मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण
आरबीआई/2015-16/63 1 जुलाई, 2015 सभी एजेंसी बैंक मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का संवितरण उपर्युक्त विषय पर कृपया दिनांक 1 जुलाई, 2014 का हमारा मास्टर परिपत्र भारिबैं/2014-15/110 देखें। हमने इस मास्टर परिपत्र को अब संशोधित और अद्यतन किया है, जिसमें 30 जून, 2015 तक हमारे द्वारा जारी महत्वपूर्ण अनुदेशों को समेकित किया गया है। 2. इसकी एक प्रतिलिपि सूचनार्थ संलग्न है। इस परिपत्र को हमारी वेबसाइट /en/web/rbi/notifications/master-circulars से भी डाउनलोड किया जा सकता है। भवदीय (जी श्रीकुमार) अनुलग्नक: यथोक्त मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी पेंशन का वितरण प्रस्तावना सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान, जिसमें मूल पेंशन का भुगतान, बढ़ी हुई महंगाई राहत (डीआर) और सरकारों द्वारा घोषित अन्य लाभ शामिल हैं, भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों / विभागों द्वारा तैयार की गई प्रासंगिक योजनाओं द्वारा शासित होता है। यह मास्टर परिपत्र 30 जून, 2015 तक रिज़र्व बैंक द्वारा जारी इस विषय पर महत्वपूर्ण अनुदेशों को समेकित करता है। यह मौजूदा सरकारी निर्देशों को प्रतिस्थापित या उनका उल्लंघन नहीं करता है। किसी भी संदेह या स्पष्ट विरोधाभास के मामले में, एजेंसी बैंक, संबंधित सरकारी अनुदेशों का संदर्भ लें सकतें है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों को जानकारी के लिए संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। सामान्य अनुदेशों (क) वेबसाइटों पर डीआर आदि पर सरकारी आदेश 2. डीआर आदेश जारी करने और लाभार्थी को डीआर के भुगतान के बीच समय अंतराल को कम करने और वरिष्ठ नागरिकों को शीघ्र सेवा प्रदान करने के लिए, निम्नलिखित कार्रवाई की जानी आवश्यक है: ए) जैसे ही वित्त मंत्रालय से संशोधित दरों पर महंगाई राहत की मंजूरी प्राप्त होती है, पेंशनरों को संशोधित दरों पर महंगाई राहत के भुगतान के आदेश जारी किए जाते हैं और ऐसे आदेशों की प्रतियां सभी एजेंसी बैंकों के प्रमुखों को ई-मेल के साथ-साथ फैक्स द्वारा भी तत्काल भेजी जाती हैं, जिसमें महंगाई राहत के शीघ्र भुगतान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते है। बी) कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की वेबसाइट पर आदेश डाले जाते हैं। (http://www.persmin.nic.in) सी) आदेशों की प्रतियां सभी एजेंसी बैंकों के प्रमुखों को डाक द्वारा भी भेजी जाती हैं और भारतीय बैंक संघ द्वारा प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती हैं। डी) पेंशन भुगतान करने वाली एजेंसी बैंकों को राज्य मुख्यालय में प्राधिकृत बैंकों के प्रधान कार्यालयों और/या क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकार द्वारा दिए गए आदेशों की प्रतियों पर या राज्य सरकार की वेबसाइट पर होस्ट किए गए आदेशों पर कार्य करना चाहिए। ई) एजेंसी बैंकों के नियंत्रक कार्यालयों/प्रधान कार्यालयों को पात्र पेंशनरों को सरकारी पेंशन के समय पर और सही संवितरण की बारीकी से निगरानी और पर्यवेक्षण करना चाहिए। बी) नामांकन 3. पेंशनरों को असुविधा से बचाने की दृष्टि से, सभी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाएं उत्तराधिकारियों को पेंशन की बकाया राशि के भुगतान के लिए केंद्रीय सिविल/रेलवे पेंशनभोगी द्वारा प्रस्तुत नामांकन फॉर्म 'ए' या 'बी' को स्वीकार करेंगी। 4. केंद्रीय सिविल और रेलवे पेंशनरों के मामले में, पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को पास बुक के पहले पृष्ठ पर नामांकन फॉर्म 'ए' और 'बी' के अनुसार नामांकित व्यक्तियों के नामों का समर्थन करना चाहिए और शाखाओं को यह सुनिश्चित करने की सूचना दी जा सकती है कि सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा पेंशनरों को पेंशन के वितरण के लिए योजनाओं में निर्धारित प्रक्रिया निष्ठापूर्वक सुनिश्चित की जाए। सी) भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी 5. