प्रेस प्रकाशनियां
The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Shimsha Sahakara Bank Niyamitha, Maddur, Mandya District vide Directive No. BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 dated February
The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Shimsha Sahakara Bank Niyamitha, Maddur, Mandya District vide Directive No. BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 dated February
ज़र्व बैंक ने वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण निर्यात पर होने वाली व्यापार रुकावटों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं। ए. सामान/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात से प्राप्त होने वाली राशि की वसूली और प्रत्यावर्तन तथा निर्यात के बदले अग्रिम भुगतान संबंधी फेमा विनियम i) भारत से निर्यात किए ग
ज़र्व बैंक ने वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण निर्यात पर होने वाली व्यापार रुकावटों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं। ए. सामान/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात से प्राप्त होने वाली राशि की वसूली और प्रत्यावर्तन तथा निर्यात के बदले अग्रिम भुगतान संबंधी फेमा विनियम i) भारत से निर्यात किए ग
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 जुलाई 2025 को इरिंजालकुडा टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर सर्व समावेशी निदेश (एआईडी) लागू किए थे। इसके बाद रिज़र्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को 12 महीने की अवधि के लिए अधिक्रमित कर दिया और एक प्रशासक तथा सलाहकार समिति (सीओए) की नियुक्ति की, जैसाकि 7 अक्तूबर 2025 की प्रेस प्रकाशनी में घोषित किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 जुलाई 2025 को इरिंजालकुडा टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर सर्व समावेशी निदेश (एआईडी) लागू किए थे। इसके बाद रिज़र्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को 12 महीने की अवधि के लिए अधिक्रमित कर दिया और एक प्रशासक तथा सलाहकार समिति (सीओए) की नियुक्ति की, जैसाकि 7 अक्तूबर 2025 की प्रेस प्रकाशनी में घोषित किया गया है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 नवंबर
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 नवंबर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 नवंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश सं. DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 नवंबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने बैंक के भीतर देखे गए खराब अभिशासन मानकों से उत्पन्न महत्वपूर्ण चिंताओं के कारण अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) के निदेशक मंडल को 24 नवंबर 2023 को एक वर्ष के लिए अधिक्रमित किया था । अधिक्रमण की अवधि को 24 नवंबर 2024 से प्रभावी, एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था ।
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने बैंक के भीतर देखे गए खराब अभिशासन मानकों से उत्पन्न महत्वपूर्ण चिंताओं के कारण अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) के निदेशक मंडल को 24 नवंबर 2023 को एक वर्ष के लिए अधिक्रमित किया था । अधिक्रमण की अवधि को 24 नवंबर 2024 से प्रभावी, एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था ।
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (आईएमसीबीएल), लखनऊ को दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD.185569/12.28.007/2021-22 के माध्यम से 27 जुलाई 2022 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 17 जुलाई 2025 के निदेश DOR.MON.No.D-22/12.28.007/2025-26 के माध्यम से 27 अक्तूबर 2025 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (आईएमसीबीएल), लखनऊ को दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD.185569/12.28.007/2021-22 के माध्यम से 27 जुलाई 2022 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 17 जुलाई 2025 के निदेश DOR.MON.No.D-22/12.28.007/2025-26 के माध्यम से 27 अक्तूबर 2025 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल को दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S2574/12-07-005/2022-23 के माध्यम से 22 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 17 जुलाई 2025 के निदेश DOR.MON.D-21/12.29.046/2025-26 के द्वारा 22 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 22 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल को दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S2574/12-07-005/2022-23 के माध्यम से 22 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 17 जुलाई 2025 के निदेश DOR.MON.D-21/12.29.046/2025-26 के द्वारा 22 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 22 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 20, 2025