प्रेस प्रकाशनियां - विनियमन सहकारी बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश CO.DOS.SED. No. S370/45-11-001/2024-2025 के माध्यम से सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 15 अक्तूबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश CO.DOS.SED. No. S370/45-11-001/2024-2025 के माध्यम से सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 15 अक्तूबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.DSD.No.S2322/12-07-005/2022-23 के माध्यम से सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। उक्त निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा इसे पिछली बार 8 अक्तूबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.DSD.No.S2322/12-07-005/2022-23 के माध्यम से सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। उक्त निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा इसे पिछली बार 8 अक्तूबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र को दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S175/45.11.001/2024-2025 के माध्यम से 8 अक्तूबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर, महाराष्ट्र को दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S175/45.11.001/2024-2025 के माध्यम से 8 अक्तूबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 2 जुलाई 2024 के निदेश DOR.MON.D-30/12.28.115/2024-25 द्वारा 8 अक्तूबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 2 जुलाई 2024 के निदेश DOR.MON.D-30/12.28.115/2024-25 द्वारा 8 अक्तूबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No. S4800/12-23-151/2024-2025 द्वारा श्री महालक्ष्मी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, गोकक (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 27 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 सितंबर 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की चलनिधि की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक, चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे, लेकिन जमाराशि के एवज में ऋण को सेट-ऑफ करने की अनुमति है, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक की उपरोक्त निदेश में उल्लिखित शर्तों के अधीन है। उक्त निदेशों में निर्दिष्ट किए अनुसार बैंक कुछ आवश्यक मदों जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No. S4800/12-23-151/2024-2025 द्वारा श्री महालक्ष्मी अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट बैंक लिमिटेड, गोकक (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 27 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 सितंबर 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की चलनिधि की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक, चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे, लेकिन जमाराशि के एवज में ऋण को सेट-ऑफ करने की अनुमति है, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक की उपरोक्त निदेश में उल्लिखित शर्तों के अधीन है। उक्त निदेशों में निर्दिष्ट किए अनुसार बैंक कुछ आवश्यक मदों जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिन्हें पिछली बार दिनांक 24 जून 2024 के निदेश DOR.MON.D-29/12.21.039/2024-25 द्वारा 25 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिन्हें पिछली बार दिनांक 24 जून 2024 के निदेश DOR.MON.D-29/12.21.039/2024-25 द्वारा 25 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मालाड सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) के साथ दि राजपुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) के समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 23 सितंबर 2024 से लागू होगी। दि राजपुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) की शाखाएं 23 सितंबर 2024 से दि मालाड सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मालाड सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) के साथ दि राजपुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) के समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 23 सितंबर 2024 से लागू होगी। दि राजपुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) की शाखाएं 23 सितंबर 2024 से दि मालाड सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS. SED. No.S1918/12-22-283/2023-2024 द्वारा सावंतवाडी शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, सावंतवाडी को 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS. SED. No.S1918/12-22-283/2023-2024 द्वारा सावंतवाडी शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, सावंतवाडी को 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 द्वारा दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 द्वारा दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No.S50/04.01.009/2023-24 द्वारा दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथा संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे 6 जून 2024 के निदेश DOR.MON/D-25/12.28.207/2024-25 द्वारा 14 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 14 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No.S50/04.01.009/2023-24 द्वारा दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथा संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे 6 जून 2024 के निदेश DOR.MON/D-25/12.28.207/2024-25 द्वारा 14 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 14 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 10 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 10 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 सितंबर 2024 तक बढ़ाया गया था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। इन निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जून 2024 के निदेश द्वारा 9 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। इन निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जून 2024 के निदेश द्वारा 9 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथा संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथा संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 22 मई 2024 के निदेश DOR.MON.D-18/12-22-740/2024-25 द्वारा 29 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 22 मई 2024 के निदेश DOR.MON.D-18/12-22-740/2024-25 द्वारा 29 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश NGP.DOS.SSM 2.No.S1389/15-04-616/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 21 मई 2024 के निदेश DOR.MON/D-17/12.22.275/2024-25 द्वारा 24 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश NGP.DOS.SSM 