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अक्‍तूबर 23, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
अक्‍तूबर 09, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड ​​स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड ​​स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
अक्‍तूबर 09, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
अक्‍तूबर 09, 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
अक्‍तूबर 03, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश–शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
सितंबर 29, 2020
अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्‍य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्‍य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
सितंबर 28, 2020
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
सितंबर 08, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्‍यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्‍यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
सितंबर 07, 2020
कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
7 सितंबर 2020 कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट रिज़र्व बैंक ने 7 अगस्त 2020 को श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी जो 'कोविड- 19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' के तहत समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के लिए अनुशंसा कर सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट 4 सितंबर 2020 को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत की, जिसे आरबीआई वेबसाइट पर रखा जा
अगस्त 31, 2020
रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं
31 अगस्त 2020 रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की 25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा। 2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिं

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 31, 2024