। इसके विपरीत, अगर ब्याज दर घटती है, तो आपकी ईएमआई राशि कम होनी चाहिए।
साथ ही, कभी-कभी बैंक कुछ समायोजन (एडजस्टमेंट) करते हैं ताकि आपकी ईएमआई स्थिर रहे। ऐसे मामलों में, जब कोई ऋणदाता फ्लोटिंग ब्याज दर बढ़ाता है, तो ऋण की अवधि बढ़ जाती है (और ईएमआई स्थिर रहती है)।
कुछ ऋणदाता अपनी फ्लोटिंग दरें अपने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट्स (बीपीएलआर) पर भी आधारित करते हैं। आपको पूछना चाहिए कि फ्लोटिंग रेट को सेट करने के लिए किस इंडेक्स का उपयोग किया जाएगा, यह आमतौर पर अतीत में कैसे उतार-चढ़ाव करता है, और यह कहां प्रकाशित/खुलासा होता है। हालांकि, किसी भी इंडेक्स का पिछला उतार-चढ़ाव उसके भविष्य के व्यवहार की गारंटी नहीं है।
ईएमआई में लचीलापन:
कुछ बैंक अपने ग्राहकों को लचीले पुनर्भुगतान विकल्प भी प्रदान करते हैं। यहां ईएमआई असमान हैं। स्टेप-अप लोन में, शुरुआत में ईएमआई कम होती है और जैसे-जैसे साल बीतते जाते हैं (बैलून रीपेमेंट) बढ़ती जाती है। स्टेप-डाउन लोन में, ईएमआई शुरू में अधिक होती है और जैसे-जैसे साल बीतते जाते हैं, घटती जाती है।
स्टेप-अप विकल्प उन उधारकर्ताओं के लिए सुविधाजनक है जो अपने करियर की शुरुआत में हैं। स्टेप-डाउन ऋण विकल्प उन उधारकर्ताओं के लिए उपयोगी है जो अपनी सेवानिवृत्ति के वर्षों के करीब हैं और वर्तमान में अच्छा पैसा कमा रहे हैं।
उत्तर : बैंकों द्वारा सब्सक्राइब किए गए और 23 अप्रैल 2010 के परिपत्र में निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले बांडों को एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाना जारी रहेगा।
उत्तर: एशियाई मौद्रीक यूनिट एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) खाते की सामान्य ईकाई है और उसे ‘एसीयू-डॉलर,‘एसीयू-यूरो’तथा ‘एसीयू-येन’ के रूप मूल्यवर्गित किया जाता है जिसका मूल्य क्रमशः एक अमरीकी डॉलर, एक यूरो तथा एक जापानी येन के समतुल्य है। एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के अंतर्गत भुगतान की सभी लिखतें एशियाई मौद्रिक इकाई (एएमयू) के रुप में मूल्यवर्गित की जानी आवश्यक हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-1 बैंकों द्वारा ऐसी लिखतों का निपटान ऐसे एसीयू-डॉलर खातों, एसीयू-यूरो खातों एवं एसीयू-येन खातों के माध्यम से किया जाना चाहिए जो गैर-एसीयू लेनदेन के लिए खोले गए अन्य खातों यथा क्रमशः अमरीकी डॉलर, यूरो और जापानी येन खातों से भिन्न होने चाहिए। चूंकि ‘एसीयू-यूरो’की प्रोसेसिंग के लिए भुगतान चैनल की समीक्षा की जा रही है, इसलिए एसीयू-यूरो में किए जाने वाले परिचालनों को 1 जुलाई 2016 से अस्थायी रूप से बंद किया गया है तथा यूरो में किए जाने वाले व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का अगली सूचना जारी किए जाने तक एसीयू तंत्र के बाहर निपटान करने की अनुमति दी गई है।
उत्तर: एनईएफटी योजना में भाग लेने वाली सभी बैंक-शाखाओं के पास आईएफएससी की बैंक-वार सूची उपलब्ध है। एनईएफटी और उनके आईएफएससी में भाग लेने वाली बैंक-वार शाखाओं की सूची आरबीआई की वेबसाइट /en/web/rbi/-/list-of-neft-enabled-bank-branches-bank-wise-indian-financial-system-code-updated-as-on-june-30-2023-2009-1 पर भी उपलब्ध है। सभी सदस्य बैंकों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने ग्राहकों को जारी किए गए चेक पर शाखा का आईएफएसई प्रिंट करें।
