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फ़रवरी 23, 2024
दिनांक 9 फरवरी 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक  10-फरवरी-23 26-जनवरी-2024 * 09-फरवरी-2024 *

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक  10-फरवरी-23 26-जनवरी-2024 * 09-फरवरी-2024 *

फ़रवरी 16, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 11 मार्च 2022 और 31 जनवरी 2024 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) पर कुछ कारोबारी प्रतिबंध लगाए थे।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 11 मार्च 2022 और 31 जनवरी 2024 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) पर कुछ कारोबारी प्रतिबंध लगाए थे।

फ़रवरी 14, 2024
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 14 फरवरी 2024 को मुंबई में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की। ये मुलाक़ात, रिज़र्व बैंक की अपनी विनियमित/ पर्यवेक्षित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ निरंतर बातचीत का हिस्सा है। बैठकों में उप गवर्नर, श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ विनियमन और पर्यवेक्षण कार्यों के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए। ऐसी पिछली बैठक 11 जुलाई 2023 को हुई थी।

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 14 फरवरी 2024 को मुंबई में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की। ये मुलाक़ात, रिज़र्व बैंक की अपनी विनियमित/ पर्यवेक्षित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ निरंतर बातचीत का हिस्सा है। बैठकों में उप गवर्नर, श्री एम. राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ विनियमन और पर्यवेक्षण कार्यों के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए। ऐसी पिछली बैठक 11 जुलाई 2023 को हुई थी।

फ़रवरी 08, 2024
दिनांक 26 जनवरी 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

 (राशि ₹ करोड़ में)    अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित)  सभी अनुसूचित बैंक 27-जनवरी-23  12-जनवरी-2024 *  26-जनवरी-2024 *  27-जनवरी-23  12-जनवरी-2024 *  26-जनवरी-2024 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  208480.12  262755.38  265720.09  210725.37  266353.52  269500.31 **

 (राशि ₹ करोड़ में)    अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित)  सभी अनुसूचित बैंक 27-जनवरी-23  12-जनवरी-2024 *  26-जनवरी-2024 *  27-जनवरी-23  12-जनवरी-2024 *  26-जनवरी-2024 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  208480.12  262755.38  265720.09  210725.37  266353.52  269500.31 **

फ़रवरी 02, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने केवाईसी अपडेशन के नाम पर धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया

The Reserve Bank had cautioned members of public against frauds in the name of KYC updation vide its Press Release dated September 13, 2021. In the wake of continuing incidents/ reports of customers falling prey to frauds being perpetrated in the name of KYC updation, RBI once again urges the members of public to exercise caution and due care to prevent loss and safeguard themselves from such malicious practices.

The Reserve Bank had cautioned members of public against frauds in the name of KYC updation vide its Press Release dated September 13, 2021. In the wake of continuing incidents/ reports of customers falling prey to frauds being perpetrated in the name of KYC updation, RBI once again urges the members of public to exercise caution and due care to prevent loss and safeguard themselves from such malicious practices.

जनवरी 31, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – जनवरी 2024

जनवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

जनवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

जनवरी 31, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 11 मार्च 2022 की प्रेस प्रकाशनी में, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को शामिल करने से रोकने का निदेश जारी किया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 11 मार्च 2022 की प्रेस प्रकाशनी में, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को शामिल करने से रोकने का निदेश जारी किया था।

जनवरी 25, 2024
दिनांक 12 जनवरी 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में)      अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित)  सभी अनुसूचित बैंक 13-जनवरी-23  29-दिसंबर-2023 *  12-जनवरी-2024 *  13-जनवरी-23  29-दिसंबर-2023 *  12-जनवरी-2024 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  209292.46  266042.92  262701.02  211585.22  269437.43  266299.16 **    ख) बैंकों से लिये गये ऋण  46095.13  189078.34  180880.15  46341.58  189114.34  180910.43    ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं  54314.42  69625.54  70843.56  54937.14  70324.03  71510.45

(राशि ₹ करोड़ में)      अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित)  सभी अनुसूचित बैंक 13-जनवरी-23  29-दिसंबर-2023 *  12-जनवरी-2024 *  13-जनवरी-23  29-दिसंबर-2023 *  12-जनवरी-2024 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  209292.46  266042.92  262701.02  211585.22  269437.43  266299.16 **    ख) बैंकों से लिये गये ऋण  46095.13  189078.34  180880.15  46341.58  189114.34  180910.43    ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं  54314.42  69625.54  70843.56  54937.14  70324.03  71510.45