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को पेंशन के भुगतान के लिए अपनाई जाने वाली लेखा प्रक्रिया नीचे दी गई है: ए) केंद्रीय सिविल पेंशनर के लिए उपयोग किए जाने वाले 12 अंकों के संख्यात्मक घटक के अलावा, अखिल भारतीय सेवा पेंशनरों के लिए पीपीओ नंबर में एक उपसर्ग शामिल होगा जो उनके संबन्धित सेवा और राज्य कैडर को दर्शाता हो। जैसा कि, पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी के लिए सैंपल पीपीओ नंबर होगा - आईएएस 438840400191. बी) अखिल भारतीय सेवा पेंशनरों के पास केवल अधिकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन प्राप्त करने का विकल्प होगा। सी) सीपीएओ द्वारा जारी विशेष सील प्राधिकरण (एसएसए) नीले रंग में होगा ताकि इसे केंद्रीय सिविल पेंशनर के लिए जारी किए गए अधिकारियों से अलग किया जा सके। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण उस राज्य सरकार को इंगित करेगा जिसे भुगतान हेतु डेबिट करना है। डी) एसएसए की एक प्रति संबंधित महालेखाकार को सूचना और रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी। ई) पेंशनभोगी की पहचान करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन करने के बाद बैंक की संबंधित भुगतान शाखाएं भुगतान जारी करेंगी और राज्य सरकार के पेंशनर के लिए तैयार किए गए स्क्रॉल में अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगी का नाम जोड़ेंगी। प्रतिपूर्ति के लिए रिज़र्व बैंक/ स्टेट बैंक की प्रतिपूरक शाखा से किया जाएगा। केंद्र सरकार के सिविल पेंशनर के लिए पेंशन प्रतिपूर्ति की एकल खिड़की प्रणाली के तहत इस तरह के स्क्रॉल को नहीं देखा जाता है और इसलिए इसे सीपीएओ को नहीं भेजा जाना चाहिए। एफ) प्रतिपूर्ति शाखाएं राज्य सरकार के पेंशनर के लिए प्रक्रिया का पालन करेंगी और रिज़र्व बैंक, सीएएस, नागपुर को सूचना भेजेंगी और संबंधित महालेखाकार को संबंधित स्क्रॉल भेजेंगी। जी) भारतीय रिज़र्व बैंक, सीएएस, नागपुर प्रक्रिया के अनुसार संबंधित राज्य सरकार के खाते को डेबिट करेगा। डी) पेंशन को संयुक्त खाते में जमा करना 6. विभिन्न केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों जैसे रक्षा मंत्रालय, रेलवे और दूरसंचार मंत्रालयों और राज्य सरकार जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने पेंशन के भुगतान के लिए योजना को संशोधित किया है। पेंशनर अपने पति या पत्नी के साथ [जिसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में पारिवारिक पेंशन के लिए प्राधिकरण मौजूद है] एक संयुक्त खाते को संचालित कर सकता है, जिसमें पेंशन क्रेडिट किया जा सकें। पेंशनभोगी के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा। (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा। यदि पति /पत्नी अनुचित रुप से राशि या आहरण करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा। (बी) चूंकि पेंशन पेंशनभोगी के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में, उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए, ताकि बैंक पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर पति /पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते /पेंशनभोगी /पति /पत्नी के एकल या संयुक्त रुप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, परवर्ती एवं निष्पादक आदि, उत्तरदायी होंगे। (सी) पेंशनभोगी के पति/पत्नी के संयुक्त खाते पर पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1983 पहले की तरह ही लागू होंगे। इसका अर्थ यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार एक "स्वीकृत नामांकन” है तो इन नियमों में उल्लिखित बकाया शेष नामित को भुगतान किए जाएंगे। 7. मौजूदा पेंशनर जो अपनी पेंशन को संयुक्त खाते में जमा करना चाहते हैं, जैसा कि उल्लेखित है, उन्हें बैंक शाखा में एक आवेदन जमा करना आवश्यक है, जहां से वे वर्तमान में निर्धारित फॉर्म में पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस पर संबंधित मंत्रालय/सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों को स्वीकार करने के प्रतीक के रूप में पेंशनर के पति या पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह सुविधा मौजूदा/वित्तीय पेंशनर पर लागू है। 