आवेदक को निर्धारित फॉर्म (Application in the prescribed form) (जैसा कि फेमा 1999 के तहत रिपोर्टिंग पर एफईडी मास्टर निर्देश संख्या 18/2015-16 के भाग I: अनुबंध-I में दिया गया है) में अपना आवेदन अपेक्षित दस्तावेजों के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय में प्रस्तुत करना चाहिए जिसके क्षेत्राधिकार में उसका पंजीकृत कार्यालय आता हो।
उत्तर: विदेश से भारत में आनेवाला व्यक्ति अपने साथ किसी सीमा के बिना विदेशी मुद्रा ले आ सकता है। तथापि यदि आए मुद्रा नोटों, बैंक नोटों, अथवा यात्री चेकों के रूप में साथ ले आए विदेशी मुद्रा का कुल मूल्य 10,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक है तथा/ अथवा केवल विदेशी मुद्रा का मूल्य 5,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक है तो भारत में आगमन पर मुद्रा घोषणा फॉर्म (सीडीएफ़) में एयर पोर्ट पर कस्टम्स प्राधिकारियों को उसे घोषित किया जाना चाहिए।
उत्तर: आरबीआई का अनुमोदन तब आवश्यक है जब:
(i) प्रति वित्तीय वर्ष 10,00,000 अमरीकी डालर (एक मिलियन अमरीकी डालर) से अधिक के विप्रेषण हैं:
(ए) भारत से बाहर का निवासी जो किसी अन्य देश का नागरिक है, उसे विरासत, वसीयत अथवा उत्तराधिकार के कारण;
(बी) अनिवासी भारतीय अथवा भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) उसके अनिवासी साधारण खाते (NRO Account) में धारित शेष राशियों से / परिसंपत्तियों / उत्तराधिकार / विरासत के तौर पर अधिग्रहीत परिसंपत्तियों की बिक्री से आगम राशि के कारण;
(ii) यदि भारत से विप्रेषण न किया गया तो ऐसे व्यक्ति को बहुत कठिनाइयां झेलनी पड़ेंगी ।
पारंपरिक तंत्र की तुलना में सीटीएस ग्राहकों को तेजी से और सस्ते में धन प्राप्ति में सक्षम बनाता है। ग्रिड-आधारित सीटीएस समाशोधन के तहत, ग्रिड क्षेत्राधिकार में आने वाली बैंक शाखाओं पर आहरित सभी चेकों को स्थानीय चेकों के रूप में माना और समाशोधित किया जाता है। यदि संग्रहणकर्ता बैंक और भुगतानकर्ता बैंक एक ही सीटीएस ग्रिड के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं, भले ही वे अलग-अलग शहरों में स्थित हों, तो कोई बाहरी चेक संग्रहण शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
सीटीएस चेक जारी करने वालों को भी लाभ पहुंचाता है। यदि आवश्यक हो तो कॉरपोरेट्स को उनके बैंकरों द्वारा आंतरिक आवश्यकताओं, यदि कोई हो, के लिए चेकों की छवियाँ प्रदान की जा सकती है।
Any clarification in respect of specific cases could be obtained from the Reserve Bank’s Central office at the following address:
Overseas Investment Division,
Exchange Control Department,
Central office,
Reserve Bank of India,
Mumbai 400001.
or
e-mail: oid@rbi.org.in
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A first time user should register through ATS using his/her valid email id.
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A system generated Password will be forwarded to the applicant’s email id.
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Thereafter, the applicant can login and submit his/her application and track the same.
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As soon as an application is submitted through ATS, a unique application number is generated and forwarded to the applicant by the system.
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A mail is sent by the system automatically when the application is disposed of or transferred from one office / department / section to another.
उत्तर.