जनवरी 11, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन

रिज़र्व बैंक ने 10 जनवरी 2024 को सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारियों , मुख्य जोखिम अधिकारियों और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुखों) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली- प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' था। यह मई 2023 में गवर्नर द्वारा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों के लिए 'बैंकों में सुशासन – धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना' विषय पर सम्मेलन के साथ शुरू की गई पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का हिस्सा है।

रिज़र्व बैंक ने 10 जनवरी 2024 को सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारियों , मुख्य जोखिम अधिकारियों और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुखों) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली- प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' था। यह मई 2023 में गवर्नर द्वारा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों के लिए 'बैंकों में सुशासन – धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना' विषय पर सम्मेलन के साथ शुरू की गई पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का हिस्सा है।

जनवरी 11, 2024
दिनांक 29 दिसंबर 2023, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में)  अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 30-दिसंबर-22 15-दिसंबर-2023* 29-दिसंबर-2023* 30-दिसंबर-22 15-दिसंबर-2023* 29-दिसंबर-2023* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 218462.58 276840.69 266063.51 220831.97 280287.7 269458.02**  ख) बैंकों से लिये गये ऋण 51283.98 192669.22 189527.12 51597.49 192698.11 189563.12  ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 56547.73 70471.57 69651.45 57149.74 71176.89 70349.94

(राशि ₹ करोड़ में)  अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 30-दिसंबर-22 15-दिसंबर-2023* 29-दिसंबर-2023* 30-दिसंबर-22 15-दिसंबर-2023* 29-दिसंबर-2023* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 218462.58 276840.69 266063.51 220831.97 280287.7 269458.02**  ख) बैंकों से लिये गये ऋण 51283.98 192669.22 189527.12 51597.49 192698.11 189563.12  ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 56547.73 70471.57 69651.45 57149.74 71176.89 70349.94

जनवरी 08, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंस हेतु दिशानिर्देशों के अंतर्गत आवेदक का नाम जारी किया

31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक को दिनांक 5 दिसंबर 2019 के निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंस हेतु दिशानिर्देशों के अंतर्गत फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड से एक आवेदन प्राप्त हुआ है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1636

31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक को दिनांक 5 दिसंबर 2019 के निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंस हेतु दिशानिर्देशों के अंतर्गत फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड से एक आवेदन प्राप्त हुआ है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1636

जनवरी 02, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा लाभांश की घोषणा और भारत में विदेशी बैंक शाखाओं द्वारा प्रधान कार्यालय को लाभ विप्रेषण संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज " बैंकों द्वारा लाभांश की घोषणा और भारत में विदेशी बैंक शाखाओं द्वारा प्रधान कार्यालय को लाभ विप्रेषण” संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया। परिपत्र के मसौदे पर बैंकों, बाजार प्रतिभागियों और अन्य हितधारकों से 31 जनवरी 2024 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज " बैंकों द्वारा लाभांश की घोषणा और भारत में विदेशी बैंक शाखाओं द्वारा प्रधान कार्यालय को लाभ विप्रेषण” संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया। परिपत्र के मसौदे पर बैंकों, बाजार प्रतिभागियों और अन्य हितधारकों से 31 जनवरी 2024 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई हैं।

जनवरी 02, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर ने साख सूचना कंपनियों के एमडी और सीईओ के साथ बैठक की

पर्यवेक्षित संस्थाओं के साथ रिज़र्व बैंक की सहबद्धता के हिस्से के रूप में, सभी साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ आज (02 जनवरी 2024) एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर, श्री स्वामीनाथन जे  ने की और इसमें पर्यवेक्षण विभाग और विनियमन विभाग के कार्यपालक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 

पर्यवेक्षित संस्थाओं के साथ रिज़र्व बैंक की सहबद्धता के हिस्से के रूप में, सभी साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ आज (02 जनवरी 2024) एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर, श्री स्वामीनाथन जे  ने की और इसमें पर्यवेक्षण विभाग और विनियमन विभाग के कार्यपालक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 

दिसंबर 29, 2023
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – दिसंबर 2023

दिसंबर 2023 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

दिसंबर 2023 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

दिसंबर 29, 2023
दिनांक 15 दिसंबर 2023, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 16-दिसंबर -22 01- दिसंबर -2023 * 15- दिसंबर -2023 * 16- दिसंबर -22 01-दिसंबर -2023 *