8. कुछ राज्यों/मंत्रालयों की योजना में कहा गया है कि पेंशन जमा करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी, सिवाय पति या पत्नी के, जिसके पक्ष में पारिवारिक पेंशन पीपीओ में अधिकृत है। पारिवारिक पेंशनर भी संशोधित योजना के तहत शामिल नहीं हैं। विशिष्ट विवरणों के लिए, प्रत्येक अलग-अलग मंत्रालय/राज्य सरकार की योजना की जांच की जा सकती है। (ई) पेंशन पर्ची जारी करना 9. केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय(सीपीएओ)/रक्षा मंत्रालय/रेल मंत्रालय तथा पश्चिम बंगाल, गोवा और केरल की सरकारों द्वारा पारिवारिक पेंशनभोगी सहित अपने पेंशनर को पेंशन पर्ची जारी करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, इन पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को पेंशन प्रारंभ होने पर और उसके बाद, जब भी पेंशन की मात्रा में कोई परिवर्तन होता है, इन पेंशनर /पारिवारिक पेंशनर को निर्धारित प्रारूप के अनुसार पेंशन पर्चियां जारी की जानी होती हैं। पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों हिस्सों को भी अपडेट करने की आवश्यकता होगी। सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें। (फ) भिन्नकालिक समय में पेंशन भुगतान 10. केवल महीने के अंतिम दिन पेंशन का भुगतान करने से पेंशनर को बहुत कठिनाई होती है क्योंकि उन्हें अपनी पेंशन लेने के लिए लंबे समय तक कतार में इंतजार करना पड़ता है। 1995 में जारी अनुदेशों के अनुसार, एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया था कि वे मार्च के महीने को छोड़कर महीने के अंतिम चार कार्य दिवसों में पेंशन का संवितरण करें। मार्च महीने का पेंशन संवितरण, अप्रैल के पहले दिन या उसके बाद किया जाएगा। जी) पेंशनर को किए गए अधिक/गलत भुगतान की वसूली 6. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केंद्रीय/नागरिक/रक्षा/रेलवे पेंशनभोगी को पेंशन के भुगतान की योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनर को किए गए अधिक/गलत भुगतानों की प्राप्ति के लिए तैयार की गई समान प्रक्रिया का ब्यौरा नीचे दिया गया है:- ए) जैसे ही किसी पेंशनर को किया गया अतिरिक्त/गलत भुगतान, भुगतान करने वाली शाखा के संज्ञान में आता है, शाखा को पेंशनर के खाते में जमा की गई राशि को एकमुश्त बकाया भुगतान सहित यथासंभव समायोजित करना चाहिए। बी) यदि ओवरपेमेंट की पूरी राशि को खाते से समायोजित नहीं किया जा सकता है, तो पेंशनर को ओवरपेमेंट की शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा जा सकता है। सी) यदि पेंशनर राशि का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त करता है, तो इसे पेंशनर को किए जाने वाले भविष्य के पेंशन भुगतान से समायोजित किया जा सकता है। पेंशनर को उसके भविष्य के पेंशन भुगतान से किए गए अधिक भुगतान की वसूली के लिए प्रत्येक माह देय 1/3 निवल(पेंशन + राहत) की वसूली की जा सकती है जब तक कि संबंधित पेंशनभोगी उच्च किस्त राशि का भुगतान करने के लिए लिखित में सहमति न दे। डी) यदि पेंशनर से उसकी मृत्यु या पेंशन बंद होने के कारण अधिक भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती है तो योजना के तहत पेंशनर द्वारा दिए गए वचन पत्र के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। ई) पेंशनर को अधिक भुगतान/गलत भुगतान के विवरण और इसकी प्राप्ति के तरीके के बारे में भी सूचना दी जा सकती है। एच) सरकार को अतिरिक्त पेंशन भुगतान की वापसी 12. एजेंसी बैंक की त्रुटि के कारण जब कभी कोई अतिरिक्त/अधिभुगतान का पता चलता है है तो अतिरिक्त/अधिभुगतान की संपूर्ण राशि एकमुश्त रूप में सरकार के खाते में तुरंत जमा कर दी जानी चाहिए। एजेंसी बैंको से अनुरोध है कि वे पेंशनरों को किए गए अतिरिक्त/अधिक भुगतान की वसूली, यदि कोई