अपने बैंक खाते अथवा क्रेडिट/डेबिट कार्ड का ब्योरा इ-मेल/फोन पर न दें : भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा फिशिंग मेल/टेलीफोन पर जनता को एक बार फिर चेतावनी
1 अगस्त 2014 अपने बैंक खाते अथवा क्रेडिट/डेबिट कार्ड का ब्योरा इ-मेल/फोन पर न दें : हाल में जालसाज़ी की कुछ नई पद्धतियां भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आई है। एक इ-मेल भारतीय रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के नाम पर भेजा जाता है जो यह दर्शाता है कि यह मेल रिज़र्व बैंक से भेजा गया है और कई बार कार्यालयीन rbi.org.in के विस्तार को भी प्रदर्शित करता है। इ-मेल स्पष्ट करता है कि रिज़र्व बैंक में इ-मेल प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में अंतरित करने के लिए विश्व बैंक अथवा किसी सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय संस्था अथवा बहुराष्ट्रीय कंपनी से विदेशी मुद्रा में बड़ी राशि प्राप्त हुई है। ऐसे इ-मेलों में उद्धृत ऐसे अंतरण का कारण भी काफी विश्वसनीय है जैसे 'इंटरनेट और साइबर अपराधों के लिए क्षतिपूर्ति तथा एशियाई क्षेत्रों में गरीबी कम करना'। यह इ-मेल राशि का दावा करने के लिए मेल प्राप्तकर्ता से उसका बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट विवरण जैसे व्यक्तिगत आंकड़े प्रस्तुत करने का अनुरोध करता है। मेल यह दावा भी करता है कि ऐसे संदेश 'विदेशी विप्रेषण विभाग-रिज़र्व बैंक की ऑन-लाइन बैंकिंग यूनिट' द्वारा सृजित किए जाते हैं। सीधी-साधी जनता के साथ जालसाज़ी करने का एक अन्य तरीका फोन कॉल के माध्यम से प्राप्तकर्ता को विश्वास दिलाना है जिससे कि वह फोन करने वाले को डेबिटकार्ड का ब्योरा बताए जो अपने आपको रिज़र्व बैंक से टेलिफोन करने का दावा करता है। फोन करने वाला बताता है कि रिज़र्व बैंक को कार्ड के पिछे मुद्रित सीवीवी नंबर और पीआईएन सहित कार्ड के ब्योरों की आवश्यकता है जिससे कि कार्ड को और सुरक्षित बनाया जा सके। इसी तरह इ-मेल के माध्यम से जालसाज़ी करने वाले मेल प्राप्तकर्ता को एक ऐसी वेबसाइट पर ले जाते हैं जो भारतीय रिज़र्व बैंक की कार्यालयीन वेबसाइट के जैसी दिखाई देती है और उन्हें अपने बैंक खातों के विवरण के साथ एक फार्म भरने के लिए कहते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक स्पष्ट करता है और पुन: दुहराता है कि वह ऐसी कोई भी मेल नहीं भेजता है अथवा ऐसा कोई टेलिफोन नहीं करता है। वास्तव में कोई भी बैंक अथवा सम्माननीय संगठन बैंक खातों के विवरण या डेबिट अथवा क्रेडिट खातों के विवरण इ-मेल या फोन के माध्यम से नहीं मांगता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्व में कई बार आम जनता को ऐसी जालसाजि़यों के बारे में सावधान किया है और तथाकथित विदेशी संस्थाओं/व्यक्तियों से विदेश से विदेशी मुद्रा के फर्जी प्रस्तावों/लॉटरी जीतने/सस्ती निधियों के विप्रेषण अथवा या ऐसी संस्थाओं/व्यक्तियों के प्रतिनिधियों के रूप में कार्य करने वाले भारतीय निवासियों के जाल में नहीं फंसने का अनुरोध किया है।
अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/228 |
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