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 16-दिसंबर -22 01- दिसंबर -2023 * 15- दिसंबर -2023 * 16- दिसंबर -22 01-दिसंबर -2023 *

दिसंबर 28, 2023
RBI releases 2023 list of Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs)

एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की पहचान प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में जारी रही।  जबकि आईसीआईसीआई बैंक पिछले वर्ष की तरह ही उसी बकेटिंग संरचना में बना हुआ है, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक उच्च बकेट में चले गए हैं - एसबीआई बकेट 3 से बकेट 4 में स्थानांतरित हो गया है और एचडीएफसी बैंक बकेट 1 से बकेट 2 में स्थानांतरित हो गया है। एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए, बकेट वृद्धि के कारण उच्च डी-एसआईबी बफर आवश्यकताएं 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगी। अतिरिक्त सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) आवश्यकता पूंजी संरक्षण बफर के अतिरिक्त होगी।

एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की पहचान प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में जारी रही।  जबकि आईसीआईसीआई बैंक पिछले वर्ष की तरह ही उसी बकेटिंग संरचना में बना हुआ है, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक उच्च बकेट में चले गए हैं - एसबीआई बकेट 3 से बकेट 4 में स्थानांतरित हो गया है और एचडीएफसी बैंक बकेट 1 से बकेट 2 में स्थानांतरित हो गया है। एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए, बकेट वृद्धि के कारण उच्च डी-एसआईबी बफर आवश्यकताएं 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगी। अतिरिक्त सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) आवश्यकता पूंजी संरक्षण बफर के अतिरिक्त होगी।

दिसंबर 28, 2023
घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) ढांचा - मूल्यांकन पद्धति की समीक्षा

रिज़र्व बैंक ने 22 जुलाई 2014 को घरेलू प्रणालीगत रूप से  महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) से निपटने के लिए रूपरेखा जारी की थी। इस ढांचे के अनुसार, बैंक को वार्षिक आधार पर डी-एसआईबी के रूप में नामित बैंकों के नामों की पहचान करना और प्रकट करना आवश्यक है।   इसके अलावा, ढांचे के अनुसार, प्रणालीगत रूप से बैंकों के महत्व का आकलन करने और डी-एसआईबी की पहचान के लिए मूल्यांकन पद्धति की समय-समय पर समीक्षा की जानी आवश्यक है। तदनुसार, इसकी शुरूआत के बाद से ढांचे की कार्यप्रणाली, प्रणालीगत जोखिम मापदंड के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां और डी-एसआईबी ढांचे को लागू करने में अन्य देशों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, मूल्यांकन पद्धति की समीक्षा की गई है। समीक्षा के आधार पर, हालांकि चयनित संकेतकों या उनके संबंधित भार में कोई बदलाव नहीं हुआ है, बैंक ने पद्धति में निम्नलिखित संशोधन करने का निर्णय लिया है:

रिज़र्व बैंक ने 22 जुलाई 2014 को घरेलू प्रणालीगत रूप से  महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) से निपटने के लिए रूपरेखा जारी की थी। इस ढांचे के अनुसार, बैंक को वार्षिक आधार पर डी-एसआईबी के रूप में नामित बैंकों के नामों की पहचान करना और प्रकट करना आवश्यक है।   इसके अलावा, ढांचे के अनुसार, प्रणालीगत रूप से बैंकों के महत्व का आकलन करने और डी-एसआईबी की पहचान के लिए मूल्यांकन पद्धति की समय-समय पर समीक्षा की जानी आवश्यक है। तदनुसार, इसकी शुरूआत के बाद से ढांचे की कार्यप्रणाली, प्रणालीगत जोखिम मापदंड के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां और डी-एसआईबी ढांचे को लागू करने में अन्य देशों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, मूल्यांकन पद्धति की समीक्षा की गई है। समीक्षा के आधार पर, हालांकि चयनित संकेतकों या उनके संबंधित भार में कोई बदलाव नहीं हुआ है, बैंक ने पद्धति में निम्नलिखित संशोधन करने का निर्णय लिया है:

दिसंबर 21, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अपनी विनियमित संस्थाओं के लिए स्व-विनियामक संगठनों को मान्यता देने हेतु बहुप्रयोजनीय ढांचे का मसौदा’ पर टिप्पणियाँ आमंत्रित कीं

