भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025
आरबीआई/2024-25/117 21 फरवरी, 2025 सभी पात्र बाजार सहभागी महोदया/महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025 कृपया सार्वजनिक फीडबैक के लिए बॉण्ड वायदा पर मसौदा निदेश जारी करने के संबंध में 28 दिसंबर, 2023 की प्रेस विज्ञप्ति देखें। 2. बाजार सहभागियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, निदेशों के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025 इसके साथ जारी किए जा रहे हैं। राजपत्र अधिसूचना (एस.ओ.2192(ई), दिनांक 8 जनवरी, 2010) में किए गए आवश्यक संशोधन दिनांक 13 फरवरी, 2025 के राजपत्र आईडी सं.सीजी-एमएच-ई-13022025-260991 के माध्यम से सरकारी राजपत्र मेंअधिसूचित किए गए हैं, जिसकी एक प्रति इस परिपत्र के साथ संलग्न है। 3. इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं में लेन-देन को सक्षम करने के लिए निम्नलिखित निदेशों को अद्यतन किया गया है: ए. मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव्स में मार्केट-मेकर्स) निर्देश, 2021; और 4. ये निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डबल्यू के साथ पठित धारा 45यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे समर्थ बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.17/14.03.042/2024-25, दिनांक 21 फरवरी, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (जिसे इसके बाद अधिनियम कहा गया है) की धारा 45यू के साथ पठित धारा 45डबल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (जिसे इसके बाद रिज़र्व बैंक कहा जाएगा) एतद्द्वारा निम्नलिखित निदेश जारी करता है। विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) और विदेशी मुद्रा प्रबंध (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 (अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी, दिनांक 17 अक्टूबर, 2019) का भी संदर्भ आमंत्रित किया जाता है। 1. निदेशों का संक्षिप्त नाम, आरंभ और प्रयोज्यता: (i) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदा) निदेश, 2025 कहा जाएगा। (ii) ये निदेश भारत में ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार में किए गए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं (जिन्हें इसके बाद बॉण्ड वायदा कहा गया है) पर लागू होंगे। (iii) ये निर्देश 02 मई, 2025 से प्रभावी होंगे। 2. परिभाषाएं (i) इन निदेशों के प्रयोजन के लिए, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो: (ए) बॉण्ड वायदा का अर्थ है- रुपया ब्याज दर व्युत्पन्नी संविदा जिसमें एक प्रतिपक्ष (खरीदार) भविष्य की एक निर्दिष्ट तारीख पर और संविदा के समय निर्धारित कीमत पर किसी अन्य प्रतिपक्ष (विक्रेता) से एक विशिष्ट सरकारी प्रतिभूति खरीदने के लिए सहमत होता है। (बी) एक बॉण्ड वायदा के नकद निपटान का अर्थ है- एक निपटान प्रक्रिया जिसमें परिपक्वता / समाप्ति तिथि के अनुसार वायदा संविदा के नकद निपटान मूल्य का संविदा की शर्तों के तहत प्रतिपक्षों के बीच आदान-प्रदान किया जाता है। (सी) कवर्ड शॉर्ट का अर्थ है- बॉण्ड वायदा में एक स्थिति जिसमें वायदा संविदा का विक्रेता स्थिति के अंतर्निहित सरकारी प्रतिभूति के बराबर राशि रखता है। (डी) इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का वही अर्थ होगा जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018, दिनांक 05 अक्टूबर 2018 के पैरा 2(1)(iii) में परिभाषित किया गया है, या समय-समय पर संशोधित किया गया है। (ई) एक्सचेंज का अर्थ है- एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज जैसा कि प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत परिभाषित किया गया है। (एफ) सरकारी प्रतिभूति का वही अर्थ होगा जो सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 की धारा 2(एफ) में परिभाषित किया गया है, और इन निदेशों के प्रयोजन के लिए ट्रेजरी बिलों को इससे बाहर रखा जाएगा। (जी) सरकारी प्रतिभूति उधार (जीएसएल) लेनदेन का वही अर्थ होगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक (सरकारी प्रतिभूति उधार) निदेश, 2023, दिनांक 27 दिसंबर, 2023 के पैरा 2(1)(एफ) में परिभाषित किया गया है, या समय-समय पर संशोधित किया गया है। (एच) मार्केट-मेकर का अर्थ ऐसी संस्था है, जो प्रयोक्ताओं और अन्य मार्केट मेकर्स को कीमतें प्रदान करती है। (आई) अनिवासी भारत के बाहर निवासी व्यक्ति है जैसा कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 2(डब्ल्यू) में परिभाषित है। (जे) ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार एक ऐसे बाजार को संदर्भित करता है जहां बॉण्ड वायदा लेनदेन, एक्सचेंजों के अलावा किसी भी तरीके से किए जाते हैं और इसमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर किए गए लेनदेन शामिल होंगे। (के) एक बॉण्ड वायदा के भौतिक निपटान का अर्थ है- ऐसी निपटान प्रक्रिया जिसमें विक्रेता संविदा की शर्तों के तहत, खरीदार से संविदागत मूल्य की प्राप्ति के बदले, खरीदार को अंतर्निहित सरकारी प्रतिभूति हस्तांतरित करता है। (एल) रेपो का वही अर्थ होगा जो आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45यू (सी) में परिभाषित किया गया है। (एम) अनकवर्ड शॉर्ट का अर्थ है- कवर शॉर्ट पोजीशन के अलावा बॉण्ड वायदा में शॉर्ट पोजीशन। (एन) उपयोगकर्ता का अर्थ उस व्यक्ति से है जो मार्केट मेकर के बजाय अन्य व्यक्ति के रूप में बॉण्ड वायदा में लेनदेन करता है। (ii) इन निदेशों में प्रयुक्त लेकिन अपरिभाषित शब्दों और अभिव्यक्तियों का वही अर्थ होगा जो अधिनियम या सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 में उन्हें दिया गया है। 3. पात्र बाजार सहभागी निम्नलिखित व्यक्ति इन निदेशों के तहत अनुमत सीमा तक बॉण्ड वायदा लेनदेन करने के लिए पात्र होंगे: (ए) निवासी; और (बी) अनिवासी जो समय-समय पर यथासंशोधित 17 अक्टूबर 2019 के विदेशी मुद्रा प्रबंध (ऋण लिखत) विनियम, 2019 के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए पात्र है। 4. मार्केट-मेकर और उपयोगकर्ता 4.1 मार्केट-मेकर (i) निम्नलिखित संस्थाएं मार्केट-मेकर के रूप में बॉण्ड वायदा में लेनदेन करने के लिए पात्र होंगी: (ए) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक ( लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को छोड़कर); और (बी) एक स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर (एसपीडी)। (ii) एक मार्केट-मेकर बॉण्ड वायदा में बिना किसी सीमा के लॉन्ग पोजीशन और कवर्ड शॉर्ट पोजीशन ले सकता है। (iii) समय-समय पर यथासंशोधित 25 जुलाई 2018 के शॉर्ट सेल (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के अनुसार शॉर्ट सेल करने की अनुमति प्राप्त मार्केट मेकर भी