प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित 'निदेशक मंडल - यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित 'निदेशक मंडल - यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन', 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)', 'जमा खातों का रखरखाव' और 'अग्रिमों का प्रबंधन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61,60,000/- (इकसठ लाख साठ हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन', 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)', 'जमा खातों का रखरखाव' और 'अग्रिमों का प्रबंधन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61,60,000/- (इकसठ लाख साठ हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अठ्ठाईस लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अठ्ठाईस लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि राजपलायम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, राजपलायम, तमिल नाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनकी रुचि है' और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' के साथ पठित 'निदेशक मंडल- यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹75,000लाख (पचहत्तर हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि राजपलायम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, राजपलायम, तमिल नाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनकी रुचि है' और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' के साथ पठित 'निदेशक मंडल- यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹75,000लाख (पचहत्तर हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हावड़ा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हावड़ा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हावड़ा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हावड़ा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मार्च 2024 के आदेश द्वारा स्टैंडर्ड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड औरंगाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधान/ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मार्च 2024 के आदेश द्वारा स्टैंडर्ड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड औरंगाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधान/ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एक्सलेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एक्सलेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि मंडी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंडी, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियां रखना' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के चुनिंदा क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि मंडी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंडी, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियां रखना' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के चुनिंदा क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 29, 2025