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जून 07, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।

जून 07, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

जून 04, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशियां – मार्च 2024 (वार्षिक बीएसआर-2)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि  – मार्च 2024 ’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल  (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी  किया। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित)}, वार्षिक ‘आधारभूत सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी  में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह , बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा  अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि  – मार्च 2024 ’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल  (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी  किया। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित)}, वार्षिक ‘आधारभूत सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी  में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह , बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा  अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।

जून 04, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण – मार्च 2024 (वार्षिक बीएसआर-1)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी– मार्च 2024’[1] शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[2] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह प्रकाशन वार्षिक 'आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर) - 1' प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित} द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के आधार पर भारत में बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो खाते के प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण के उपयोग के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह[3], ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि के बारे में सूचना एकत्र करता है।   [1] मार्च 2023 के लिए एससीबी (आरआरबी सहित) द्वारा ऋण पर पिछले वार्षिक बीएसआर-1 श्रृंखला के परिणाम 30 जून 2023 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए थे; एससीबी (आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 के कुल परिणाम दिसंबर 2014 से नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं। तदनुसार, वार्षिक बीएसआर-1 मार्च 2024 के साथ मार्च 2024 के लिए त्रैमासिक प्रकाशन भी जारी किया जाता है (वेब-लिंक:- https://dbie.rbi.org.in >होमपेज> प्रकाशन>मूल सांख्यिकीय रिटर्न (बीएसआर)-1 - (तिमाही) - अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण)।[2]  मार्च 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के तहत एकत्रित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय पहले हमारी वेबसाइट (https://website.rbi.org.in/web/rbi >होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर प्रकाशित किए गए थे और मार्च 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा, जो चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए थे, भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>डेटा रिलीज>मासिक>बैंक ऋण के क्षेत्रीय परिनियोजन पर डेटा) पर जारी किए गए थे। [3]  बीएसआर के लिए प्रयुक्त जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार, संबंधित राजस्व केन्द्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और उन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है: क) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), ख) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम जनसंख्या), ग) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम जनसंख्या), घ) 'महानगरीय' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या)।   

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी– मार्च 2024’[1] शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[2] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह प्रकाशन वार्षिक 'आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर) - 1' प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित} द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के आधार पर भारत में बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो खाते के प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण के उपयोग के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह[3], ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि के बारे में सूचना एकत्र करता है।   [1] मार्च 2023 के लिए एससीबी (आरआरबी सहित) द्वारा ऋण पर पिछले वार्षिक बीएसआर-1 श्रृंखला के परिणाम 30 जून 2023 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए थे; एससीबी (आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 के कुल परिणाम दिसंबर 2014 से नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं। तदनुसार, वार्षिक बीएसआर-1 मार्च 2024 के साथ मार्च 2024 के लिए त्रैमासिक प्रकाशन भी जारी किया जाता है (वेब-लिंक:- https://dbie.rbi.org.in >होमपेज> प्रकाशन>मूल सांख्यिकीय रिटर्न (बीएसआर)-1 - (तिमाही) - अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण)।[2]  मार्च 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के तहत एकत्रित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय पहले हमारी वेबसाइट (https://website.rbi.org.in/web/rbi >होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर प्रकाशित किए गए थे और मार्च 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा, जो चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए थे, भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>डेटा रिलीज>मासिक>बैंक ऋण के क्षेत्रीय परिनियोजन पर डेटा) पर जारी किए गए थे। [3]  बीएसआर के लिए प्रयुक्त जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार, संबंधित राजस्व केन्द्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और उन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है: क) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), ख) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम जनसंख्या), ग) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम जनसंख्या), घ) 'महानगरीय' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या)।   

जून 03, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा (आईटीईएस) निर्यात: 2023-24 पर सर्वेक्षण प्रारंभ किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा (आईटीईएस) निर्यात पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण का 2023-24 दौर प्रारंभ किया है। इस सर्वेक्षण में कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) और कारोबार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (बीपीओ) के निर्यात के विभिन्न पक्षों से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। सर्वेक्षण के परिणाम भारत के बाहरी क्षेत्र के आंकड़ों के संकलन में उपयोग किए जाने के अलावा सार्वजनिक डोमेन में प्रसारित किए जाते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा (आईटीईएस) निर्यात पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण का 2023-24 दौर प्रारंभ किया है। इस सर्वेक्षण में कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) और कारोबार प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (बीपीओ) के निर्यात के विभिन्न पक्षों से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। सर्वेक्षण के परिणाम भारत के बाहरी क्षेत्र के आंकड़ों के संकलन में उपयोग किए जाने के अलावा सार्वजनिक डोमेन में प्रसारित किए जाते हैं।