हो, के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया के संबंध में संबंधित पेंशन स्वीकृत करने वाले प्राधिकारियों से मार्ग-दर्शन लें/प्राप्त करें। यदि पेंशनरों को अधिक/गलत भुगतान सरकार द्वारा की गई त्रुटियों के कारण हुआ हो तो बैंक इस मामले के त्वरित समाधान के लिए संपूर्ण ब्यौरे के साथ संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। तथापि यह कार्य समयबद्ध रूप से होना चाहिए और इस संबंध में सरकारी प्राधिकारियों की पावती बैंक के अभिलेख में अवश्य रखी जाए। ऐसे मामलों में बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को संदर्भित किए बिना ही सरकारी विभागों से संपर्क कर सकते हैं। (i) वृद्ध/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनरों द्वारा पेंशन का आहरण 13. बीमार और अशक्त पेंशनरों द्वारा बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को दूर करने के लिए एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनरों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं: - (ए) पेंशनर, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है। (बी) पेंशनर, जो न केवल बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठे का निशान लगाने में भी असमर्थ है। 14. ऐसे वृद्ध/बीमार/अक्षम पेंशनरों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं: - (ए) जहाँ कहीं वृद्ध/बीमार पेंशनर का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए, जिनमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए। (बी) जहाँ पेंशनर अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान लिया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए, जिनमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए। तदनुसार, एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनर इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें। एजेंसी बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे बीमार और अक्षम व्यक्तियों को दी जानेवाली सुविधाओं के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए अनुदेशों का कड़ाई से पालन /कार्यान्वयन करें और इस मामले में स्टाफ-सदस्यों को जानकारी दें और किसी संदेह के मामले में हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर रखे गए पेंशन संवितरण संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को देखें। जे) पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति 15. एजेंसी बैंकों की लिंक शाखाएं केंद्र/राज्य सरकार पेंशन के भुगतान की प्रतिपूर्ति संबंधी दावे क्रमशः भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग नागपुर/क्षेत्रीय कार्यालय के सरकारी बैंकिंग प्रभाग को प्रस्तुत कर सकती है। के) पेंशनर की मृत्यु के बाद पूर्ववर्ती अथवा उत्तरजीवी के साथ पेंशन खाते को बनाए रखना 16. केंद्र सरकार का पेंशन वितरित करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि जब पति/पत्नी उत्तरजीवी हो और पेंशनर के साथ उसका संयुक्त खाता हो तथा पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में परिवार पेंशन के भुगतान के लिए जिसके पक्ष में प्राधिकार विद्यमान हो और जीवन साथी (पति/पत्नी) (परिवार पेंशनर) परिवार पेंशन जमा/क्रेडिट करने के लिए वर्तमान संयुक्त खाते का विकल्प देता/ देती है तो बैंक को नया खाता खोलने के लिए जोर नहीं देना/कहना नहीं चाहिए। (l) डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र 17. वर्तमान पेंशन योजना के अनुसार, पेंशनर को हर साल नवंबर में पेंशन वितरण बैंक को जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। पेंशनरों को इन प्रमाण पत्रों को प्रस्तुत करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, और इन कठिनाइयों को दूर करते हुए, भारत सरकार ने 10 नवंबर, 2014 को आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आधारित एक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र "जीवन प्रमाण" लॉन्च किया है। जीवन प्रमाण की सुविधा के