दिनांक 6 अक्तूबर 2023 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ‘विनियमित संस्थाओं के लिए स्व-विनियामक संगठनों को मान्यता देने हेतु बहुप्रयोजनीय ढांचे का मसौदा’ रखा है। इस बहुप्रयोजनीय ढांचे के मसौदे में किसी भी स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) पर लागू होने वाले व्यापक मापदंड यथा उद्देश्यों, जिम्मेदारियां, पात्रता मानदंड, सुशासन मानक, आवेदन प्रक्रिया और एसआरओ को मान्यता प्रदान करने के लिए अन्य बुनियादी शर्तें शामिल हैं।

दिनांक 6 अक्तूबर 2023 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ‘विनियमित संस्थाओं के लिए स्व-विनियामक संगठनों को मान्यता देने हेतु बहुप्रयोजनीय ढांचे का मसौदा’ रखा है। इस बहुप्रयोजनीय ढांचे के मसौदे में किसी भी स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) पर लागू होने वाले व्यापक मापदंड यथा उद्देश्यों, जिम्मेदारियां, पात्रता मानदंड, सुशासन मानक, आवेदन प्रक्रिया और एसआरओ को मान्यता प्रदान करने के लिए अन्य बुनियादी शर्तें शामिल हैं।

दिसंबर 14, 2023
दिनांक 1 दिसंबर 2023, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

दिनांक 1 दिसंबर 2023, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण (राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 02-दिसंबर-22 17-नवंबर-2023 * 01-दिसंबर-2023 * 02-दिसंबर-22 17-नवंबर-2023 * 01-दिसंबर-2023 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  204511.44  241123.11  254742.65  206990.5  244489.69  258583.28 **

दिनांक 1 दिसंबर 2023, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण (राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 02-दिसंबर-22 17-नवंबर-2023 * 01-दिसंबर-2023 * 02-दिसंबर-22 17-नवंबर-2023 * 01-दिसंबर-2023 *  I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां  204511.44  241123.11  254742.65  206990.5  244489.69  258583.28 **

दिसंबर 11, 2023
आरबीआई ऋण माफी पर अनधिकृत अभियानों के प्रति सचेत करता है

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ भ्रामक विज्ञापन देखें हैं जो ऋण माफी की पेशकश करके उधारकर्ताओं को लुभा रहे हैं। ये संस्थाएं प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी ऐसे कई अभियानों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। ऐसी संस्थाओं द्वारा बिना किसी अधिकार के 'ऋण माफी प्रमाणपत्र' जारी करने के लिए सेवा/कानूनी शुल्क वसूल करने की भी खबरें हैं। यह भी हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ स्थानों पर, कुछ व्यक्तियों द्वारा ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं, जो बैंकों से लिए जाने वाले सिक्योरिटी चार्ज के संबंध में अधिकारों के प्रवर्तन के बैंकों के प्रयासों को कमजोर करते हैं। ऐसी संस्थाएं गलतबयानी कर रही हैं कि बैंकों समेत वित्तीय संस्थानों का बकाया चुकाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी गतिविधियां वित्तीय संस्थानों की स्थिरता और सबसे बढ़कर, जमाकर्ताओं के हितों को कमजोर करती हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसी संस्थाओं के साथ जुड़ने से प्रत्यक्ष वित्तीय नुकसान हो सकता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ भ्रामक विज्ञापन देखें हैं जो ऋण माफी की पेशकश करके उधारकर्ताओं को लुभा रहे हैं। ये संस्थाएं प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी ऐसे कई अभियानों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। ऐसी संस्थाओं द्वारा बिना किसी अधिकार के 'ऋण माफी प्रमाणपत्र' जारी करने के लिए सेवा/कानूनी शुल्क वसूल करने की भी खबरें हैं। यह भी हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ स्थानों पर, कुछ व्यक्तियों द्वारा ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं, जो बैंकों से लिए जाने वाले सिक्योरिटी चार्ज के संबंध में अधिकारों के प्रवर्तन के बैंकों के प्रयासों को कमजोर करते हैं। ऐसी संस्थाएं गलतबयानी कर रही हैं कि बैंकों समेत वित्तीय संस्थानों का बकाया चुकाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी गतिविधियां वित्तीय संस्थानों की स्थिरता और सबसे बढ़कर, जमाकर्ताओं के हितों को कमजोर करती हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसी संस्थाओं के साथ जुड़ने से प्रत्यक्ष वित्तीय नुकसान हो सकता है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 06, 2024

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