जून 03, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने म्यूच्युअल फंड और आस्ति प्रबंधन कंपनियों की विदेशी देयताओं और आस्तियों पर सर्वेक्षण प्रारंभ कियाः 2023-24 दौर

रिज़र्व बैंक ने 'म्यूच्युअल फंड और आस्ति प्रबंधन कंपनियों की विदेशी देयताओं और आस्तियों' पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण का 2023-24 दौर प्रारंभ किया है। यह सर्वेक्षण म्युचुअल फंड कंपनियों और आस्ति प्रबंधन कंपनियों से नवीनतम वित्तीय वर्ष के मार्च के अंत तक उनकी बाह्य वित्तीय देनदारियों और परिसंपत्तियों पर जानकारी एकत्र करता है। सर्वेक्षण के परिणाम भारत के बाह्य क्षेत्र के आंकड़ों के संकलन में उपयोग किए जाने के अलावा सार्वजनिक डोमेन में प्रसारित किए जाते हैं।

रिज़र्व बैंक ने 'म्यूच्युअल फंड और आस्ति प्रबंधन कंपनियों की विदेशी देयताओं और आस्तियों' पर अपने वार्षिक सर्वेक्षण का 2023-24 दौर प्रारंभ किया है। यह सर्वेक्षण म्युचुअल फंड कंपनियों और आस्ति प्रबंधन कंपनियों से नवीनतम वित्तीय वर्ष के मार्च के अंत तक उनकी बाह्य वित्तीय देनदारियों और परिसंपत्तियों पर जानकारी एकत्र करता है। सर्वेक्षण के परिणाम भारत के बाह्य क्षेत्र के आंकड़ों के संकलन में उपयोग किए जाने के अलावा सार्वजनिक डोमेन में प्रसारित किए जाते हैं।

जून 01, 2024
अप्रैल 2024 माह के लिए भारत के अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार संबंधी मासिक आंकड़े

अप्रैल 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह    प्राप्तियां (निर्यात)    भुगतान (आयात) जनवरी – 2024    31,023 (10.8)    14,850 (0.2) 

अप्रैल 2024 के दौरान सेवाओं के निर्यातों और आयातों का मूल्य निम्नलिखित सारणी में दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सेवा व्यापार (मिलियन अमेरिकी डॉलर) माह    प्राप्तियां (निर्यात)    भुगतान (आयात) जनवरी – 2024    31,023 (10.8)    14,850 (0.2) 

मई 31, 2024
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरें – मई 2024

मई 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

मई 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।

मई 31, 2024
2023-24 की चौथी तिमाही के लिए अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दस प्रमुख शहरों[1] में पंजीकरण प्राधिकरणों से प्राप्त लेनदेन-स्तर के आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए त्रैमासिक आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) [2] (आधार: 2010-11=100) जारी किया। अखिल भारतीय और शहर-वार एचपीआई पर समय-शृंखला डेटा बैंक के भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/home > Statistics > Real Sector > Prices & Wages) पर उपलब्ध हैं। मुख्य बातें: पिछले तिमाही में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि और एक वर्ष पहले 4.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 2023-24 की चौथी तिमाही में अखिल भारतीय एचपीआइ (वर्ष-दर-वर्ष) 4.1 प्रतिशत बढ़ा; वार्षिक एचपीआई वृद्धि सभी शहरों में व्यापक रूप से भिन्न-भिन्न रही- उच्चतम 11.7 प्रतिशत (अहमदाबाद) से लेकर न्यूनतम -0.3 प्रतिशत (जयपुर) तक। क्रमिक (तिमाही-दर-तिमाही) आधार पर, 2023-24 की चौथी तिमाही में अखिल भारतीय एचपीआई में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई; दस शहरों में से आठ (अर्थात्, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता, कानपुर और कोच्चि) में नवीनतम तिमाही के दौरान आवास कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दस प्रमुख शहरों[1] में पंजीकरण प्राधिकरणों से प्राप्त लेनदेन-स्तर के आंकड़ों के आधार पर, 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए त्रैमासिक आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) [2] (आधार: 2010-11=100) जारी किया। अखिल भारतीय और शहर-वार एचपीआई पर समय-शृंखला डेटा बैंक के भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/home > Statistics > Real Sector > Prices & Wages) पर उपलब्ध हैं। मुख्य बातें: पिछले तिमाही में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि और एक वर्ष पहले 4.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 2023-24 की चौथी तिमाही में अखिल भारतीय एचपीआइ (वर्ष-दर-वर्ष) 4.1 प्रतिशत बढ़ा; वार्षिक एचपीआई वृद्धि सभी शहरों में व्यापक रूप से भिन्न-भिन्न रही- उच्चतम 11.7 प्रतिशत (अहमदाबाद) से लेकर न्यूनतम -0.3 प्रतिशत (जयपुर) तक। क्रमिक (तिमाही-दर-तिमाही) आधार पर, 2023-24 की चौथी तिमाही में अखिल भारतीय एचपीआई में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई; दस शहरों में से आठ (अर्थात्, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता, कानपुर और कोच्चि) में नवीनतम तिमाही के दौरान आवास कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई।

