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RBI Master Direction Overview

मास्टर दिशा-निर्देश अवलोकन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2016 से शुरू होने वाले सभी नियामक मामलों पर मास्टर निर्देश जारी करना शुरू कर दिया है. मास्टर निर्देश बैंकिंग संबंधी समस्याओं और विदेशी मुद्रा लेन-देन सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा बनाए गए नियमों और विनियमों के निर्देशों को समेकित करते हैं.

मास्टर डायरेक्शन जारी करने की प्रक्रिया में उस विषय पर सभी निर्देशों को कवर करने वाले प्रत्येक विषय के लिए एक मास्टर डायरेक्शन जारी करना शामिल है. सर्कुलर/प्रेस रिलीज के माध्यम से वर्ष के दौरान नियमों, विनियमन या पॉलिसी में कोई भी बदलाव किया जाता है. नियमों/विनियमों में बदलाव होने पर या पॉलिसी में बदलाव होने पर मास्टर डायरेक्शन को उपयुक्त और साथ ही अपडेट किया जाएगा. आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध मास्टर दिशाओं में सभी परिवर्तन दिखाई देंगे, साथ ही उन तारीखों में जिन पर परिवर्तन किए जाते हैं.

जहां भी आवश्यक हो, समझने में आसान भाषा में मास्टर डायरेक्शन जारी करने के बाद नियमों और विनियमों का स्पष्टीकरण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQ) के माध्यम से जारी किया जाएगा. विभिन्न विषयों पर जारी मास्टर सर्कुलर का मौजूदा सेट इस विषय पर मास्टर डायरेक्शन के मुद्दे के साथ निकाला जाएगा.

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मास्टर निदेशों

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सितंबर 12, 2023
मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023

आरबीआई/विवि/2023-24/104
विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24

12 सितंबर, 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय / महोदया

मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023

आरबीआई/विवि/2023-24/104
विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24

