मास्टर निदेशों - विनियमित गैर-बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेशों
RBI/DoR/2024-25/122 DoR.FIN.REC.No.31/20.16.003/2024-25 July 30, 2024 All Commercial Banks including Small Finance Banks, Local Area Banks and Regional Rural Banks and excluding Payments Banks All Primary (Urban) Co-operative Banks/ State Co-operative Banks/ Central Co-operative Banks All India Financial Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB, SIDBI and NaBFID) All Non-Banking Financial Companies including Housing Finance Companies All Asset Reconstruction Companies All Credit Information Companies Dear Sir/ Madam, Master Direction on Treatment of Wilful Defaulters and Large Defaulters This Master Direction on wilful defaulters serves as a comprehensive guideline delineating the regulatory framework and procedures for classification of borrowers as wilful defaulters. This directive plays a crucial role in maintaining the integrity of the financial system by outlining the measures and consequences for those borrowers who deliberately default on their financial obligations.
RBI/DoR/2024-25/122 DoR.FIN.REC.No.31/20.16.003/2024-25 July 30, 2024 All Commercial Banks including Small Finance Banks, Local Area Banks and Regional Rural Banks and excluding Payments Banks All Primary (Urban) Co-operative Banks/ State Co-operative Banks/ Central Co-operative Banks All India Financial Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB, SIDBI and NaBFID) All Non-Banking Financial Companies including Housing Finance Companies All Asset Reconstruction Companies All Credit Information Companies Dear Sir/ Madam, Master Direction on Treatment of Wilful Defaulters and Large Defaulters This Master Direction on wilful defaulters serves as a comprehensive guideline delineating the regulatory framework and procedures for classification of borrowers as wilful defaulters. This directive plays a crucial role in maintaining the integrity of the financial system by outlining the measures and consequences for those borrowers who deliberately default on their financial obligations.
भारिबैं/प.वि.कें.का/2024-25/120 प.वि.कें.का.एफएमजी.एसईसी.सं.7/23.04.001/2024-25 जुलाई 15, 2024 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियों सहित) महोदया / महोदय, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) (आवास वित्त कंपनियों सहित) में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का अधिनियम 2) की धारा 45के, 45एल और 45एम तथा राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए, 32 और 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (एनबीएफसी में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन) निदेश, 2024 अनुबंध के रूप में संलग्न है। ये निदेश इस विषय पर पहले जारी किए गए निदेशों, अर्थात् 29 सितंबर 2016 के मास्टर निदेश - एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 को अधिक्रमित करेंगे।
भारिबैं/प.वि.कें.का/2024-25/120 प.वि.कें.का.एफएमजी.एसईसी.सं.7/23.04.001/2024-25 जुलाई 15, 2024 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियों सहित) महोदया / महोदय, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) (आवास वित्त कंपनियों सहित) में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का अधिनियम 2) की धारा 45के, 45एल और 45एम तथा राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए, 32 और 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (एनबीएफसी में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन) निदेश, 2024 अनुबंध के रूप में संलग्न है। ये निदेश इस विषय पर पहले जारी किए गए निदेशों, अर्थात् 29 सितंबर 2016 के मास्टर निदेश - एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 को अधिक्रमित करेंगे।
भा.रि.बैंक/विवि/2024-25/116 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.16/26.03.001/2024-25 24 अप्रैल 2024 सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ महोदय / महोदया मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024 बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीय (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
भा.रि.बैंक/विवि/2024-25/116 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.16/26.03.001/2024-25 24 अप्रैल 2024 सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ महोदय / महोदया मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024 बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीय (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
आरबीआई/प.वि.डी.एस.जी / 2023-24 /110 प.वि. डीएसजी. सं.10 /33.01.001/2023-24 27 फरवरी, 2024 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक चुनिंदा भारतीय वित्तीय संस्थानों (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों को छोड़कर) और सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
आरबीआई/प.वि.डी.एस.जी / 2023-24 /110 प.वि. डीएसजी. सं.10 /33.01.001/2023-24 27 फरवरी, 2024 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक चुनिंदा भारतीय वित्तीय संस्थानों (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों को छोड़कर) और सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अक्तूबर 31, 2024