i. एनईएफटी भुगतान संदेशों में, फ़ील्ड 7495 एक मुक्त प्रारूप वैकल्पिक फ़ील्ड है जिसमें अल्फ़ान्यूमेरिक विकल्पों के साथ 35 वर्णों वाली 6 पंक्तियाँ होती हैं। इस फील्ड हॉल की पहली दो पंक्तियों का उपयोग प्रेषक और लाभार्थी ग्राहक एलईआई जानकारी, उस क्रम में, प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जहां लागू हो और उपलब्ध हो। जब एलईआई जानकारी प्राप्त की जाती है तो वर्णन, टिप्पणी, आदि, क्षेत्र की अंतिम 4 पंक्तियों का हिस्सा होंगे। प्रेषक और लाभार्थी की जानकारी निम्नलिखित प्रारूप में दर्ज की जाएगी:
7495: पंक्ति 1 -> एसएल/20 अंक प्रेषक एलईआई/
पंक्ति 2 -> बीएल/20 अंकों का लाभार्थी एलईआई/
ii. आरटीजीएस ग्राहक भुगतान और अंतर-बैंक संदेशों में, वैकल्पिक फ़ील्ड "<RmtInf>" में 4 रिपीट टैग होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में 140 वर्ण होते हैं। इस क्षेत्र के पहले दो चक्रों का उपयोग प्रेषक और लाभार्थी ग्राहक एलईआई जानकारी, उस क्रम में, प्राप्त करने के लिए किया जाएगा, जहां लागू हो और उपलब्ध हो। जब एलईआई जानकारी प्राप्त की जाती है, कथन, टिप्पणी, आदि, क्षेत्र के अंतिम दो दोहराए जाने वाले चक्रों का हिस्सा होंगे। प्रेषक और लाभार्थी की जानकारी निम्नलिखित प्रारूप में दर्ज की जाएगी:
<RmtInf> लूप 1 -> /एसएल/20 अंक प्रेषक एलईआई/
लूप 2 -> /बीएल/20 अंकों का लाभार्थी एलईआई/
उत्तर : नहीं । विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाईयां विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता नहीं खोल सकती हैं। तथापि दिनांक 21 जनवरी 2016 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति के विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2016 के विनियम-4 (डी) में निर्धारित शर्तों के अधीन विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित कोई इकाई भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा खाता खोल सकती है।
भारत सरकार की दिनांक 30 मार्च 2001 की अधिसूचना सं. एसओ.301(ई) के अनुसार बैंक भारत में अस्थायी रूप से निवास करनेवाले पाकिस्तान से भिन्न देशों के निवासियों के विदेशों रह रहे घनिष्ठसंबंधियों के अनुरक्षण के लिए निवल वेतन (कर, भविष्य निधि अंशदान और कटौतियों के बाद) तक की रकम के प्रेषण की अनुमति देने के लिए स्वतंत्र हैं।अत: वे क्यूए 22 की प्रक्रिया से परे निवल वेतन के प्रेषण की अनुमति देसकते हैं।
अधिकृत बैंकों की शाखाओं में जमा हेतु आवेदन उपलब्ध होगा। आवेदन भारतीय रिज़र्व बैंक के वेबसाईट पर भी उपलब्ध है।
उत्तर
हाँ। जिस बैंक में 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' है, उस बैंक में कोई भी सावधि/सावधि जमा, आवर्ती जमा आदि खाते रख सकता है।
उत्तर: आवेदक को प्रायोजकों की सूची और 2 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजी के लिए निधि के स्रोत का विवरण देना होगा। सीओआर जारी करने से पहले पूंजी डाल दे जानी चाहिए। इस दौरान प्रायोजकों में बदलाव की अनुमति नहीं है।
For redressal of grievance, the complainant must first approach the concerned NBFC. If the NBFC does not reply within a period of one month after receipt of the complaint, or the NBFC rejects the complaint, or if the complainant is not satisfied with the reply given by the NBFC, the complainant can file the complaint with the NBFC Ombudsman under whose jurisdiction the branch/ registered office of the NBFC falls.