लिए, 10 नवंबर, 2014 को एक वेब पोर्टल (jeevanpramaan.gov.in) लॉन्च किया गया था। सरकारी पेंशन वितरित करने वाली सभी एजेंसियां योजना को लागू करने और लाभ उठाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकती हैं और अपनी सभी संबंधित शाखाओं और कामकाज करने वाले कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर सकती हैं। उनसे अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं, वेबसाइटों और अन्य माध्यमों के जरिए अपने पेंशनरों के बीच इस सुविधा के बारे में जागरूकता लानें की दिशा में काम करें। बैंक पेंशन भुगतान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में भी उपयुक्त संशोधन कर सकते हैं। 18. ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन अदा करने वाली शाखाओं में काउंटर पर प्रस्तुत जीवन प्रमाणपत्र खो जाने के कारण मासिक पेंशन के भुगतान में विलंब होता है। पेंशनरों को हो रही इन कठिनाइयों को कम करने के लिए एजेंसी बैंकों को यह अनुदेश दिया गया है कि वे इस संबंध में यथाविधि हस्ताक्षरित पावती अनिवार्य रूप से जारी करें। उन्हें यह भी सूचित किया गया है कि वे उनके जीवन प्रमाणपत्र की प्राप्ति की अपने सीबीएस में प्रविष्टि करने पर विचार करें और सिस्टम जनित पावती जारी करें जिससे पावती के साथ-साथ अभिलेखों को वास्तविक समय में अद्यतन करने संबंधी दोनों प्रयोजन पूरे होंगे। केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान (क) पेंशन भुगतान आदेश 19. पेंशन भुगतान करने वाले बैंक की कुछ शाखाएं जब भी संबंधित पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के दोनों हिस्सों में मूल दरों में परिवर्तन होता है, मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन की राशि को अद्यतन नहीं करती हैं। इस संबंध में, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनरों को पेंशन के भुगतान की योजना" के पैरा 12.17 और 19.1 को नीचे पुन: प्रस्तुत किया गया है: “जब भी पेंशन और/या पेंशन पर महंगाई राहत की मूल दरों में बदलाव होता है, तो भुगतान करने वाली शाखा पेंशनर के पीपीओ के आधे हिस्से को वापस बुला लेगी और उस पर परिवर्तन दर्ज करेगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, परिवर्तन प्रभावी होने की तारीख का उल्लेख होगा। ऐसा करने के बाद, उन हिस्सों को पेंशनरों को वापस कर दिया जाएगा। (पैरा 12.17)। “जब भी सरकार द्वारा पेंशन पर कोई अतिरिक्त राहत मंजूर की जाती है, तो इस आशय की सूचना कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग) द्वारा प्रत्येक नामित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का (नाम से) उत्तरार्द्ध द्वारा दिए गए पते पर अधिकृत प्रतिनिधि को भेजी जाएगी। इसके बाद, यह बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि वे दिल्ली में काम कर रहे अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय से मंजूरी आदेशों की आवश्यक प्रतियां (अग्रिम रूप से सूचित की जाने वाली) और उनसे संबंधित रेडी-रेकनर एकत्र करें और कार्यान्वयन के लिए दस दिनों के भीतर भुगतान करने वाली शाखाओं को सीधे प्रसारण के लिए उन्हें तुरंत उनके संबंधित प्रधान कार्यालयों में भेज दें। प्रत्येक भुगतान करने वाली शाखा अपने भुगतान के तहत केंद्रीय सरकारी सिविल पेंशनरों को देय पेंशन पर राहत की संशोधित दरों का तुरंत निर्धारण करेगी। व्यक्तिगत पेंशनरों पर लागू इन दरों की गणना अनुबंध XXII (पृष्ठ 41) के अनुसार की जाएगी और उन्हें शाखा प्रबंधक या प्रभारी द्वारा सत्यापन के तहत, पीपीओ के संवितरणकर्ता के हिस्से में उस तारीख के साथ नोट किया जाएगा, जिस तारीख से राहत प्रभावी होगी। यह प्रक्रिया पेंशनरों को संशोधित दरों पर राहत का भुगतान शुरू करने से पहले/ बकाया राशि, यदि कोई हो तो, देने से पहले पूरी की जाएगी। (पैरा 19.1) एजेंसी बैंक अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं का ध्यान उपरोक्त प्रावधानों की ओर आकर्षित कर सकते हैं और उन्हें निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सूचना