2.No.S1389/15-04-616/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 21 मई 2024 के निदेश DOR.MON/D-17/12.22.275/2024-25 द्वारा 24 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 17 मई 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-15/12.16.051/2024-25 द्वारा 23 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 17 मई 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-15/12.16.051/2024-25 द्वारा 23 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को 22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 16 जुलाई 2024 के निदेश DOR.MON.D-32/12.22.705/2024-25 द्वारा 22 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को 22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 16 जुलाई 2024 के निदेश DOR.MON.D-32/12.22.705/2024-25 द्वारा 22 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उप्र) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S842/10-12-133/2022-23 द्वारा 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा पिछली बार इसे 24 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उप्र) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S842/10-12-133/2022-23 द्वारा 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा पिछली बार इसे 24 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा 18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 15 मई 2024 के निदेश DOR.MON.D-12/12.22.395/2024-25 द्वारा 17 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 अगस्त 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा 18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार इसे दिनांक 15 मई 2024 के निदेश DOR.MON.D-12/12.22.395/2024-25 द्वारा 17 अगस्त 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 अगस्त 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 6 मई 2024 के निदेश DOR.MON/D-11/12.23.283/2024-25 द्वारा 10 अगस्त 20024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 अगस्त 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 2 जनवरी 2020 के निदेश DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 द्वारा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु, कर्नाटक को 10 जुलाई 2020 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा इसे पिछली बार दिनांक 6 मई 2024 के निदेश DOR.MON/D-11/12.23.283/2024-25 द्वारा 10 अगस्त 20024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 10 अगस्त 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
दिनांक 31 मार्च 2021 को शिमशा सहकारी बैंक नियामिता, मद्दुर, मंड्या जिला (इसके बाद "बैंक" के रूप में संदर्भित) के वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण, जिसमें सीआरएआर (-) 79.74%, निवल मालियत ₹(-) 4.67 करोड़ और जमा क्षरण 19.61% का मूल्यांकन किया गया, से यह पता चला कि इसके वित्तीय स्थिति में काफी गिरावट आई है, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा बैंक को दिनांक 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से सर्वसमावेशी निदेश(एआईडी) के अंतर्गत रखा। एआईडी को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछला विस्तार 24 अगस्त 2024 को कारोबार समाप्ति तक वैध है।
दिनांक 31 मार्च 2021 को शिमशा सहकारी बैंक नियामिता, मद्दुर, मंड्या जिला (इसके बाद "बैंक" के रूप में संदर्भित) के वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण, जिसमें सीआरएआर (-) 79.74%, निवल मालियत ₹(-) 4.67 करोड़ और जमा क्षरण 19.61% का मूल्यांकन किया गया, से यह पता चला कि इसके वित्तीय स्थिति में काफी गिरावट आई है, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा बैंक को दिनांक 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से सर्वसमावेशी निदेश(एआईडी) के अंतर्गत रखा। एआईडी को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछला विस्तार 24 अगस्त 2024 को कारोबार समाप्ति तक वैध है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को दिनांक 28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार दिनांक 24 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-10/12.22.603/2024-25 के माध्यम से 28 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को दिनांक 28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया तथा पिछली बार दिनांक 24 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-10/12.22.603/2024-25 के माध्यम से 28 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा जारी किया। पीसीए ढांचे के प्रावधान 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। पृष्ठभूमि रिज़र्व बैंक ने कमज़ोर शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय तनाव का सामना कर रहे शहरी सहकारी बैंकों में वांछित सुधार लाने के लिए एक प्रारंभिक हस्तक्षेप उपकरण के रूप में पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) जारी किया था। एसएएफ़ को अंतिम बार रिज़र्व बैंक के 6 जनवरी 2020 के परिपत्र के माध्यम से संशोधित किया गया था। यह पीसीए ढांचा एसएएफ़ की जगह लेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा जारी किया। पीसीए ढांचे के प्रावधान 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। पृष्ठभूमि रिज़र्व बैंक ने कमज़ोर शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय तनाव का सामना कर रहे शहरी सहकारी बैंकों में वांछित सुधार लाने के लिए एक प्रारंभिक हस्तक्षेप उपकरण के रूप में पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) जारी किया था। एसएएफ़ को अंतिम बार रिज़र्व बैंक के 6 जनवरी 2020 के परिपत्र के माध्यम से संशोधित किया गया था। यह पीसीए ढांचा एसएएफ़ की जगह लेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा 29 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथासंशोधित गया तथा पिछली बार 23 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-08/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा 29 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे समय-समय पर यथासंशोधित गया तथा पिछली बार 23 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-08/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 28 जुलाई 2022 के निर्देश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए समय-समय पर यथासंशोधित निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 18 अप्रैल 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-06/12.24.020/2024-25 द्वारा 29 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 29 जुलाई 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 28 जुलाई 2022 के निर्देश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए समय-समय पर यथासंशोधित निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 18 अप्रैल 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-06/12.24.020/2024-25 द्वारा 29 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 29 जुलाई 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “दि महाभैरव को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेजपुर, असम” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, असम से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “दि महाभैरव को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेजपुर, असम” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, असम से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जनवरी 2022 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जनवरी 2022 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत, समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON/D-05/12-23-112/2024-2025 के माध्यम से दिनांक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत, समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON/D-05/12-23-112/2024-2025 के माध्यम से दिनांक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 18 अप्रैल 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-07/12.29.046/ 2024-25 के माध्यम से 22 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 18 अप्रैल 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-07/12.29.046/ 2024-25 के माध्यम से 22 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा (अनंतपुर जिला), आंध्र प्रदेश का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 20 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, आंध्र प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा (अनंतपुर जिला), आंध्र प्रदेश का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 20 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, आंध्र प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-03/12.22.705/2024-25 द्वारा 22 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-03/12.22.705/2024-25 द्वारा 22 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज विनियमित संस्थाओं अर्थात (i) वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों; (ii) सहकारी बैंकों (शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/केन्द्रीय सहकारी बैंकों); तथा (iii) गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (आवास वित्त कंपनियाँ सहित) के लिए धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर तीन संशोधित मास्टर निदेश जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज विनियमित संस्थाओं अर्थात (i) वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों; (ii) सहकारी बैंकों (शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/केन्द्रीय सहकारी बैंकों); तथा (iii) गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (आवास वित्त कंपनियाँ सहित) के लिए धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर तीन संशोधित मास्टर निदेश जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 के अंतर्गत दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 द्वारा दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को
12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया और पिछली बार इसे दिनांक 10 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-02/12.22.804/2024-25 द्वारा 12 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 12 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 के अंतर्गत दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 द्वारा दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को
12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसे समय-समय पर यथासंशोधित किया गया और पिछली बार इसे दिनांक 10 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-02/12.22.804/2024-25 द्वारा 12 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 12 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दुर, मांड्या जिला, कर्नाटक” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 5 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दुर, मांड्या जिला, कर्नाटक” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 5 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 4 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-1/12.28.115/2024-25 द्वारा 8 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 4 अप्रैल 2024 के निदेश DOR.MON.D-1/12.28.115/2024-25 द्वारा 8 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 4 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा “बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 4 जुलाई 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए सर्वसमावेशी निदेश जारी किए थे जिन्हें पिछली बार दिनांक 18 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-141/12.21.039/2023-24 द्वारा 25 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए सर्वसमावेशी निदेश जारी किए थे जिन्हें पिछली बार दिनांक 18 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-141/12.21.039/2023-24 द्वारा 25 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज पश्चिमी क्षेत्र में चुनिंदा बड़े शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के बोर्ड के निदेशकों का सम्मेलन आयोजित किया। गवर्नर, रिज़र्व बैंक ने 'यूसीबी में अभिशासन – धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना' विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया। श्री स्वामीनाथन जे., उप गवर्नर के साथ-साथ रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण, विनियमन और प्रवर्तन विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यपालक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इससे पहले अगस्त 2023, जनवरी 2024 और अप्रैल 2024 में क्रमशः मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ में यूसीबी के निदेशकों के साथ इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज पश्चिमी क्षेत्र में चुनिंदा बड़े शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के बोर्ड के निदेशकों का सम्मेलन आयोजित किया। गवर्नर, रिज़र्व बैंक ने 'यूसीबी में अभिशासन – धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना' विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया। श्री स्वामीनाथन जे., उप गवर्नर के साथ-साथ रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण, विनियमन और प्रवर्तन विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यपालक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इससे पहले अगस्त 2023, जनवरी 