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नवंबर 28, 2025
विनियमों का समेकन - परिपत्रों को वापस लेना

आरबीआई/2025-26/100 विवि.आरआरसी.आरईसी.302/33-01-010/2025-26 28 नवंबर, 2025 विनियमों का समेकन - परिपत्रों को वापस लेना कृपया दिनांक 28 नवंबर, 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति देखें, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग (डीओआर) द्वारा वर्तमान में प्रशासित अनुदेशों को समेकित करते हुए 244 मास्टर निदेश जारी करने की घोषणा की गई है। 2. इन 244 मास्टर निदेशों में, डीओआर द्वारा जारी किए गए निदेशों के साथ-साथ उन पूर्ववर्ती विभागों द्वारा जारी निदेशों को भी शामिल किया गया है जिनका

आरबीआई/2025-26/100 विवि.आरआरसी.आरईसी.302/33-01-010/2025-26 28 नवंबर, 2025 विनियमों का समेकन - परिपत्रों को वापस लेना कृपया दिनांक 28 नवंबर, 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति देखें, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग (डीओआर) द्वारा वर्तमान में प्रशासित अनुदेशों को समेकित करते हुए 244 मास्टर निदेश जारी करने की घोषणा की गई है। 2. इन 244 मास्टर निदेशों में, डीओआर द्वारा जारी किए गए निदेशों के साथ-साथ उन पूर्ववर्ती विभागों द्वारा जारी निदेशों को भी शामिल किया गया है जिनका

नवंबर 14, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक (व्यापार राहत उपाय) निदेश, 2025

आरबीआई/2025-26/96 विवि.एसटीआर.आरईसी.60/21.04.048/2025-26 14 नवंबर 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (व्यापार राहत उपाय) निदेश, 2025 अध्याय I: प्रारंभिक प्रस्तावना 1. भारत की ऋण प्रणाली से देश लाभान्वित हो इस उद्देश्य से ऋण प्रणाली का परिचालन करने के लिए रिज़र्व बैंक को सांविधिक रूप से अधिकार प्राप्त है। इस प्रयास में, तथा वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों से व्यापार में उत्पन्न व्यवधानों से उत्पन्न ऋण भुगतान के बोझ को कम करने तथा व्यवहार्य कारोबारों की धारणीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, यह निदेश जारी किए जाते हैं, जिनका उल्लेख आगे किया गया है।

आरबीआई/2025-26/96 विवि.एसटीआर.आरईसी.60/21.04.048/2025-26 14 नवंबर 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (व्यापार राहत उपाय) निदेश, 2025 अध्याय I: प्रारंभिक प्रस्तावना 1. भारत की ऋण प्रणाली से देश लाभान्वित हो इस उद्देश्य से ऋण प्रणाली का परिचालन करने के लिए रिज़र्व बैंक को सांविधिक रूप से अधिकार प्राप्त है। इस प्रयास में, तथा वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों से व्यापार में उत्पन्न व्यवधानों से उत्पन्न ऋण भुगतान के बोझ को कम करने तथा व्यवहार्य कारोबारों की धारणीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, यह निदेश जारी किए जाते हैं, जिनका उल्लेख आगे किया गया है।

अप्रैल 28, 2025
प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण

भा.रि.बैं./2025-26/34 सूप्रौवि.केंका.सं.एस-106/07.71.039/2025-26  28 अप्रैल 2025 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियों सहित) सभी प्राथमिक डीलर सभी गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर सभी क्रेडिट सूचना कंपनियाँ महोदया / प्रिय महोदय, प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण

भा.रि.बैं./2025-26/34 सूप्रौवि.केंका.सं.एस-106/07.71.039/2025-26  28 अप्रैल 2025 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियों सहित) सभी प्राथमिक डीलर सभी गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर सभी क्रेडिट सूचना कंपनियाँ महोदया / प्रिय महोदय, प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण

जनवरी 17, 2025
नामांकन सुविधा के अंतर्गत ग्राहकों का समावेशन

पवि.कें.का.पीपीजी/एसईसी.13/11.01.005/2024-25 17 जनवरी 2025 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जमा स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी (एचएफसी को छोड़कर) [पर्यवेक्षित संस्थान] महोदया/महोदय नामांकन सुविधा के अंतर्गत ग्राहकों का समावेशन जैसा कि आप जानते हैं, नामांकन सुविधा का उद्देश्य जमाकर्ता/जमाकर्ताओं की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों की कठिनाई को कम करना और दावों का शीघ्र निपटान सुलभ करना है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों और जमा स्वीकार करने

पवि.कें.का.पीपीजी/एसईसी.13/11.01.005/2024-25 17 जनवरी 2025 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जमा स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी (एचएफसी को छोड़कर) [पर्यवेक्षित संस्थान] महोदया/महोदय नामांकन सुविधा के अंतर्गत ग्राहकों का समावेशन जैसा कि आप जानते हैं, नामांकन सुविधा का उद्देश्य जमाकर्ता/जमाकर्ताओं की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों की कठिनाई को कम करना और दावों का शीघ्र निपटान सुलभ करना है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों और जमा स्वीकार करने

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 17, 2025

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