अधिसूचनाएं - विनियमन सहकारी बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
आरबीआई/2023-24/117 DoS.CO.CSITEG.SEC. No. 9 / 31-01-015/ 2023-24 31 जनवरी 2024 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (टियर III और IV);
आरबीआई/2023-24/117 DoS.CO.CSITEG.SEC. No. 9 / 31-01-015/ 2023-24 31 जनवरी 2024 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (टियर III और IV);
आरबीआई/2023-24/105 विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.72/16.05.000/2023-24 17 जनवरी 2024 प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची - समावेशन के लिए मानदंड
आरबीआई/2023-24/105 विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.72/16.05.000/2023-24 17 जनवरी 2024 प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची - समावेशन के लिए मानदंड
आरबीआई/2023-24/113 संदर्भ सं. डीओएस. एआरजी/एसईसी. 8/08.91.001/2023-24 जनवरी 15, 2024 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी,सभी राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी) सभी केंद्रीय सहकारी बैंक (सीसीबी)
आरबीआई/2023-24/113 संदर्भ सं. डीओएस. एआरजी/एसईसी. 8/08.91.001/2023-24 जनवरी 15, 2024 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी,सभी राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी) सभी केंद्रीय सहकारी बैंक (सीसीबी)
आरबीआई/2023-24/104 विवि.एसपीई.आरईसी. 63 /13.03.00/2023-2024 01 जनवरी 2024 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए थोक जमा पर अनुदेशों की समीक्षा कृपया दिनांक 12 मई 2016 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक - जमा पर ब्याज दर) दिशानिर्देश, 2016 का पैरा 3 (ए) (i) देखें, जिसके अनुसार "थोक जमाराशि" का अभिप्राय पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशि है ।
आरबीआई/2023-24/104 विवि.एसपीई.आरईसी. 63 /13.03.00/2023-2024 01 जनवरी 2024 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए थोक जमा पर अनुदेशों की समीक्षा कृपया दिनांक 12 मई 2016 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक - जमा पर ब्याज दर) दिशानिर्देश, 2016 का पैरा 3 (ए) (i) देखें, जिसके अनुसार "थोक जमाराशि" का अभिप्राय पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशि है ।
आरबीआई/2023-24/105 विवि. एसओजी(एलईजी).आरईसी.64/09.08.024/2023-24 जनवरी 1, 2024 महोदया / महोदय बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमाराशियाँ -संशोधित अनुदेश वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों में रखे गए किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष, जिनका दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से परिचालन नहीं किया गया है, या कोई ऐसी राशि जो दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से अदावाकृत बची हुई है, जैसा कि "जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता" (डीईए) निधि योजना, 2014 के पैराग्राफ 3 (iii) में उल्लिखित है, उसे बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित डीईए निधि में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है।
आरबीआई/2023-24/105 विवि. एसओजी(एलईजी).आरईसी.64/09.08.024/2023-24 जनवरी 1, 2024 महोदया / महोदय बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमाराशियाँ -संशोधित अनुदेश वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों में रखे गए किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष, जिनका दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से परिचालन नहीं किया गया है, या कोई ऐसी राशि जो दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से अदावाकृत बची हुई है, जैसा कि "जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता" (डीईए) निधि योजना, 2014 के पैराग्राफ 3 (iii) में उल्लिखित है, उसे बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित डीईए निधि में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है।
आरबीआई/2023-24/79 विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.55/07.01.000/2023-24 30 अक्तूबर 2023 महोदया / महोदय बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 - सहकारी बैंकों के नाम में परिवर्तन बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम (2020 की संख्या 39) की अधिसूचना के अनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 ('बीआर अधिनियम') की धारा 49बी और 49सी सहकारी बैंकों पर लागू होती हैं। धारा 49बी के अनुसार, सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस)/सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) किसी भी सहकारी बैंक के नाम के परिवर्तन के लिए अपनी स्वीकृति को तब तक सूचित नहीं करेंगे जब तक कि रिज़र्व बैंक लिखित रूप में प्रमाणित नहीं करता है कि उसे इस तरह के बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा, धारा 49सी के अनुसार, किसी सहकारी बैंक के उप-नियमों में परिवर्तन की पुष्टि के लिए कोई भी आवेदन तब तक विचारणीय नहीं होगा जब तक कि रिज़र्व बैंक यह प्रमाणित नहीं कर देता कि ऐसे परिवर्तन पर कोई आपत्ति नहीं है।
आरबीआई/2023-24/79 विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.55/07.01.000/2023-24 30 अक्तूबर 2023 महोदया / महोदय बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 - सहकारी बैंकों के नाम में परिवर्तन बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम (2020 की संख्या 39) की अधिसूचना के अनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 ('बीआर अधिनियम') की धारा 49बी और 49सी सहकारी बैंकों पर लागू होती हैं। धारा 49बी के अनुसार, सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस)/सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) किसी भी सहकारी बैंक के नाम के परिवर्तन के लिए अपनी स्वीकृति को तब तक सूचित नहीं करेंगे जब तक कि रिज़र्व बैंक लिखित रूप में प्रमाणित नहीं करता है कि उसे इस तरह के बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा, धारा 49सी के अनुसार, किसी सहकारी बैंक के उप-नियमों में परिवर्तन की पुष्टि के लिए कोई भी आवेदन तब तक विचारणीय नहीं होगा जब तक कि रिज़र्व बैंक यह प्रमाणित नहीं कर देता कि ऐसे परिवर्तन पर कोई आपत्ति नहीं है।