2024 और अप्रैल 2024 में क्रमशः मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ में यूसीबी के निदेशकों के साथ इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जून 2024 के आदेश द्वारा “दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 19 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जून 2024 के आदेश द्वारा “दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 19 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 जून 2024 के आदेश द्वारा “पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 15 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 जून 2024 के आदेश द्वारा “पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 15 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1918/12-22-283/2023-2024 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1918/12-22-283/2023-2024 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 जून 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S1932/12-23-065/2024-2025 द्वारा दि कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कारवार (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 12 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 जून 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की चलनिधि की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक, चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे, लेकिन जमाराशि के एवज में ऋण को सेट-ऑफ करने की अनुमति है, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक की उपरोक्त निदेश में उल्लिखित शर्तों के अधीन है। उक्त निदेशों में निर्दिष्ट किए अनुसार बैंक कुछ आवश्यक मदों जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 जून 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S1932/12-23-065/2024-2025 द्वारा दि कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कारवार (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 12 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 जून 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की चलनिधि की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक, चालू खाते या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे, लेकिन जमाराशि के एवज में ऋण को सेट-ऑफ करने की अनुमति है, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक की उपरोक्त निदेश में उल्लिखित शर्तों के अधीन है। उक्त निदेशों में निर्दिष्ट किए अनुसार बैंक कुछ आवश्यक मदों जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 जून 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S1931/12-23-001/2024-2025 द्वारा दि अमानाथ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 12 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 जून 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और अंतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹60,000 (साठ हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बैंक कतिपय आवश्यक मदों, यथा कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली का बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है जैसा कि उक्त निदेशों में निर्दिष्ट है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 जून 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S1931/12-23-001/2024-2025 द्वारा दि अमानाथ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर (बैंक) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 12 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 जून 2024 के निदेश में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और अंतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹60,000 (साठ हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बैंक कतिपय आवश्यक मदों, यथा कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली का बिल आदि के संबंध में व्यय कर सकता है जैसा कि उक्त निदेशों में निर्दिष्ट है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No. S50/04.01.009/2023-24 के माध्यम से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया और पिछली बार इसे दिनांक 12 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-140/12.28.207/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, निदेश की परिचालन की अवधि को 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No. S50/04.01.009/2023-24 के माध्यम से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया और पिछली बार इसे दिनांक 12 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-140/12.28.207/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, निदेश की परिचालन की अवधि को 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार 14 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार 14 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई और इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई और इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 7 मार्च 2024 के निदेश द्वारा 9 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 7 मार्च 2024 के निदेश द्वारा 9 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गायत्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, जगतियाल (तेलंगाना) के साथ दि यादगिरी लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, यदाद्रि भुवनागिरी (तेलंगाना) के समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 जून 2024 से लागू होगी। दि यादगिरी लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, यदाद्रि भुवनागिरी (तेलंगाना) की शाखाएं 10 जून 2024 से दि गायत्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, जगतियाल (तेलंगाना) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गायत्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, जगतियाल (तेलंगाना) के साथ दि यादगिरी लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, यदाद्रि भुवनागिरी (तेलंगाना) के समामेलन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए की उप-धारा (4) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मंजूरी दी गई है। यह योजना 10 जून 2024 से लागू होगी। दि यादगिरी लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, यदाद्रि भुवनागिरी (तेलंगाना) की शाखाएं 10 जून 2024 से दि गायत्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, जगतियाल (तेलंगाना) की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को समय-समय पर यथा संशोधित 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा निदेश की अवधि को
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को समय-समय पर यथा संशोधित 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा निदेश की अवधि को
