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मास्टर परिपत्र

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जुलाई 01, 2009
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2009-10/63 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 20 /22.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931(शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 21/22.01.001/2008-09 देखें जिसमें 30 जून 2008 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है । उपर्युक्त मास्टर परिपत्र को 30 जून 20
आरबीआइ/2009-10/63 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 20 /22.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931(शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 21/22.01.001/2008-09 देखें जिसमें 30 जून 2008 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है । उपर्युक्त मास्टर परिपत्र को 30 जून 20
जुलाई 01, 2009
माइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र
आरबीआई/2009-10/40 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 09 /12.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय माइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि. एमएफएफआइ. बीसी.सं.08/12.01.001/2008-09 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2009 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की सूची, जिनमें ये अनुदेश समाविष्ट हैं, इस मास्टर
आरबीआई/2009-10/40 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 09 /12.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय माइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि. एमएफएफआइ. बीसी.सं.08/12.01.001/2008-09 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2009 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की सूची, जिनमें ये अनुदेश समाविष्ट हैं, इस मास्टर
जुलाई 01, 2009
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2009-10/38 संदर्भ मौनीवि. सं. 4627 /07.01.279/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2009 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.
भारिबैं/2009-10/38 संदर्भ मौनीवि. सं. 4627 /07.01.279/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2009 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.
नवंबर 03, 2008
ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/261 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75/09.07.005/2008-09 3 नवंबर 2008   12 कार्तिक 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)   महोदय   ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र   जैसाकि आप जानते हैं, बैंकों तथा उनकी शाखाओं में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ग्राहक सेवा के क्षेत्र में विभिन्न अनुदेश/दिशानिर्देश समय-समय पर जारी करता रहा है ।   2. उपर्युक्त विषय से संबंधित सभी वर्तमान
आरबीआइ/2008-09/261 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75/09.07.005/2008-09 3 नवंबर 2008   12 कार्तिक 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)   महोदय   ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र   जैसाकि आप जानते हैं, बैंकों तथा उनकी शाखाओं में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ग्राहक सेवा के क्षेत्र में विभिन्न अनुदेश/दिशानिर्देश समय-समय पर जारी करता रहा है ।   2. उपर्युक्त विषय से संबंधित सभी वर्तमान
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश
भारिबैं /2008-2009 /35 भारिबैं /2008-2009 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 1 /05.04.02/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देशकृपया दिनांक 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएफएस. बीसी.1/ 05.04.02/2007-08 देखें जिसमें प्राकृतिक आपदाओं
भारिबैं /2008-2009 /35 भारिबैं /2008-2009 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 1 /05.04.02/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देशकृपया दिनांक 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएफएस. बीसी.1/ 05.04.02/2007-08 देखें जिसमें प्राकृतिक आपदाओं
जुलाई 01, 2008
देशी, सामान्य अनिवासी और अनिवासी (बाह्य)खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें से संबंधित मास्टर परिपत्र
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् BANKCHALAN, MUMBAIआरबीआइ/2008-09/76 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 15 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयदेशी, सामान्य अनिवासी और अनिवासी (बाह्य)खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें से संबंधित मास्टर परिपत्रकृपया आप देशी, सामान्य अनिवासी और अनिवासी (बाह्य) खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 3
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् BANKCHALAN, MUMBAIआरबीआइ/2008-09/76 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 15 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयदेशी, सामान्य अनिवासी और अनिवासी (बाह्य)खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें से संबंधित मास्टर परिपत्रकृपया आप देशी, सामान्य अनिवासी और अनिवासी (बाह्य) खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 3
जुलाई 01, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
भारिबैं /2008-09/36 ग्राआऋवि.केका.क्षेग्राबैं.सं.बीएल.बीसी. 07/03.05.90ए/2008-09 01 जुलाई 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / प्रायोजक बैंकों के अध्यक्षमहोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को शाखाएँ / विस्तार काउंटर / कार्यालय खोलने / स्थान बदलने / विलय करने आदि के बारे में समय-समय पर अनुदेश जारी करता रहा है। सभी वर्तमान अनुदेशों को समेकित करने तथा उन
भारिबैं /2008-09/36 ग्राआऋवि.केका.क्षेग्राबैं.सं.बीएल.बीसी. 07/03.05.90ए/2008-09 01 जुलाई 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / प्रायोजक बैंकों के अध्यक्षमहोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को शाखाएँ / विस्तार काउंटर / कार्यालय खोलने / स्थान बदलने / विलय करने आदि के बारे में समय-समय पर अनुदेश जारी करता रहा है। सभी वर्तमान अनुदेशों को समेकित करने तथा उन
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरें
आरबीआइ/2008-09/75 बैपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.14/13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरेंकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 6 /13.03.00/ 2007-08 देखें जिसमें अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में बैंकों को 30 जून 2007 तक जारी किये गये अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किये गये थे । 30 जून 2008 तक जारी किये गये अनुदेशों को शामिल करते
आरबीआइ/2008-09/75 बैपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.14/13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरेंकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 6 /13.03.00/ 2007-08 देखें जिसमें अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में बैंकों को 30 जून 2007 तक जारी किये गये अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किये गये थे । 30 जून 2008 तक जारी किये गये अनुदेशों को शामिल करते
जुलाई 01, 2008
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/77 बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 16/13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयविदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 8/13.03.00/2006-07 का अवलोकन करें, जिसमें विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 30 जून 2007 तक जारी अनु
आरबीआइ/2008-09/77 बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 16/13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयविदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 8/13.03.00/2006-07 का अवलोकन करें, जिसमें विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 30 जून 2007 तक जारी अनु
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
जुलाई 01, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में
मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
जुलाई 01, 2008
इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
जुलाई 01, 2008
’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र्
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 04, 2024

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