आरबीआई/2023-24/78 विवि.आरईजी./एलआईसी.सं.54/19.51.052/2023-24 30 अक्टूबर, 2023 महोदया / महोदय जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा एक ही शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों के स्थानांतरण के संबंध में स्पष्टीकरण तथा डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने संबंधी दिशानिर्देश दिनांक 29 सितंबर, 2020 के बैंककारी विनियमन अधिनियम (2020 की संख्या 39) में किए गए संशोधन के अनुसरण में, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही व्यवसाय का नया स्थान खोलने / एटीएम स्थापित करने या ऐसे कार्यालयों के स्थान को स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाती है । तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 23 के अनुसार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा व्यवसाय के नए स्थान खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश दिनांक 11 अगस्त 2022 के परिपत्र विवि.आरईजी.सं. 63/19.51.052/2022-23 के तहत जारी किए गए थे।
आरबीआई/2023-24/78 विवि.आरईजी./एलआईसी.सं.54/19.51.052/2023-24 30 अक्टूबर, 2023 महोदया / महोदय जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा एक ही शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों के स्थानांतरण के संबंध में स्पष्टीकरण तथा डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने संबंधी दिशानिर्देश दिनांक 29 सितंबर, 2020 के बैंककारी विनियमन अधिनियम (2020 की संख्या 39) में किए गए संशोधन के अनुसरण में, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही व्यवसाय का नया स्थान खोलने / एटीएम स्थापित करने या ऐसे कार्यालयों के स्थान को स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाती है । तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 23 के अनुसार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा व्यवसाय के नए स्थान खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश दिनांक 11 अगस्त 2022 के परिपत्र विवि.आरईजी.सं. 63/19.51.052/2022-23 के तहत जारी किए गए थे।
आरबीआई/2023-24/66
विवि.सीआरई.आरईसी.42/07.10.002/2023-24
06 अक्तूबर 2023
वेतन अर्जक बैंकों के अलावा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया / महोदय,
स्वर्ण ऋण - एकमुश्त भुगतान - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)
कृपया दिनांक 30 अक्टूबर 2014 के परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).परि.सं.25/13.05.000/2014-15 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार यूसीबी को कुछ शर्तों के अधीन एकमुश्त भुगतान विकल्प के तहत ₹2.00 लाख तक की राशि के स्वर्ण ऋण देने के लिए अनुमति दी गई थी।
2. हमारे दिनांक 8 जून 2023 के परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.18/07.10.002/2023-24 के पैरा 5 की ओर भी ध्यान आमंत्रित किया जाता है, जिसमें कहा गया है कि प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी के लिए प्रोत्साहन की घोषणा अलग से की जाएगी। तदनुसार, जैसा कि 6 अक्टूबर 2023 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 3 द्वारा घोषणा की गई है, एकमुश्त भुगतान योजना के तहत दिए जाने वाले स्वर्ण ऋणों की मौद्रिक सीमा को उन यूसीबी के लिए ₹2.00 लाख से बढ़ाकर ₹4.00 लाख करने का निर्णय लिया गया है, जो 31 मार्च 2023 को समग्र पीएसएल लक्ष्य और उप लक्ष्यों को पूरा कर चुके हैं और 8 जून 2023 के हमारे उक्त परिपत्र के पैरा 2 में निर्धारित लक्ष्यों और उप-लक्ष्यों को पूरा करना जारी रखते हैं।
3. ऊपर निर्धारित सीमाएँ इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी हैं। उपर्युक्त परिपत्रों के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीय
(मनोरंजन मिश्र)
मुख्य महाप्रबंधक
आरबीआई/2023-24/66
विवि.सीआरई.आरईसी.42/07.10.002/2023-24
06 अक्तूबर 2023
वेतन अर्जक बैंकों के अलावा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया / महोदय,
स्वर्ण ऋण - एकमुश्त भुगतान - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)
कृपया दिनांक 30 अक्टूबर 2014 के परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी).परि.सं.25/13.05.000/2014-15 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार यूसीबी को कुछ शर्तों के अधीन एकमुश्त भुगतान विकल्प के तहत ₹2.00 लाख तक की राशि के स्वर्ण ऋण देने के लिए अनुमति दी गई थी।
2. हमारे दिनांक 8 जून 2023 के परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.18/07.10.002/2023-24 के पैरा 5 की ओर भी ध्यान आमंत्रित किया जाता है, जिसमें कहा गया है कि प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी के लिए प्रोत्साहन की घोषणा अलग से की जाएगी। तदनुसार, जैसा कि 6 अक्टूबर 2023 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 3 द्वारा घोषणा की गई है, एकमुश्त भुगतान योजना के तहत दिए जाने वाले स्वर्ण ऋणों की मौद्रिक सीमा को उन यूसीबी के लिए ₹2.00 लाख से बढ़ाकर ₹4.00 लाख करने का निर्णय लिया गया है, जो 31 मार्च 2023 को समग्र पीएसएल लक्ष्य और उप लक्ष्यों को पूरा कर चुके हैं और 8 जून 2023 के हमारे उक्त परिपत्र के पैरा 2 में निर्धारित लक्ष्यों और उप-लक्ष्यों को पूरा करना जारी रखते हैं।
3. ऊपर निर्धारित सीमाएँ इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी हैं। उपर्युक्त परिपत्रों के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीय
(मनोरंजन मिश्र)
मुख्य महाप्रबंधक
संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह
संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह
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