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S850/10-03-030/2022-2023 द्वारा बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी (उ.प्र) को 3 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 3 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S850/10-03-030/2022-2023 द्वारा बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी (उ.प्र) को 3 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 3 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ग़ाज़ीपुर (उ.प्र.) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश LKO.DoS.SED.No.S-381/10.12.359/2023-24 द्वारा 29 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था, तथा इसे पिछली बार 29 मई 2024 तक के लिए बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ग़ाज़ीपुर (उ.प्र.) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश LKO.DoS.SED.No.S-381/10.12.359/2023-24 द्वारा 29 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था, तथा इसे पिछली बार 29 मई 2024 तक के लिए बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 23 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-130/12.22.740/2023-24 द्वारा 29 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। Aurangabad, Maharashtra under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 vide Directive No. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 dated August 28, 2023, for a period of six months up to the close of business on February 29, 2024, which were last extended up to the close of business on May 29, 2024 vide Directive DOR.MON.D-130/12.22.740/2023-24 dated February 23, 2024.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 23 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-130/12.22.740/2023-24 द्वारा 29 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। Aurangabad, Maharashtra under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 vide Directive No. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 dated August 28, 2023, for a period of six months up to the close of business on February 29, 2024, which were last extended up to the close of business on May 29, 2024 vide Directive DOR.MON.D-130/12.22.740/2023-24 dated February 23, 2024.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश NGP.DOS.SSM 2.No.S1389/15-04-616/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-128/12.22.275/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश NGP.DOS.SSM 2.No.S1389/15-04-616/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-128/12.22.275/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 14 फरवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-125/12.16.051/2023-24 द्वारा 23 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 14 फरवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-125/12.16.051/2023-24 द्वारा 23 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उप्र) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S842/10-12-133/2022-23 द्वारा 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा पिछली बार इसे 24 मई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उप्र) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S842/10-12-133/2022-23 द्वारा 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा पिछली बार इसे 24 मई 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-127/12.23.292/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिमशा सहकारा बैंक नियमिता, मद्दूर, मांड्या जिला को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा 24 अगस्त 2023 तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिनकी वैधता अवधि को दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-127/12.23.292/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-126/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D-126/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा 18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को दिनांक 14 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-124/12.22.395/2023-24 द्वारा 17 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लि., नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 18 मई 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-7/12.22.395/2017-18 द्वारा 18 नवंबर 2018 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किया था, जिसकी वैधता अवधि को दिनांक 14 फरवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-124/12.22.395/2023-24 द्वारा 17 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 मई 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
रिज़र्व बैंक ने आज चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुख) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में 120 से अधिक यूसीबी का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली - प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन पूर्व में आयोजित किया गया था।
रिज़र्व बैंक ने आज चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों (अर्थात्, मुख्य अनुपालन अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और आंतरिक लेखा परीक्षा के प्रमुख) के लिए मुंबई में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में 120 से अधिक यूसीबी का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 'आघात-सहनीय वित्तीय प्रणाली - प्रभावी आश्वासन कार्यों की भूमिका' विषय पर यह कार्यक्रम, रिज़र्व बैंक द्वारा अपनी विनियमित संस्थाओं के साथ पिछले एक वर्ष से आयोजित की जा रही पर्यवेक्षी गतिविधियों की शृंखला का एक हिस्सा है। इस शृंखला के भाग के रूप में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के आश्वासन कार्यों के प्रमुखों के लिए सम्मेलन पूर्व में आयोजित किया गया था।
The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Sri Guru Raghavendra Sahakara Bank Niyamitha, Bengaluru, Karnataka vide Directive DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 dated January 02, 2020, for a period of six months up to July 10, 2020, as modified from time to time, which were last extended up to the close of business on May 10, 2024 vide Directive DOR.MON/D-122/12.23.283/2023-24 dated February 05, 2024. The Reserve Bank of India is satisfied that in the public interest, it is necessary to further extend the period of operation of the Directive beyond May 10, 2024.
