मास्टर परिपत्र - विनियमित गैर-बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ तथा पुनर्संरचना कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक )मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003
भारिबैं/2009-2010/12 गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 15/SCRC/26.03.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी एससी/आरसी (SCs/RCs) प्रिय मोदय, प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ तथा पुनर्संरचना कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक )मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003 आपको ज्ञात ही होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र जारी किया था, उसे अब 30 जून 2009 तक अद्यतन कर दिया गया है। यह नोट किया जाए कि 23 अप्रैल 20
भारिबैं/2009-2010/12 गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 15/SCRC/26.03.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी एससी/आरसी (SCs/RCs) प्रिय मोदय, प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ तथा पुनर्संरचना कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक )मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003 आपको ज्ञात ही होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र जारी किया था, उसे अब 30 जून 2009 तक अद्यतन कर दिया गया है। यह नोट किया जाए कि 23 अप्रैल 20
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र-"धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 में अधिसूचित नियमों के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दायित्व"
भारिबैं/2009-10/10 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.152/03.10.42/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ (एमएनबीसीज) और अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनिया (आरएनबीसीज) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-"धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 में अधिसूचित नियमों के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दायित्व" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक विविध विषयों पर मास्टर
भारिबैं/2009-10/10 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.152/03.10.42/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ (एमएनबीसीज) और अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनिया (आरएनबीसीज) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-"धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 में अधिसूचित नियमों के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दायित्व" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक विविध विषयों पर मास्टर
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र-"विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1977"
भारिबैं /2009-10/8 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि..सं.150/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-"विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1977" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.122 जारी किया था, उसे अब 30 जून, 2009 तक अद्यतन कर दिया गया है। यह नोट किया जाए कि फुट नोट में दी गई अधिसूचनाओं म
भारिबैं /2009-10/8 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि..सं.150/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-"विविध गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1977" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.122 जारी किया था, उसे अब 30 जून, 2009 तक अद्यतन कर दिया गया है। यह नोट किया जाए कि फुट नोट में दी गई अधिसूचनाओं म
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र- "भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों से छूट"
भारिबैं /2009-10/6 गैबैंपवि(नीति प्रभा)कंपरि.सं.148 /03.02.004/2009-10 1 जुलाई 2009 (i) सचिव, वित्त मंत्रालय (ii) अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (iii) अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (iv) अध्यक्ष, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (v) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संघ(असोसिएशन) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र- "भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों से छूट" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर
भारिबैं /2009-10/6 गैबैंपवि(नीति प्रभा)कंपरि.सं.148 /03.02.004/2009-10 1 जुलाई 2009 (i) सचिव, वित्त मंत्रालय (ii) अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (iii) अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (iv) अध्यक्ष, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (v) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संघ(असोसिएशन) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र- "भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों से छूट" आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) विवरणी विनिर्देश ,1997
भारिबैं.2009-10/5 गैबैंपवि(नीति प्रभा.) कंपरि सं. 147/03.02.01/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां(जनता की जमाराशियां स्वीकार करनेवाली) और अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियां महोदय मास्टर परिपत्र - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) विवरणी विनिर्देश ,1997 आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.119 जारी किया था, उसे अब 30 जून
भारिबैं.2009-10/5 गैबैंपवि(नीति प्रभा.) कंपरि सं. 147/03.02.01/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां(जनता की जमाराशियां स्वीकार करनेवाली) और अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियां महोदय मास्टर परिपत्र - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) विवरणी विनिर्देश ,1997 आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.119 जारी किया था, उसे अब 30 जून
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को जारी विविध अनुदेश
भारिबैं/2009-10/19 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.158/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को जारी विविध अनुदेश सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने विविध विषयों पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मास्टर परिपत्र जारी किए हैं। यह सूचित किया जाता है कि ऐसे मास्टर परिपत्रों में स्थान न पाने वाले 30 जून 2009 तक जारी निदेशों/अनुदेशों को यहाँ सम
भारिबैं/2009-10/19 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.158/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को जारी विविध अनुदेश सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने विविध विषयों पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मास्टर परिपत्र जारी किए हैं। यह सूचित किया जाता है कि ऐसे मास्टर परिपत्रों में स्थान न पाने वाले 30 जून 2009 तक जारी निदेशों/अनुदेशों को यहाँ सम
जुलाई 01, 2009
परिपत्रों का सार-संग्रह-स्त्ंपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियाँ न स्वीकारने/धारण करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC-ND-SI)
भारिबैं /2009-10/18 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.157/03.10.001/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) प्रिय महोदय, परिपत्रों का सार-संग्रह-स्त्ंपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियाँ न स्वीकारने/धारण करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC-ND-SI) सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने उल्लिखित विषय पर 30 जून 2009 तक जारी सभी अनुदेशों को समेकित किया है। इस परिपत्र में एनबीएफसी-एनडी-एसआई को व
भारिबैं /2009-10/18 गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.157/03.10.001/2009-10 1 जुलाई 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) प्रिय महोदय, परिपत्रों का सार-संग्रह-स्त्ंपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियाँ न स्वीकारने/धारण करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC-ND-SI) सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने उल्लिखित विषय पर 30 जून 2009 तक जारी सभी अनुदेशों को समेकित किया है। इस परिपत्र में एनबीएफसी-एनडी-एसआई को व
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जनता की जमाराशि स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998
भारिबैं/2009-10/1गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.143/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों और विविध गैर बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जनता की जमाराशि स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.115 जारी किया था, उसे
भारिबैं/2009-10/1गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.143/03.02.001/2009-10 1 जुलाई 2009 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों और विविध गैर बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर) प्रिय महोदय, मास्टर परिपत्र - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जनता की जमाराशि स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर परिपत्र सं.115 जारी किया था, उसे
जुलाई 01, 2008
Master Circular - “Mortgage Guarantee Company (Reserve Bank) Guidelines, 2008”
RBI / 2008-09 / 9 DNBS (PD-MGC) C.C. No. 2 / 03.11.01 / 2008-09 July 1, 2008 To The Chairman/CEOs of all Mortgage Guarantee Companies Dear Sir, Master Circular – “Mortgage Guarantee Company (Reserve Bank) Guidelines, 2008” It has been notified in terms of Notification No. DNBS (MGC) 1/ CGM (PK) -2008 dated January 15, 2008 that a Mortgage Guarantee Company will be treated as Non-banking Financial Company under the provisions of the Reserve Bank of India Act, 1934. The
RBI / 2008-09 / 9 DNBS (PD-MGC) C.C. No. 2 / 03.11.01 / 2008-09 July 1, 2008 To The Chairman/CEOs of all Mortgage Guarantee Companies Dear Sir, Master Circular – “Mortgage Guarantee Company (Reserve Bank) Guidelines, 2008” It has been notified in terms of Notification No. DNBS (MGC) 1/ CGM (PK) -2008 dated January 15, 2008 that a Mortgage Guarantee Company will be treated as Non-banking Financial Company under the provisions of the Reserve Bank of India Act, 1934. The
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं.2008-09/4 गैबैंपवि.(नीप्र)कंपरि.सं. 118/03.02.001 /2008-0901 जुलाई 2008अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ(भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 आइ (एफ) में यथा परिभाषित)अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थानप्रिय महोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संबंध
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं.2008-09/4 गैबैंपवि.(नीप्र)कंपरि.सं. 118/03.02.001 /2008-0901 जुलाई 2008अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ(भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 आइ (एफ) में यथा परिभाषित)अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थानप्रिय महोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संबंध
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