प्रेस प्रकाशनी - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनी
मई 05, 2021
गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्व
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्व
अप्रैल 30, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30
अप्रैल 30, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का
अप्रैल 23, 2021
राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा
23 अप्रैल 2021 राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति, 2021 (अध्यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की डब्ल्यूएमए योजना में निम्नानुसार संशोधन किया है: डब्ल्यूएमए की सीमा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के कुल व्यय के आधार पर समिति द्वारा डब्ल्यूएमए की सीमा को ₹47,010 करोड़
23 अप्रैल 2021 राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति, 2021 (अध्यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की डब्ल्यूएमए योजना में निम्नानुसार संशोधन किया है: डब्ल्यूएमए की सीमा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के कुल व्यय के आधार पर समिति द्वारा डब्ल्यूएमए की सीमा को ₹47,010 करोड़
अप्रैल 22, 2021
मौद्रिक नीति समिति की 5-7 अप्रैल 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
22 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति की 5-7 अप्रैल 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अठाईसवीं बैठक 5 से 7 अप्रैल 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपम
22 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति की 5-7 अप्रैल 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अठाईसवीं बैठक 5 से 7 अप्रैल 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपम
अप्रैल 07, 2021
गवर्नर का वक्तव्य, 07 अप्रैल 2021
07 अप्रैल 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 07 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5, 6 एवं 7 अप्रैल 2021 को बैठक की और घरेलू तथा वैश्विक-दोनों की उभरती समष्टिगत आर्थिक एवं वित्तीय गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया । एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया । समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय भी लिया कि टिकाऊ संवृद्धि को बनाए रखने के लिए जब तक आवश्यक हो तब तक समायोजनकारी रुख को जारी रखते हुए अर्थव्यवस्था पर कोविड-
07 अप्रैल 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 07 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5, 6 एवं 7 अप्रैल 2021 को बैठक की और घरेलू तथा वैश्विक-दोनों की उभरती समष्टिगत आर्थिक एवं वित्तीय गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया । एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया । समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय भी लिया कि टिकाऊ संवृद्धि को बनाए रखने के लिए जब तक आवश्यक हो तब तक समायोजनकारी रुख को जारी रखते हुए अर्थव्यवस्था पर कोविड-
अप्रैल 07, 2021
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 5-7 अप्रैल 2021
7 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 5-7 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 अप्रैल 2021) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि : चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। नतीजतन, एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर बनी हुई हैं। यह स
7 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 5-7 अप्रैल 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 अप्रैल 2021) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि : चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। नतीजतन, एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर बनी हुई हैं। यह स
अप्रैल 07, 2021
ऑन टैप दीर्घावधि रेपो परिचालन-सामी - सीमा का विस्तार
7 अप्रैल 2021 ऑन टैप दीर्घावधि रेपो परिचालन-सामी - सीमा का विस्तार 7 अप्रैल 2021 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषितानुसार ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना, जिसे 31 मार्च, 2021 तक उपलब्ध कराया गया था, अब विशिष्ट क्षेत्रों में गतिविधि के पुनरुद्धार पर चलनिधि के उपायों का ध्यान बढ़ाने के मद्देनज़र 30 सितंबर, 2021 तक छह महीने की अवधि तक और आगे बढ़ाया जा रहा है। 2. योजना के अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित हैं। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 202
7 अप्रैल 2021 ऑन टैप दीर्घावधि रेपो परिचालन-सामी - सीमा का विस्तार 7 अप्रैल 2021 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषितानुसार ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना, जिसे 31 मार्च, 2021 तक उपलब्ध कराया गया था, अब विशिष्ट क्षेत्रों में गतिविधि के पुनरुद्धार पर चलनिधि के उपायों का ध्यान बढ़ाने के मद्देनज़र 30 सितंबर, 2021 तक छह महीने की अवधि तक और आगे बढ़ाया जा रहा है। 2. योजना के अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित हैं। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 202
अप्रैल 07, 2021
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
7 अप्रैल 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों की सहायता; (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण; (iii) ऋण प्रबंधन; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली; (v) वित्तीय समावेशन; और (vi) बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी विभिन्न विकासात्मक एवं विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है I. चलनिधि संबंधी उपाय 1. टीएलटीआरओ ऑन टैप योजना - समय सीमा का विस्तार ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों में गतिविधियों की बहाली के लिए चलनिधि के उपायों पर अधिक ध्यान क
7 अप्रैल 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों की सहायता; (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण; (iii) ऋण प्रबंधन; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली; (v) वित्तीय समावेशन; और (vi) बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी विभिन्न विकासात्मक एवं विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है I. चलनिधि संबंधी उपाय 1. टीएलटीआरओ ऑन टैप योजना - समय सीमा का विस्तार ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों में गतिविधियों की बहाली के लिए चलनिधि के उपायों पर अधिक ध्यान क
मार्च 24, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
24 मार्च 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19 के माध्यम से 25 जून 2019 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का स
24 मार्च 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19 के माध्यम से 25 जून 2019 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का स
मार्च 04, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
4 मार्च 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 03 मई, 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 04 मई, 2019 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया है और आखिरी बार वैधता का समय 04 मार्
4 मार्च 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 03 मई, 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 04 मई, 2019 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया है और आखिरी बार वैधता का समय 04 मार्
फ़र॰ 26, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
26 फरवरी 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I./D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 28 फरवरी 2021 तक बढ़ाया