The Reserve Bank of India issued Directions under Section 35A read with Section 56 of the Banking Regulation Act, 1949 to Sri Guru Raghavendra Sahakara Bank Niyamitha, Bengaluru, Karnataka vide Directive DOS.CO.UCB.BSD-III.D-2/12.23.283/2019-20 dated January 02, 2020, for a period of six months up to July 10, 2020, as modified from time to time, which were last extended up to the close of business on May 10, 2024 vide Directive DOR.MON/D-122/12.23.283/2023-24 dated February 05, 2024. The Reserve Bank of India is satisfied that in the public interest, it is necessary to further extend the period of operation of the Directive beyond May 10, 2024.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 25 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-119/12.22.603/2023-24 के माध्यम से दिनांक 28 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि उपरोक्त निदेश की परिचालन अवधि को जनहित में दिनांक 28 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंजनगांव सुरजी नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2698/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 25 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-119/12.22.603/2023-24 के माध्यम से दिनांक 28 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। 2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि उपरोक्त निदेश की परिचालन अवधि को जनहित में दिनांक 28 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 29 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 24 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-120/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2729/12-07-005/2022-2023 द्वारा समय-समय पर यथासंशोधित 29 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 24 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-120/12.22.130/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-2022 के माध्यम से इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को 28 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछली बार इसे 27 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।
एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D -116/12-23-112/2023-2024 के माध्यम से दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 24 जुलाई 2023 के निदेश सं. BLR.DOS.SSMS.No.S836/09-01-112/2023-2024 के माध्यम से दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को समय-समय पर यथा संशोधित दिनांक 24 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 18 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON/D -116/12-23-112/2023-2024 के माध्यम से दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को दिनांक 24 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-113/12.22.705/2023-24 द्वारा 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED.No.S2598/12-07-005/2022-2023 द्वारा साईबाबा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, लातूर, महाराष्ट्र को समय-समय पर यथासंशोधित 22 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार दिनांक 15 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-113/12.22.705/2023-24 द्वारा 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्यम से दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 17 अप्रैल 2018 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार दिनांक 16 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश DCBS.CO.BSD-I/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्यम से दि सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को 17 अप्रैल 2018 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे पिछली बार दिनांक 16 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S370/45-11-001/2024-2025 द्वारा सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹15,000 (पंद्रह हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S370/45-11-001/2024-2025 द्वारा सर्वोदय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹15,000 (पंद्रह हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S369/45-11-001/2024-2025 द्वारा नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹10,000 (दस हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। f
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S369/45-11-001/2024-2025 द्वारा नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 15 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन जमाकर्ता के सभी बचत बैंक या चालू खातों या किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से ₹10,000 (दस हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। f
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 के माध्यम से दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को 12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से 12 अप्रैल 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 12 अक्तूबर 2023 के निदेश GWH.DOS.ADM.No.S163 /01.10.101/2023-24 के माध्यम से दि महाभैरब को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तेज़पुर (असम) को 12 अक्तूबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से 12 अप्रैल 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों की संभावना 2022-23' शीर्षक से वार्षिक प्रकाशन का 10वां खंड जारी किया। इसे https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE.
पर देखा जा सकता है। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक के 'पर्यवेक्षण विभाग' द्वारा प्रकाशित किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों की संभावना 2022-23' शीर्षक से वार्षिक प्रकाशन का 10वां खंड जारी किया। इसे https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE.
