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जुलाई 10, 2024
5 जुलाई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 28 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 जुलाई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 28 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 जुलाई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 28 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

जुलाई 08, 2024
उद्योग स्तर पर उत्पादकता को मापना - भारत केएलईएमएस डेटाबेस

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "उद्योग स्तर पर उत्पादकता को मापना -भारत केएलईएमएस [पूंजी (के), श्रम (एल), ऊर्जा (ई), सामग्री (एम) और सेवा (एस)] डेटाबेस” पर एक अद्यतन जानकारी को रखा है जिसमें डेटा मैनुअल 2024 और 1980-81 से 2022-23 की अवधि को शामिल करते हुए 27 उद्योगों के लिए उत्पादकता संबंधी समय-शृंखला डेटा को शामिल किया गया है। उक्त डेटाबेस, जिसमें एक अतिरिक्त वर्ष, अर्थात् 2022-23 के लिए केएलईएमएस डेटा शामिल है, से भारत में अलग-अलग उद्योग स्तरों पर उत्पादकता प्रवृत्तियों के विश्लेषण में सहायता मिलने की आशा है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "उद्योग स्तर पर उत्पादकता को मापना -भारत केएलईएमएस [पूंजी (के), श्रम (एल), ऊर्जा (ई), सामग्री (एम) और सेवा (एस)] डेटाबेस” पर एक अद्यतन जानकारी को रखा है जिसमें डेटा मैनुअल 2024 और 1980-81 से 2022-23 की अवधि को शामिल करते हुए 27 उद्योगों के लिए उत्पादकता संबंधी समय-शृंखला डेटा को शामिल किया गया है। उक्त डेटाबेस, जिसमें एक अतिरिक्त वर्ष, अर्थात् 2022-23 के लिए केएलईएमएस डेटा शामिल है, से भारत में अलग-अलग उद्योग स्तरों पर उत्पादकता प्रवृत्तियों के विश्लेषण में सहायता मिलने की आशा है।

जुलाई 05, 2024
डॉ. जॉन सी. विलियम्स, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फेडरल रिज़र्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क ने चौथा सुरेश तेंदुलकर स्मृति व्याख्यान दिया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 जुलाई 2024 को मुंबई में चौथा सुरेश तेंदुलकर स्मृति व्याख्यान की मेजबानी की। व्याख्यान, डॉ. जॉन सी. विलियम्स, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फेडरल रिज़र्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क द्वारा दिया गया। “ज्ञात अज्ञात का प्रबंधन (Managing the Known Unknowns)” विषय पर उनके व्याख्यान का पाठ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 जुलाई 2024 को मुंबई में चौथा सुरेश तेंदुलकर स्मृति व्याख्यान की मेजबानी की। व्याख्यान, डॉ. जॉन सी. विलियम्स, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फेडरल रिज़र्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क द्वारा दिया गया। “ज्ञात अज्ञात का प्रबंधन (Managing the Known Unknowns)” विषय पर उनके व्याख्यान का पाठ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

जुलाई 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 30 जून 21 जून 28 जून सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 9835 4039 7286 3247 -2549 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 30 जून 21 जून 28 जून सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 9835 4039 7286 3247 -2549 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

जुलाई 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग संबंधी तिमाही सर्वेक्षण शुरू कियाः अप्रैल - जून 2024 (66वाँ दौर)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 66वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण अप्रैल - जून 2024 (2024-25 की पहली तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है। रिज़र्व बैंक विनिर्माण क्षेत्र की आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण 2008 से तिमाही आधार पर आयोजित करता रहा है। इस सर्वेक्षण में प्राप्त की जाने वाली सूचना में संदर्भ तिमाही के दौरान प्राप्त किए गए नए आदेशों, तिमाही की शुरुआत में आदेशों का बैकलॉग

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 66वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण अप्रैल - जून 2024 (2024-25 की पहली तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है। रिज़र्व बैंक विनिर्माण क्षेत्र की आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण 2008 से तिमाही आधार पर आयोजित करता रहा है। इस सर्वेक्षण में प्राप्त की जाने वाली सूचना में संदर्भ तिमाही के दौरान प्राप्त किए गए नए आदेशों, तिमाही की शुरुआत में आदेशों का बैकलॉग

