Speeches - Consumer Education and Protection - आरबीआई - Reserve Bank of India
भाषण
Mr. Yoshiki Takeuchi, Deputy Secretary General, OECD, Ms. Mairead McGuiness, European Commissioner for Financial Services, Ms. Magda Bianco, Chair of OECD INFE and G20 GPFI, Mr. Connor Graham, youth representative from Enactus, assembled regulators from across the world, ladies and gentlemen. A very warm good morning to all of you. It gives me immense pleasure to speak to you today on a highly relevant topic - safe banking
Mr. Yoshiki Takeuchi, Deputy Secretary General, OECD, Ms. Mairead McGuiness, European Commissioner for Financial Services, Ms. Magda Bianco, Chair of OECD INFE and G20 GPFI, Mr. Connor Graham, youth representative from Enactus, assembled regulators from across the world, ladies and gentlemen. A very warm good morning to all of you. It gives me immense pleasure to speak to you today on a highly relevant topic - safe banking
We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.
We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक लोकपाल, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक लोकपाल।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक लोकपाल, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक लोकपाल।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य लोकपाल श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, लोकपाल और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई लोकपाल के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य लोकपाल श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, लोकपाल और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई लोकपाल के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est
A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 06, 2024