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फ़रवरी 15, 2024
कार्ड नेटवर्क द्वारा भुगतान मध्यस्थ- अनधिकृत भुगतान प्रणाली पर रोक

भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि एक कार्ड नेटवर्क में एक ऐसी व्यवस्था थी जो व्यवसायों को कुछ मध्यस्थों के माध्यम से उन संस्थाओं को कार्ड से भुगतान करने में सक्षम बनाती है जो कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं। 2. इस व्यवस्था के अंतर्गत, मध्यस्थ, कॉरपोरेट्स से उनके वाणिज्यिक भुगतान के लिए कार्ड से भुगतान स्वीकार करता है और फिर कार्ड स्वीकार न करने वाले प्राप्तकर्ताओं को आईएमपीएस/ आरटीजीएस/ एनईएफ़टी के माध्यम से धनराशि विप्रेषित करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि एक कार्ड नेटवर्क में एक ऐसी व्यवस्था थी जो व्यवसायों को कुछ मध्यस्थों के माध्यम से उन संस्थाओं को कार्ड से भुगतान करने में सक्षम बनाती है जो कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं। 2. इस व्यवस्था के अंतर्गत, मध्यस्थ, कॉरपोरेट्स से उनके वाणिज्यिक भुगतान के लिए कार्ड से भुगतान स्वीकार करता है और फिर कार्ड स्वीकार न करने वाले प्राप्तकर्ताओं को आईएमपीएस/ आरटीजीएस/ एनईएफ़टी के माध्यम से धनराशि विप्रेषित करता है।

फ़रवरी 15, 2024
सीमापारीय विप्रेषण हेतु नेपाल के नेशनल पेमेंट्स इंटरफेस (एनपीआई) के साथ भारत के यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के एकीकरण पर भारतीय रिज़र्व बैंक और नेपाल राष्ट्र बैंक के बीच विचारार्थ विषय पर हस्ताक्षर किए गए

भारतीय रिज़र्व बैंक और नेपाल राष्ट्र बैंक ने आज भारत और नेपाल की तेज भुगतान प्रणालियों, अर्थात क्रमशः भारत के यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और नेपाल के नेशनल पेमेंट्स इंटरफेस (एनपीआई) के एकीकरण के लिए विचारार्थ विषय पर हस्ताक्षर किए और इसका आदान-प्रदान किया। इस एकीकरण का उद्देश्य दोनों प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को तत्काल, कम लागत वाले निधि अंतरण में सक्षम बनाकर भारत और नेपाल के बीच सीमापारीय विप्रेषण की सुविधा प्रदान करना है।

भारतीय रिज़र्व बैंक और नेपाल राष्ट्र बैंक ने आज भारत और नेपाल की तेज भुगतान प्रणालियों, अर्थात क्रमशः भारत के यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और नेपाल के नेशनल पेमेंट्स इंटरफेस (एनपीआई) के एकीकरण के लिए विचारार्थ विषय पर हस्ताक्षर किए और इसका आदान-प्रदान किया। इस एकीकरण का उद्देश्य दोनों प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को तत्काल, कम लागत वाले निधि अंतरण में सक्षम बनाकर भारत और नेपाल के बीच सीमापारीय विप्रेषण की सुविधा प्रदान करना है।

फ़रवरी 12, 2024
भारत के माननीय प्रधानमंत्री, मॉरीशस के माननीय प्रधानमंत्री और श्रीलंका के माननीय राष्ट्रपति, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ भारत की रुपे /यूपीआई संबद्धता की शुरुआत के साक्षी बने

भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, मॉरीशस के माननीय प्रधानमंत्री, श्री प्रविंद कुमार जुगनौथ, और श्रीलंका के माननीय राष्ट्रपति, श्री रानिल विक्रमसिंघे, आज भारत और मॉरीशस के बीच रुपे (RuPay) कार्ड और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) संबद्धता के साथ-साथ भारत और श्रीलंका के बीच यूपीआई संबद्धता की आभासी शुरुआत के साक्षी बने। इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास, बैंक ऑफ मॉरीशस के गवर्नर श्री हरवेश सीगोलम, और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर डॉ. पी. नंदलाल वीरसिंघे भी उपस्थित रहे।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, मॉरीशस के माननीय प्रधानमंत्री, श्री प्रविंद कुमार जुगनौथ, और श्रीलंका के माननीय राष्ट्रपति, श्री रानिल विक्रमसिंघे, आज भारत और मॉरीशस के बीच रुपे (RuPay) कार्ड और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) संबद्धता के साथ-साथ भारत और श्रीलंका के बीच यूपीआई संबद्धता की आभासी शुरुआत के साक्षी बने। इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास, बैंक ऑफ मॉरीशस के गवर्नर श्री हरवेश सीगोलम, और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर डॉ. पी. नंदलाल वीरसिंघे भी उपस्थित रहे।

