Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्वास
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्वास
07 अप्रैल 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 07 अप्रैल 2021मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5, 6 एवं 7 अप्रैल 2021 को बैठक की और घरेलू तथा वैश्विक-दोनों की उभरती समष्टिगत आर्थिक एवं वित्तीय गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया । एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया । समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय भी लिया कि टिकाऊ संवृद्धि को बनाए रखने के लिए जब तक आवश्यक हो तब तक समायोजनकारी रुख को जारी रखते हुए अर्थव्यवस्था पर कोविड-1
07 अप्रैल 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 07 अप्रैल 2021मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5, 6 एवं 7 अप्रैल 2021 को बैठक की और घरेलू तथा वैश्विक-दोनों की उभरती समष्टिगत आर्थिक एवं वित्तीय गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया । एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया । समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय भी लिया कि टिकाऊ संवृद्धि को बनाए रखने के लिए जब तक आवश्यक हो तब तक समायोजनकारी रुख को जारी रखते हुए अर्थव्यवस्था पर कोविड-1
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में गतिव
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में गतिव
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 30, 2025