Notifications - Consumer Education and Protection - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
मई 18, 2007
बैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटाना
आरबीआइ/2006-2007/400 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ. बीसी. 95 /07.38.01/2006-07 18 मई 2007 सभी राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदयबैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटानासार्वजनिक सेवाओं से संबंधित क्रियाविधि और कार्यनिष्पादन मूल्यांकन संबंधी समिति (सीपीपीएपीएस) ने लॉकरों के आसान परिचालन के लिए कुछ सिफारिशें की हैं । हमने सुरक्षा जमा लॉकरों/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक
आरबीआइ/2006-2007/400 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ. बीसी. 95 /07.38.01/2006-07 18 मई 2007 सभी राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदयबैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटानासार्वजनिक सेवाओं से संबंधित क्रियाविधि और कार्यनिष्पादन मूल्यांकन संबंधी समिति (सीपीपीएपीएस) ने लॉकरों के आसान परिचालन के लिए कुछ सिफारिशें की हैं । हमने सुरक्षा जमा लॉकरों/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक
मई 07, 2007
बैंकों द्वारा अत्यधिक ब्याज लगाये जाने के संबंध में शिकायतें
आरबीआइ/2006-07/377 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 93/13.03.00/2006-07 7 मई 2007 17 वैशाख 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों द्वारा अत्यधिक ब्याज लगाये जाने के संबंध में शिकायतें कृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य के पैराग्राफ 168 (प्रतिलिपि संलग्न) का अवलोकन करें ।2. रिज़र्व बैंक और बैंकिंग लोकपालों के कार्यालयों में अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जो कुछ ऋणों और अग्रिमों पर अत्यधिक ब्याज और प्रभार लगाने से संबंधित हैं ।
आरबीआइ/2006-07/377 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 93/13.03.00/2006-07 7 मई 2007 17 वैशाख 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों द्वारा अत्यधिक ब्याज लगाये जाने के संबंध में शिकायतें कृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य के पैराग्राफ 168 (प्रतिलिपि संलग्न) का अवलोकन करें ।2. रिज़र्व बैंक और बैंकिंग लोकपालों के कार्यालयों में अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जो कुछ ऋणों और अग्रिमों पर अत्यधिक ब्याज और प्रभार लगाने से संबंधित हैं ।
अप्रैल 30, 2007
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना,2004-मृत्यु मामलों में ब्याज दर के संबंध में स्पष्टीकरण
भारिबैं /2006-07/360 सबैंलेवि.सीडीडी.एच-15824/15.15.001/2006-0730 अप्रैल 2007/10 वैशाख 1929 (श)महाप्रबंधकसरकारी लेखा विभाग,प्रधान कार्यालयभारतीय स्टेट बैंक/स्टेट बैंक ऑफ इंदौर/स्टेट बैंक ऑफ पटियाला/स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर/स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र/स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर/स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद/स्टेट बैंक ऑफ मैसूर/इलाहाबाद बैंक/बैंक ऑफ बड़ौदा/बैंक ऑफ इंडिया/बैंक ऑफ महाराष्ट्र/केनरा बैंक/सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया/कॉर्पोरेशन बैंक/देना बैंक/इंडियन बैंक/इंडियन ओवरसीज़ ब
भारिबैं /2006-07/360 सबैंलेवि.सीडीडी.एच-15824/15.15.001/2006-0730 अप्रैल 2007/10 वैशाख 1929 (श)महाप्रबंधकसरकारी लेखा विभाग,प्रधान कार्यालयभारतीय स्टेट बैंक/स्टेट बैंक ऑफ इंदौर/स्टेट बैंक ऑफ पटियाला/स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर/स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र/स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर/स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद/स्टेट बैंक ऑफ मैसूर/इलाहाबाद बैंक/बैंक ऑफ बड़ौदा/बैंक ऑफ इंडिया/बैंक ऑफ महाराष्ट्र/केनरा बैंक/सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया/कॉर्पोरेशन बैंक/देना बैंक/इंडियन बैंक/इंडियन ओवरसीज़ ब
अप्रैल 18, 2007
‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत
