पृष्ठ
भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
प्रेस प्रकाशनियां
मार्च 31, 2018
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत निर्देश- दि कपोल को-ओपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र
31 मार्च 2018 बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत निर्देश- दि कपोल को-ओपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र दि कपोल को-ओपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निर्देश के माध्यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार समाप्ती से छः माह की अवधि के लिए निर्देशाधीन रखा गया था। निर्देशों की वैधता को समय समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निर्देशों की अवधी को दिनांक 25 सितंबर 2017 के आदेश के माध्यम से बढ़ाया गया और ये निर
31 मार्च 2018 बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत निर्देश- दि कपोल को-ओपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र दि कपोल को-ओपरेटिव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 मार्च 2017 के निर्देश के माध्यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार समाप्ती से छः माह की अवधि के लिए निर्देशाधीन रखा गया था। निर्देशों की वैधता को समय समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इन निर्देशों की अवधी को दिनांक 25 सितंबर 2017 के आदेश के माध्यम से बढ़ाया गया और ये निर
मार्च 31, 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
31 मार्च 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश सं. के माध्यम से 2 मई, 2014 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन किया था। निदेशों की वैधता को बाद के निदेशों के तहत समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 नवम्बर 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश
31 मार्च 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश सं. के माध्यम से 2 मई, 2014 को कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन किया था। निदेशों की वैधता को बाद के निदेशों के तहत समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 नवम्बर 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश
मार्च 28, 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) – श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र - अवधि विस्तार एवं निदेशों में छूट
मार्च 28, 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) – श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र - अवधि विस्तार एवं निदेशों में छूट श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र, को 02 अप्रैल 2013 की कारोबार समाप्ति से दिनांक 01 अप्रैल 2013 के निदेश के माध्यम से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय समय पर संशोधित निदेशों के माध्यम से बढ़ाया गया जिनमें पिछली बार 25 सितंबर 2017 के निदेश के माध्यम से 29 मार्च 2018 तक अवधि
मार्च 28, 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) – श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र - अवधि विस्तार एवं निदेशों में छूट श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र, को 02 अप्रैल 2013 की कारोबार समाप्ति से दिनांक 01 अप्रैल 2013 के निदेश के माध्यम से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय समय पर संशोधित निदेशों के माध्यम से बढ़ाया गया जिनमें पिछली बार 25 सितंबर 2017 के निदेश के माध्यम से 29 मार्च 2018 तक अवधि
मार्च 28, 2018
01 अप्रैल 2018 से शुरू होनेवाली तिमाही के लिए एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा लागू होने वाली औसत आधार दर
28 मार्च 2018 01 अप्रैल 2018 से शुरू होनेवाली तिमाही के लिए एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा लागू होने वाली औसत आधार दरभारतीय रिजर्व बैंक ने आज यह सूचित किया है कि 01 अप्रैल 2018 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एनबीएफसी-एमएफआई) द्वारा अपने उधारकर्ताओं के लिए प्रभारित लागू औसत आधार दर 8.99 प्रतिशत होगी। यह स्मरण होगा कि रिज़र्व बैंक ने ऋण के मूल्य निर्धारण के संबंध में एनबीएफसी-एमएफआई को 7 फरवरी 2014 को जारी अपने परिपत्र म
28 मार्च 2018 01 अप्रैल 2018 से शुरू होनेवाली तिमाही के लिए एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा लागू होने वाली औसत आधार दरभारतीय रिजर्व बैंक ने आज यह सूचित किया है कि 01 अप्रैल 2018 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एनबीएफसी-एमएफआई) द्वारा अपने उधारकर्ताओं के लिए प्रभारित लागू औसत आधार दर 8.99 प्रतिशत होगी। यह स्मरण होगा कि रिज़र्व बैंक ने ऋण के मूल्य निर्धारण के संबंध में एनबीएफसी-एमएफआई को 7 फरवरी 2014 को जारी अपने परिपत्र म
मार्च 27, 2018
सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी – केंद्रीय/राज्य सरकारों के लेनदेन- वर्तमान वित्तीय वर्ष (2017-18) के लिए विशेष उपाय
27 मार्च 2018 सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी – केंद्रीय/राज्य सरकारों के लेनदेन- वर्तमान वित्तीय वर्ष (2017-18) के लिए विशेष उपाय करदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालय और सरकारी बैंकिंग करने वाले एजेंसी बैंकों की सभी विनिर्दिष्ट शाखाएं 31 मार्च 2018 को अपराह्न 8 बजे तक अपनी काउंटर खुले रखेंगी, इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन उस दिन की मध्यरात्रि तक किए जा सकते हैं। सरकारी प्राप्तियों और भुगतान की सुविधा के लिए