मई 31, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 26 मई 17 मई 24 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 13742 17624 18822 1199 5080 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 26 मई 17 मई 24 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 13742 17624 18822 1199 5080 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

मई 31, 2024
बैंक ऋण का क्षेत्र-वार अभिनियोजन – अप्रैल 2024

अप्रैल 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं। वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर बैंक ऋण[2] में अप्रैल 2024[3] में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले यह 16.2 प्रतिशत थी। बैंक ऋण3 के क्षेत्र-वार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं :

अप्रैल 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं। वर्ष-दर-वर्ष (व-द-व) आधार पर देखें तो, खाद्येतर बैंक ऋण[2] में अप्रैल 2024[3] में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले यह 16.2 प्रतिशत थी। बैंक ऋण3 के क्षेत्र-वार अभिनियोजन की मुख्य बातें नीचे दी गई हैं :

मई 31, 2024
दिनांक 17 मई 2024, शुक्रवार को भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 19-मई-23 03-मई-2024 * 17-मई-2024 * 19-मई-23 03-मई-2024 * 17-मई-2024 * I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 243149.05 291055.4 289684.94 245652.1 292732.12 293567.66 ** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 56459.38 167685.78 162652.29 56588.09 170176.71 162655.65 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 59167.93 76526.45 74441.56 59826.67 76795.5 74668.36 II अन्य के प्रति देयताएं (क)  क) जमाराशियां (बैंकों से ली गयी जमाराशियों से इतर)  18376356.29 20938381 (20835743.37) 20814091.81 (20714644.03) 18815257.1 21400918.13 (21298280.50) 21272866.45 (21173418.67) i) मांग 2121659.38 2437589.96 2407317.7 2166035.94 2489214.44 2456817.25 ii) मीयादी 16254696.91 18500791.06 18406774.13 16649221.16 18911703.71 18816049.21

(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक  (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 19-मई-23 03-मई-2024 * 17-मई-2024 * 19-मई-23 03-मई-2024 * 17-मई-2024 * I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क)  क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 243149.05 291055.4 289684.94 245652.1 292732.12 293567.66 ** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 56459.38 167685.78 162652.29 56588.09 170176.71 162655.65 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 59167.93 76526.45 74441.56 59826.67 76795.5 74668.36 II अन्य के प्रति देयताएं (क)  क) जमाराशियां (बैंकों से ली गयी जमाराशियों से इतर)  18376356.29 20938381 (20835743.37) 20814091.81 (20714644.03) 18815257.1 21400918.13 (21298280.50) 21272866.45 (21173418.67) i) मांग 2121659.38 2437589.96 2407317.7 2166035.94 2489214.44 2456817.25 ii) मीयादी 16254696.91 18500791.06 18406774.13 16649221.16 18911703.71 18816049.21

मई 30, 2024
वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक रिपोर्ट

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जो रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक सांविधिक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में अप्रैल 2023- मार्च 2024 की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के कामकाज और कार्यपद्धति को शामिल किया गया है।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जो रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक सांविधिक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में अप्रैल 2023- मार्च 2024 की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के कामकाज और कार्यपद्धति को शामिल किया गया है।

