प्रेस प्रकाशनियां
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमापारीय आवक भुगतान में तेजी लाने के लिए दिशानिर्देश पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमापारीय आवक भुगतान में तेजी लाने के लिए दिशानिर्देश पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, जून 2025 प्रकाशित की भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज छमाही भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, जून 2025 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही तक पिछले छह कैलेंडर वर्षों के दौरान भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान संबंधी लेनदेन की प्रवृत्ति के विश्लेषण के अतिरिक्त, भुगतान पारितंत्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों और तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली के गहन विश्लेषण को शामिल किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, जून 2025 प्रकाशित की भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज छमाही भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, जून 2025 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही तक पिछले छह कैलेंडर वर्षों के दौरान भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान संबंधी लेनदेन की प्रवृत्ति के विश्लेषण के अतिरिक्त, भुगतान पारितंत्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों और तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली के गहन विश्लेषण को शामिल किया गया है।
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
The recent amendments to Section 3 of the Payment and Settlement Systems Act, 2007 (PSS Act, 2007) carried out, vide the Finance Act, 2017 came into effect from May 9, 2025, with issue of the Gazette Notification dated May 06, 2025, by Department of Financial Services, Government of India. With the notification, the erstwhile Board for Regulation and Supervision of Payment and Settlement Systems (BPSS), a committee of the Central Board of the Reserve Bank of India, has been replaced with the Payments Regulatory Board from May 9, 2025. 2. The Payments Regulatory Board has been constituted under Section 3 (2) of PSS Act, 2007 consisting of the following members:
The recent amendments to Section 3 of the Payment and Settlement Systems Act, 2007 (PSS Act, 2007) carried out, vide the Finance Act, 2017 came into effect from May 9, 2025, with issue of the Gazette Notification dated May 06, 2025, by Department of Financial Services, Government of India. With the notification, the erstwhile Board for Regulation and Supervision of Payment and Settlement Systems (BPSS), a committee of the Central Board of the Reserve Bank of India, has been replaced with the Payments Regulatory Board from May 9, 2025. 2. The Payments Regulatory Board has been constituted under Section 3 (2) of PSS Act, 2007 consisting of the following members:
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया । आरबीआई ने 16 अप्रैल 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स के विनियमन संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदे में भुगतान एग्रीगेटर्स
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया । आरबीआई ने 16 अप्रैल 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स के विनियमन संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदे में भुगतान एग्रीगेटर्स
नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण
- 31 अगस्त 2025 की स्थिति
नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और
नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण
- 31 अगस्त 2025 की स्थिति
नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर 1 जनवरी 2021 से एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2025 के लिए सूचकांक 493.22 रहा, जबकि सितंबर 2024 के लिए यह 465.33 था, जिसकी घोषणा 29 जनवरी 2025 को की गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर 1 जनवरी 2021 से एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2025 के लिए सूचकांक 493.22 रहा, जबकि सितंबर 2024 के लिए यह 465.33 था, जिसकी घोषणा 29 जनवरी 2025 को की गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं और देश के नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को दो अलग-अलग शीर्षकों, अर्थात विनियामक अनुमोदन के लिए समय- सीमा और नागरिक चार्टर के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं और देश के नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को दो अलग-अलग शीर्षकों, अर्थात विनियामक अनुमोदन के लिए समय- सीमा और नागरिक चार्टर के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक [आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) – एईपीएस टचपॉइंट संचालकों की समुचित जांच] निदेश, 2025 जारी किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 जुलाई 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए बैंक की वेबसाइट पर एईपीएस की समुचित जांच संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदा में एईपीएस टचपॉइंट संचालकों (एटीओ) के बारे में जानकारी दी गई और इसका उद्देश्य अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा एटीओ को शामिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक [आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) – एईपीएस टचपॉइंट संचालकों की समुचित जांच] निदेश, 2025 जारी किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 जुलाई 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए बैंक की वेबसाइट पर एईपीएस की समुचित जांच संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदा में एईपीएस टचपॉइंट संचालकों (एटीओ) के बारे में जानकारी दी गई और इसका उद्देश्य अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा एटीओ को शामिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था।
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