दे सकते हैं। रक्षा पेंशनरों को पेंशन का भुगतान (क) पेंशन भुगतान स्क्रॉल जमा करने में देरी 20. भुगतान शाखाओं, लिंक शाखाओं और प्रतिपूर्ति शाखाओं द्वारा पेंशन भुगतान स्क्रॉल के प्रसारण की प्रक्रिया "रक्षा पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना" पुस्तिका के पैराग्राफ 9 (6), 10 और 11 में निर्धारित की गई है। इसमें उल्लिखित पूरी प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा के अनुसार पूरा करने की आवश्यकता है ताकि पीसीडीए (पेंशन), इलाहाबाद के कार्यालय में भुगतान स्क्रॉल अगले महीने की 15 तारीख तक प्राप्त हो जाएं (मार्च स्क्रॉल के महीने को छोड़कर, जो हर साल के तीसरे सप्ताह तक हमेशा पहुंच जाना चाहिए)। पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूर्ति शाखाओं को निम्नलिखित सुनिश्चित करने के लिए एक अधिक कुशल प्रणाली स्थापित करने की सूचना दी जाती है: ए) पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को निर्धारित समय (अगले महीने की 10 तारीख तक) के भीतर लिंक शाखाओं को पेंशन भुगतान स्क्रॉल प्रस्तुत करना होगा। स्क्रॉलों का समूहन नहीं किया जाना चाहिए। बी) लिंक शाखाओं को प्रत्येक महीने की 11 तारीख तक बैंकों (आरबीआई / एसबीआई आदि) की प्रतिपूर्ति के लिए सारांश पत्र और सारांश दस्तावेजों के साथ स्क्रॉल की मूल प्रति अग्रेषित करना चाहिए। सी) प्रतिपूर्ति करने वाले बैंकों को स्क्रॉल की मूल प्रति सीधे सीडीए (पेंशन), इलाहाबाद को पेंशन भुगतान करने वाले बैंक की प्रतिपूर्ति के बाद सरकारी खाते में भेजनी चाहिए ताकि मार्च स्क्रॉल को छोड़कर अगले महीने की 15 तारीख तक पीसीडीए (पेंशन) तक पहुंच सकें। (b) नकली और धोखाधड़ी भुगतान 21. पीसीडीए (पेंशन) कार्यालय ने यह भी देखा है कि कुछ मामलों में फर्जी पीपीओ के आधार पर ग्रेच्युटी भुगतान और कम्युटेशन का भुगतान पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा निर्धारित चेक का पालन किए बिना किया गया। (c) पेंशन का पहला भुगतान 22. यह भी देखा गया है कि पेंशन के पहले भुगतान के मामलों में, स्क्रॉल पर या तो पीपीओ नंबर का उल्लेख नहीं किया गया था या गलत पीपीओ नंबरों का उल्लेख किया गया था, जिससे भुगतान के यथार्थता को सत्यापित करना मुश्किल पाया गया। इसके अलावा, इन भुगतानों को रक्षा पेंशनरों के नियमित मासिक भुगतान के साथ मुख्य पेंशन भुगतान स्क्रॉल में दिखाया जा रहा था। पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूर्ति शाखाओं को निम्नलिखित सुनिश्चित करने के लिए एक अधिक कुशल प्रणाली स्थापित करने की सूचना दी जाती है: ए) पेंशन के पहले भुगतान के मामलों में, पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को प्रत्येक पेंशनभोगी के नाम के सामने सही पीपीओ नंबर, ग्रेच्युटी की राशि और संराशीकरण दर्शाते हुए सावधानीपूर्वक स्क्रॉल तैयार करना चाहिए और इसे मासिक आधार पर अलग से जमा करना चाहिए। नियमित मासिक भुगतान मामलों के लिए अलग सारांश शीट के साथ अलग से तैयार किए जाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। बी) पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को नियमित मासिक पेंशन भुगतान मामलों के साथ-साथ पहले पेंशन भुगतान मामले के लिए अलग-अलग सारांश पत्र तैयार करना चाहिए। (घ) एकल विंडो प्रणाली 23. रक्षा लेखा के प्रधान नियंत्रक (पेंशन) के कार्यालय के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि 1 अप्रैल 2007 से रक्षा पेंशन की प्रतिपूत के लिए एकल विंडो प्रणाली शुरू की जाएगी। इसलिए, प्रतिपूर्ति बैंक यानी आरबीआई (पीएडी), एसबीआई और उसके सहयोगी बैंक 1 अप्रैल, 2007 से बैंकों द्वारा किए गए रक्षा पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति करना बंद कर देंगे। पेंशन भुगतान लेनदेन नागपुर में लिंक सेल के माध्यम से केंद्रीय लेखा अनुभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर को सूचित किया जा सकता है ताकि केंद्रीय सिविल पेंशन के मामले में धन निपटान किया जा सके। एजेंसी बैंकों को पीसीडीए (पी), द्रौपदी घाट, इलाहाबाद के कार्यालय में भुगतान स्क्रॉल भेजने की आवश्यकता है। 