उत्तर: हां, इस शर्त के अधीन कि बैंक खाते को बीओ खाते के रूप में पुनः नामित किया जाता है।
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ब्याज अर्धवार्षिक आधार पर मूलधन में अर्जित और चक्रवृद्धि किया जाएगा और मोचन के समय मूलधन के साथ भुगतान किया जाएगा।
उत्तर. सीपीएस में सीधी भागीदारी गैर-बैंकों के निधि अंतरण अनुदेशों के निष्पादन में विलंब को कम कर सकता है । इसके अलावा, यदि बैंक के कामकाज में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, तो यह उनके गैर-बैंक ग्राहकों के लिए भी व्यावसायिक व्यवधान उत्पन्न कर सकता है। इस तरह के व्यवधान, भले ही वे अस्थायी हों, प्रणाली में अस्थिरता लाने की क्षमता रख सकते हैं।
सीपीएस में सीधी भागीदारी बैंकों और गैर-बैंकों के बीच पहुंच संबंधी तटस्थता को सक्षम बनाएगा तथा गैर-बैंकों की बढ़ी हुई भागीदारी के साथ बेहतर निपटान जोखिम प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेगा।
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पीएसओ द्वारा वांछित होने पर भारत के बाहर भुगतान लेनदेन के प्रसंस्करण पर कोई रोक नहीं है। तथापि, प्रसंस्करण के बाद डेटा केवल भारत में संग्रहीत किया जाएगा। संपूर्ण एंड -टू – एंड लेनदेन संबंधी विवरण, डेटा का हिस्सा होना चाहिए।
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यदि प्रसंस्करण विदेश में किया जाता है तो डेटा को विदेश में सिस्टम से हटा दिया जाना चाहिए और भुगतान के प्रसंस्करण से 24 घंटे अथवा एक कारोबारी दिवस, जो भी पहले हो, के भीतर भारत में वापस लाया जाना चाहिए। वह केवल भारत में संग्रहीत किया जाएगा।
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तथापि, बाद में की जाने वाली किसी गतिविधि जैसे कि भुगतान प्रसंस्करण के बाद निपटान प्रसंस्करण, यदि भारत के बाहर किया जाता है, तो इसे लगभग वास्तविक समय के आधार पर किया जाएगा। डेटा केवल भारत में संग्रहीत किया जाएगा।
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किसी भी अन्य संबंधित प्रसंस्करण गतिविधि, जैसे चार्जबैक आदि के मामले में, डेटा को किसी भी समय, भारत से, जहां इसे संग्रहीत किया गया है, वहाँ से यह प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर: बैंक, एनबीएफसी – फ़ैक्टर्स और अन्य वित्तीय संस्थाएं जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमति दी गई है, वे ट्रेड्स में फाइनेंसर के रूप में भाग ले सकते हैं।
नहीं, एनआरआई के लिए यह सुविधा 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में उपलब्ध है । एनआरआई के लिए विनिमय की सीमा रू. 25000/- होगी ।
पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी ऋण, जब तक कि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैरा 2 के विशिष्ट अपवर्जन सूची मे शामिल नहीं हैं, उक्त क्र सं 2 के स्पष्टीकरण के तहत समाधान ढांचे के दायरे के अधीन होंगे। ये ऋण, यदि समाधान ढांचे के अनुबंध के पैराग्राफ 2 में उल्लिखित श्रेणियों में से किसी के अंतर्गत नहीं आते हैं, तो वे दिनांक 4 जनवरी 2018 को एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना विषय पर जारी परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 में परिभाषित "व्यक्तिगत ऋण" के दायरे में आने पर अनुबंध के भाग ए के तहत समाधान के लिए पात्र हैं, भले ही वे स्पष्ट रूप से किसी भी विनियामकीय/पर्यवेक्षी रिपोर्टिंग में, या अनुबंध के भाग बी के तहत स्पष्ट रूप से वर्गीकृत नहीं किए गए हैं।
उत्तर: व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड के लिए, जिसमें कार्ड किसी कॉर्पोरेट अथवा व्यावसायिक इकाई द्वारा आवेदन के आधार पर जारी किए गए हैं, कार्ड जारीकर्ता को प्रमुख खाताधारक (अर्थात् कॉर्पोरेट या व्यावसायिक इकाई) की स्पष्ट सहमति लेनी होगी जैसा कि पैराग्राफ 6(क)(vi) के अंतर्गत आवश्यक है/ सूचना भेजनी होगी जैसा कि पैराग्राफ 8(ख) के अंतर्गत आवश्यक है, जब तक कि समझौते में अन्यथा निर्दिष्ट न हो। इसी प्रकार, खुदरा क्रेडिट कार्ड के संबंध में भी, यह स्पष्ट किया गया है कि अपेक्षित सहमति प्रमुख कार्डधारक से मांगी जाएगी, न कि ऐड-ऑन कार्डधारक से।