पर देखा जा सकता है। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक के 'पर्यवेक्षण विभाग' द्वारा प्रकाशित किया गया है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S175/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 8 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।
जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S175/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 8 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 5 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यूसीबी के निदेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल 2024 को लखनऊ में उत्तरी क्षेत्र के चुनिंदा यूसीबी के अध्यक्षों, प्रबंध निदेशक/ सीईओ और निदेशकों का एक सम्मेलन आयोजित किया।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-112/12.28.115/2023-24 द्वारा 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश DEL.DOS.EXG_SSM No. S515/12-10-013/2022-23 के माध्यम से रामगढ़िया को- ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से 8 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 5 जनवरी 2024 के निदेश DOR.MON.D-112/12.28.115/2023-24 द्वारा 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.DSD.No.S2322/12-07-005/2022-23 के माध्यम से सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। उक्त निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा इसे पिछली बार 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.DSD.No.S2322/12-07-005/2022-23 के माध्यम से सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 8 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। उक्त निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया, तथा इसे पिछली बार 8 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए सर्वसमावेशी निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को 25 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 25 सितंबर 2023 के निदेश सं. AMD.DOS.SSM.No.S1053/11-03-039/2023-2024 द्वारा कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद को 25 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए सर्वसमावेशी निदेश जारी किए थे। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, इस निदेश की परिचालन अवधि को 25 जनवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 नवंबर 2023 को अपनी प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से, 12 महीने की अवधि के लिए अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल के अधिक्रमण की घोषणा की थी और और इस अवधि के दौरान बैंक के मामलों का प्रबंधन करने के लिए श्री सत्य प्रकाश पाठक को "प्रशासक" नियुक्त किया था। प्रशासक को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता के लिए एक "परामर्शदाताओं की समिति" का भी गठन किया गया था। 4 मार्च 2024 से व्यक्तिगत कारणों से "परामर्शदाताओं की समिति" से श्री महेंद्र छाजेड़ के त्याग- पत्र के परिणामस्वरूप, समिति का पुनर्गठन करने और श्री देवेन्द्र कुमार को उनके स्थान पर तत्काल प्रभाव से "परामर्शदाताओं की समिति" के सदस्य के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। "परामर्शदाताओं की समिति" में अब निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 नवंबर 2023 को अपनी प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से, 12 महीने की अवधि के लिए अभ्युदय सहकारी बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल के अधिक्रमण की घोषणा की थी और और इस अवधि के दौरान बैंक के मामलों का प्रबंधन करने के लिए श्री सत्य प्रकाश पाठक को "प्रशासक" नियुक्त किया था। प्रशासक को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता के लिए एक "परामर्शदाताओं की समिति" का भी गठन किया गया था। 4 मार्च 2024 से व्यक्तिगत कारणों से "परामर्शदाताओं की समिति" से श्री महेंद्र छाजेड़ के त्याग- पत्र के परिणामस्वरूप, समिति का पुनर्गठन करने और श्री देवेन्द्र कुमार को उनके स्थान पर तत्काल प्रभाव से "परामर्शदाताओं की समिति" के सदस्य के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। "परामर्शदाताओं की समिति" में अब निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1918/12-22-283/2023-2024 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि उपर्युक्त निदेश दिनांक 13 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-139/12.22.283/2023-24 के अनुसार बैंक पर 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति से 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सावंतवाड़ी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सावंतवाड़ी को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1918/12-22-283/2023-2024 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और पिछली बार इसे 14 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जनता के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि उपर्युक्त निदेश दिनांक 13 मार्च 2024 के निदेश DOR.MON/D-139/12.22.283/2023-24 के अनुसार बैंक पर 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति से 14 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No. S50/04.01.009/2023-24 के माध्यम से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया और आखिरी बार इसे दिनांक 8 दिसंबर 2023 के निदेश DOR.MON/D-109/12.28.207/2023-24 के माध्यम से 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, निदेश की परिचालन की अवधि को 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हाजीपुर, जिला वैशाली को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 13 जून 2023 के निदेश सं. DoS(Patna).Co-op.Bk./No. S50/04.01.009/2023-24 के माध्यम से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया और आखिरी बार इसे दिनांक 8 दिसंबर 2023 के निदेश DOR.MON/D-109/12.28.207/2023-24 के माध्यम से 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, निदेश की परिचालन की अवधि को 14 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे आखिरी बार 14 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि राजापुर सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई को दिनांक 13 जून 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S1917/12.22.212/2023-24 के माध्यम से 14 जून 2023 को कारोबार की समाप्ति से 14 दिसंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और इसे आखिरी बार 14 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 8 दिसंबर 2023 के निदेश द्वारा 9 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
