मास्टर निदेशों
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2016 से सभी विनियामकीय मामलों पर मास्टर निदेश जारी करना शुरू किया है। मास्टर निदेशों में रिज़र्व बैंक बैंकिंग मुद्दों और विदेशी विनिमय लेनदेनों सहित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत नियमों और विनियमों पर अनुदेश समेकित करता है।
मास्टर निदेश जारी करने की प्रक्रिया में प्रत्येक विषय के लिए एक मास्टर निदेश जारी करना शामिल है जिसमें उस विषय पर सभी अनुदेशों को कवर किया जाता है। वर्ष के दौरान नियमों, विनियमनों या नीति में किसी प्रकार के परिवर्तन की सूचना परिपत्रों/प्रेस प्रकाशनियों के माध्यम से दी जाती है। मास्टर निदेशों को उचित रूप से और नियमों/विनियमों में किसी प्रकार का बदलाव होने या नीति में किसी प्रकार का बदलाव होने के साथ ही अद्यतन किया जाएगा। सभी प्रकार के परिवर्तनों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध मास्टर निदेशों में दर्शाया जाएगा और इसके साथ परिवर्तन होने वाली तारीख भी दर्शाई जाएगी।
मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के माध्यम से नियमों और विनियमों के स्पष्टीकरणों को समझने में आसान भाषा में जारी किया जाएगा जहां आवश्यक होगा। विभिन्न विषयों पर जारी मौजूदा मास्टर परिपत्र उस विषय पर मास्टर निदेश के जारी होने के साथ ही वापस लिए माने जाएंगे।
मास्टर निदेशों
आरबीआई/2022-23/92 विवि.एयूटी.आरईसी.सं.27/24.01.041/2022-23 21 अप्रैल 2022 मास्टर निदेश - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी और आचार संबंधी निदेश, 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए तथा धारा 56 और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1
आरबीआई/2022-23/92 विवि.एयूटी.आरईसी.सं.27/24.01.041/2022-23 21 अप्रैल 2022 मास्टर निदेश - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी और आचार संबंधी निदेश, 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए तथा धारा 56 और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1
आरबीआई/विवि/2021-22/89
विवि.एफआईएन.आरईसी.95/03.10.038/2021-22
14 मार्च 2022
(10 अक्टूबर 2024 को अद्यतन किया गया)
(25 जुलाई 2022 को अद्यतन किया गया)
सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंकों सहित,
स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) भुगतान बैंकों को छोड़कर
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्मवित्त संस्थानों
और आवास वित्त कंपनियों सहित)
आरबीआई/विवि/2021-22/89
विवि.एफआईएन.आरईसी.95/03.10.038/2021-22
14 मार्च 2022
(10 अक्टूबर 2024 को अद्यतन किया गया)
(25 जुलाई 2022 को अद्यतन किया गया)
सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंकों सहित,
स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) भुगतान बैंकों को छोड़कर
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्मवित्त संस्थानों
और आवास वित्त कंपनियों सहित)
आरबीआई/2021-22/88 एफएमआरडी.डीआईआरडी.10/14.03.004/2021-22 फरवरी 10, 2022 प्रति, मार्केट के सभी पात्र सहभागी महोदया/ महोदया, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022 कृपया 10 फरवरी 2022 को जारी किए गए द्विमासिक
आरबीआई/2021-22/88 एफएमआरडी.डीआईआरडी.10/14.03.004/2021-22 फरवरी 10, 2022 प्रति, मार्केट के सभी पात्र सहभागी महोदया/ महोदया, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022 कृपया 10 फरवरी 2022 को जारी किए गए द्विमासिक