हालाँकि, ऐसे क्रेडिट कार्डों को ब्लॉक करने के लिए, या तो वास्तविक कार्डधारक या प्रमुख कार्डधारक अनुरोध प्रारम्भ कर सकता है।
उत्तर: हॉं, अपने बैंकों से ग्राहक/जमाकर्ता अपनी अदावी राशि की वापसी का दावा कर सकते हैं। ग्राहक/जमाकर्ता अथवा उत्तराधिकारी(मृत जमाकर्ताओं के मामले में) द्वारा किए गए दावे के अनुरोध के आधार पर, बैंक ग्राहक/जमाकर्ता को ब्याज (केवल ब्याज वाले जमा खातों के मामले में लागू) के साथ भुगतान करेंगे और फिर ग्राहक/जमाकर्ता को भुगतान की गई समतुल्य राशि के लिए भारिबैं द्वारा बनाए गए डीईए निधि से धन वापसी के लिए दावा दर्ज करेंगे।
उत्तर: नहीं, UDGAM पोर्टल केवल (क) एक ही स्थान पर कई बैंकों में अदावी जमा राशि/खातों की खोज की सुविधा प्रदान करता है और (ख) प्रत्येक बैंक के दावे/निपटान प्रक्रिया पर जानकारी प्रदान करता है (जो खोज परिणाम में उपलब्ध होगी)। अदावी जमा राशि का दावा केवल संबंधित बैंक से ही किया जा सकता है।
उत्तर: इस सुविधा के तहत विप्रेषण परिवार के सदस्यों के संबंध में समेकित किये जा सकते हैं बशर्ते परिवार का प्रत्येक सदस्य योजना की शर्ते पूर्ण करता हो। तथापि, यदि वे निवेश पारदेशीय बैंक खाते के सह-स्वामी/ सह- भागीदार नहीं हैं तो परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा बैंक खाता खोलने/ निवेश जैसे पूंजी खाता लेनदेन का समेकन अनुमत नहीं है। भारत के बाहर निवासी व्यक्ति से भारत के बाहर अचल संपत्ति अधिग्रहित करने के लिए विप्रेषण, रिश्तेदारों के संबंध में समेकित किया जा सकता है, यदि ऐसे रिश्तेदार, भारत में निवासी व्यक्ति हों और वे योजना के नियमों और शर्तों का पालन करते हों।
उत्तर: मूल रूप से, प्रीपेड कार्ड (ए) छोटे पीपीआई और (बी) पूर्ण-केवाईसी पीपीआई हो सकते हैं। उपयोग पीपीआई के प्रकार पर निर्भर करता है और निर्धारित सीमाओं और शर्तों के अधीन है। इन्हें बैंकों और गैर-बैंकों दोनों द्वारा जारी किया जा सकता है।
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छोटे पीपीआई का उपयोग स्पष्ट रूप से पहचाने गए व्यापारिक स्थानों / प्रतिष्ठानों के समूह पर केवल वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है, जिनके पास पीपीआई को भुगतान उपकरणों के रूप में स्वीकार करने के लिए जारीकर्ता के साथ एक विशिष्ट अनुबंध (या भुगतान एग्रीगेटर / भुगतान गेटवे के माध्यम से अनुबंध) है।
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पूर्ण केवाईसी-पीपीआई का उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, धन हस्तांतरण या नकद निकासी के लिए किया जा सकता है।
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न के अंतर्गत पीपीआई पर और विस्तृत जानकारी दी गई है।
आरई की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाने वाली 'बकाया राशि' सरफेसी अधिनियम, 2002 की धारा 13 (9) (बी) के अंतर्गत दी गई परिभाषा के अनुसार होगी, अर्थात इसमें सुरक्षित ऋणदाता के खाते की बहियों के अनुसार प्रतिभूति आस्ति के संबंध में उधारकर्ता द्वारा सुरक्षित ऋणदाता को देय मूलधन, ब्याज और कोई अन्य बकाया शामिल होगा।
उत्तर: यदि एमएफ कंपनी को 'प्रश्नावली-4 का सॉफ्ट-फॉर्म प्राप्त नहीं होता है, तो वे इसे आरबीआई की वेबसाइट पर शीर्ष 'विनियामक रिपोर्टिंग' → 'रिटर्न की सूची' → 'FLA MF - Survey Schedule - सर्वेक्षण प्रश्नावली' के तहत [या शीर्ष ‘Forms’ के अंतर्गत (होम पेज के नीचे ‘More Links’ के तहत उपलब्ध) और उप-शीर्ष ‘Survey’] के अंतर्गत उपलब्ध है या ई-मेल: mfquery@rbi.org.in पर अनुरोध भेज सकते हैं।
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के लिए सक्षम सिंगापुर की संस्थाएं और उनके वीपीए इस प्रकार हैं:
बैंक / गैर-बैंक | सक्षम किए गए वीपीए हैंडल |
डीबीएस बैंक सिंगापुर | पंजीकृत मोबाइल नंबर |
लिक्विड ग्रुप (गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) | पंजीकृत मोबाइल नंबर जिसके बाद एक्सएनएपी है (उदा., 123456789 एक्सएनएपी) |