अनकवर्ड शॉर्ट पोजीशन लेने के लिए पात्र होगा, बशर्ते अंतर्निहित सरकारी प्रतिभूति शॉर्ट सेल का पात्र हो। ऐसी अनकवर्ड शॉर्ट पोजीशनों की गणना शॉर्ट सेल पर प्रतिभूति स्तर की सीमाओं में की जाएगी और समय-समय पर यथासंशोधित 25 जुलाई 2018 के शॉर्ट सेल (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 में शॉर्ट पोजीशन को कवर करने के लिए निर्दिष्ट अधिकतम अवधि से अधिक अवधि के लिए अनकवर्ड नहीं रखी जा सकती है। (iv) बॉण्ड वायदा लेनदेन के लिए पार्टियों में से कम से कम एक पार्टी मार्केट-मेकर या इस उद्देश्य के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत एक केंद्रीय काउंटर पार्टी होगी। 4.2 उपयोगकर्ता समय-समय पर यथासंशोधित 26 जून 2019 के रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 के अनुसार गैर-खुदरा उपयोगकर्ता के रूप में वर्गीकृत होने के लिए पात्र कोई भी संस्था, उपयोगकर्ता के रूप में बॉण्ड वायदा में लेनदेन करने के लिए पात्र होगी। 4.2.1 उपयोगकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश (i) एक पात्र निवासी उपयोगकर्ता बिना किसी सीमा के बॉण्ड वायदा में लॉन्ग पोजीशन ले सकता है। (ii) एक पात्र उपयोगकर्ता (निवासी और अनिवासी) केवल हेजिंग के उद्देश्य से बॉण्ड वायदा में कवर्ड शॉर्ट पोजीशन ले सकता है। (iii) यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपयोगकर्ता द्वारा ली गई शॉर्ट पोजीशन को कवर किया गया है, मार्केट-मेकर उपयोगकर्ता से किसी भी प्रासंगिक जानकारी / दस्तावेजों की मांग कर सकते हैं, और वह ऐसी जानकारी / दस्तावेज प्रदान करने के लिए बाध्य होगा। (iv) बॉण्ड वायदा में कवर्ड शॉर्ट पोजीशन वाला उपयोगकर्ता अपनी शॉर्ट पोजीशन से बाहर निकल जाएगा, यदि वह अंतर्निहित सरकारी प्रतिभूति को होल्ड करना बंद कर देता है। 5. निपटान और मोचन (अनवाइंडिंग) (i) एक बॉण्ड वायदा लेनदेन भौतिक रूप से निपटाया जा सकता है या नकद-निपटाया जा सकता है। (ii) भौतिक रूप से निपटाए गए बाण्ड वायदा लेन-देन का निपटान क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) अथवा इस प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किसी अन्य समाशोधन एजेंसी या समाशोधन व्यवस्था के माध्यम से किया जाएगा। (iii) नकद निपटाए गए बॉण्ड वायदा लेन-देन का निपटान द्विपक्षीय रूप से अथवा इस प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किसी समाशोधन व्यवस्था के माध्यम से किया जा सकता है। (iv) कोई बाजार सहभागी मूल काउंटरपार्टी के साथ अपनी पोजीशन की अनवाइंडिंग कर अथवा नवीयन (नोवेशन) के माध्यम से किसी अन्य पात्र बाजार सहभागी(यों) को अपनी पोजीशन असाइन करके बाण्ड वायदा में अपनी पोजीशन से बाहर निकल सकता1 है बशर्ते ऐसा अधिसूचना सं. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.76/21.04.157/2013-14 द्वारा जारी दिनांक 9 दिसम्बर, 2013 के ओटीसी व्युत्पन्न संविदाओं के नवीयन (नोवेशन) संबंधी परिपत्र के उपबंधों के अधीन हो। तथापि, उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2, पैरा 5.1 और पैरा 5.2 के अंतर्गत किए गए प्रावधान, इन निदेशों के अनुसार किए गए बाण्ड वायदा लेनदेनों के नवीयन (नोवेशन) पर लागू नहीं होंगे। (v) बॉण्ड वायदा लेनदेनों के लिए निपटान आधार और बाजार अभिसमयों को, बाजार सहभागियों के परामर्श से, भारतीय नियत आय मुद्रा बाजार और व्युत्पन्नी संघ (एफआईएमएमडीए) द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाएगा। एफआईएमएमडीए बॉण्ड वायदा लेनदेनों के लिए मानक प्रलेखन प्रक्रियाएं भी निर्धारित कर सकता है। बाजार सहभागी, वैकल्पिक रूप से, बॉण्ड वायदा लेनदेन के लिए एक मानक मास्टर समझौते का उपयोग कर सकते हैं। 