प्रेस प्रकाशनियां - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2024 के लिए सूचकांक 445.50 रहा, जबकि सितंबर 2023 के लिए यह 418.77 था। इस अवधि में देश भर में भुगतान निष्पादन और भुगतान अवसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: अवधि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक मार्च 2018 (आधार) 100 मार्च 2019 153.47 सितंबर 2019 173.49 मार्च 2020 207.84 सितंबर 2020 217.74 मार्च 2021 270.59 सितंबर 2021 304.06 मार्च 2022 349.30 सितंबर 2022 377.46 मार्च 2023 395.57 सितंबर 2023 418.77 मार्च 2024 445.50
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2024 के लिए सूचकांक 445.50 रहा, जबकि सितंबर 2023 के लिए यह 418.77 था। इस अवधि में देश भर में भुगतान निष्पादन और भुगतान अवसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: अवधि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक मार्च 2018 (आधार) 100 मार्च 2019 153.47 सितंबर 2019 173.49 मार्च 2020 207.84 सितंबर 2020 217.74 मार्च 2021 270.59 सितंबर 2021 304.06 मार्च 2022 349.30 सितंबर 2022 377.46 मार्च 2023 395.57 सितंबर 2023 418.77 मार्च 2024 445.50
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के ‘वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और न्यूनीकरण' विषय पर चौथे समूह में छह संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसकी सूचना दिनांक 5 जनवरी 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से दी गई थी। 2. 'परीक्षण चरण' पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित तीन उत्पाद, आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के ‘वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और न्यूनीकरण' विषय पर चौथे समूह में छह संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसकी सूचना दिनांक 5 जनवरी 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से दी गई थी। 2. 'परीक्षण चरण' पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित तीन उत्पाद, आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक की तीन प्रमुख पहल अर्थात्, प्रवाह (PRAVAAH) पोर्टल, रिटेल डायरेक्ट मोबाइल ऐप और फिनटेक रिपॉज़िटरी का लोकार्पण, रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक श्री सतीश काशीनाथ मराठे, प्रो. सचिन चतुर्वेदी; रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) के बोर्ड सदस्य प्रो. एच. कृष्णमूर्ति; रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर डॉ. एम डी पात्र, श्री एम राजेश्वर राव, श्री टी रबी शंकर, श्री स्वामीनाथन जे.; चुनिंदा बैंकों और एनबीएफसी के एमडी और सीईओ; आईबीए के मुख्य कार्यपालक; क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल), रिज़र्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी लिमिटेड (रेबिट), भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं (आईएफटीएएस) और आरबीआईएच के एमडी/ सीईओ, फिनटेक के प्रतिनिधि तथा रिज़र्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक की तीन प्रमुख पहल अर्थात्, प्रवाह (PRAVAAH) पोर्टल, रिटेल डायरेक्ट मोबाइल ऐप और फिनटेक रिपॉज़िटरी का लोकार्पण, रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक श्री सतीश काशीनाथ मराठे, प्रो. सचिन चतुर्वेदी; रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) के बोर्ड सदस्य प्रो. एच. कृष्णमूर्ति; रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर डॉ. एम डी पात्र, श्री एम राजेश्वर राव, श्री टी रबी शंकर, श्री स्वामीनाथन जे.; चुनिंदा बैंकों और एनबीएफसी के एमडी और सीईओ; आईबीए के मुख्य कार्यपालक; क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल), रिज़र्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी लिमिटेड (रेबिट), भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएं (आईएफटीएएस) और आरबीआईएच के एमडी/ सीईओ, फिनटेक के प्रतिनिधि तथा रिज़र्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूपीआई की पहुंच को और बढ़ाने के लिए संभावित कार्यनीतियों पर चर्चा करने हेतु 8 मई 2024 को यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों, यथा, बैंक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), तृतीय पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के साथ एक बैठक की। बैठक में उप गवर्नर, श्री टी. रबी शंकर के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूपीआई की पहुंच को और बढ़ाने के लिए संभावित कार्यनीतियों पर चर्चा करने हेतु 8 मई 2024 को यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों, यथा, बैंक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), तृतीय पक्ष एप्लिकेशन प्रदाता और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के साथ एक बैठक की। बैठक में उप गवर्नर, श्री टी. रबी शंकर के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया था कि टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड (संस्था) नामक एक कंपनी, जिसका पंजीकृत कार्यालय यूनिट सं. 