सीकर अर्बन को-ऑपरटिव बैंक लिमिटेड, सीकर, राजस्थान को दिनांक 26 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से 9 नवंबर 2018 को कारोबार की समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए सर्व समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था, जो समीक्षाधीन था। निदेशों की वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 8 दिसंबर 2023 के निदेश द्वारा 9 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक तीन माह की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, जो समीक्षाधीन था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8241/12-22-316/2022-2023 के माध्यम से, डिफेन्स अकाउंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई और इसे अंतिम बार 10 मार्च 2024 तक बढ़ाई गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CO.DOS.SED.No.S8240/12-22-493/2022-2023 द्वारा पुणे सहकारी बैंक लिमिटेड, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई और इसे अंतिम बार 10 मार्च 2024 तक बढ़ाई गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CDG.DOS.RSG.No. S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को 10 सितंबर 2023 के कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिन्हें समय-समय पर संशोधित करके अंतिम बार निदेश की वैधता को 10 मार्च 2024 की कारोबार समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 मार्च 2024 के कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश CDG.DOS.RSG.No. S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को 10 सितंबर 2023 के कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे, जिन्हें समय-समय पर संशोधित करके अंतिम बार निदेश की वैधता को 10 मार्च 2024 की कारोबार समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 मार्च 2024 के कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 आगत 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत अजिंठा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद को दिनांक 28 आगत 2023 के निदेश सं. NGP.DoS.SSM 3.No.S675/15.03.302/2023-2024 के माध्यम से 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S850/10-03-030/2022-2023 द्वारा बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी (उ.प्र) को 3 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को 3 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाई गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S850/10-03-030/2022-2023 द्वारा बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी (उ.प्र) को 3 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को 3 मार्च 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाई गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा “सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर, पाली, राजस्थान” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक
28 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों का रजिस्ट्रार, राजस्थान से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा “सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर, पाली, राजस्थान” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक
28 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों का रजिस्ट्रार, राजस्थान से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
10 अगस्त 2023 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने स्पष्टता, संक्षिप्तता और विवरणी प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न पर्यवेक्षित संस्थाओं को जारी किए गए निदेशों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए मास्टर निदेश– भारतीय रिज़र्व बैंक (पर्यवेक्षी विवरणी प्रस्तुत करना) निदेश– 2024 जारी किया है। यह विनियम समीक्षा प्राधिकरण (आरआरए 2.0) और भारतीय रिज़र्व बैंक के आंतरिक कार्य समूह की अनुशंसा के आधार पर विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए गए उपायों की एक शृंखला का हिस्सा है।
10 अगस्त 2023 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने स्पष्टता, संक्षिप्तता और विवरणी प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न पर्यवेक्षित संस्थाओं को जारी किए गए निदेशों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए मास्टर निदेश– भारतीय रिज़र्व बैंक (पर्यवेक्षी विवरणी प्रस्तुत करना) निदेश– 2024 जारी किया है। यह विनियम समीक्षा प्राधिकरण (आरआरए 2.0) और भारतीय रिज़र्व बैंक के आंतरिक कार्य समूह की अनुशंसा के आधार पर विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए गए उपायों की एक शृंखला का हिस्सा है।
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड – निदेशों को वापस लेना
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश - द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड – निदेशों को वापस लेना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ग़ाज़ीपुर (उ.प्र.) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश LKO.DoS.SED.No.S-381/10.12.359/2023-24 द्वारा 29 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था और ये निदेश 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक वैध थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, ग़ाज़ीपुर (उ.प्र.) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 अगस्त 2023 के निदेश LKO.DoS.SED.No.S-381/10.12.359/2023-24 द्वारा 29 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था और ये निदेश 29 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक वैध थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 21 नवंबर 2023 के निदेश सं. DOR.MON.D-94/12.16.051/2023-24 द्वारा 23 फरवरी 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 23 अगस्त 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S3361/12-07-005/2022-2023 द्वारा थोडुपुझा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल को 23 अगस्त 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 21 नवंबर 2023 के निदेश सं. DOR.MON.D-94/12.16.051/2023-24 द्वारा 23 फरवरी 2024 तक बढ़ाया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 नवंबर 2024 के निदेश DOR.MON/D-92/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उरवकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, उरवकोंडा, (अनंतपुर जिला) को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश सं. AP.DOS.INSP1.No.S89/03-02-097/2022-2023 द्वारा 24 अगस्त 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 15 नवंबर 2024 के निदेश DOR.MON/D-92/12.22.789/2023-24 द्वारा 24 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में, उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 24 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अक्तूबर 11, 2024