जनवरी 31, 2024
सितंबर 2023 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का डिजिटल भुगतान सूचकांक

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2023 के लिए यह सूचकांक 418.77 रहा, जबकि मार्च 2023 के लिए यह 395.57 था, जिसकी घोषणा 27 जुलाई 2023 को की गई थी। इस अवधि के दौरान आरबीआई-डीपीआई सूचकांक, विशेष रूप से देश भर में भुगतान सक्षमकर्ताओं, भुगतान निष्पादन और उपभोक्ता केंद्रितता में वृद्धि के कारण, सभी मापदंडों में बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: 

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2023 के लिए यह सूचकांक 418.77 रहा, जबकि मार्च 2023 के लिए यह 395.57 था, जिसकी घोषणा 27 जुलाई 2023 को की गई थी। इस अवधि के दौरान आरबीआई-डीपीआई सूचकांक, विशेष रूप से देश भर में भुगतान सक्षमकर्ताओं, भुगतान निष्पादन और उपभोक्ता केंद्रितता में वृद्धि के कारण, सभी मापदंडों में बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: 

दिसंबर 29, 2023
भुगतान अवसंरचना विकास निधि (पीआईडीएफ) - योजना का विस्तार, संवर्द्धन और अद्यतन स्थिति

भुगतान अवसंरचना विकास निधि (पीआईडीएफ) योजना को रिज़र्व बैंक द्वारा जनवरी 2021 में तीन वर्ष की अवधि के लिए परिचालित किया गया था। योजना का उद्देश्य टियर-3 से टियर-6 केंद्रों, उत्तर पूर्वी राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संघ शासित प्रदेशों (यू.टी.) में भौतिक बिक्री केंद्र (पीओएस) टर्मिनल, क्विक रिस्पोंस (क्यूआर) कोड जैसे भुगतान स्वीकृति अवसंरचना के परिनियोजन को प्रोत्साहित करना था। 26 अगस्त 2021 से, टियर -1 और टियर -2 केंद्रों में पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि योजना) के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया है।

भुगतान अवसंरचना विकास निधि (पीआईडीएफ) योजना को रिज़र्व बैंक द्वारा जनवरी 2021 में तीन वर्ष की अवधि के लिए परिचालित किया गया था। योजना का उद्देश्य टियर-3 से टियर-6 केंद्रों, उत्तर पूर्वी राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संघ शासित प्रदेशों (यू.टी.) में भौतिक बिक्री केंद्र (पीओएस) टर्मिनल, क्विक रिस्पोंस (क्यूआर) कोड जैसे भुगतान स्वीकृति अवसंरचना के परिनियोजन को प्रोत्साहित करना था। 26 अगस्त 2021 से, टियर -1 और टियर -2 केंद्रों में पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि योजना) के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया है।

दिसंबर 01, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के संबंध में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान संबंधी एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

1 दिसंबर 2023  भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के संबंध में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान संबंधी एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

1 दिसंबर 2023  भारतीय रिज़र्व बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के संबंध में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान संबंधी एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

अक्‍तूबर 31, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान एग्रीगेटर-सीमापार के विनियमन पर परिपत्र जारी किया (पीए - सीमापार)

31 अक्तूबर 2023  भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान एग्रीगेटर-सीमापार के विनियमन पर परिपत्र जारी किया (पीए - सीमापार)  भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा दिनांक 7 अप्रैल 2022 को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत ऑनलाइन निर्यात-आयात सुगमकर्ताओं (ओईआईएफ) द्वारा छोटे मूल्य वाले निर्यात और आयात संबंधी भुगतानों के सुगम प्रसंस्करण और निपटान पर एक मसौदा परिपत्र टिप्पणियों हेतु जारी किया गया था। चूंकि ओईआईएफ/ ऑनलाइन भुगतान गेटवे सेवा प्रदाताओं (ओपीजीएसपी) की गतिविधियां भुगतान के साथ अधिक संरेखित हैं, अतएव दिनांक 7 अप्रैल 2022 के मसौदा परिपत्र पर प्राप्त फीडबैक और भुगतान प्रणालियों के परिप्रेक्ष्य से दिशानिर्देशों के मसौदे