आरबीआई/2006-2007/328 डीओ डीबीएस.एमआरएमसी सं.बीसी 5/23.02.011/2006-07 18 अप्रैल 2007 भारत में कार्यरत सभी निजी क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंक ‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत भारत सरकार ने अपने दिनांक 21 अप्रैल 2004 के संकल्प के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को केंद्रीय सरकार या किसी केंद्रीय अधिनियम, सरकारी कंपनियों, सोसाइटीज़ या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली या उसके द्वारा नियंत्रित स्थानीय प्राधिकरणों के द्वारा य
आरबीआई/2006-2007/328 डीओ डीबीएस.एमआरएमसी सं.बीसी 5/23.02.011/2006-07 18 अप्रैल 2007 भारत में कार्यरत सभी निजी क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंक ‘निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए संरक्षित प्रकटन योजना’ की शुरुआत भारत सरकार ने अपने दिनांक 21 अप्रैल 2004 के संकल्प के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को केंद्रीय सरकार या किसी केंद्रीय अधिनियम, सरकारी कंपनियों, सोसाइटीज़ या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली या उसके द्वारा नियंत्रित स्थानीय प्राधिकरणों के द्वारा य
अप्रैल 17, 2007
बैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटाना
आरबीआइ/2006-2007/325बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 78 /09.07.005/2006-07 17 अप्रैल 2007 27 चैत्र 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटाना सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित क्रियाविधि और कार्यनिष्पादन मूल्यांकन संबंधी समिति (सीपीपीएपीएस) ने लॉकरों के आसान परिचालन के लिए कुछ सिफारिशें की हैं । ह
आरबीआइ/2006-2007/325बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 78 /09.07.005/2006-07 17 अप्रैल 2007 27 चैत्र 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंकों द्वारा सुरक्षा जमा लॉकर/वस्तुओं के लिए सुरक्षित अभिरक्षा सुविधा प्रदान करना तथा सुरक्षा जमा लॉकरों तक पहुंच/ सुरक्षित अभिरक्षा से वस्तुं लौटाना सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित क्रियाविधि और कार्यनिष्पादन मूल्यांकन संबंधी समिति (सीपीपीएपीएस) ने लॉकरों के आसान परिचालन के लिए कुछ सिफारिशें की हैं । ह
अप्रैल 12, 2007
एकल जमा खातों में नामांकन सुविधा
भारिबैं / 2006 - 07 / 318 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 70 / 07.38.01/2006 - 07 12 अप्रैल 2007 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी राज्य तथा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकमहोदय,एकल जमा खातों में नामांकन सुविधा कृपया उपर्युक्त विषय पर 12 जुलाई 2005 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी. सं. 12 / 07.38.01/2005-06 का पैरा 9 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे नामांकन सुविधा तथा उत्तरजीविता खंड के लाभ का व्यापक प्रचार करें तथा जमा खाता धारकों का इस संबंध में मार
भारिबैं / 2006 - 07 / 318 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 70 / 07.38.01/2006 - 07 12 अप्रैल 2007 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी राज्य तथा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकमहोदय,एकल जमा खातों में नामांकन सुविधा कृपया उपर्युक्त विषय पर 12 जुलाई 2005 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी. सं. 12 / 07.38.01/2005-06 का पैरा 9 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे नामांकन सुविधा तथा उत्तरजीविता खंड के लाभ का व्यापक प्रचार करें तथा जमा खाता धारकों का इस संबंध में मार
अप्रैल 09, 2007
लेन-देनों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन
भारिबैं/2006-07/315 ग्राआऋवि. केका.आरएफ. बीसी. 67/07.02.01/2006-07 9 अप्रैल 2007 सभी राज्य एवं मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदयलेन-देनों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन कृपया दिनांक 1 जनवरी 1991 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं. आरएफ.बीसी. 68/डी.1-90-91 का अवलोकन करें, जिसके द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान/अग्रिमों पर ब्याज प्रभार सहित सभी लेनदेन निकटतम रुपये तक पूर्णांकित किये जाने चाहिए अर्थात् 50 पैसे और उससे अधिक की आंशिक राशि अगले उच्चतर रुपय