26 फरवरी 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I./D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 28 फरवरी 2021 तक बढ़ाया
फ़र॰ 22, 2021
मौद्रिक नीति समिति की 3 से 5 फरवरी 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
22 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति की 3 से 5 फरवरी 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सत्ताइसवां बैठक 3 से 5 फरवरी 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपम
22 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति की 3 से 5 फरवरी 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सत्ताइसवां बैठक 3 से 5 फरवरी 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपम
फ़र॰ 05, 2021
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 3-5 फरवरी 2021
5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 3-5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (5 फरवरी 2021) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित
5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 3-5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (5 फरवरी 2021) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित
फ़र॰ 05, 2021
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में ग
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में ग
फ़र॰ 05, 2021
गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
जन॰ 08, 2021
सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली
8 जनवरी 2021 सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली 06 फरवरी 2020 को रिज़र्व बैंक ने एक संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे की घोषणा की थी, जिसमें चलनिधि प्रबंधन के लिए उद्देश्यों और टूलकिट को सरल और स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था। 2. COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर, तेजी से विकसित हो रही वित्तीय स्थितियों तथा लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के कारण व्यवधानों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया गया था और स्थायी
8 जनवरी 2021 सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली 06 फरवरी 2020 को रिज़र्व बैंक ने एक संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे की घोषणा की थी, जिसमें चलनिधि प्रबंधन के लिए उद्देश्यों और टूलकिट को सरल और स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था। 2. COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर, तेजी से विकसित हो रही वित्तीय स्थितियों तथा लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के कारण व्यवधानों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया गया था और स्थायी
दिस॰ 23, 2020
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक
23 दिसंबर 2020 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर, ने क्रमश: 22 और 23 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी / सीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कीं। रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नरों ने बैठकों में भाग लिया। अपने प्रारंभिक भाषण में, गवर्नर ने वर्तमान आर्थिक स्थिति पर बात की और आर्थिक गतिविध
23 दिसंबर 2020 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर, ने क्रमश: 22 और 23 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी / सीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कीं। रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नरों ने बैठकों में भाग लिया। अपने प्रारंभिक भाषण में, गवर्नर ने वर्तमान आर्थिक स्थिति पर बात की और आर्थिक गतिविध
दिस॰ 18, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
18 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छब्बीसवीं बैठक 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेव
18 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छब्बीसवीं बैठक 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेव
दिस॰ 15, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
15 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 जून 2020 के निदेश सं. DoS.CO.UCBs-West/D-1/12.07.157/2019-20 के माध्यम से 15 जून 2020 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि
15 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 जून 2020 के निदेश सं. DoS.CO.UCBs-West/D-1/12.07.157/2019-20 के माध्यम से 15 जून 2020 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि
दिस॰ 04, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
04 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 30 सितंबर 2020 के आदेश सं. DOR.CO.AID/.No.D-24/12.22.254/2020-2
04 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 30 सितंबर 2020 के आदेश सं. DOR.CO.AID/.No.D-24/12.22.254/2020-2
दिस॰ 04, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020
4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 दिसंबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 दिसंबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
दिस॰ 04, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
4 दिसंबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति के उपायों i) अर्थव्यवस्था के लक्षित क्षेत्रों के लिए चलनिधि समर्थन को अन्य क्षेत्रों से जोड़ना; (ii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iii) विनियामक पहलों के माध्यम से बैंकों और एनबीएफसी के बीच पूंजी का संरक्षण; (iv) लेखा परीक्षा कार्यों के माध्यम से पर्यवेक्षण को मजबूत करना; (v) निर्यातकों के लिए कारोबार करने में आसानी के लिए बाहरी व्यापार को सुविधाजनक बनाना; और (v
4 दिसंबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति के उपायों i) अर्थव्यवस्था के लक्षित क्षेत्रों के लिए चलनिधि समर्थन को अन्य क्षेत्रों से जोड़ना; (ii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iii) विनियामक पहलों के माध्यम से बैंकों और एनबीएफसी के बीच पूंजी का संरक्षण; (iv) लेखा परीक्षा कार्यों के माध्यम से पर्यवेक्षण को मजबूत करना; (v) निर्यातकों के लिए कारोबार करने में आसानी के लिए बाहरी व्यापार को सुविधाजनक बनाना; और (v
दिस॰ 04, 2020
गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020
04 दिसंबर 2020 गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 2, 3 और 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। इसने घरेलू और वैश्विक दोनों के वर्तमान समष्टि आर्थिक और वित्तीय विकास तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत संभावनाओं की समीक्षा की। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ने के लिए मतदान किया। यह भी निर्णय लिया गया कि जब तक आवश्यक हो तब तक मौद्रिक नीति के निभावकारी रुख को जारी रखा जाए - कम से
04 दिसंबर 2020 गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 2, 3 और 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। इसने घरेलू और वैश्विक दोनों के वर्तमान समष्टि आर्थिक और वित्तीय विकास तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत संभावनाओं की समीक्षा की। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ने के लिए मतदान किया। यह भी निर्णय लिया गया कि जब तक आवश्यक हो तब तक मौद्रिक नीति के निभावकारी रुख को जारी रखा जाए - कम से
नव॰ 26, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
26 नवंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया था। 2.