24. 1 अप्रैल 2007 से पहले बकाया सभी पिछले लेन-देन, जिनके लिए पेंशन भुगतान स्क्रॉल सलाह अपेक्षित हैं, का समाधान भारतीय रिज़र्व बैंक/भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगियों की प्रतिपूर्ति शाखाओं के माध्यम से किया जाएगा। रेलवे पेंशनभोगीयों को पेंशन का भुगतान जाली और कपटपूर्ण भुगतान 25. रेल मंत्रालय को कुछ ऐसे धोखाधड़ी वाले मामलों का पता लगा है कि जिनमें कुछ एजेंसी बैंकों द्वारा जाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के आधार पर अनधिकृत व्यक्तियों को पेंशन/पेंशन के बकाए का भुगतान कर दिया गया है। पेंशन अदा करने वाली शाखाओं द्वारा धोखाधड़ी वाले ऐसे भुगतान निर्धारित ऐसी जाँच किए बिना किए गए हैं, उदाहरणस्वरूप ऐसी गणना शीटों पर विश्वास करके भुगतान जारी किया गया जिन्हें प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित नहीं किया गया था, साथ ही ये बैंकों द्वारा विशेष रूप से पीपीओ प्राप्त करने संबंधी निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन भी नहीं करते थे। अत: रेलवे पेंशन अदा करने वाली शाखाओं से अनुरोध है कि वे रेलवे पेंशनभोगियों को पेंशन के संवितरण के लिए रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की “सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन के भुगतान की योजना” में दी गई प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें। अधिक पेंशन का भुगतान 26. वित्तीय सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी का कार्यालय, मध्य रेलवे, मुंबई से प्राप्त रेलवे पेंशनभोगीयों के संबंध में बैंक जिन मुख्य क्षेत्रों में अधिक भुगतान करते हैं, उनकी सूची अनुबंध 1 में दी गई है। एजेंसी बैंकों से अनुरोध किया गया था कि वे इसे अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं में परिचालित करें और उन्हें उचित कार्रवाई करने का निर्देश दें ताकि रेलवे पेंशन के अधिक भुगतान से बचा जा सके। (सी) ड्यू एंड ड्रॉन स्टेटमेंट जारी करना 27. सभी एजेंसी बैंक अपनी पेंशन अदा करने वाली शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें कि वे जब कभी उनके पेंशन में परिवर्तन/संशोधन हो तो वे रेलवे पेंशनभोगियों को निर्धारित फार्म में ‘ड्यू एंड ड्रॉन स्टेटमेंट’ जारी करें ताकि पेंशनभोगियों को असुविधा से बचाया जा सके। (डी) एकल खिड़की प्रणाली 28. रेलवे पेंशन की प्रतिपूर्ति के मामले में एकल खिड़की प्रणाली 1 अप्रैल, 2011 से, बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक, 1 जुलाई 2011 से, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, 1 जुलाई, 2012 से, भारतीय स्टेट बैंक और देना बैंक, 1 अगस्त, 2012 से बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूनियन बैंक द्वारा प्रारंभ किया गया है। इन बैंकों द्वारा किए गए रेलवे पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी। टेलीकॉम पेंशनरों को पेंशन का भुगतान (क) एकल खिड़की प्रणाली 29. भारतीय स्टेट बैंक, उसके सहयोगी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ टेलीकॉम पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के मामले में एकल खिड़की प्रणाली (एसडब्ल्यूएस) 01 अक्तूबर 2012 के प्रभाव से प्रारंभ किया गया। इन बैंकों द्वारा किए गए टेलीकॉम पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी। ग्राहक सेवा 30. सभी एजेंसी बैंक अपने डीलिंग शाखाओं को अनुदेश दें कि वे पेंशन भुगतान से संबंधित प्रभाकर राव समिति की सिफारिशों का अनुपालन करें और तदनुसार अपने आंतरिक लेखा परीक्षकों/ निरीक्षकों को अनुदेश दें कि जब वे किसी शाखा के दौरे पर जाएं तो शाखाओं द्वारा किए जा रहे कार्य की जाँच करते वक्त जाँचसूची (अनुबंध 2 में दी गई है) में सूचीबद्ध किए गए मुद्दों को ध्यान में रखें और अपनी रिपोर्टों में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर टिप्पणी दें और भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण अधिकारियों को इसे उपलब्ध कराएं जब भी वह शाखा का दौरा करते हैं। 