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फ़रवरी 26, 2021
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा चूककृत बॉन्‍डों में निवेश – रियायतें
आरबीआई/2020-21/105 ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.12 26 फरवरी 2021 सभी प्राधिकृत व्‍यक्ति महोदया / महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा चूककृत बॉन्‍डों में निवेश – रियायतें प्राधिकृत डीलर श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्‍तूबर 2019 की अधिसूचना सं.फेमा. 396/2019-आरबी के माध्‍यम से अधिसूचित तथा समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ आकर्षित किया जाता है। साथ ही उनका ध्यान स
आरबीआई/2020-21/105 ए.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.12 26 फरवरी 2021 सभी प्राधिकृत व्‍यक्ति महोदया / महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा चूककृत बॉन्‍डों में निवेश – रियायतें प्राधिकृत डीलर श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्‍तूबर 2019 की अधिसूचना सं.फेमा. 396/2019-आरबी के माध्‍यम से अधिसूचित तथा समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण लिखत) विनियमावली, 2019 और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ आकर्षित किया जाता है। साथ ही उनका ध्यान स
फ़रवरी 15, 2021
डेरिवेटिव संविदाओं के लिए मार्जिन
आरबीआई/2020-21/98 ए्.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 10 15 फरवरी 2021 सभी प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक महोदया / महोदय डेरिवेटिव संविदाओं के लिए मार्जिन प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों (एडी-I) का ध्यान भारत के राजपत्र में दिनांक 23 अक्‍तूबर 2020 की अधिसूचना सं.फेमा.399/आरबी.2020 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 (संलग्नक-I) की तरफ आकर्षित किया जाता है। तदनुसार, भारत के निवासी व्‍यक्ति और भारत से बाहर के किसी व
आरबीआई/2020-21/98 ए्.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 10 15 फरवरी 2021 सभी प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक महोदया / महोदय डेरिवेटिव संविदाओं के लिए मार्जिन प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों (एडी-I) का ध्यान भारत के राजपत्र में दिनांक 23 अक्‍तूबर 2020 की अधिसूचना सं.फेमा.399/आरबी.2020 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 (संलग्नक-I) की तरफ आकर्षित किया जाता है। तदनुसार, भारत के निवासी व्‍यक्ति और भारत से बाहर के किसी व
दिसंबर 04, 2020
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक – कॉल/नोटिस/सावधि मुद्रा बाजार में अभिगम
आरबीआई/2020-21/78 एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.001/2020-21 04 दिसंबर 2020 बाजार के सभी पात्र सहभागी महोदय/महोदया, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक – कॉल/नोटिस/सावधि मुद्रा बाजार में अभिगम दिनांक 4 दिसंबर 2020 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों के विवरण की तरफ आपका ध्‍यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को कॉल/नोटिस /सावधि मुद्रा बाजार में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। 2. तदनुसार, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उधारकर्ता और उधारदाता द
आरबीआई/2020-21/78 एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.001/2020-21 04 दिसंबर 2020 बाजार के सभी पात्र सहभागी महोदय/महोदया, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक – कॉल/नोटिस/सावधि मुद्रा बाजार में अभिगम दिनांक 4 दिसंबर 2020 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों के विवरण की तरफ आपका ध्‍यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को कॉल/नोटिस /सावधि मुद्रा बाजार में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। 2. तदनुसार, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उधारकर्ता और उधारदाता द
अक्‍तूबर 23, 2020
विदेशी मुद्रा प्रबंध (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग) (केन्‍द्रीय कार्यालय) अधिसूचना मुम्‍बई, 23 अक्‍तूबर 2020 विदेशी मुद्रा प्रबंध (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 सं.फेमा.399/आरबी-2020.– विदेशी मुद्रा विनियमन प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (एच) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक निम्‍नलिखित विनियमावली तैयार करता है ताकि भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के विधिवत विकास और अनुरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके, यथा

भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग) (केन्‍द्रीय कार्यालय) अधिसूचना मुम्‍बई, 23 अक्‍तूबर 2020 विदेशी मुद्रा प्रबंध (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 सं.फेमा.399/आरबी-2020.– विदेशी मुद्रा विनियमन प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (एच) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक निम्‍नलिखित विनियमावली तैयार करता है ताकि भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के विधिवत विकास और अनुरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके, यथा