323, जेएमडी मेगापोलिस, तीसरी मंजिल, सोहना रोड, सेक्टर 48, गुड़गांव, हरियाणा-122018 में है, संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त किए बिना अपनी वेबसाइट और ऐप (एप्लिकेशन) 'टॉकचार्ज' के माध्यम से प्रीपेड भुगतान लिखत (वॉलेट) जारी कर रही है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया था कि टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड (संस्था) नामक एक कंपनी, जिसका पंजीकृत कार्यालय यूनिट सं. 323, जेएमडी मेगापोलिस, तीसरी मंजिल, सोहना रोड, सेक्टर 48, गुड़गांव, हरियाणा-122018 में है, संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त किए बिना अपनी वेबसाइट और ऐप (एप्लिकेशन) 'टॉकचार्ज' के माध्यम से प्रीपेड भुगतान लिखत (वॉलेट) जारी कर रही है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान एग्रीगेटरों के विनियमन संबंधी निम्न दो मसौदा निदेश आज अपनी वेबसाइट पर जनता की टिप्पणी हेतु रखे हैं:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान एग्रीगेटरों के विनियमन संबंधी निम्न दो मसौदा निदेश आज अपनी वेबसाइट पर जनता की टिप्पणी हेतु रखे हैं:
एनईएफटी प्रणाली ने 29 फरवरी 2024 को 4,10,61,337 लेनदेन संसाधित करके एक माइलस्टोन प्राप्त किया है, जो अब तक एक दिन में संसाधित लेनदेन की सबसे अधिक संख्या है।
एनईएफटी प्रणाली ने 29 फरवरी 2024 को 4,10,61,337 लेनदेन संसाधित करके एक माइलस्टोन प्राप्त किया है, जो अब तक एक दिन में संसाधित लेनदेन की सबसे अधिक संख्या है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि एक कार्ड नेटवर्क में एक ऐसी व्यवस्था थी जो व्यवसायों को कुछ मध्यस्थों के माध्यम से उन संस्थाओं को कार्ड से भुगतान करने में सक्षम बनाती है जो कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं। 2. इस व्यवस्था के अंतर्गत, मध्यस्थ, कॉरपोरेट्स से उनके वाणिज्यिक भुगतान के लिए कार्ड से भुगतान स्वीकार करता है और फिर कार्ड स्वीकार न करने वाले प्राप्तकर्ताओं को आईएमपीएस/ आरटीजीएस/ एनईएफ़टी के माध्यम से धनराशि विप्रेषित करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि एक कार्ड नेटवर्क में एक ऐसी व्यवस्था थी जो व्यवसायों को कुछ मध्यस्थों के माध्यम से उन संस्थाओं को कार्ड से भुगतान करने में सक्षम बनाती है जो कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं। 2. इस व्यवस्था के अंतर्गत, मध्यस्थ, कॉरपोरेट्स से उनके वाणिज्यिक भुगतान के लिए कार्ड से भुगतान स्वीकार करता है और फिर कार्ड स्वीकार न करने वाले प्राप्तकर्ताओं को आईएमपीएस/ आरटीजीएस/ एनईएफ़टी के माध्यम से धनराशि विप्रेषित करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक और नेपाल राष्ट्र बैंक ने आज भारत और नेपाल की तेज भुगतान प्रणालियों, अर्थात क्रमशः भारत के यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और नेपाल के नेशनल पेमेंट्स इंटरफेस (एनपीआई) के एकीकरण के लिए विचारार्थ विषय पर हस्ताक्षर किए और इसका आदान-प्रदान किया। इस एकीकरण का उद्देश्य दोनों प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को तत्काल, कम लागत वाले निधि अंतरण में सक्षम बनाकर भारत और नेपाल के बीच सीमापारीय विप्रेषण की सुविधा प्रदान करना है।
भारतीय रिज़र्व बैंक और नेपाल राष्ट्र बैंक ने आज भारत और नेपाल की तेज भुगतान प्रणालियों, अर्थात क्रमशः भारत के यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और नेपाल के नेशनल पेमेंट्स इंटरफेस (एनपीआई) के एकीकरण के लिए विचारार्थ विषय पर हस्ताक्षर किए और इसका आदान-प्रदान किया। इस एकीकरण का उद्देश्य दोनों प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को तत्काल, कम लागत वाले निधि अंतरण में सक्षम बनाकर भारत और नेपाल के बीच सीमापारीय विप्रेषण की सुविधा प्रदान करना है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मार्च 11, 2025