31. पेंशनभोगियों की शिकायतों का निपटान विशेष रूप से केन्द्रीकृत पेंशन प्रसंस्करण केन्द्र (सीपीपीसी) की स्थापना के बाद शाखा स्तर पर उचित रूप से नहीं किया जा रहा है। पेंशनभोगियों को झंझट रहित सेवा प्रदान करने के लिए शिकायतों के निपटान और नियमित संवाद के लिए एक मंच होना चाहिए। तदनुसार, एजेंसी बैंकों को नियमित रूप से पेंशनभोगियों की शिकायतों के निपटान के लिए प्रत्येक क्षेत्र/मंडल में एक/दो नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए और महाप्रबंधक/मुख्य महाप्रबंधक को मासिक अंतरालों पर स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए। 32. सीपीपीसी के दायरे से बाहर के स्थानों पर, पेंशन से संबंधित शिकायतों के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया जाना चाहिए और उनसे पेंशनभोगी आसानी से संपर्क कर सकें और पेंशन अदालत की तर्ज पर उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए। प्रत्येक बैंक को केवल पेंशन मामलों के लिए ही टोल फ्री नंबर शुरू करना चाहिए, जहां प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैनात किया जाए और प्रश्नों का जवाब देने के लिए उनकी पहुंच डेटाबेस तक हो तथा वे शिकायतों को दर्ज कर उसका निवारण कर सकें। 33. पेंशनभोगियों से संशोधित पेंशन और बकाया राशि के संवितरण में अत्यधिक विलंब संबंधी कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद एजेंसी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया गया: (ए) पेंशनभोगी को पेंशन/बकाया के क्रेडिट में विलंब करने पर पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों को तय देय तारीख से विलंब के लिए 8 प्रतिशत के नियत ब्याज दर पर क्षतिपूर्ति देनी होगी और दिनांक 1 अक्टूबर, 2008 के बाद से यह क्षतिपूर्ति सभी विलंबित पेंशन भुगतानों पर लागू होगा और जब बैंक संशोधित पेंशन/पेंशन बकाया क्रेडिट करता है तो पेंशनभोगी के किसी दावे के बिना उसी तारीख पर पेंशनभोगी के खाते में क्षतिपूर्ति भी क्रेडिट किया जाना चाहिए। (बी) पेंशन भुगतान बैंकों से अनुरोध किया गया है कि वे पेंशन भुगतान करने वाले प्राधिकारियों से पेंशन आदेश की प्रतियां तत्काल प्राप्त करने की एक प्रणाली विकसित करें और भारतीय रिज़र्व बैंक से निर्देशों की प्राप्ति के लिए इंतजार किए बिना पेंशन का भुगतान करें ताकि पेंशनभोगियों को सरकारों द्वारा घोषित लाभ अगले महीने के पेंशन भुगतान में ही मिल जाए। (सी) पेंशन भुगतान सहित ग्राहक सेवा की व्यवस्था की समीक्षा आवधिक अंतरालों में की जाए। (डी) पेंशनभोगियों के लिए शाखा निर्दिष्ट बिंदु बना रहना चाहिए ऐसा न हो कि वह अपने आप को वंचित महसूस न करें। (ई) जिन शाखाओं में पेंशन खाते हैं उन्हें बैंक के साथ लेनदेन करने में पेंशनभोगियों की सहायता करनी चाहिए। (एफ) पेंशन की गणना से संबंधित अंकगणित और गणना के अन्य सभी विवरणों को पेंशनभोगियों को आवश्यकतानुसार इंटरनेट या आवधिक अंतराल पर शाखाओं में उपलब्ध कराने के लिए इसे वेब पर प्रकाशित करने की उपयुक्त व्यवस्था की जानी चाहिए और इस व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। (जी) पेंशन भुगतान के संबंध में सभी दावे सरकारी कारोबार के प्रभारी कार्यकारी निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक के इस आशय के प्रमाणपत्र के साथ किया जाना चाहिए कि कोई भी बकाया पेंशन क्रेडिट किया जाना शेष नहीं है/ नियमित पेंशन/बकाया को क्रेडिट करने में देरी नहीं हुई है। प्रशिक्षण 34. पेंशन भुगतान योजनाओं/ नियमों के बारे में स्टाफ-सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बैंक अपने प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसे शामिल कर सकते हैं। 35. संबंधित सरकारी विभागों के परामर्श से पेंशन मामलों पर कार्य कर रहे बैंक कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं। मास्टर परिपत्र द्वारा समेकित परिपत्रों की सूची
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