26 नवंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया था। 2.
नव॰ 02, 2020
रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया
2 नवंबर 2020 रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित विभिन्न बाजारों के लिए 7 अप्रैल 2020 से प्रभावी ट्रेडिंग घंटे को कोविड-19 के कारण होने वाली परिचालनात्मक अव्यवस्था तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया था। लॉकडाउन को क्रमिक रूप से समाप्त करने और लोगों के आवागमन और कार्यालयों के कामकाज पर प्रतिबंधों में ढील के साथ, चरणबद्ध तरीके से विनियमित बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटे को पुनः प्रचल
2 नवंबर 2020 रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित विभिन्न बाजारों के लिए 7 अप्रैल 2020 से प्रभावी ट्रेडिंग घंटे को कोविड-19 के कारण होने वाली परिचालनात्मक अव्यवस्था तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया था। लॉकडाउन को क्रमिक रूप से समाप्त करने और लोगों के आवागमन और कार्यालयों के कामकाज पर प्रतिबंधों में ढील के साथ, चरणबद्ध तरीके से विनियमित बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटे को पुनः प्रचल
अक्तू॰ 23, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
अक्तू॰ 09, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
अक्तू॰ 09, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
अक्तू॰ 09, 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
अक्तू॰ 03, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश–शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
सित॰ 29, 2020
अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
सित॰ 28, 2020
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
सित॰ 08, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
सित॰ 07, 2020
कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
अग॰ 31, 2020
रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं
अग॰ 31, 2020
रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार
31 अगस्त 2020 रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम बार वैधता का समय 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी
31 अगस्त 2020 रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - निदेश की अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम बार वैधता का समय 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी
अग॰ 20, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
20 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौबीसवीं बैठक 04 से 06 अगस्त 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. चेतन घाटे, प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान; डॉ. पामी दुआ, भूतपूर्व निदेशक, दिल्ली अर्थशास्त्र स्कूल; डॉ. रविन्द्र एच. ढोलकिया, भूतपूर्व
20 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति की 4 से 6 अगस्त 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चौबीसवीं बैठक 04 से 06 अगस्त 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. चेतन घाटे, प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान; डॉ. पामी दुआ, भूतपूर्व निदेशक, दिल्ली अर्थशास्त्र स्कूल; डॉ. रविन्द्र एच. ढोलकिया, भूतपूर्व
अग॰ 07, 2020
रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की
6 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की 6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्ति के समाधान संबंधी विवेकपूर्ण ढांचे के तहत विशेष विंडो के रूप में 'Covid19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' की घोषणा की है। समाधान ढांचे में अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी शामिल है, ताकि समाधान योजनाओं म
6 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की 6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्ति के समाधान संबंधी विवेकपूर्ण ढांचे के तहत विशेष विंडो के रूप में 'Covid19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' की घोषणा की है। समाधान ढांचे में अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी शामिल है, ताकि समाधान योजनाओं म
अग॰ 06, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
06 अगस्त 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य वित्तीय बाजारों और अन्य हितधारकों के लिए चलनिधि समर्थन को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है; ऋण क्षेत्र को मजबूत करते हुए COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दवाब को और कम करना; ऋण के प्रवाह में सुधार; डिजिटल भुगतान को मजबूत करना; चेक भुगतान में ग्राहक सुरक्षा की बढ़ोतरी; और एक नवाचार हब क माध्यम से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में नवाचारों की सु
06 अगस्त 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य वित्तीय बाजारों और अन्य हितधारकों के लिए चलनिधि समर्थन को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है; ऋण क्षेत्र को मजबूत करते हुए COVID-19 व्यवधानों के कारण वित्तीय दवाब को और कम करना; ऋण के प्रवाह में सुधार; डिजिटल भुगतान को मजबूत करना; चेक भुगतान में ग्राहक सुरक्षा की बढ़ोतरी; और एक नवाचार हब क माध्यम से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में नवाचारों की सु
अग॰ 06, 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020
06 अगस्त 2020 गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति ने अपने तत्वावधान में 24 वीं बार नए मौद्रिक नीति ढांचे के तहत अपने परिचालन के चार वर्ष पूर्ण करते हुए 2020-21 की दूसरी बैठक के लिए 4, 5 और 6 अगस्त को बैठक आयोजित की। एमपीसी ने घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के बीच विस्तार किया और भारत और दुनिया के लिए समग्र दृष्टिकोण पर उनके प्रभाव को बढ़ाया। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से 4 प्रतिशत की पॉलिसी रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के लिए वोट कि
