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RBI Master Direction Overview

मास्टर निदेशों

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2016 से सभी विनियामकीय मामलों पर मास्टर निदेश जारी करना शुरू किया है। मास्टर निदेशों में रिज़र्व बैंक बैंकिंग मुद्दों और विदेशी विनिमय लेनदेनों सहित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत नियमों और विनियमों पर अनुदेश समेकित करता है।

मास्टर निदेश जारी करने की प्रक्रिया में प्रत्येक विषय के लिए एक मास्टर निदेश जारी करना शामिल है जिसमें उस विषय पर सभी अनुदेशों को कवर किया जाता है। वर्ष के दौरान नियमों, विनियमनों या नीति में किसी प्रकार के परिवर्तन की सूचना परिपत्रों/प्रेस प्रकाशनियों के माध्यम से दी जाती है। मास्टर निदेशों को उचित रूप से और नियमों/विनियमों में किसी प्रकार का बदलाव होने या नीति में किसी प्रकार का बदलाव होने के साथ ही अद्यतन किया जाएगा। सभी प्रकार के परिवर्तनों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध मास्टर निदेशों में दर्शाया जाएगा और इसके साथ परिवर्तन होने वाली तारीख भी दर्शाई जाएगी।

मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के माध्यम से नियमों और विनियमों के स्पष्टीकरणों को समझने में आसान भाषा में जारी किया जाएगा जहां आवश्यक होगा। विभिन्न विषयों पर जारी मौजूदा मास्टर परिपत्र उस विषय पर मास्टर निदेश के जारी होने के साथ ही वापस लिए माने जाएंगे।

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मास्टर निदेशों

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अक्‍तूबर 19, 2023
अपडेट हो गया है: 10 Oct, 2024
मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया)

आरबीआई/गैबैविवि/2023-24/106 विवि.एफआईएन.आरईसी.सं. 45/03.10.119/2023-24 अक्तूबर 19, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया) (21 मार्च 2024 को अद्यतन किया गया) (10 नवंबर 2023 को अद्यतन किया गया) मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो निवेशकों और जमाकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45के, 45एल और 45एम और और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 (अधिनियम 2012 का 12) की धारा 31ए और धारा 6 के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के निरसन के पश्चात मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (निदेश), इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है , जारी करता है। (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक

आरबीआई/गैबैविवि/2023-24/106 विवि.एफआईएन.आरईसी.सं. 45/03.10.119/2023-24 अक्तूबर 19, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया) (21 मार्च 2024 को अद्यतन किया गया) (10 नवंबर 2023 को अद्यतन किया गया) मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो निवेशकों और जमाकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45के, 45एल और 45एम और और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 (अधिनियम 2012 का 12) की धारा 31ए और धारा 6 के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के निरसन के पश्चात मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (निदेश), इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है , जारी करता है। (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक

सितंबर 21, 2023
अपडेट हो गया है: सितंबर 21, 2023
Master Direction - Reserve Bank of India (Prudential Regulations on Basel III Capital Framework, Exposure Norms, Significant Investments, Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio Norms and Resource Raising Norms for All India Financial Institutions) Directions, 2023 (Updated as on February 17, 2025)

RBI/DoR/2023-24/105
DoR.FIN.REC.40/01.02.000/2023-24

September 21, 2023

Master Direction - Reserve Bank of India (Prudential Regulations on Basel III Capital Framework, Exposure Norms, Significant Investments, Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio Norms and Resource Raising Norms for All India Financial Institutions) Directions, 2023

In exercise of the powers conferred by Section 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934, the Reserve Bank of India (hereinafter called the Reserve Bank) being satisfied that it is necessary and expedient in the public interest and in the interest of financial sector policy so to do, hereby, issues the Directions hereinafter specified.

RBI/DoR/2023-24/105
DoR.FIN.REC.40/01.02.000/2023-24

September 21, 2023

Master Direction - Reserve Bank of India (Prudential Regulations on Basel III Capital Framework, Exposure Norms, Significant Investments, Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio Norms and Resource Raising Norms for All India Financial Institutions) Directions, 2023

In exercise of the powers conferred by Section 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934, the Reserve Bank of India (hereinafter called the Reserve Bank) being satisfied that it is necessary and expedient in the public interest and in the interest of financial sector policy so to do, hereby, issues the Directions hereinafter specified.

