Press Releases - Consumer Education and Protection - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
नवंबर 30, 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई
30 नवंबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई भारतीय रिज़र्व बैंक ने (दिनांक 27 नवम्बर 2018 के अपने निदेश के माध्यम से) रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर लगाए गए निदेशों की अवधि 01 दिसंबर 2018 से 28 फरवरी 2019 तक तीन महीने के लिए बढ़ा दी है तथा यह निदेश समीक्षाधीन रहेगा। निदेश को मूल रूप से 22 फरवरी 2013 से 21 अगस्त 2013 तक लगाया गया था जिसे आठ अवसरों पर छह महीनों के लिए और छह अवसरों पर तीन महीनो
30 नवंबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई भारतीय रिज़र्व बैंक ने (दिनांक 27 नवम्बर 2018 के अपने निदेश के माध्यम से) रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर लगाए गए निदेशों की अवधि 01 दिसंबर 2018 से 28 फरवरी 2019 तक तीन महीने के लिए बढ़ा दी है तथा यह निदेश समीक्षाधीन रहेगा। निदेश को मूल रूप से 22 फरवरी 2013 से 21 अगस्त 2013 तक लगाया गया था जिसे आठ अवसरों पर छह महीनों के लिए और छह अवसरों पर तीन महीनो
नवंबर 30, 2018
रिज़र्व बैंक ने पीपल्स को- ऑपरेटिव बैंक लि. देउलगाँवराजा, बुलढाणा पर दंड लगाया
30 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने पीपल्स को- ऑपरेटिव बैंक लि. देउलगाँवराजा, बुलढाणा पर दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (जैसा कि सहकारी समितियों पर लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा उसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीपल्स को- ऑपरेटिव बैंक लि. देउलगाँवराजा, बुलढाणा पर “अपने किसी भी निदेशक को ऋण या अग्रिम न देने के प्रावधानों का उल्लंघन करके” उक्त अधिनियम की धारा 20 का उल्लंघन करने और एक्स बी आर एल
30 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने पीपल्स को- ऑपरेटिव बैंक लि. देउलगाँवराजा, बुलढाणा पर दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (जैसा कि सहकारी समितियों पर लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा उसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीपल्स को- ऑपरेटिव बैंक लि. देउलगाँवराजा, बुलढाणा पर “अपने किसी भी निदेशक को ऋण या अग्रिम न देने के प्रावधानों का उल्लंघन करके” उक्त अधिनियम की धारा 20 का उल्लंघन करने और एक्स बी आर एल
नवंबर 30, 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 नवंबर 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल, 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 जुलाई, 2018 के आदेश के माध्यम से बढाया गया था जो 30 नवंबर, 2018 तक समीक्षाधीन
30 नवंबर 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल, 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 जुलाई, 2018 के आदेश के माध्यम से बढाया गया था जो 30 नवंबर, 2018 तक समीक्षाधीन
नवंबर 30, 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
30 नवंबर 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश के माध्यम से 31 अगस्त, 2016 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि 24 अगस्त 2018 के निदेश के माध्यम से बढाई गई थी जो समीक्षाधीन 30 नवंबर 2018 तक वैध थी। जन साध
30 नवंबर 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र द मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश के माध्यम से 31 अगस्त, 2016 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि 24 अगस्त 2018 के निदेश के माध्यम से बढाई गई थी जो समीक्षाधीन 30 नवंबर 2018 तक वैध थी। जन साध
नवंबर 29, 2018
रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., मैनपुरी, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया
29 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., मैनपुरी, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एचटीएम/ एएफ़एस/ एचएफ़टी में निवेश का वर्गीकरण, प्रूडेंशियल इंटर बैंक ग्रॉस एक्सपोजर लिमिट और इंटर बैंक काउंटर पार्टी लिमिट एवं आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी के
29 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., मैनपुरी, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एचटीएम/ एएफ़एस/ एचएफ़टी में निवेश का वर्गीकरण, प्रूडेंशियल इंटर बैंक ग्रॉस एक्सपोजर लिमिट और इंटर बैंक काउंटर पार्टी लिमिट एवं आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी के
नवंबर 29, 2018
रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक लि., गाजीपुर, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया
29 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक लि., गाजीपुर, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए यूसीबी द्वारा आवास योजनाओं के लिए वित्त प्रदान करना, निदेशकों / उनके रिश्तेदारों को ऋण प्रदान करना, जिसमें वे रुचि रखते हैं, असुरक्षित अग्रिमों पर अधिकतम सीमा, आय निर्धारण, आस्ति वर्गी
29 नवंबर 2018 रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक लि., गाजीपुर, उत्तर प्रदेश पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए यूसीबी द्वारा आवास योजनाओं के लिए वित्त प्रदान करना, निदेशकों / उनके रिश्तेदारों को ऋण प्रदान करना, जिसमें वे रुचि रखते हैं, असुरक्षित अग्रिमों पर अधिकतम सीमा, आय निर्धारण, आस्ति वर्गी
नवंबर 28, 2018
6 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा
28 नवंबर 2018 6 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें प्रदान किया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस सौंप दिया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. सं. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्
28 नवंबर 2018 6 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें प्रदान किया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापस सौंप दिया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. सं. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्
नवंबर 27, 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया
27 नवंबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्रम संख्या कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या पंजीकरण प्रमाणपत्र की तारीख पंजीकरण रद्द करने की तारीख 1. पी एस सी होल्डिंग प्राइवेट लिम
27 नवंबर 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्रम संख्या कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या पंजीकरण प्रमाणपत्र की तारीख पंजीकरण रद्द करने की तारीख 1. पी एस सी होल्डिंग प्राइवेट लिम
नवंबर 27, 2018
दि ऊरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, ऊरवकोंडा, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया
27 नवंबर 2018 दि ऊरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, ऊरवकोंडा, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केवाईसी दिशानिदेशों का उल्ल्घंन करने, रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने तथा अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने/गलत प्रस्तुत करने पर दि ऊरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, ऊरवकोंडा, आंध्रप्रदेश पर
27 नवंबर 2018 दि ऊरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, ऊरवकोंडा, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केवाईसी दिशानिदेशों का उल्ल्घंन करने, रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने तथा अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने/गलत प्रस्तुत करने पर दि ऊरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, ऊरवकोंडा, आंध्रप्रदेश पर
नवंबर 27, 2018
द नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नेल्लोर, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया
27 नवंबर 2018 द नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नेल्लोर, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक के संशोधित पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत बैंक पर लगाए गए पर्यवेक्षी प्रतिबंध का उल्ल्घंन करने पर द नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नेल्लोर, आंध्रप्रदेश पर
27 नवंबर 2018 द नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नेल्लोर, आंध्रप्रदेश पर दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक के संशोधित पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत बैंक पर लगाए गए पर्यवेक्षी प्रतिबंध का उल्ल्घंन करने पर द नेल्लोर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, नेल्लोर, आंध्रप्रदेश पर
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