06 अगस्त 2020 गवर्नर का वक्तव्य – 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति ने अपने तत्वावधान में 24 वीं बार नए मौद्रिक नीति ढांचे के तहत अपने परिचालन के चार वर्ष पूर्ण करते हुए 2020-21 की दूसरी बैठक के लिए 4, 5 और 6 अगस्त को बैठक आयोजित की। एमपीसी ने घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के बीच विस्तार किया और भारत और दुनिया के लिए समग्र दृष्टिकोण पर उनके प्रभाव को बढ़ाया। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से 4 प्रतिशत की पॉलिसी रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के लिए वोट कि
अग॰ 06, 2020
दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई
6 अगस्त 2020 दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई COVID-19 के कारण होने वाले व्यवधानों के संबंध में मानव संसाधन परिनियोजन का अनुकूलन करने और पात्र एलएएफ / एमएसएफ प्रतिभागियों को अपने दिन की समाप्ति पर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) शेष के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, रिज़र्व बैंक ने अपने ई-कुबेर सिस्टम में वैकल्पिक स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया ह
6 अगस्त 2020 दिन की समाप्ति पर एलएएफ परिचालन के लिए स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रारंभ की गई COVID-19 के कारण होने वाले व्यवधानों के संबंध में मानव संसाधन परिनियोजन का अनुकूलन करने और पात्र एलएएफ / एमएसएफ प्रतिभागियों को अपने दिन की समाप्ति पर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) शेष के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, रिज़र्व बैंक ने अपने ई-कुबेर सिस्टम में वैकल्पिक स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट (एएसआईएसओ) सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया ह
अग॰ 06, 2020
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए
06 अगस्त 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीएसएस) – जुलाई 2020 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – जुलाई 2020 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2019-20 की चौथी तिमाही 2020-21 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक प
06 अगस्त 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीएसएस) – जुलाई 2020 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – जुलाई 2020 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2019-20 की चौथी तिमाही 2020-21 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक प
अग॰ 06, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020
06 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 अगस्त 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
06 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 4 से 6 अगस्त 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (6 अगस्त 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
अग॰ 01, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र
1 अगस्त 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र को दिनांक 18 मई 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-6/12.22.351/2017-18 के माध्यम से दिनांक 19 मई 2018 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 21 मई 2020 के नि
1 अगस्त 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 A के अंतर्गत निदेश – शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र शिवम सहकारी बैंक लिमिटेड, ईचलकरंजी, कोल्हापूर, महाराष्ट्र को दिनांक 18 मई 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-6/12.22.351/2017-18 के माध्यम से दिनांक 19 मई 2018 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 21 मई 2020 के नि
जुल॰ 30, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से 31 अगस्त 2016 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 18 मार्च
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से 31 अगस्त 2016 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 18 मार्च
जुल॰ 30, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेशों की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिना
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-9/12.22.111/2016-17 के माध्यम से 30 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेशों की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिना
जुल॰ 15, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
15 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्यम से 17 अप्रैल 2018 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 07
15 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्यम से 17 अप्रैल 2018 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 07
जुल॰ 01, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
01 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-06/12.22.311/2018-19 के माध्यम से दिनांक 05 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOR.
01 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव. बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र यूथ डेव्हलपमेन्ट को-ऑपरेटिव बँक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-06/12.22.311/2018-19 के माध्यम से दिनांक 05 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय- समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOR.
जून 23, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि
19 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में दिनांक 4 जनवरी 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-6/12.22.311/2018-19 द्वारा 5 जनवरी 2019 को कारोबारी समय की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ प
19 जून 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र - जमाकर्ताओं के लिए आहरण सीमा में वृद्धि यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र को जमाकर्ताओं की सुरक्षा के हित में दिनांक 4 जनवरी 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I/डी-6/12.22.311/2018-19 द्वारा 5 जनवरी 2019 को कारोबारी समय की समाप्ति से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ प
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 02, 2025