मई 29, 2024
24 मई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 17 मई 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 मई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 17 मई 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 मई 2024 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 17 मई 2024 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।

मई 27, 2024
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों का वित्त, 2022-23

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,272 कंपनियों, जिन्होंने 2020-21 से 2022-23 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया, के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा के आधार पर वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्तीय कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े[1] (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/reports/Statistics/Corporate%20Sector/Finances%20of%20FDI%20Companies) जारी किए। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबारी गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। [1] शृंखला में जारी पिछले आंकड़े 31 मार्च 2023 को प्रकाशित किए गए थे, जो वर्ष 2019-20 से 2021-22 के लिए 2,206 एफ़डीआई कंपनियों के वित्त पर आधारित थे।

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,272 कंपनियों, जिन्होंने 2020-21 से 2022-23 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया, के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा के आधार पर वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्तीय कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े[1] (https://cimsdbie.rbi.org.in/DBIE/#/dbie/reports/Statistics/Corporate%20Sector/Finances%20of%20FDI%20Companies) जारी किए। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबारी गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। [1] शृंखला में जारी पिछले आंकड़े 31 मार्च 2023 को प्रकाशित किए गए थे, जो वर्ष 2019-20 से 2021-22 के लिए 2,206 एफ़डीआई कंपनियों के वित्त पर आधारित थे।

मई 24, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश      
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां *
(₹ करोड़)मद     2023    2024    घट-बढ़
19 मई     10 मई     17 मई     सप्ताह     वर्ष
1 2 3    4 5 4. ऋण और अग्रिम4.1 केंद्र सरकार 0 0    0 0 0
4.2 राज्य सरकारें12194 11584 17624 6039 5430
* आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है,तो पूर्णांक के कारण है। 

भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश      
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां *
(₹ करोड़)मद     2023    2024    घट-बढ़
19 मई     10 मई     17 मई     सप्ताह     वर्ष
1 2 3    4 5 4. ऋण और अग्रिम4.1 केंद्र सरकार 0 0    0 0 0
4.2 राज्य सरकारें12194 11584 17624 6039 5430
* आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है,तो पूर्णांक के कारण है। 

मई 21, 2024
आरबीआई बुलेटिन – मई 2024

रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।

रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का मई 2024 अंक प्रकाशित किया। बुलेटिन में तीन भाषण, चार आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। चार लेख हैंः I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. विकेन्द्रीकृत वित्त: वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव; III. भारतीय रिज़र्व बैंक का मुद्रा स्वैप: जीएफएसएन में भूमिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना; IV. भारत में उपभोक्ता विश्वास: एक क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य। अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावना कमजोर हो रही है क्योंकि मुद्रास्फीति की गिरावट बाधित हो रही है,जिससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम फिर से बढ़ रहा है। पूंजी प्रवाह अस्थिर हो गया है क्योंकि धैर्यहीन निवेशक जोखिम से विमुख हो रहे हैं। एक बढ़ता आशावाद यह है कि भारत लंबे समय से प्रतीक्षित आर्थिक टेक-ऑफ के मार्ग पर है। हाल ही के संकेतक सकल मांग की गति में तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं। खाद्येतर व्यय को ग्रामीण व्यय की बहाली में तेजी द्वारा बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल 2024 के रीडिंग में देखी गई हेडलाइन मुद्रास्फीति में मामूली कमी, इस आशा की पुष्टि करती है कि लक्ष्य के साथ संरेखण की असमान और मध्यम गति चल रही है।

मई 17, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. Reserve Bank of India - Liabilities and Assets* (₹ Crore) Item    2023    2024    Variation May 12    May 3    May 10    Week    Year 1    2    3    4    5 4 Loans and Advances    4.1 Central Government    0    0    0    0    0 4.2 State Governments    12451    19755    11584    -8170    -866 * Data are provisional; difference, if any, is due to rounding off. 

1. Reserve Bank of India - Liabilities and Assets* (₹ Crore) Item    2023    2024    Variation May 12    May 3    May 10    Week    Year 1    2    3    4    5 4 Loans and Advances    4.1 Central Government    0    0    0    0    0 4.2 State Governments    12451    19755    11584    -8170    -866 * Data are provisional; difference, if any, is due to rounding off. 

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 19, 2024

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