भारिबैं/2006-07/315 ग्राआऋवि. केका.आरएफ. बीसी. 67/07.02.01/2006-07 9 अप्रैल 2007 सभी राज्य एवं मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदयलेन-देनों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन कृपया दिनांक 1 जनवरी 1991 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं. आरएफ.बीसी. 68/डी.1-90-91 का अवलोकन करें, जिसके द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान/अग्रिमों पर ब्याज प्रभार सहित सभी लेनदेन निकटतम रुपये तक पूर्णांकित किये जाने चाहिए अर्थात् 50 पैसे और उससे अधिक की आंशिक राशि अगले उच्चतर रुपय
अप्रैल 05, 2007
एकल जमा खातों में नामांकन सुविधा
आरबीआइ/2006-07/310 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75 /09.07.005/2006-075 अप्रैल 2007 15 चैत्र 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयएकल जमा खातों में नामांकन सुविधा कृपया उपर्युक्त विषय पर 9 जून 2005 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 95/09.07.005/ 2004-05 का पैरा 9 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे नामांकन सुविधा तथा उत्तरजीविता खंड के लाभ का व्यापक प्रचार करें तथा जमा खाता धारकों का इस संबंध में मार्गदर्शन करें। हमे
आरबीआइ/2006-07/310 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75 /09.07.005/2006-075 अप्रैल 2007 15 चैत्र 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयएकल जमा खातों में नामांकन सुविधा कृपया उपर्युक्त विषय पर 9 जून 2005 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 95/09.07.005/ 2004-05 का पैरा 9 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे नामांकन सुविधा तथा उत्तरजीविता खंड के लाभ का व्यापक प्रचार करें तथा जमा खाता धारकों का इस संबंध में मार्गदर्शन करें। हमे
मार्च 30, 2007
चेकों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन
आरबीआइ/2006-07/299 बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 70/13.01.01/2006-07 30 मार्च 2007 9 चैत्र 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय चेकों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन कृपया ‘जमाराशियों पर ब्याज दरें’ विषय पर 1 जुलाई 2006 के हमारे मास्टर परिरपत्र बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 6/13.03.00/2006-07 के पैराग्राफ 19 का अवलोकन करें, जिसके द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान/अग्रिमों पर ब्याज प्रभार सहित सभी लेनदेन निकटतम रुपये तक
आरबीआइ/2006-07/299 बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 70/13.01.01/2006-07 30 मार्च 2007 9 चैत्र 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय चेकों का निकटतम रुपये तक पूर्णांकन कृपया ‘जमाराशियों पर ब्याज दरें’ विषय पर 1 जुलाई 2006 के हमारे मास्टर परिरपत्र बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 6/13.03.00/2006-07 के पैराग्राफ 19 का अवलोकन करें, जिसके द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान/अग्रिमों पर ब्याज प्रभार सहित सभी लेनदेन निकटतम रुपये तक
मार्च 06, 2007
ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता संबंधी दिशा-निर्देश
आरबीआइ/2006-2007/280 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 65 /09.07.005/2006-07 6 मार्च 2007 15 फाल्गुन 1928 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता संबंधी दिशा-निर्देश कृपया 5 मई 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.एलईजी सं. बीसी. 104/09.07.007/2002-03 देखें जिसमें ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता (Fair Practices Code) तैयार करने के लिए बैंकों /वित्तीय संस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी क
आरबीआइ/2006-2007/280 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 65 /09.07.005/2006-07 6 मार्च 2007 15 फाल्गुन 1928 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता संबंधी दिशा-निर्देश कृपया 5 मई 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.एलईजी सं. बीसी. 104/09.07.007/2002-03 देखें जिसमें ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता (Fair Practices Code) तैयार करने के लिए बैंकों /वित्तीय संस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी क
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