सितंबर 12, 2023
अपडेट हो गया है: 1 Apr, 2025
मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023 (01 अप्रैल, 2025 को अद्यतन)

आरबीआई/विवि/2023-24/104 विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24 12 सितंबर, 2023 (01 अप्रैल, 2025 को अद्यतन) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023 वाणिज्यिक बैंकों द्वारा निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण और मूल्यांकन संबंधी मौजूदा विनियामक अनुदेश, जैसाकि भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन) निदेश, 2021 में समाहित है, बृहतः अक्तूबर 2000 में लागू किए गए तत्कालीन प्रचलित वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर बनाए गए ढांचे पर आधारित है।

आरबीआई/विवि/2023-24/104 विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24 12 सितंबर, 2023 (01 अप्रैल, 2025 को अद्यतन) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023 वाणिज्यिक बैंकों द्वारा निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण और मूल्यांकन संबंधी मौजूदा विनियामक अनुदेश, जैसाकि भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन) निदेश, 2021 में समाहित है, बृहतः अक्तूबर 2000 में लागू किए गए तत्कालीन प्रचलित वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर बनाए गए ढांचे पर आधारित है।

जून 26, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24

26 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।

भाग ए

1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ

इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।

2. प्रभावी तिथि

2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।

2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।

2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।

3. प्रयोज्यता

3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।

3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।

3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।

आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24

26 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।

भाग ए

1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ

इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।

2. प्रभावी तिथि

2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।

2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।

2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।

3. प्रयोज्यता

3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।

3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।

3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।

अप्रैल 10, 2023
सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास्टर निदेश
आरबीआई/2023-24/102 पवि.कें.का.सीएसआईटीईजी/एसईसी.1/31.01.015/2023-24 10 अप्रैल 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); स्थानीय क्षेत्र के बैंक; लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक; गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां; क्रेडिट सूचना कंपनियां; और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) महोदया/महोदय सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास
आरबीआई/2023-24/102 पवि.कें.का.सीएसआईटीईजी/एसईसी.1/31.01.015/2023-24 10 अप्रैल 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); स्थानीय क्षेत्र के बैंक; लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक; गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां; क्रेडिट सूचना कंपनियां; और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) महोदया/महोदय सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास
अप्रैल 03, 2023
मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश
आरबीआई/2023-24/99 डीसीएम(सीसी) सं.G-5/03.41.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत
आरबीआई/2023-24/99 डीसीएम(सीसी) सं.G-5/03.41.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत
अप्रैल 03, 2023
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
आरबीआई/2023-24/100 डीसीएम (सीसी) सं.G-3/03.44.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार ; भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए
आरबीआई/2023-24/100 डीसीएम (सीसी) सं.G-3/03.44.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार ; भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए
अप्रैल 03, 2023
मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश
आरबीआई/2023-24/101 डीसीएम(सीसी) सं.जी-4/03.35.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मुद्रा तिजोरी धारित सभी बैंक) महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है।
आरबीआई/2023-24/101 डीसीएम(सीसी) सं.जी-4/03.35.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मुद्रा तिजोरी धारित सभी बैंक) महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है।
अप्रैल 03, 2023
जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना
आरबीआई/2023-24/98 डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी–1/16.01.05/2023-24 03 अप्रैल, 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर नकली नोटों पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/निर्देश जारी किए हैं। 2. इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निर्देशों को शामिल और अद्यतित करते हुए एक मास्टर निदेश तैयार किया गया है ताकि बैंकों को जाली नोट पर सभी मौजूदा
आरबीआई/2023-24/98 डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी–1/16.01.05/2023-24 03 अप्रैल, 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर नकली नोटों पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/निर्देश जारी किए हैं। 2. इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निर्देशों को शामिल और अद्यतित करते हुए एक मास्टर निदेश तैयार किया गया है ताकि बैंकों को जाली नोट पर सभी मौजूदा
अप्रैल 03, 2023
अपडेट हो गया है: 3 Apr, 2023
मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा (15 मई 2023 को अद्यतन)
आरबीआई/2023-24/97 डीसीएम (एनई)सं.जी-2/08.07.18/2023-24 03 अप्रैल 2023 (15 मई 2023 को अद्यतन) अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 28, 38, 39, 58(1) और 58(2)(q) के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा सार्वजनिक हित मे इसकी आवश्यकता समझकर, भारतीय रिजर्व बैंक निर्दिष्ट निदेश जारी क
आरबीआई/2023-24/97 डीसीएम (एनई)सं.जी-2/08.07.18/2023-24 03 अप्रैल 2023 (15 मई 2023 को अद्यतन) अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 28, 38, 39, 58(1) और 58(2)(q) के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा सार्वजनिक हित मे इसकी आवश्यकता समझकर, भारतीय रिजर्व बैंक निर्दिष्ट निदेश जारी क

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A paragraph is a self-contained unit of a discourse in writing dealing with a particular point or idea. Paragraphs are usually an expected part of formal writing, used to organize longer prose.

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