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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग – 8 फरवरी 2016 से e-Biz प्लेटफार्म पर फॉर्म ARF, FCGPR FCTRS प्रस्तुत करने की अनिवार्यता और इन्हें भौतिक/कागजी रूप में फाइलिंग बंद करना

भारिबैंक/2015-16/303
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 40

01 फरवरी 2016

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग – 8 फरवरी 2016 से e-Biz प्लेटफार्म पर फॉर्म ARF, FCGPR FCTRS प्रस्तुत करने की अनिवार्यता और इन्हें भौतिक/कागजी रूप में फाइलिंग बंद करना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के मार्फत रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 11 फरवरी 2014 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 102, 18 जुलाई 2014 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 6, 12 फरवरी 2015 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं.77, 17 अप्रैल 2015 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 95, तथा 21 अगस्त 2015 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 9 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है।

2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी लेनदेनों को सरलता से रिपोर्ट करने को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की e-Biz परियोजना के तत्वावधान में निम्नलिखित रिपोर्टों को ऑनलाइन फाइल करने की सुविधा प्रारंभ की है:

  • अग्रिम विप्रेषण फॉर्म (ARF), जिसका उपयोग कंपनियों द्वारा उनके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अंत:प्रवाह (inflow) संबंधी सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक को देने के लिए किया जाता है;

  • FCGPR फॉर्म – जिसका उपयोग कंपनियाँ अपने FDI के अंत:प्रवाह (inflow) के बदले अपने समुद्रपारीय निवेशकों को जारी पात्र लिखतों की रिपोर्टिंग भारतीय रिज़र्व बैंक को करने के लिए करती हैं; और

  • FCTRS फॉर्म – जो निवासियों और भारत से बाहर के व्यक्तियों के बीच प्रतिभूतियों के अंतरण के बाबत भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करने हेतु प्रस्तुत किया जाता है।

3. फिलहाल यूज़र्स को इन फॉर्म्स को दोनों तरीकों से, यथा: ऑनलाइन और भौतिक/कागजी रूप में फ़ाइल करने का विकल्प मौजूद है।

4. इस संबंध में प्राप्त अनुभव के आधार पर अब यह निर्णय लिया गया है कि आगामी 8 फरवरी 2016 से ARF, FCGPR और FCTRS फॉर्मों की फिजिकल फ़ाईलिंग बंद कर दी जाएगी तथा e-Biz पोर्टल पर ऑनलाइन प्रस्तुत फॉर्म ही स्वीकार किए जाएंगे।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं। उन्हें यह सूचित किया जाता है कि वे अपने ग्राहकों को e-Biz प्लेटफार्म पर उक्त फॉर्म्स अपलोड करने में सहायोग / सहायता प्रदान करें।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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