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निम्नलिखित 11 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें दी गई पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) का अभ्यर्पण किया है । अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI i) गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफ़आई) के कारोबार से बाहर निकलने के कारण पंजीकरण प्रमाणपत्र को निरस्त करना: क्र.सं कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालयीन पता सीओआर सं. सीओआर जारी करने की तारीख सीओआर निरस्त करने की तारीख
आज विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर जारी वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विषयों पर निदेशों के मसौदों को जारी किया है: भारतीय रिज़र्व बैंक (दबावग्रस्त आस्तियों का प्रतिभूतिकरण) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (सह-उधार व्यवस्था) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण संपार्श्विक के बदले उधार) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-निधि आधारित ऋण सुविधाएं) निदेश, 2025
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹9,000 करोड़ ₹5,000 करोड़ ₹5,000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 102 87 120 (ii) राशि ₹27662.300 करोड़ ₹23034.500 करोड़ ₹42471.700 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य/ प्रतिफल 98.5189 97.0489 94.2762 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0300%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0984%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0880%) IV. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 34 3 2 (ii) राशि ₹8958.261 करोड़ ₹4981.009 करोड़ ₹4980.061 करोड़ V. प्रतिस्पर्धी बोलियों का आंशिक आबंटन प्रतिशत 93.09% 86.12% 99.20% (4 बोलियां) (1 बोली) (1 बोली) VI. भारित औसत मूल्य/ प्रतिफल 98.5222 97.0491 94.2807 (भाऔप्र: 6.0163%) (भाऔप्र: 6.0980%) (भाऔप्र: 6.0829%) VII. प्राप्त गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 4 2 4 (ii) राशि ₹2041.739 करोड़ ₹18.991 करोड़ ₹7772.889 करोड़ VIII. स्वीकृत गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 4 2 4 (ii) राशि ₹2041.739 करोड़ ₹18.991 करोड़ ₹7772.889 करोड़ (iii) आंशिक आबंटन प्रतिशत - - -
I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्य ₹9,000 करोड़ ₹5,000 करोड़ ₹5,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य और कट-ऑफ मूल्य पर निहित प्रतिफल 98.5189 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0300%) 97.0489 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0984%) 94.2762 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.0880%) IV. स्वीकृत कुल अंकित मूल्य ₹9,000 करोड़ ₹5,000 करोड़ ₹5,000 करोड़
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दि करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर को दिनांक 29 जुलाई 2022 के निदेश CO.DOS.SED No.S2729/12-07-005/2022-23 द्वारा 29 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे। इन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया और पिछली बार इनकी वैधता अवधि को 29 अप्रैल 2025 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था।
अवधि 2- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 19,295 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 19,295 कट ऑफ दर (%) 6.01
भारत सरकार ने 11 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है।
दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी वचनबद्धता योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) और अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) नीलामी के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं:
विवेकपूर्ण ढंग से संरचित प्रतिभूतिकरण लेनदेन दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए एक सक्षमकर्ता हो सकता है क्योंकि इससे जोखिम वितरण में सुधार होने और ऋणदाताओं के लिए ऐसे एक्सपोज़रों से बाहर निकलने का मार्ग प्रदान करने की आशा है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2023 में दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण ढांचे पर एक चर्चा पत्र जारी किया था, ताकि ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर बाजार सहभागियों से टिप्पणियां मांगी जा सकें। चर्चा पत्र पर हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जा रहा है। इस ढांचे का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत वर्तमान एआरसी मार्ग के अलावा, बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है।
यह एमपीसी की 54वीं बैठक और वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित पहली बैठक थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष की शुरुआत चिंताजनक रही है। व्यापार के व्यवधानों से संबंधित कतिपय चिंताएँ सच हो रही हैं, जिससे वैश्विक समुदाय बेचैन है। इन वैश्विक घटनाक्रमों के प्रति सतर्क रहते हुए, हमने रिज़र्व बैंक में, 1 अप्रैल 1935 को अपनी स्थापना के बाद से इस प्रतिष्ठित संस्था के 90 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाते हुए वर्ष की शुरुआत की। पिछले नौ दशकों में रिज़र्व बैंक की यात्रा देश के विकास और प्रगति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रही है। मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, रिज़र्व बैंक पिछले कुछ वर्षों में एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक के रूप में विकसित हुआ है, जिसके विभिन्न कार्य बाज़ार अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक 7 से 9 अप्रैल 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 02, 2025