जून 28, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति पर घरेलू अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण के जुलाई 2024 दौर की शुरुआत

भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से मुद्रास्फीति पर घरेलू अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण कराता रहा है। सर्वेक्षण का जुलाई 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण का उद्देश्‍य 19 शहरों, अर्थात्, अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरूवनंतपुरम, में परिवारों का उनके व्यक्तिगत खपत समूह पर आधारित मूल्य गतिविधि और मुद्रास्फीति पर वस्‍तुनिष्‍ठ मूल्‍यांकन कराना है। इस सर्वेक्षण में परिवारों से अगले तीन माह तथा एक वर्ष मे कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (सामान्‍य कीमतें और विशिष्‍ट उत्‍पाद समूहों की कीमतें) पर गुणात्‍मक प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं तथा वर्तमान, अगले तीन माह और अगले एक वर्ष में मुद्रास्‍फीति दरों पर मात्रात्‍मक प्रक्रियाएं मांगी जाती हैं। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति निर्माण के लिए उपयोगी सूचना प्रदान करते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से मुद्रास्फीति पर घरेलू अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण कराता रहा है। सर्वेक्षण का जुलाई 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण का उद्देश्‍य 19 शहरों, अर्थात्, अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरूवनंतपुरम, में परिवारों का उनके व्यक्तिगत खपत समूह पर आधारित मूल्य गतिविधि और मुद्रास्फीति पर वस्‍तुनिष्‍ठ मूल्‍यांकन कराना है। इस सर्वेक्षण में परिवारों से अगले तीन माह तथा एक वर्ष मे कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (सामान्‍य कीमतें और विशिष्‍ट उत्‍पाद समूहों की कीमतें) पर गुणात्‍मक प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं तथा वर्तमान, अगले तीन माह और अगले एक वर्ष में मुद्रास्‍फीति दरों पर मात्रात्‍मक प्रक्रियाएं मांगी जाती हैं। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति निर्माण के लिए उपयोगी सूचना प्रदान करते हैं।

जून 28, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण के जुलाई 2024 दौर की शुरूआत

भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण का जुलाई 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।   

भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण का जुलाई 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।   

जून 28, 2024
जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के बाज़ार उधार का सांकेतिक कैलेंडर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के परामर्श से घोषणा की है कि जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए राज्य सरकारों/ यूटी द्वारा कुल बाज़ार उधार की मात्रा ₹2,63,562 करोड़ रहने की संभावना है। तिमाही के दौरान आयोजित की जाने वाली नीलामियों की साप्ताहिक सूची, उन राज्यों/ यूटी के नामों के साथ जिन्होंने अपनी सहभागिता और अस्थायी सांकेतिक राशि की पुष्टि की है, निम्नानुसार है

भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के परामर्श से घोषणा की है कि जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए राज्य सरकारों/ यूटी द्वारा कुल बाज़ार उधार की मात्रा ₹2,63,562 करोड़ रहने की संभावना है। तिमाही के दौरान आयोजित की जाने वाली नीलामियों की साप्ताहिक सूची, उन राज्यों/ यूटी के नामों के साथ जिन्होंने अपनी सहभागिता और अस्थायी सांकेतिक राशि की पुष्टि की है, निम्नानुसार है

जून 28, 2024
वर्ष 2023-24 के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्य-निष्पादन

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2023-24 के दौरान निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्य-निष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए, जो 3,281 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से लिए गए हैं। तुलना करने के लिए इनमें 2022-23 के आंकड़े भी शामिल हैं (वेब-लिंक https://data.rbi.org.in/DBIE)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2023-24 के दौरान निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्य-निष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए, जो 3,281 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से लिए गए हैं। तुलना करने के लिए इनमें 2022-23 के आंकड़े भी शामिल हैं (वेब-लिंक https://data.rbi.org.in/DBIE)

