अधिसूचनाएं - मुद्रा प्रबंधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अप्रैल 08, 2004
जाली नोटों का पता लगाना-निविदाकर्ताओं को रसीद जारी करना
आरबीआई/2004/139 डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी.31/16.01.01/2003-04 08 अप्रैल 2004 सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/सभी सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्षेत्रीय निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक/प्रभारी महाप्रबंधक भारतीय रिज़र्व बैंक –अहमदाबाद/बैंगलोर/बेलापुर/भोपाल/भुवनेश्वर/चेन्नई /चंडीगढ़/गुवाहाटी/हैदराबाद/जयपुर/जम्मू/कानपुर/ कोच्चि/कोलकाता/लखनऊ/मुंबई/नागपुर/नई दिल्ली/पटना/तिरुवनंतपुरम महोद
आरबीआई/2004/139 डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी.31/16.01.01/2003-04 08 अप्रैल 2004 सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/सभी सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्षेत्रीय निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक/प्रभारी महाप्रबंधक भारतीय रिज़र्व बैंक –अहमदाबाद/बैंगलोर/बेलापुर/भोपाल/भुवनेश्वर/चेन्नई /चंडीगढ़/गुवाहाटी/हैदराबाद/जयपुर/जम्मू/कानपुर/ कोच्चि/कोलकाता/लखनऊ/मुंबई/नागपुर/नई दिल्ली/पटना/तिरुवनंतपुरम महोद
अप्रैल 05, 2004
सिक्कों को स्वीकार करना
आरबीआई/2004/136 डीसीएम(आरएमएमटी)सं.1181/11/37.01/2003-04 5 अप्रैल 2004 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सभी सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंक महोदय, सिक्कों को स्वीकार करना उक्त विषय में दिनांक 09 अक्टूबर 2003 के हमारे पत्र डीसीएम(आरएमएमटी)सं. 404/11.37.01/2003-04 का संदर्भ लें, जिसमें आपसे अपनी शाखाओं को आम जनता से बिना किसी प्रतिबंध के सभी मूल्यवर्ग के सिक्के स्वीकार करने हेतु निर्देश देने हेतु अनुरोध किया गया था। यद्यपि, हमें अभी भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंक शाखाओं
आरबीआई/2004/136 डीसीएम(आरएमएमटी)सं.1181/11/37.01/2003-04 5 अप्रैल 2004 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सभी सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंक महोदय, सिक्कों को स्वीकार करना उक्त विषय में दिनांक 09 अक्टूबर 2003 के हमारे पत्र डीसीएम(आरएमएमटी)सं. 404/11.37.01/2003-04 का संदर्भ लें, जिसमें आपसे अपनी शाखाओं को आम जनता से बिना किसी प्रतिबंध के सभी मूल्यवर्ग के सिक्के स्वीकार करने हेतु निर्देश देने हेतु अनुरोध किया गया था। यद्यपि, हमें अभी भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंक शाखाओं
जनवरी 29, 2004
काउंटरों में नोट गिनने वाली मशीनों का प्रावधान
29 जनवरी 2004 आरबीआई/2004/30 डीसीएम (आयो)सं.874/10.36.00/2003-04 अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक प्रबंध निदेशक, सहयोगी बैंक राष्ट्रीयकृत बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/स्थानीय क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष/सीईओ महोदय, काउंटरों में नोट गिनने वाली मशीनों का प्रावधान हम सूचित करते हैं कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिनांक 7 नवंबर 2001 को जनहित में जारी निर्देशों डीब
29 जनवरी 2004 आरबीआई/2004/30 डीसीएम (आयो)सं.874/10.36.00/2003-04 अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक प्रबंध निदेशक, सहयोगी बैंक राष्ट्रीयकृत बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/स्थानीय क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष/सीईओ महोदय, काउंटरों में नोट गिनने वाली मशीनों का प्रावधान हम सूचित करते हैं कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिनांक 7 नवंबर 2001 को जनहित में जारी निर्देशों डीब
जनवरी 24, 2004
कुप्रो निकेल और एल्युमिनियम के पुराने सिक्कों को वापस लेना
24 जनवरी 2004 आरबीआई/2004/27 /03.00/2003-04 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सभी सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंक महोदय, कुप्रो निकेल और एल्युमिनियम के पुराने सिक्कों को वापस लेना कृपया जनता से सिक्कों के रिवर्स फ्लो के संबंध में दिनांक 9 अक्टूबर 2003 के हमारे पत्र डीसीएम (आरएमएमटी) संख्या 404/11.37.01/2003-04 का संदर्भ लें। अब सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कुप्रो-निकल मिश्रधातु और एल्युमीनियम से बने एक रुपये तक के मूल्य के पुराने सिक्कों को वापस ले लिया जाए और पिघलने
24 जनवरी 2004 आरबीआई/2004/27 /03.00/2003-04 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सभी सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के बैंक महोदय, कुप्रो निकेल और एल्युमिनियम के पुराने सिक्कों को वापस लेना कृपया जनता से सिक्कों के रिवर्स फ्लो के संबंध में दिनांक 9 अक्टूबर 2003 के हमारे पत्र डीसीएम (आरएमएमटी) संख्या 404/11.37.01/2003-04 का संदर्भ लें। अब सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कुप्रो-निकल मिश्रधातु और एल्युमीनियम से बने एक रुपये तक के मूल्य के पुराने सिक्कों को वापस ले लिया जाए और पिघलने
जनवरी 19, 2004
जनता को नोटों, सिक्कों आदि के विनिमय हेतु सुविधाएं प्रदान करना
आरबीआई/2004/19 डीसीएम (एनई) सं.310/08.07.18/2003-04 19 जनवरी 2004 अध्यक्ष, एसबीआई और मुद्रा तिजोरी रखने वाली सभी शाखाओं के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय, जनता को नोटों, सिक्कों आदि के विनिमय हेतु सुविधाएं प्रदान करना जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक जनता को मुद्रा और सिक्कों के वितरण और विनिमय जैसी खुदरा सेवाएं प्रदान करता है। हमारे क्षेत्रीय कार्यालय सभी मूल्यवर्ग के नए/अच्छे नोट और सिक्के जारी कर रहे हैं, गंदे नोटों विनिमय कर रहे हैं, कटे-फटे नोटों को अध
आरबीआई/2004/19 डीसीएम (एनई) सं.310/08.07.18/2003-04 19 जनवरी 2004 अध्यक्ष, एसबीआई और मुद्रा तिजोरी रखने वाली सभी शाखाओं के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय, जनता को नोटों, सिक्कों आदि के विनिमय हेतु सुविधाएं प्रदान करना जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक जनता को मुद्रा और सिक्कों के वितरण और विनिमय जैसी खुदरा सेवाएं प्रदान करता है। हमारे क्षेत्रीय कार्यालय सभी मूल्यवर्ग के नए/अच्छे नोट और सिक्के जारी कर रहे हैं, गंदे नोटों विनिमय कर रहे हैं, कटे-फटे नोटों को अध
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