आरबीआई/डीओआर/2021-22/87 डीओआर.सीएपी.आरईसी.सं.61/21.01.002/2021-22 26 अक्तूबर 2021 (08 अप्रैल 2024 तक अद्यतन) (11 अगस्त 2022 तक अद्यतन) (31 मार्च 2022 तक अद्यतन) सभी स्थानीय क्षेत्र बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड (निदेश), 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी पर्याप्तता के लिए विवेकपूर्ण मानदंड पर स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को कई दिशा-निर्देश/ अनुदेश/ निदेश जारी किए हैं। 2. स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को एक ही स्थान पर सभी वर्तमान निदेशों को प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाने हेतु, इस विषय पर जारी सभी मौजूदा दिशा-निर्देशों/ अनुदेशों/ निदेशों को शामिल करते हुए मास्टर निदेश तैयार की गई है। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और इस दिशा में इसे सक्षम करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निदेश जारी किया गया है।
आरबीआई/डीओआर/2021-22/87 डीओआर.सीएपी.आरईसी.सं.61/21.01.002/2021-22 26 अक्तूबर 2021 (08 अप्रैल 2024 तक अद्यतन) (11 अगस्त 2022 तक अद्यतन) (31 मार्च 2022 तक अद्यतन) सभी स्थानीय क्षेत्र बैंक महोदया/ महोदय, मास्टर निदेश - स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड (निदेश), 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी पर्याप्तता के लिए विवेकपूर्ण मानदंड पर स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को कई दिशा-निर्देश/ अनुदेश/ निदेश जारी किए हैं। 2. स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को एक ही स्थान पर सभी वर्तमान निदेशों को प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाने हेतु, इस विषय पर जारी सभी मौजूदा दिशा-निर्देशों/ अनुदेशों/ निदेशों को शामिल करते हुए मास्टर निदेश तैयार की गई है। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और इस दिशा में इसे सक्षम करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निदेश जारी किया गया है।
आरबीआई/डीओआर/2021-22/86 डीओआर.एसटीआर.आरईसी.51/21.04.048/2021-22 24 सितंबर, 2021 (05 दिसंबर 2022 को अद्यतन किया गया) सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/
आरबीआई/डीओआर/2021-22/86 डीओआर.एसटीआर.आरईसी.51/21.04.048/2021-22 24 सितंबर, 2021 (05 दिसंबर 2022 को अद्यतन किया गया) सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/
आरबीआई/एफएमआरडी/2021-22/84 एफएमआरडी.एफएमडी.07/02.03.247/2021-22 16 सितम्बर 2021 प्रति, बाजार के सभी पात्र सहभागी महोदया/ महोदया, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव में मार्केट मेकर्स) निदेश, 2021 कृपया 04 दिसम्बर 2020 को
आरबीआई/एफएमआरडी/2021-22/84 एफएमआरडी.एफएमडी.07/02.03.247/2021-22 16 सितम्बर 2021 प्रति, बाजार के सभी पात्र सहभागी महोदया/ महोदया, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव में मार्केट मेकर्स) निदेश, 2021 कृपया 04 दिसम्बर 2020 को
भारिबैं/डीओआर/2021-22/83 विवि.एसीसी.आरईसी.सं.45/21.04.018/2021-22 30 अगस्त 2021 (20 फरवरी 2023 को अपडेट किया गया) (13 दिसम्बर 2022 को अपडेट किया गया) (11 अक्टूबर 2022 को अपडेट किया गया) (19 मई 2022 को अपडेट किया गया) (15 नवंबर, 2021 को अ
भारिबैं/डीओआर/2021-22/83 विवि.एसीसी.आरईसी.सं.45/21.04.018/2021-22 30 अगस्त 2021 (20 फरवरी 2023 को अपडेट किया गया) (13 दिसम्बर 2022 को अपडेट किया गया) (11 अक्टूबर 2022 को अपडेट किया गया) (19 मई 2022 को अपडेट किया गया) (15 नवंबर, 2021 को अ
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A paragraph is a self-contained unit of a discourse in writing dealing with a particular point or idea. Paragraphs are usually an expected part of formal writing, used to organize longer prose.
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022
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