6. बाजार का समय बॉण्ड वायदा लेन-देनों को करने के लिए बाजार समय, ओटीसी रुपया ब्याज दर व्युत्पन्नी लेन-देनों को करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट बाजार समय होगा। 7. रिपोर्टिंग (i) मार्केट-मेकर, उस दिन के लिए टीआर के बंद होने से पहले सीसीआईएल के ट्रेड रिपोजिटरी (टीआर) को दिन के दौरान किए गए सभी बॉण्ड वायदा लेनदेन की रिपोर्ट करेगा। रिपोर्टिंग में, अन्यबातोंकेसाथ-साथ, काउंटरपार्टियों का ब्यौरा, अंतर्निहित सरकारी प्रतिभूति, निपटान प्रकार (नकद निपटाया गया अथवा भौतिक रूप से निपटाया गया) और क्या शॉर्ट पोजीशन कवर की गई अथवा अनकवर्ड शॉर्ट पोजीशन है, शामिल होगा। (ii) मार्केट-मेकर टीआर को अनवाइंडिंग, नवीयन, द्विपक्षीय निपटान और निपटान चूक के मामलों की रिपोर्ट करेंगे। (iii) उपयोगकर्ता से संबंधित ट्रेडों के संबंध में जिनका निपटान सीसीआईएल के माध्यम से किया जाएगा, उपयोगकर्ता अथवा सीसीआईएल का मार्केट-मेकर/समाशोधन सदस्य, जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता सीसीआईएल की समाशोधन एवं निपटान सेवाओं का लाभ उठा रहा है, उस दिन के लिए टीआर के बंद होने से पहले, दिन के दौरान किए गए सभी बाण्ड वायदा लेनदेनों की रिपोर्ट टीआर को देगा। अन्य ट्रेडों के लिए, उपयोगकर्ताओं को लेनदेन विवरण की रिपोर्ट/पुष्टि टीआर को करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे मामलों में, मार्केट-मेकर रिपोर्ट किए गए लेनदेन के संबंध में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा। (iv) रिपोर्टिंग प्रारूप रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से सीसीआईएल द्वारा दर्शाए अनुसार होंगे। (v) मार्केट-मेकर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके बहियों और टीआर के बीच बकाया शेष राशियों का मिलान किया जाए और सतत आधार पर समवर्ती लेखापरीक्षा की जाए। 8. रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने की बाध्यता रिज़र्व बैंक, पात्र सहभागियों और ईटीपी ऑपरेटरों सहित बॉण्ड वायदा लेनदेनों में कार्य करने वाले व्यक्तियों या एजेंसियों से ऐसी सूचना या विवरण मांग सकता है या कोई स्पष्टीकरण मांग सकता है, जो रिज़र्व बैंक की राय में आवश्यक है, और ऐसे व्यक्ति/एजेंसियां रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट समय के भीतर ऐसी सूचना, विवरण या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेंगे। 9. डेटा का प्रसार रिज़र्व बैंक, या रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य एजेंसी, सार्वजनिक हित में, बॉण्ड वायदा लेनदेन से संबंधित अनाम डेटा प्रकाशित कर सकती है। 10. विवेकपूर्ण मानदंड, लेखांकन और पूंजीगत आवश्यकताएं (i) बाजार सहभागी, बॉण्ड वायदा लेन-देनों के लिए अपने संबंधित विनियामकों द्वारा जारी पूंजी पर्याप्तता, एक्सपोजर मानदंडों, संबंधित पक्षकार लेनदेनों आदि से संबंधित लागू विवेकपूर्ण मानदंडों का अनुपालन करेंगे। (ii) मार्केट-मेकर, बॉण्ड वायदा में अपनी पोजीशन को बाजार में मार्क करने के लिए उपयुक्त और मजबूत पद्धति रखेगा। (iii) बाजार सहभागियों द्वारा बॉण्ड वायदों का लेखा-जोखा संबंधित विनियामकों द्वारा जारी विनियामकीय दिशानिर्देशों/अनुदेशों के साथ पठित, अधिसूचित और लागू लेखा मानकों के अनुसार होगा। यदि अधिसूचित लागू लेखा मानकों अथवा संबंधित विनियामक ने बॉण्ड वायदा के लिए लेखांकन व्यवहार निर्धारित नहीं किया है तो इस संबंध में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान द्वारा जारी मार्गदर्शन, यदि कोई हो, का अनुपालन किया जाएगा। 