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दिस॰ 06, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ– अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए  के अंतर्गत नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ को दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. LKO.DOS.SED.No.S875/10-03-759/2022-2023 के माध्यम से 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 4 सितंबर 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-50/12-28-015/2024-2025 द्वारा 10 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है। 

दिस॰ 06, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम नई जीएस 2027 6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹7,000 करोड़ ₹13,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹7,000 करोड़ ₹13,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 73 169 218 (ii) राशि ₹ 21411.000 करोड़ ₹ 23251.218 करोड़ ₹ 25882.504 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्‍य / प्रतिफल - 100.38 100.93 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.64%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.8783%) (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0140%) V. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 22 134 79 (ii) राशि ₹ 6994.253 करोड़ ₹ 12995.288 करोड़ ₹ 9993.478 करोड़ VI. प्रतिर्स्धी बोलियों के लिए आंशिक आबंटन प्रतिशत 65.00% 95.50% 46.52% (12 बोलियां) (3 बोलियां) (12 बोलियां) VII. भारित औसत मूल्‍य / प्रतिफल 100.02 100.51 100.98

दिस॰ 06, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

नई जीएस 2027 6.92% जीएस 2039 7.09% जीएस 2054 I. अधिसूचित राशि ₹7,000 करोड़ ₹13,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य (₹) / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 6.64% 100.38/6.8783% 100.93/7.0140% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹7,000 करोड़ ₹13,000 करोड़ ₹10,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य शून्य

दिस॰ 06, 2024
दिनांक 6 दिसंबर 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 6 दिसंबर 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:

दिस॰ 06, 2024
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) चलनिधि और वित्तीय बाजार; (ii) विनियमन; (iii) संचार; (iv) वित्तीय समावेशन; (v) भुगतान प्रणाली; और (vi) फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि और वित्तीय बाजार 1. आरक्षित नकदी निधि अनुपात को कम करना सभी बैंकों के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 25 बीपीएस की दो बराबर शृंखलाओं में 50 बीपीएस घटाकर निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 4.0 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है, जो क्रमशः 14 दिसंबर 2024 और 28 दिसंबर 2024 से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगा। इससे सीआरआर एनडीटीएल के 4 प्रतिशत हो जाएगा, जो अप्रैल 2022 में नीति के सख्ती चक्र की शुरुआत से पहले लागू था। सीआरआर में इस कमी से बैंकिंग प्रणाली में लगभग ₹ 1.16 लाख करोड़ की प्राथमिक चलनिधि आएगी।

दिस॰ 06, 2024
गवर्नर का वक्तव्य: 6 दिसंबर 2024

चूंकि हम 2025 की दहलीज पर खड़े हैं, मैं 2024 की घटनापूर्ण यात्रा पर विचार करना चाहूंगा। पिछले कुछ वर्षों की प्रवृत्ति के अनुरूप, केंद्रीय बैंकों को एक बार फिर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निरंतर, विशाल और जटिल झटकों से बचाने के लिए अंतिम परीक्षा से गुजरना पड़ा। केंद्रीय बैंक लगातार भू-राजनीतिक संघर्षों, भू-आर्थिक विखंडन, वित्तीय बाजार में अस्थिरता और निरंतर अनिश्चितताओं, जो सभी मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की लचीलेपन की परीक्षा ले रहे हैं, द्वारा निर्मित नए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य के अनुकूल खुद को ढाल रहे हैं। उन्नत और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) दोनों के लिए अवस्फीति का अंतिम चरण लंबा और कठिन होता जा रहा है। समष्टि आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना तथा बफर्स का निर्माण करना, उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।

दिस॰ 06, 2024
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2024-25 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 दिसंबर 2024

मौद्रिक नीति निर्णय वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 दिसंबर 2024) की अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।

दिस॰ 06, 2024
दिनांक 5 दिसंबर 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 596,951.64 6.54 5.00-6.90 I. मांग मुद्रा 12,150.79 6.53 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 435,140.30 6.54 6.39-6.75 III. बाज़ार रेपो 148,181.85 6.54 5.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 1,478.70 6.69 6.65-6.85 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 232.58 6.57 6.25-6.65 II. मीयादी मुद्रा@@ 545.00 - 6.75-7.80 III. ट्राइपार्टी रेपो 352.00 6.70 6.65-6.75 IV. बाज़ार रेपो 1,164.35 6.58 6.55-6.85 V. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 0.00 - -

दिस॰ 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीयरिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ)’ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और ‘शेयर पूंजी और प्रतिभूतियों के निर्गम और विनियमन – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56  के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

दिस॰ 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बापटला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि बापटला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’, ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) ’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 06, 2025

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