12 सितंबर, 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय / महोदया

मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023

जून 26, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24

26 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।

भाग ए

1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ

इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।

2. प्रभावी तिथि

2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।

2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।

2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।

3. प्रयोज्यता

3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।

3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।

3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।

आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24

26 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।

भाग ए

1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ

इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।

2. प्रभावी तिथि

2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।

2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।

2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।

3. प्रयोज्यता

3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।

3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।

3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।

अप्रैल 10, 2023
सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास्टर निदेश
आरबीआई/2023-24/102 पवि.कें.का.सीएसआईटीईजी/एसईसी.1/31.01.015/2023-24 10 अप्रैल 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); स्थानीय क्षेत्र के बैंक; लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक; गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां; क्रेडिट सूचना कंपनियां; और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) महोदया/महोदय सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास
आरबीआई/2023-24/102 पवि.कें.का.सीएसआईटीईजी/एसईसी.1/31.01.015/2023-24 10 अप्रैल 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर); स्थानीय क्षेत्र के बैंक; लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक; प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक; गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां; क्रेडिट सूचना कंपनियां; और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी) महोदया/महोदय सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर मास
अप्रैल 03, 2023
मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश
आरबीआई/2023-24/99 डीसीएम(सीसी) सं.G-5/03.41.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत
आरबीआई/2023-24/99 डीसीएम(सीसी) सं.G-5/03.41.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों एवं अन्य बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना” (सीडीईएस) हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अंतर्गत
अप्रैल 03, 2023
मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना
आरबीआई/2023-24/100 डीसीएम (सीसी) सं.G-3/03.44.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार ; भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए
आरबीआई/2023-24/100 डीसीएम (सीसी) सं.G-3/03.44.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त बैंक महोदया/प्रिय महोदय, मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार ; भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए
अप्रैल 03, 2023
मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश
आरबीआई/2023-24/101 डीसीएम(सीसी) सं.जी-4/03.35.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मुद्रा तिजोरी धारित सभी बैंक) महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है।
आरबीआई/2023-24/101 डीसीएम(सीसी) सं.जी-4/03.35.01/2023-24 03 अप्रैल 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मुद्रा तिजोरी धारित सभी बैंक) महोदया/प्रिय महोदय, मुद्रा तिजोरियों में लेनदेनों / शेष की रिपोर्टिंग के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर मास्टर निदेश आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है।
अप्रैल 03, 2023
जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना
आरबीआई/2023-24/98 डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी–1/16.01.05/2023-24 03 अप्रैल, 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर नकली नोटों पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/निर्देश जारी किए हैं। 2. इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निर्देशों को शामिल और अद्यतित करते हुए एक मास्टर निदेश तैयार किया गया है ताकि बैंकों को जाली नोट पर सभी मौजूदा
आरबीआई/2023-24/98 डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी–1/16.01.05/2023-24 03 अप्रैल, 2023 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2023 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर नकली नोटों पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/निर्देश जारी किए हैं। 2. इस विषय पर मौजूदा दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निर्देशों को शामिल और अद्यतित करते हुए एक मास्टर निदेश तैयार किया गया है ताकि बैंकों को जाली नोट पर सभी मौजूदा
अप्रैल 03, 2023
अपडेट हो गया है: 3 Apr, 2023
मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा (15 मई 2023 को अद्यतन)
आरबीआई/2023-24/97 डीसीएम (एनई)सं.जी-2/08.07.18/2023-24 03 अप्रैल 2023 (15 मई 2023 को अद्यतन) अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 28, 38, 39, 58(1) और 58(2)(q) के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा सार्वजनिक हित मे इसकी आवश्यकता समझकर, भारतीय रिजर्व बैंक निर्दिष्ट निदेश जारी क
आरबीआई/2023-24/97 डीसीएम (एनई)सं.जी-2/08.07.18/2023-24 03 अप्रैल 2023 (15 मई 2023 को अद्यतन) अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - नोटों तथा सिक्कों को बदलने की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 28, 38, 39, 58(1) और 58(2)(q) के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा सार्वजनिक हित मे इसकी आवश्यकता समझकर, भारतीय रिजर्व बैंक निर्दिष्ट निदेश जारी क
अप्रैल 01, 2023
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन) निदेश, 2023
RBI/2023-24/96 DOR.MRG.REC.01/00-00-011/2023-24 April 1, 2023 All Primary (Urban) Co-operative Banks Madam / Sir, Master Direction – Reserve Bank of India (Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio of Primary (Urban) Co-operative Banks) Directions, 2023 The Reserve Bank of India has, from time to time, issued several guidelines / instructions / directives to the banks on Prudential Norms for Classification, Valuation and Operation of Investment P
RBI/2023-24/96 DOR.MRG.REC.01/00-00-011/2023-24 April 1, 2023 All Primary (Urban) Co-operative Banks Madam / Sir, Master Direction – Reserve Bank of India (Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio of Primary (Urban) Co-operative Banks) Directions, 2023 The Reserve Bank of India has, from time to time, issued several guidelines / instructions / directives to the banks on Prudential Norms for Classification, Valuation and Operation of Investment P
जनवरी 16, 2023
मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकिंग कंपनियों में शेयरों अथवा मताधिकारों का अधिग्रहण तथा धारिता) निदेश, 2023
विषय वस्तु प्रस्तावना अध्याय I प्रारंभिक 1 लघु शीर्षक और प्रारंभ 2 प्रयोज्यता 3 परिभाषाएँ अध्याय II अधिग्रहण के लिए पूर्वानुमोदन 4 पूर्वानुमोदन की प्रक्रिया अध्याय III निरंतर निगरानी की व्यवस्था 5 समुचित सावधानी 6 बैं. वि. अधिनियम, 1949 की धारा 12बी (1) के उल्लंघन का पता लगाना 7 बैंकिंग कंपनी में विविधीकृत शेयरधारिता 8 रिपोर्टिंग आवश्यकताएं अध्याय IV निरस्तीकरण और अन्य प्रावधान   प्रपत्र प्रपत्र ए1 "प्रमुख शेयरधारिता" पर बैंकिंग कंपनी की टिप्पणियां प्रपत्र ए2 शेय
विषय वस्तु प्रस्तावना अध्याय I प्रारंभिक 1 लघु शीर्षक और प्रारंभ 2 प्रयोज्यता 3 परिभाषाएँ अध्याय II अधिग्रहण के लिए पूर्वानुमोदन 4 पूर्वानुमोदन की प्रक्रिया अध्याय III निरंतर निगरानी की व्यवस्था 5 समुचित सावधानी 6 बैं. वि. अधिनियम, 1949 की धारा 12बी (1) के उल्लंघन का पता लगाना 7 बैंकिंग कंपनी में विविधीकृत शेयरधारिता 8 रिपोर्टिंग आवश्यकताएं अध्याय IV निरस्तीकरण और अन्य प्रावधान   प्रपत्र प्रपत्र ए1 "प्रमुख शेयरधारिता" पर बैंकिंग कंपनी की टिप्पणियां प्रपत्र ए2 शेय

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A paragraph is a self-contained unit of a discourse in writing dealing with a particular point or idea. Paragraphs are usually an expected part of formal writing, used to organize longer prose.

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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