प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जून 2024 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपलान के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जून 2024 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपलान के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जून 2024 के आदेश द्वारा दि प्रकासम डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, ओंगोल, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जून 2024 के आदेश द्वारा दि प्रकासम डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, ओंगोल, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2024 के आदेश द्वारा इंडिया होम लोन लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021’ संबंधी मास्टर निदेश के साथ पठित राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा जारी ‘आवास वित्त कंपनियां (एनएचबी) निदेश, 2010’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 49 की उप-धारा (3) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 52 ए की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2024 के आदेश द्वारा इंडिया होम लोन लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021’ संबंधी मास्टर निदेश के साथ पठित राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा जारी ‘आवास वित्त कंपनियां (एनएचबी) निदेश, 2010’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 49 की उप-धारा (3) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 52 ए की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2024 के आदेश द्वारा दि अंगुल युनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’ संबंधी मास्टर निदेश के अननुपालन के लिए ₹1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2024 के आदेश द्वारा दि अंगुल युनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016’ संबंधी मास्टर निदेश के अननुपालन के लिए ₹1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि बावला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू /गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' और 'मास्टर निदेश – अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम' पर जारी निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि बावला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू /गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' और 'मास्टर निदेश – अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम' पर जारी निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि रॉन तालुका प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, रॉन, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'धोखाधड़ी निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र' और 'नाममात्र सदस्यता के संबंध में नीति और पद्धति' पर जारी कतिपय निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹75,000 (पचहत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि रॉन तालुका प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, रॉन, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'धोखाधड़ी निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र' और 'नाममात्र सदस्यता के संबंध में नीति और पद्धति' पर जारी कतिपय निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹75,000 (पचहत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा एसबीएम बैंक (इंडिया) लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाई गई लाइसेंसीकरण संबंधी शर्तों तथा उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत लेनदेन को तत्काल प्रभाव से बंद करने संबंधी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹88.70 लाख (अट्ठासी लाख सत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा एसबीएम बैंक (इंडिया) लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाई गई लाइसेंसीकरण संबंधी शर्तों तथा उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत लेनदेन को तत्काल प्रभाव से बंद करने संबंधी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹88.70 लाख (अट्ठासी लाख सत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि एचएसबीसी लिमिटेड पर फेमा 1999 की उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग आवश्यकताओं संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशों के उल्लंघन के लिए फेमा, 1999 की धारा 11(3) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 36,38,000/- रुपये (छत्तीस लाख अड़तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि एचएसबीसी लिमिटेड पर फेमा 1999 की उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग आवश्यकताओं संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशों के उल्लंघन के लिए फेमा, 1999 की धारा 11(3) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 36,38,000/- रुपये (छत्तीस लाख अड़तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 मई 2024 के आदेश द्वारा आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 मई 2024 के आदेश द्वारा आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 मई 2024 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बैंकों में ग्राहक सेवा', और 'आंतरिक/कार्यालय लेखा का अनधिकृत परिचालन’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹91.00 लाख (इक्यानवे लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 मई 2024 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बैंकों में ग्राहक सेवा', और 'आंतरिक/कार्यालय लेखा का अनधिकृत परिचालन’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹91.00 लाख (इक्यानवे लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 21, 2024