27 मार्च 2018 सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी – केंद्रीय/राज्य सरकारों के लेनदेन- वर्तमान वित्तीय वर्ष (2017-18) के लिए विशेष उपाय करदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालय और सरकारी बैंकिंग करने वाले एजेंसी बैंकों की सभी विनिर्दिष्ट शाखाएं 31 मार्च 2018 को अपराह्न 8 बजे तक अपनी काउंटर खुले रखेंगी, इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन उस दिन की मध्यरात्रि तक किए जा सकते हैं। सरकारी प्राप्तियों और भुगतान की सुविधा के लिए
मार्च 26, 2018
रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर पर आर्थिक दंड लगाया
26 मार्च 2018 रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के उपबंधों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत निरंतर रूप से विवरणियां प्रस्तुत न करने के लिए अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर पर ₹ 5,00,000/- (मात्र पाँच लाख रुपये) का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बै
26 मार्च 2018 रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के उपबंधों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत निरंतर रूप से विवरणियां प्रस्तुत न करने के लिए अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., सीतापुर पर ₹ 5,00,000/- (मात्र पाँच लाख रुपये) का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बै
मार्च 23, 2018
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया
23 मार्च 2018 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्र. सं. कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय का पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं. प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख प्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख 1 मेसर्स लोफती सेक्यूरिटीस प्राइवेट लिमिटेड (वर्तम
23 मार्च 2018 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाण-पत्र रद्द किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। क्र. सं. कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालय का पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं. प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख प्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख 1 मेसर्स लोफती सेक्यूरिटीस प्राइवेट लिमिटेड (वर्तम
मार्च 23, 2018
12 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्धारा रिज़र्व बैंक को पंजीकरण प्रमाण-पत्र वापिस किया गया
23 मार्च 2018 12 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्धारा रिज़र्व बैंक को पंजीकरण प्रमाण-पत्र वापिस किया गया निम्नलिखित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें दिया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापिस किया है । अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा - 45 आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्र ज
23 मार्च 2018 12 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्धारा रिज़र्व बैंक को पंजीकरण प्रमाण-पत्र वापिस किया गया निम्नलिखित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें दिया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र वापिस किया है । अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा - 45 आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI क्र. कंपनी का नाम कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं प्रमाणपत्र ज
मार्च 14, 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – सन्मित्र सहकारी बैंक मर्यादित, मुम्बई, महाराष्ट्र
14 मार्च 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – सन्मित्र सहकारी बैंक मर्यादित, मुम्बई, महाराष्ट्र सन्मित्र सहकारी बैंक मर्यादित, मुम्बई, महाराष्ट्र को दिनांक 14 जून 2016 के निदेश के माध्यम से 14 जून 2016 की कारोबार समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 08 सितम्बर 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश
14 मार्च 2018 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – सन्मित्र सहकारी बैंक मर्यादित, मुम्बई, महाराष्ट्र सन्मित्र सहकारी बैंक मर्यादित, मुम्बई, महाराष्ट्र को दिनांक 14 जून 2016 के निदेश के माध्यम से 14 जून 2016 की कारोबार समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को दिनांक 08 सितम्बर 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश
मार्च 09, 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि.,लखनऊ, उत्तर प्रदेश को जारी निदेश की वैधता बढ़ाई गई
मार्च 9, 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि.,लखनऊ, उत्तर प्रदेश को जारी निदेश की वैधता बढ़ाई गईभारतीय रिज़र्व बैंक (आर.बी.आई) ने इंडियन मर्कन्टाइल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ, उत्तर प्रदेश, को जारी निदेशों की वैधता अवधि को छ: महीने बढ़ाकर 12 मार्च 2018 से 11 सितंबर 2018 तक कर दिया है, जो कि समीक्षाधीन होगा। बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत जारी 04 जून 2014 के निदेश क
मार्च 9, 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि.,लखनऊ, उत्तर प्रदेश को जारी निदेश की वैधता बढ़ाई गईभारतीय रिज़र्व बैंक (आर.बी.आई) ने इंडियन मर्कन्टाइल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ, उत्तर प्रदेश, को जारी निदेशों की वैधता अवधि को छ: महीने बढ़ाकर 12 मार्च 2018 से 11 सितंबर 2018 तक कर दिया है, जो कि समीक्षाधीन होगा। बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत जारी 04 जून 2014 के निदेश क
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 03, 2025