मई 22, 2020
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें
आरबीआई/2019-20/239 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.32 22 मई 2020 प्रति, सभी प्राधिकृत व्‍यक्ति महोदया / महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्‍यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्‍यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाय
आरबीआई/2019-20/239 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.32 22 मई 2020 प्रति, सभी प्राधिकृत व्‍यक्ति महोदया / महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्‍वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्‍यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्‍यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाय
मई 22, 2020
प्राथमिक व्यापारियों के लिए स्थायी चलनिधि सुविधा
आरबीआई/2019-20/238 संदर्भ सं.मौनीवि.बीसी.391/07.01.279/2019-20 22 मई, 2020 सभी प्राथमिक व्यापारी, प्राथमिक व्यापारियों के लिए स्थायी चलनिधि सुविधा मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 22 मई, 2020 के संकल्प में चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीति रिपो दर को तत्काल प्रभाव से 40 आधार अंक घटाकर 4.00 प्रतिशत कर दिया गया है जो पहले 4.40 प्रतिशत था | 2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राथमिक व्यापारियों (पीडीज़) (संपार्श्विक चलनिधि सहायता) को प्रदान की जाने वाली स्
आरबीआई/2019-20/238 संदर्भ सं.मौनीवि.बीसी.391/07.01.279/2019-20 22 मई, 2020 सभी प्राथमिक व्यापारी, प्राथमिक व्यापारियों के लिए स्थायी चलनिधि सुविधा मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 22 मई, 2020 के संकल्प में चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीति रिपो दर को तत्काल प्रभाव से 40 आधार अंक घटाकर 4.00 प्रतिशत कर दिया गया है जो पहले 4.40 प्रतिशत था | 2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राथमिक व्यापारियों (पीडीज़) (संपार्श्विक चलनिधि सहायता) को प्रदान की जाने वाली स्
मई 22, 2020
चलनिधि समायोजन सुविधा-रेपो और रिवर्स रेपो दर
आरबीआई/2019-20/237 एफएमओडी.एमएओजी.सं/142/01.01.001/2019-20 22 मई 2020 सभी चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) प्रतिभागी महोदया/महोदय, चलनिधि समायोजन सुविधा-रेपो और रिवर्स रेपो दर मौद्रिक नीति 2020-21 के आज के वक्तव्य के अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके 4.00 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. 2. रेपो दर में हुए परिवर्तन के परिणामस्वरुप चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत रिवर्स रेपो दर तत्काल प्रभाव
आरबीआई/2019-20/237 एफएमओडी.एमएओजी.सं/142/01.01.001/2019-20 22 मई 2020 सभी चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) प्रतिभागी महोदया/महोदय, चलनिधि समायोजन सुविधा-रेपो और रिवर्स रेपो दर मौद्रिक नीति 2020-21 के आज के वक्तव्य के अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके 4.00 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. 2. रेपो दर में हुए परिवर्तन के परिणामस्वरुप चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत रिवर्स रेपो दर तत्काल प्रभाव
मई 22, 2020
सीमांत स्थाई सुविधा
आरबीआई/2019-20/236 एफएमओडी/एमएओजी.सं.143/01.18.001/2019-20 22 मई 2020 सभी सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ) प्रतिभागी महोदया/महोदय, सीमांत स्थाई सुविधा मौद्रिक नीति 2020-21 के आज के वक्तव्य के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके 4.00 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. 2. परिणामस्वरूप सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ) दर तत्काल प्रभाव से 4.65 प्रतिशत से 4.25 प्रतिशत पर समायोजि
आरबीआई/2019-20/236 एफएमओडी/एमएओजी.सं.143/01.18.001/2019-20 22 मई 2020 सभी सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ) प्रतिभागी महोदया/महोदय, सीमांत स्थाई सुविधा मौद्रिक नीति 2020-21 के आज के वक्तव्य के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 4.40 प्रतिशत से 40 आधार अंक कम करके 4.00 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. 2. परिणामस्वरूप सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ) दर तत्काल प्रभाव से 4.65 प्रतिशत से 4.25 प्रतिशत पर समायोजि
मई 18, 2020
ओटीसी डेरिवेटिव के लिए रिपोर्टिंग प्लेटफार्म - आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों (आईबीयू) द्वारा किए गए लेन-देन तथा अप्रदेय डेरिवेटिव संविदाएं (रुपया शामिल करते हुए या अन्यथा)
आरबीआई/2019-20/233 एफएमआरडी.एफएमआईडी.26/02.05.002/2019-20 18 मई 2020 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महोदया / महोदय, ओटीसी डेरिवेटिव के लिए रिपोर्टिंग प्लेटफार्म - आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों (आईबीयू) द्वारा किए गए लेन-देन तथा अप्रदेय डेरिवेटिव संविदाएं (रुपया शामिल करते हुए या अन्यथा) 27 मार्च 2020 को जारी ए.पी.(डीआईआरसीरीज) परिपत्र सं. 23 की शर्तों के अनुसार भारत में जिन बैंको के पास विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा),1999 के तहत जारी किया गया प्राधिकृत व्यापार
आरबीआई/2019-20/233 एफएमआरडी.एफएमआईडी.26/02.05.002/2019-20 18 मई 2020 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महोदया / महोदय, ओटीसी डेरिवेटिव के लिए रिपोर्टिंग प्लेटफार्म - आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों (आईबीयू) द्वारा किए गए लेन-देन तथा अप्रदेय डेरिवेटिव संविदाएं (रुपया शामिल करते हुए या अन्यथा) 27 मार्च 2020 को जारी ए.पी.(डीआईआरसीरीज) परिपत्र सं. 23 की शर्तों के अनुसार भारत में जिन बैंको के पास विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा),1999 के तहत जारी किया गया प्राधिकृत व्यापार
मई 18, 2020
जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन-देन–विदेशी मुद्रा विनिमय जोखिम हेतु हेजिंग-कार्यान्वयन की तारीख
आरबीआई/2019-20/232 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.31 18 मई 2020 प्रति, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I महोदया / महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन-देन–विदेशी मुद्रा विनिमय जोखिम हेतु हेजिंग-कार्यान्वयन की तारीख 7 अप्रैल 2020 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 29 के द्वारा विदेशी मुद्रा विनिमय जोखिम हेतु हेजिंग के संबंध में जारी किए गए निदेशों की तरफ ध्यान आकर्षित किया जाता है। यह निदेश 1 जून 2020 से प्रभावी होने थे। 2. बाजार सहभागियों से प्राप्‍त अनुरोधों के आधार पर त
आरबीआई/2019-20/232 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.31 18 मई 2020 प्रति, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I महोदया / महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन-देन–विदेशी मुद्रा विनिमय जोखिम हेतु हेजिंग-कार्यान्वयन की तारीख 7 अप्रैल 2020 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 29 के द्वारा विदेशी मुद्रा विनिमय जोखिम हेतु हेजिंग के संबंध में जारी किए गए निदेशों की तरफ ध्यान आकर्षित किया जाता है। यह निदेश 1 जून 2020 से प्रभावी होने थे। 2. बाजार सहभागियों से प्राप्‍त अनुरोधों के आधार पर त

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