भाषण
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें
प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 15, 2025