11. अन्य निदेश (i) बाण्ड वायदा में शॉर्ट पोजीशनों को कवर करने के लिए धारित सरकारी प्रतिभूतियों का उपयोग रेपो लेनदेनों में किया जा सकता है अथवा सरकारी प्रतिभूति उधार (जीएसएल) लेनदेनों (लेनदेनों) के अंतर्गत उधार/संपार्श्विक के रूप में दिया जा सकता है बशर्ते कि शार्ट पोजीशन का धारक अन्यथा रेपो/जीएसएल लेन-देन करने के लिए पात्र हो। (ii) बाण्ड वायदा में शॉर्ट पोजीशनों को कवर करने के लिए धारित सरकारी प्रतिभूतियां, शॉर्ट पोजीशन को कवर करने वाली संस्था द्वारा सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) के लिए गणना किए जाने के लिए पात्र होंगी, बशर्ते कि प्रतिभूति अन्यथा एसएलआर के लिए गणना किए जाने के लिए पात्र हो। (iii) मार्केट-मेकर, समय-समय पर यथाअद्यतित दिनांक 16 सितंबर, 2021 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव्स में मार्केट-मेकर) निदेश, 2021, के प्रावधानों का पालन करेगा। बाजार सहभागी को भारतीय रिज़र्व बैंक (बाजार दुरुपयोग निवारण) निदेश, 2019 के प्रावधानों का अनुपालन भी सुनिश्चित करना होगा। (iv) एक बॉण्ड वायदा लेनदेन जिसे केंद्रीय रूप से समाशोधित नहीं किया गया है, समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 08 मई, 2024 के मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-केंद्रीय रूप से समाशोधित ओटीसी डेरिवेटिव्स के लिए मार्जिनिंग) निदेश, 2024 के प्रावधानों के अनुसार भिन्नता (वैरिएशन) और प्रारंभिक मार्जिन के विनिमय की आवश्यकताओं के अधीन होगा। 12. अन्य कानूनों, निदेशों, विनियमों या दिशानिर्देशों की प्रयोज्यता बॉण्ड वायदा में लेन-देन करने वाला व्यक्ति या एजेंसी किसी भी विनियामक या प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए किसी भी निर्देश, विनियमन या दिशानिर्देश के प्रावधानों का पालन करेगा, जो बॉण्ड वायदा लेन-देन के संबंध में लागू हो, बशर्ते कि ऐसे निर्देश, नियम या दिशानिर्देश इन निर्देशों के साथ टकराव न करें। किसी भी विवाद के मामले में, इन निर्देशों के प्रावधान मान्य होंगे। 13. निदेशों का उल्लंघन यदि कोई व्यक्ति या एजेंसी इन निदेशों के किसी प्रावधान का उल्लंघन करती है तो रिज़र्व बैंक, कानून के अनुसार कोई दंडात्मक या विनियामक कार्रवाई करने के अलावा, सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के बाद, उस व्यक्ति या एजेंसी को एक बार में एक माह से अनधिक अवधि के लिए बॉण्ड वायदा में लेन-देन करने से रोक सकता है। ऐसी कार्रवाई को रिज़र्व बैंक द्वारा सार्वजनिक किया जाएगा। (डिम्पल भांडिया) 1 नवीयन (नोवेशन), एक ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए दो काउंटरपार्टियों (हस्तांतरणकर्ता, जो मौजूदा संविदा से बाहर निकलता है, और शेष पार्टी) के बीच एक संविदा का नई संविदा के साथ प्रतिस्थापन है जो शेष पार्टी और तीसरे पक्ष (हस्तांतरिती) के बीच किया जाता है। एक हस्तांतरिती, शेष पार्टी के लिए नया काउंटरपार्टी बन जाता है। |