प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा जोगिन्द्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी-वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.50 लाख (तीन लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा जोगिन्द्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी-वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.50 लाख (तीन लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि नकोदर हिंदू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नकोदर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि नकोदर हिंदू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नकोदर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा नैबफिन्स लिमिटेड, बेंगलुरु (कंपनी), नाबार्ड की एक सहायक कंपनी, पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उपधारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उपधारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा नैबफिन्स लिमिटेड, बेंगलुरु (कंपनी), नाबार्ड की एक सहायक कंपनी, पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उपधारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उपधारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा दि कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा, और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए वृहत् साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमिक दृष्टिकोण' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा दि कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए बुनियादी साइबर सुरक्षा ढांचा, और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए वृहत् साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमिक दृष्टिकोण' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहरादून, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 (1)(बी) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहरादून, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 (1)(बी) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा राजधानी नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, लखनऊ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा राजधानी नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, लखनऊ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'निदेशकों और उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिमों पर प्रतिबंध', 'कतिपय निकायों/ संगठनों के नाम पर बचत बैंक खाते खोलने पर प्रतिबंध' और ‘जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹43.30 लाख (तैंतालीस लाख और तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'निदेशकों और उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिमों पर प्रतिबंध', 'कतिपय निकायों/ संगठनों के नाम पर बचत बैंक खाते खोलने पर प्रतिबंध' और ‘जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹43.30 लाख (तैंतालीस लाख और तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
ारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, गढ़वाल, कोटद्वार, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1)(बी) और धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
ारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, गढ़वाल, कोटद्वार, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1)(बी) और धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा ओंकार नगरीय सहकारी बैंक लिमिटेड, कानपुर (बैंक) पर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा ओंकार नगरीय सहकारी बैंक लिमिटेड, कानपुर (बैंक) पर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा युनाइटेड मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर (बैंक) पर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश द्वारा युनाइटेड मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर (बैंक) पर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए 'पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 19, 2024