जिन जनसाधारण के पास ₹2000/- के बैंकनोट उपलब्ध हैं वे उसे जमा करने/अथवा बदलने के लिए बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं। खातों में जमा करने की सुविधा और ₹2000/- के बैंकनोटों को बदलने की सुविधा 30 सितंबर, 2023 तक सभी बैंकों में उपलब्ध रहेगी। इन बैंकनोटों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक के उन 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी 30 सितंबर, 2023 तक उपलब्ध रहेगी जहां निर्गम विभाग स्थित हैं1।
उत्तर: दिशानिर्देश डीएलजी कवर स्वीकार करने वाले आरई के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करना अनिवार्य हैं, डीएलजी प्रदाताओं के रूप में कार्य करने वाले आरई को विवेकपूर्ण उपाय के रूप में बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करनी होगी।
उत्तर. उक्त परिपत्र में स्विफ्ट संदेश के प्रारूप के संबंध में किसी प्रकार के अनुदेश नहीं दिये गए हैं।
उत्तर: (ए) हां, ढांचे के तहत वित्तपोषित हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को प्राथमिकता क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है, यदि वे समय -समय पर यथासंशोधित आरबीआई के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों [मास्टर निदेश विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.5/04.09.01/2020-21 दिनांक 04 सितम्बर 2020] में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
(बी) चूंकि ढांचे में सूचीबद्ध गतिविधियां/परियोजनाएं वही हैं जो सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड्स (एसजीआरबी) ढांचे में दर्शाई गई हैं, एसजीआरबी में आरई द्वारा निवेश ढांचे के तहत कवर किया गया है।
उत्तर : भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक सचेतक सूची जारी की है जिसमें उन संस्थाओं का नाम सम्मिलित है, जो ना तो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (फेमा) के तहत फोरेक्स में लेनदेन करने के लिए प्राधिकृत हैं और न ही इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स (रिज़र्व बैंक) निदेश 2018 के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) संचालित करने के लिए प्राधिकृत हैं। सचेतक सूची में उन संस्थाओं/प्लेटफार्मों/वेबसाइटों के भी नाम हैं जो ऐसी अनधिकृत संस्थाओं/ईटीपी को बढ़ावा देती प्रतीत होती हैं, जिनमें ऐसी अनधिकृत संस्थाओं के विज्ञापनों के माध्यम से या प्रशिक्षण/सलाहकार सेवाएं प्रदान करने का दावा करना शामिल है। सचेतक सूची परिपूर्ण नहीं है और प्रकाशन के समय भारतीय रिज़र्व बैंक को जो जानकारी में था, उस पर आधारित है। सचेतक सूची में दिखाई नहीं देने वाली संस्था को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति/ईटीपी की प्राधिकरण स्थिति का पता प्राधिकृत व्यक्तियों और प्राधिकृत ईटीपी की सूची से लगाया जा सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 09 नवंबर 2012 के परिपत्र ग्राआऋवि.एमएसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.46/06.12.05/2012-13 के तहत बैंकों को सूचित किया गया है कि वे किसी भी शिक्षा ऋण आवेदन को इस कारण से अस्वीकार न करें कि उधारकर्ता का निवास बैंक के सेवा क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है।
उत्तर: फ्लोटिंग रेट ऋणों के मामले में, एपीआर का खुलासा केएफएस के प्रारूप के अनुसार प्रचलित दर के आधार पर उत्पत्ति के समय पर किया जा सकता है। हालांकि, जब भी फ्लोटिंग दर बदलती है, संशोधित एपीआर लागू होने पर हर बार एसएमएस / ई-मेल के माध्यम से ग्राहक को केवल संशोधित एपीआर का खुलासा किया जाए।
उत्तर: आदर्श रूप में, हस्तांतरण के समय और उचित मूल्यांकन कट-ऑफ तारीख के बीच का अंतर न्यूनतम होना चाहिए और बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। तथापि, ऐसे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए और इस शर्त का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कि अध्याय-III के प्रावधानों के अंतर्गत चूक में कोई ऋण हस्तांतरित नहीं किया जाता है, उधारदाताओं को सभी संगत पहलुओं को शामिल करते हुए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की सूचना दी जाती है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022