जून 28, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – जून 2024

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – जून 2024 जून 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं। मुख्य बातें: ऋण दरें: • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) मई 2024 में 9.39 प्रतिशत (अप्रैल 2024 में 9.55 प्रतिशत) रही। • एससीबी के बकाया रुपया ऋणों पर डब्लूएएलआर मई 2024 में 9.83 प्रतिशत पर यथावत् बनी रही । • एससीबी की एक वर्ष की औसत निधि की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) मई 2024 में 8.79 प्रतिशत से बढ़कर जून 2024 में 8.85 प्रतिशत हो गई।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – जून 2024 जून 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं। मुख्य बातें: ऋण दरें: • एससीबी के नए रुपया ऋणों पर भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) मई 2024 में 9.39 प्रतिशत (अप्रैल 2024 में 9.55 प्रतिशत) रही। • एससीबी के बकाया रुपया ऋणों पर डब्लूएएलआर मई 2024 में 9.83 प्रतिशत पर यथावत् बनी रही । • एससीबी की एक वर्ष की औसत निधि की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) मई 2024 में 8.79 प्रतिशत से बढ़कर जून 2024 में 8.85 प्रतिशत हो गई।

जून 28, 2024
मई 2024 माह के लिए भारत के अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार संबंधी मासिक आंकड़े

 मई 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह प्राप्तियां (निर्यात) भुगतान (आयात) जनवरी – 2024 31,009 (10.7) 14,842 (0.1) फरवरी – 2024 28,335 (3.4) 15,231 (1.7) मार्च – 2024 30,014

 मई 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह प्राप्तियां (निर्यात) भुगतान (आयात) जनवरी – 2024 31,009 (10.7) 14,842 (0.1) फरवरी – 2024 28,335 (3.4) 15,231 (1.7) मार्च – 2024 30,014

जून 28, 2024
दिनांक 14 जून 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 16-जून-2023 31-मई-2024* 14-जून-2024* 16-जून-2023 31-मई-2024* 14-जून-2024* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 244966.09 283850.22 273343.39 247408.55 287696.36 277132.61 ख) बैंकों से लिये गये ऋण 39769.92 163095.32 151774.70 39846.04 163135.01 151776.70 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 61063.21 76511.12 75822.77 61719.33 76934.48 76088.94 II अन्य के प्रति देयताएं (क) क) जमाराशियां (बैंकों से ली गयी जमाराशियों से इतर) 18567956.33 21087206.37 (20992027.54) 20902919.69 (20809915.51) 19006772.74 21544610.05 (21449431.22) 21358531.67 (21265527.49) i) मांग 2160215.92 2506492.91 2390682.17 2205411.11 2556467.62 2440643.48

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 16-जून-2023 31-मई-2024* 14-जून-2024* 16-जून-2023 31-मई-2024* 14-जून-2024* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 244966.09 283850.22 273343.39 247408.55 287696.36 277132.61 ख) बैंकों से लिये गये ऋण 39769.92 163095.32 151774.70 39846.04 163135.01 151776.70 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 61063.21 76511.12 75822.77 61719.33 76934.48 76088.94 II अन्य के प्रति देयताएं (क) क) जमाराशियां (बैंकों से ली गयी जमाराशियों से इतर) 18567956.33 21087206.37 (20992027.54) 20902919.69 (20809915.51) 19006772.74 21544610.05 (21449431.22) 21358531.67 (21265527.49) i) मांग 2160215.92 2506492.91 2390682.17 2205411.11 2556467.62 2440643.48

जून 28, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 23 जून 14 जून सप्ताह सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 12339 7994 4039 -3955 -8300 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है। 2. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि * मद 21 जून 2024 तक निम्नलिखित अवधि में घट-बढ़ सप्ताह मार्च 2024 की समाप्ति पर वर्ष ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ 1 2 3 4 5 6 7 8 1 कुल आरक्षित निधि 5460976 653711 5055 816 69720 7292 594535 60513 1.1 