31 अक्तूबर 2023  भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान एग्रीगेटर-सीमापार के विनियमन पर परिपत्र जारी किया (पीए - सीमापार)  भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा दिनांक 7 अप्रैल 2022 को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत ऑनलाइन निर्यात-आयात सुगमकर्ताओं (ओईआईएफ) द्वारा छोटे मूल्य वाले निर्यात और आयात संबंधी भुगतानों के सुगम प्रसंस्करण और निपटान पर एक मसौदा परिपत्र टिप्पणियों हेतु जारी किया गया था। चूंकि ओईआईएफ/ ऑनलाइन भुगतान गेटवे सेवा प्रदाताओं (ओपीजीएसपी) की गतिविधियां भुगतान के साथ अधिक संरेखित हैं, अतएव दिनांक 7 अप्रैल 2022 के मसौदा परिपत्र पर प्राप्त फीडबैक और भुगतान प्रणालियों के परिप्रेक्ष्य से दिशानिर्देशों के मसौदे

अक्‍तूबर 27, 2023
विनियामक सैंडबॉक्स – "एमएसएमई उधार पर तीसरी कोहार्ट" - निकास

विनियामक सैंडबॉक्स – ‘एमएसएमई उधार पर तीसरी कोहार्ट’ - निकास विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत 'एमएसएमई उधार' विषय वाले तीसरे कोहार्ट में, आठ संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसे दिनांक 6 जून 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया गया था।2. 'परीक्षण चरण' 
पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित पांच उत्पाद आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:


   


 

विनियामक सैंडबॉक्स – ‘एमएसएमई उधार पर तीसरी कोहार्ट’ - निकास विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत 'एमएसएमई उधार' विषय वाले तीसरे कोहार्ट में, आठ संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसे दिनांक 6 जून 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया गया था।2. 'परीक्षण चरण' 
पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित पांच उत्पाद आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:


   


 

अक्‍तूबर 27, 2023
विनियामक सैंडबॉक्स: भारतीय रिज़र्व बैंक ने पाँचवाँ कोहार्ट खोलने की घोषणा की

27 अक्तूबर 2023 विनियामक सैंडबॉक्स: भारतीय रिज़र्व बैंक ने पाँचवाँ कोहार्ट खोलने की घोषणा की भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 सितंबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से घोषणा की थी कि विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत पांचवां कोहार्ट विषय तटस्थ होगा। अब यह पात्र संस्थाओं के लिए पांचवें कोहार्ट हेतु आवेदन विंडो 
खोलने की घोषणा करता है।

27 अक्तूबर 2023 विनियामक सैंडबॉक्स: भारतीय रिज़र्व बैंक ने पाँचवाँ कोहार्ट खोलने की घोषणा की भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 सितंबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से घोषणा की थी कि विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के अंतर्गत पांचवां कोहार्ट विषय तटस्थ होगा। अब यह पात्र संस्थाओं के लिए पांचवें कोहार्ट हेतु आवेदन विंडो 
खोलने की घोषणा करता है।

अक्‍तूबर 04, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया

4 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए 16 जनवरी 2023 को "बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि फ्रेमवर्क का आरंभ" पर चर्चा पत्र जारी किया था। प्रावधानीकरण का ईसीएल दृष्टिकोण मौजूदा हानि-आधारित प्रावधानीकरण व्यवस्था से एक आदर्श बदलाव है। चर्चा पत्र में ऋण संबंधी जोखिम के प्रावधानीकरण के लिए एक दूरदर्शी, सिद्धांत-आधारित ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसे इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (आईएएसबी) और यूएस फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (एफएएसबी) के अंतर्गत पहले ही लागू किया जा चुका है।

4 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि (ईसीएल) आधारित फ्रेमवर्क पर एक बाह्य कार्य समूह का गठन किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी हितधारकों से इनपुट प्राप्त करने के लिए 16 जनवरी 2023 को "बैंकों द्वारा प्रावधानीकरण के लिए ऋण की अपेक्षित हानि फ्रेमवर्क का आरंभ" पर चर्चा पत्र जारी किया था। प्रावधानीकरण का ईसीएल दृष्टिकोण मौजूदा हानि-आधारित प्रावधानीकरण व्यवस्था से एक आदर्श बदलाव है। चर्चा पत्र में ऋण संबंधी जोखिम के प्रावधानीकरण के लिए एक दूरदर्शी, सिद्धांत-आधारित ढांचे की परिकल्पना की गई है, जिसे इंटरनेशनल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (आईएएसबी) और यूएस फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड (एफएएसबी) के अंतर्गत पहले ही लागू किया जा चुका है।

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