प्रेस प्रकाशनियां - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
विनियामक सैंडबॉक्स – ‘एमएसएमई उधार पर तीसरी कोहार्ट’ - निकास विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत 'एमएसएमई उधार' विषय वाले तीसरे कोहार्ट में, आठ संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसे दिनांक 6 जून 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया गया था।2. 'परीक्षण चरण'
पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित पांच उत्पाद आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
विनियामक सैंडबॉक्स – ‘एमएसएमई उधार पर तीसरी कोहार्ट’ - निकास विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत 'एमएसएमई उधार' विषय वाले तीसरे कोहार्ट में, आठ संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसे दिनांक 6 जून 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया गया था।2. 'परीक्षण चरण'
पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित पांच उत्पाद आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
27 अक्तूबर 2023 विनियामक सैंडबॉक्स: भारतीय रिज़र्व बैंक ने पाँचवाँ कोहार्ट खोलने की घोषणा की भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 सितंबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से घोषणा की थी कि विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत पांचवां कोहार्ट विषय तटस्थ होगा। अब यह पात्र संस्थाओं के लिए पांचवें कोहार्ट हेतु आवेदन विंडो
खोलने की घोषणा करता है।
27 अक्तूबर 2023 विनियामक सैंडबॉक्स: भारतीय रिज़र्व बैंक ने पाँचवाँ कोहार्ट खोलने की घोषणा की भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 सितंबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से घोषणा की थी कि विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत पांचवां कोहार्ट विषय तटस्थ होगा। अब यह पात्र संस्थाओं के लिए पांचवें कोहार्ट हेतु आवेदन विंडो
खोलने की घोषणा करता है।
4 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए 16 जनवरी 2023 को "बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि फ्रेमवर्क का आरंभ" पर चर्चा पत्र जारी किया था। प्रावधानीकरण का ईसीएल दृष्टिकोण मौजूदा हानि-आधारित प्रावधानीकरण व्यवस्था से एक आदर्श बदलाव है। चर्चा पत्र में ऋण संबंधी जोखिम के प्रावधानीकरण के लिए एक दूरदर्शी, सिद्धांत-आधारित ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसे इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (आईएएसबी) और यूएस फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (एफएएसबी) के अंतर्गत पहले ही लागू किया जा चुका है।
4 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए 16 जनवरी 2023 को "बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि फ्रेमवर्क का आरंभ" पर चर्चा पत्र जारी किया था। प्रावधानीकरण का ईसीएल दृष्टिकोण मौजूदा हानि-आधारित प्रावधानीकरण व्यवस्था से एक आदर्श बदलाव है। चर्चा पत्र में ऋण संबंधी जोखिम के प्रावधानीकरण के लिए एक दूरदर्शी, सिद्धांत-आधारित ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसे इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (आईएएसबी) और यूएस फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (एफएएसबी) के अंतर्गत पहले ही लागू किया जा चुका है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 28, 2025