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 23 जून 14 जून सप्ताह सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 12339 7994 4039 -3955 -8300 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है। 2. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि * मद 21 जून 2024 तक निम्नलिखित अवधि में घट-बढ़ सप्ताह मार्च 2024 की समाप्ति पर वर्ष ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ ₹ करोड़ मिलियन अ.$ 1 2 3 4 5 6 7 8 1 कुल आरक्षित निधि 5460976 653711 5055 816 69720 7292 594535 60513 1.1 

जून 28, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने 18वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन में केंद्रीय बैंक सांख्यिकी के विकास और आगे की राह पर चर्चा की

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में आधुनिक आधिकारिक सांख्यिकी की नींव रखने में अग्रणी योगदान देने वाले स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की स्मृति में ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ समारोह के एक भाग के रूप में ‘आरबीआई सांख्यिकी@90’ विषय पर अपना 18वां वार्षिक सांख्यिकी दिवस सम्मेलन आयोजित किया। 

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में आधुनिक आधिकारिक सांख्यिकी की नींव रखने में अग्रणी योगदान देने वाले स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की स्मृति में ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ समारोह के एक भाग के रूप में ‘आरबीआई सांख्यिकी@90’ विषय पर अपना 18वां वार्षिक सांख्यिकी दिवस सम्मेलन आयोजित किया। 

जून 28, 2024
बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन – मई 2024

मई 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर खाद्येतर बैंक ऋण[2] में मई 2024[3] में 16.2 प्रतिशत की संवृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 15.5 प्रतिशत थी।

मई 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।

वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर खाद्येतर बैंक ऋण[2] में मई 2024[3] में 16.2 प्रतिशत की संवृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 15.5 प्रतिशत थी।

जून 27, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, जून 2024 जारी की

आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 29वां अंक जारी किया, जो वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है। मुख्य बातें: • वैश्विक अर्थव्यवस्था को लंबे समय से चले आ रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और अवस्फीति के अंतिम पड़ाव में धीमी प्रगति से बढ़ते जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, वैश्विक वित्तीय प्रणाली आघात-सह बनी हुई है और वित्तीय स्थितियाँ स्थिर हैं।

आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 29वां अंक जारी किया, जो वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है। मुख्य बातें: • वैश्विक अर्थव्यवस्था को लंबे समय से चले आ रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और अवस्फीति के अंतिम पड़ाव में धीमी प्रगति से बढ़ते जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, वैश्विक वित्तीय प्रणाली आघात-सह बनी हुई है और वित्तीय स्थितियाँ स्थिर हैं।

जून 26, 2024
21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 जून 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 14 जून 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

जून 25, 2024
भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी), मार्च 2024

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्च 2024 के अंत के लिए भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए[1]। मुख्य बातें जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आईआईपी: भारत पर अनिवासियों के निवल दावे 2023-24 की चौथी तिमाही के दौरान 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर मार्च 2024 के अंत तक 361.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय आस्तियों में, भारत में विदेशी स्वामित्व वाली आस्तियों (31.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में उच्चतर वृद्धि (38.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) दर्ज की गई, जिसके कारण तिमाही के दौरान अनिवासियों के निवल दावों में गिरावट आई (तालिका 1)।

जून 25, 2024
मार्च 2024 के अंत में भारत का बाह्य ऋण

मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2]  की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।

मार्च 2024 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (आईएमएफ फार्मेट[1]) और II (पुराना फार्मेट) में दिए गए हैं। मार्च 2024 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य बातें मार्च 2024 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में अपने स्तर से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 1)। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं, जैसे येन, यूरो और एसडीआर[2]  की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यवृद्धि के कारण मूल्यन प्रभाव 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। मूल्यन प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में मार्च 2023 के अंत में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में मार्च 2024 के अंत में 48.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। मार्च 2024 के अंत में, दीर्घावधि ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाले) 541.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च 2023 के अंत में इसके स्तर से 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। कुल बाह्य ऋण में अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक मूल परिपक्वता वाले) की हिस्सेदारी मार्च 2023 के अंत में 20.6 प्रतिशत से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.5 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि की तुलना में अल्पावधि ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में घटकर 19.0 प्रतिशत (मार्च 2023 के अंत में 22.2 प्रतिशत) हो गया।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024

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