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मई 21, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-127/12.23.292/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-127/12.23.292/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

मई 20, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) - अवधि बढ़ाना

      भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-126/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।  

 

      भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-126/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।  

 

मई 17, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र- अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा   18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को दिनांक 14 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-124/12.22.395/2023-24 द्वारा 17 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा   18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को दिनांक 14 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-124/12.22.395/2023-24 द्वारा 17 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

मई 16, 2024
शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन

रिज़र्व बैंक ने आज चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुख) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में 120 से अधिक यूसीबी का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली - प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन पूर्व में आयोजित किया गया था।

रिज़र्व बैंक ने आज चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुख) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में 120 से अधिक यूसीबी का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली - प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन पूर्व में आयोजित किया गया था।

मई 07, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक - अवधि बढ़ाना

The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Sri Guru Raghavendra Sahakara Bank Niyamitha, Bengaluru, Karnataka vide Directive DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 dated January 02, 2020, for a period of six months up to July 10, 2020, as modified from time to time, which were last extended up to the close of business on May 10, 2024 vide Directive DOR.MON/D-122/12.23.283/2023-24 dated February 05, 2024. The Reserve Bank of India is satisfied that in the public interest, it is necessary to further extend the period of operation of the Directive beyond May 10, 2024.

The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Sri Guru Raghavendra Sahakara Bank Niyamitha, Bengaluru, Karnataka vide Directive DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 dated January 02, 2020, for a period of six months up to July 10, 2020, as modified from time to time, which were last extended up to the close of business on May 10, 2024 vide Directive DOR.MON/D-122/12.23.283/2023-24 dated February 05, 2024. The Reserve Bank of India is satisfied that in the public interest, it is necessary to further extend the period of operation of the Directive beyond May 10, 2024.

अप्रैल 25, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक  28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 25 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-119/12.22.603/2023-24 के माध्यम से दिनांक 28 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि उपरोक्त निदेश की परिचालन अवधि को जनहित में दिनांक 28 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक  28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 25 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-119/12.22.603/2023-24 के माध्यम से दिनांक 28 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि उपरोक्त निदेश की परिचालन अवधि को जनहित में दिनांक 28 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।

अप्रैल 25, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 29 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 24 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-120/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 29 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 24 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-120/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

अप्रैल 25, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश की वैधता अवधि बढ़ाना– इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्‍यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जुलाई 2022 को  कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।  

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्‍यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जुलाई 2022 को  कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।  

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा – अवधि बढ़ाना

एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – अवधि बढ़ाना – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित    22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित    22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

अप्रैल 19, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश– दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्‍यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D -116/12-23-112/2023-2024 के माध्यम से दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।  

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्‍यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D -116/12-23-112/2023-2024 के माध्यम से दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।  

अप्रैल 18, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित          22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-113/12.22.705/2023-24 द्वारा 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित          22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-113/12.22.705/2023-24 द्वारा 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

अप्रैल 16, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश– दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 17 अप्रैल 2018 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार दिनांक 16 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 17 अप्रैल 2018 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार दिनांक 16 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

अप्रैल 15, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S370/45-11-001/2024-2025 द्वारा सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई  को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024  के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत  नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹15,000 (पंद्रह हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S370/45-11-001/2024-2025 द्वारा सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई  को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024  के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत  नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹15,000 (पंद्रह हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

अप्रैल 15, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S369/45-11-001/2024-2025 द्वारा नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024  के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत  नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹10,000 (दस हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।    f

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S369/45-11-001/2024-2025 द्वारा नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024  के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत  नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹10,000 (दस हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।    f

अप्रैल 10, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 के माध्‍यम से दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को 12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से 12 अप्रैल 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 के माध्‍यम से दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को 12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से 12 अप्रैल 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।

अप्रैल 10, 2024
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों की संभावना 2022-23

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों की संभावना 2022-23'      शीर्षक से वार्षिक प्रकाशन का 10वां खंड जारी किया। इसे https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE.

 पर देखा जा सकता है। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक के 'पर्यवेक्षण विभाग' द्वारा प्रकाशित किया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों की संभावना 2022-23'      शीर्षक से वार्षिक प्रकाशन का 10वां खंड जारी किया। इसे https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE.

 पर देखा जा सकता है। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक के 'पर्यवेक्षण विभाग' द्वारा प्रकाशित किया गया है।

अप्रैल 08, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S175/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 8 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S175/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 8 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

अप्रैल 06, 2024
उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के अध्यक्षों, निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों का सम्मेलन 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 16, 2024

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