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फ़रवरी 29, 2008
भवन निर्माता /ठेकेदारों को अग्रिम
भारिबैं /2007-2008/251 संदर्भ.सं.शबैंवि.केंका.बीपीडी(पीसीबी)/33 /13.05.000/2007-08 29 फरवरी 2008 कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदयाभवन निर्माता /ठेकेदारों को अग्रिमकृपया उपर्युक्त विषय पर 21 नवंबर 1987 का हमारा परिपत्र शबैंवि.सं.1 और L.67/J.1/87-88 देखें । विद्यमान अनुदेशों के अनुसार शहरी सहकारी बैंको को भवन निर्माता /ठेकेदारों को सामान्यत: अग्रिम स्वीकृत नहीं करना चाहिए। यद्यपि जब भवन निर्माता स्वयं छोटा निर्माण कार्य लेते है (जब उन्हें क
भारिबैं /2007-2008/251 संदर्भ.सं.शबैंवि.केंका.बीपीडी(पीसीबी)/33 /13.05.000/2007-08 29 फरवरी 2008 कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदयाभवन निर्माता /ठेकेदारों को अग्रिमकृपया उपर्युक्त विषय पर 21 नवंबर 1987 का हमारा परिपत्र शबैंवि.सं.1 और L.67/J.1/87-88 देखें । विद्यमान अनुदेशों के अनुसार शहरी सहकारी बैंको को भवन निर्माता /ठेकेदारों को सामान्यत: अग्रिम स्वीकृत नहीं करना चाहिए। यद्यपि जब भवन निर्माता स्वयं छोटा निर्माण कार्य लेते है (जब उन्हें क
फ़रवरी 25, 2008
‘अपने ग्राह को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल)मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
आरबीआइ/2007-08/247 शबैंवि. केंका.बीपीडी.(पीसीबी) सं. 32 /09.39.000/2007-08 25 फरवरी 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय ‘अपने ग्राह को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल)मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)15 दिसंबर 2007 के हमारे परिपत्र शबैंवि.पीसीबी. परि सं. 30 /09.161.00/2004-05 द्वारा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए क
आरबीआइ/2007-08/247 शबैंवि. केंका.बीपीडी.(पीसीबी) सं. 32 /09.39.000/2007-08 25 फरवरी 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय ‘अपने ग्राह को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल)मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)15 दिसंबर 2007 के हमारे परिपत्र शबैंवि.पीसीबी. परि सं. 30 /09.161.00/2004-05 द्वारा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए क
जनवरी 29, 2008
UCBs - Risk Weight for Educational Loans
RBI/2007-2008/231 UBD. PCB.Cir.No. 31 /09.11.600/07-08 January 29, 2008 The Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir/Madam, Prudential Norms for Capital Adequacy – Risk Weight for Educational Loans-UCBs Please refer to our circular UBD.PCB.Cir.33/09.116.00/04-05 dated January 5, 2005 wherein the risk weight on consumer credit including personal loans was increased from 100 percent to 125 percent. At present, 'educational loans' are b
RBI/2007-2008/231 UBD. PCB.Cir.No. 31 /09.11.600/07-08 January 29, 2008 The Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir/Madam, Prudential Norms for Capital Adequacy – Risk Weight for Educational Loans-UCBs Please refer to our circular UBD.PCB.Cir.33/09.116.00/04-05 dated January 5, 2005 wherein the risk weight on consumer credit including personal loans was increased from 100 percent to 125 percent. At present, 'educational loans' are b
दिसंबर 04, 2007
ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र
आरबीआई/2007-2008/204 शबैंवि.केंका.बीपीडी.सं. 27 /12.05.001/2007-08दिसम्बर 4, 2007मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सूचित किया है कि ऐसा एक
आरबीआई/2007-2008/204 शबैंवि.केंका.बीपीडी.सं. 27 /12.05.001/2007-08दिसम्बर 4, 2007मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सूचित किया है कि ऐसा एक
नवंबर 30, 2007
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - लक्ष्य में संशोधन - शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई /2007-08/198 संदर्भ.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं. 26 /09.09.001/2007-0830 नवंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - लक्ष्य में संशोधन - शहरी सहकारी बैंक कृपया 30 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.पीसीबी. परि.सं.11/09.09.01/2007-08 देखें जिसकेध माध्यम से प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार से संबंधित संशोधित दिशानिर्देश (http://www.rbi.org.in पर उपलब्ध ) जारी किए गए थे। 2. जैसा कि आप जानते होंगे,
आरबीआई /2007-08/198 संदर्भ.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं. 26 /09.09.001/2007-0830 नवंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - लक्ष्य में संशोधन - शहरी सहकारी बैंक कृपया 30 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.पीसीबी. परि.सं.11/09.09.01/2007-08 देखें जिसकेध माध्यम से प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार से संबंधित संशोधित दिशानिर्देश (http://www.rbi.org.in पर उपलब्ध ) जारी किए गए थे। 2. जैसा कि आप जानते होंगे,
नवंबर 26, 2007
