विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा कर्ज में निवेश और ऋण चूक अदला-बदली की बिक्री की सीमा - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा कर्ज में निवेश और ऋण चूक अदला-बदली की बिक्री की सीमा
आरबीआई/2024-25/27 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 03 26 अप्रैल, 2024 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा कर्ज में निवेश और ऋण चूक अदला-बदली की बिक्री की सीमा
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 17 अक्टूबर, 2019 की अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (कर्ज लिखत) विनियम, 2019 की अनुसूची 1 और उसके तहत जारी प्रासंगिक निदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित निदेशों का भी संदर्भ आमंत्रित किया जाता है: ए) ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.25 दिनांक 30 मार्च, 2020; बी) परिपत्र सं. एफएमआरडी.एफ़एमएसडी.सं.25/14.01.006/2019-20 दिनांक 30 मार्च, 2020; सी) ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.23 दिनांक 10 फरवरी, 2022; डी) ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.01 दिनांक 19 अप्रैल, 2022; ई) परिपत्र सं. एफएमआरडी.एफएमआइडी.सं.04/14.01.006/2022-23 दिनांक 07 जुलाई 2022; एफ) परिपत्र सं. एफएमआरडी.एफएमआइडी.सं.07/14.01.006/2022-23 दिनांक 23 जनवरी 2023; और जी) परिपत्र सं. एफएमआरडी.एफएमआइडी.सं.04/14.01.006/2023-24 दिनांक 08 नवम्बर 2023;
3. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निवेश सीमा: ए) सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक), राज्य सरकार की प्रतिभूतियों (एसजीएस) और कॉर्पोरेट बॉण्ड में एफपीआई निवेश की सीमा 2024-25 के लिए प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक के क्रमशः 6 प्रतिशत, 2 प्रतिशत और 15 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी। बी) अभी तक, पात्र निवेशकों द्वारा 'निर्दिष्ट प्रतिभूतियों' में किए गए सभी निवेशों को दिनांक 30 मार्च, 2020 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.25 के अनुसार पूर्णतः सुलभ मार्ग (एफएआर) के तहत माना जाएगा। सी) दो उप-श्रेणियों - 'सामान्य' और 'दीर्घकालिक' - पर जी-सेक सीमा (पूर्ण रूप से) में वृद्धिशील परिवर्तनों का आवंटन 2024-25 के लिए 50:50 पर बरकरार रखा जाएगा। डी) एसजीएस के लिए सीमा में संपूर्ण वृद्धि (पूर्ण रूप से) एसजीएस की 'सामान्य' उप-श्रेणी में जोड़ दी गई है।
4. विभिन्न श्रेणियों के लिए संशोधित सीमाएँ (पूर्ण रूप में) सारणी 1 में हैं:
5. दिनांक 10 फरवरी, 2022 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.23 के अनुसार, एफपीआई द्वारा बेची गई ऋण चूक अदला-बदली (क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप) की अनुमानित राशि की कुल सीमा कॉर्पोरेट बॉन्ड के बकाया स्टॉक का 5 प्रतिशत होगी। तदनुसार, 2024-25 के लिए ₹2,54,500 करोड़ की अतिरिक्त सीमा निर्धारित की गई है। 6. एडी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की सामग्री को अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों के ध्यान में लाएँ। 7. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 के 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किए गए हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत आवश्यक अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, के प्रति पूर्वाग्रह के बिना हैं।
भवदीया, (डिम्पल भांडिया) मुख्य महाप्रबंधक |