स्वर्ण ऋण भुगतान - शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2007/194 शबैंवि.केंका.पीसीबी.परि.सं..22/13.05.000/2007-0826 नवंबर, 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय / महोदयास्वर्ण ऋण भुगतान - शहरी सहकारी बैंक कृपया आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण एवं अन्य संबंधित मामलों पर 04 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.एमसी.सं.10/09.14.000/2007-08 के पैराग्राफ 2.2.8 तथा 2.1.3 देखें । 2. हमें इस आशय के अभ्यावेदन बैंकों तथा उनके संघों से प्राप्त हुए हैं कि स्वर्ण ऋणों की एकमुश्त चु
आरबीआई/2007/194 शबैंवि.केंका.पीसीबी.परि.सं..22/13.05.000/2007-0826 नवंबर, 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय / महोदयास्वर्ण ऋण भुगतान - शहरी सहकारी बैंक कृपया आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण एवं अन्य संबंधित मामलों पर 04 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.एमसी.सं.10/09.14.000/2007-08 के पैराग्राफ 2.2.8 तथा 2.1.3 देखें । 2. हमें इस आशय के अभ्यावेदन बैंकों तथा उनके संघों से प्राप्त हुए हैं कि स्वर्ण ऋणों की एकमुश्त चु
नवंबर 15, 2007
UCBs - Deposit Schemes with lock-in period
RBI/2007-2008/187UBD (PCB) BPD Cir No: 21 /13.01.000/2007-08November 15, 2007 The Chief Executive Officers ofAll Primary (Urban) Co-operative BanksDear Sir/Madam,Deposit schemes with lock-in periodIt has been brought to notice of the Reserve Bank that some banks are offering special term deposit products to customers, in addition to regular term deposits, ranging from 300 days to five years, with the following features:i. Lock-in periods ranging from 6 to 12 months;ii
RBI/2007-2008/187UBD (PCB) BPD Cir No: 21 /13.01.000/2007-08November 15, 2007 The Chief Executive Officers ofAll Primary (Urban) Co-operative BanksDear Sir/Madam,Deposit schemes with lock-in periodIt has been brought to notice of the Reserve Bank that some banks are offering special term deposit products to customers, in addition to regular term deposits, ranging from 300 days to five years, with the following features:i. Lock-in periods ranging from 6 to 12 months;ii
नवंबर 12, 2007
Misuse of banknotes
RBI/2007-2008/183 UBD.CO. BPD. (PCB). No.20 /12.05.001/2007-08 November 12 , 2007 CEOs of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir /Madam,  Misuse of banknotes Please refer to the directive issued to all urban co-operative banks under Section 35A of the Banking Regulations Act, 1949(AACS) vide UBD. No. Dir.2/13.01.00/2001-2002 dated January 9, 2002 on stapling of notes packets and misuse of banknotes. 2. It has been brought to the Bank's notice that banks,
RBI/2007-2008/183 UBD.CO. BPD. (PCB). No.20 /12.05.001/2007-08 November 12 , 2007 CEOs of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir /Madam,  Misuse of banknotes Please refer to the directive issued to all urban co-operative banks under Section 35A of the Banking Regulations Act, 1949(AACS) vide UBD. No. Dir.2/13.01.00/2001-2002 dated January 9, 2002 on stapling of notes packets and misuse of banknotes. 2. It has been brought to the Bank's notice that banks,
नवंबर 01, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/177संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/3 /12.03.000/2007-08 01 नवंबर 2007 10 कार्तिक 1929 (शक) मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 जूलाई 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-08/110 शबैंवि (पीसीबी) सं/9/12.03.000/2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007 से प्रारंभ होनेवाले
आरबीआइ / 2007-08/177संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/3 /12.03.000/2007-08 01 नवंबर 2007 10 कार्तिक 1929 (शक) मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 जूलाई 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-08/110 शबैंवि (पीसीबी) सं/9/12.03.000/2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007 से प्रारंभ होनेवाले
सितंबर 20, 2007
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) में रखी गई जमाराशि को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के रूप में माना जाना
आरबीआई/2007-08/142 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं.17/12.05.001/2007-08 20 सितंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) में रखी गई जमाराशि को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के रूप में माना जाना कृपया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 24 के उपबंध देखें जिनके अनुसार शहरी सहकारी बैंकों द्वारा सहकारिता क्षेत्र की जिला मध्यवर्ती सहका
आरबीआई/2007-08/142 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं.17/12.05.001/2007-08 20 सितंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) में रखी गई जमाराशि को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के रूप में माना जाना कृपया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 24 के उपबंध देखें जिनके अनुसार शहरी सहकारी बैंकों द्वारा सहकारिता क्षेत्र की जिला मध्यवर्ती सहका

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अक्‍तूबर 24, 2024

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