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मार्च 01, 2012
स्पष्टीकरण – विदेशी कंपनियों (एंटिटीज) द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों/संपर्क कार्यालयों की स्थापना – अधिकारों का प्रत्यायोजन
भारिबैंक/2011-12/421ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 88 1 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, स्पष्टीकरण – विदेशी कंपनियों (एंटिटीज) द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों/संपर्क कार्यालयों की स्थापना – अधिकारों का प्रत्यायोजन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 24 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके जरिये विदेशी कंपनियों के भारतीय शाखा कार्यालयों/संपर्क कार्यालयों द्वारा वार्षिक गतिविधि (कार्य
भारिबैंक/2011-12/421ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 88 1 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, स्पष्टीकरण – विदेशी कंपनियों (एंटिटीज) द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों/संपर्क कार्यालयों की स्थापना – अधिकारों का प्रत्यायोजन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 24 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके जरिये विदेशी कंपनियों के भारतीय शाखा कार्यालयों/संपर्क कार्यालयों द्वारा वार्षिक गतिविधि (कार्य
मार्च 01, 2012
सूचीबध्द होने वाली' कर्ज प्रतिभूतियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश
भारिबैंक/2011-12/423ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 89 1 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, सूचीबध्द होने वाली' कर्ज प्रतिभूतियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.20/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण और निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 5(4) और अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जात
भारिबैंक/2011-12/423ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 89 1 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, सूचीबध्द होने वाली' कर्ज प्रतिभूतियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.20/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण और निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 5(4) और अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जात
फ़रवरी 29, 2012
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापार के आवक विप्रेषण
भारिबैंक/2011-12/416 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 87 29 फरवरी 2012 सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापा
भारिबैंक/2011-12/416 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 87 29 फरवरी 2012 सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत सीमापा
फ़रवरी 29, 2012
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्यका आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्य
भारिबैंक/2011-12/415ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 29 फरवरी 2012 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्यका आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्य सभी प्राधिकृत व्यक्
भारिबैंक/2011-12/415ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 86 29 फरवरी 2012 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्याक्तियों का दायित्व- जोखिम का आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्यका आकलन और निगरानी – मुद्रा परिवर्तन संबंधी कार्य सभी प्राधिकृत व्यक्
फ़रवरी 29, 2012
आर-रिटर्न का समेकन : विदेशी मुद्रा लेनदेन-इलेक्ट्रानिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के तहत रिपोर्टिंग
भारिबैंक/2011-12/413 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 84 29 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, आर-रिटर्न का समेकन : विदेशी मुद्रा लेनदेन-इलेक्ट्रानिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के तहत रिपोर्टिंग प्राधिकृत व्यापारी (श्रेणी I) बैंकों का ध्यान आर-रिटर्न के समेकन और विदेशी मुद्रा लेनदेनों के इलेक्ट्रानिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के तहत रिपोर्ट करने के लिए दिशानिर्देश देने से संबंधित 13 मार्च 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 77 और फे
भारिबैंक/2011-12/413 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 84 29 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, आर-रिटर्न का समेकन : विदेशी मुद्रा लेनदेन-इलेक्ट्रानिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के तहत रिपोर्टिंग प्राधिकृत व्यापारी (श्रेणी I) बैंकों का ध्यान आर-रिटर्न के समेकन और विदेशी मुद्रा लेनदेनों के इलेक्ट्रानिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के तहत रिपोर्ट करने के लिए दिशानिर्देश देने से संबंधित 13 मार्च 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 77 और फे
फ़रवरी 29, 2012
राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गत इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2011-12/414ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 85 29 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गतइंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.3/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000 तथा समय-समय पर संशोधित 1 अगस्त 2005 के ए.
भारिबैंक/2011-12/414ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 85 29 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश जोन (NMIZ) के अंतर्गतइंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान समय - समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.3/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000 तथा समय-समय पर संशोधित 1 अगस्त 2005 के ए.
फ़रवरी 27, 2012
ऋण के रूप में स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा आपाती (Stand By) साख पत्र खोलना
भारिबैंक/2011-12/411ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 83 27 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, ऋण के रूप में स्वर्ण का आयात-ऋण की अवधि तथा आपाती (Stand By) साख पत्र खोलना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 18 फरवरी 2005 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें किए गए उल्लेखानुसार भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति 2004-2009 के अनुसार विनिर्माण और निर्यात के लिए 60 दिनों और कीमत निर्धारण तथा स्वर्ण ऋण क
भारिबैंक/2011-12/411ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 83 27 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, ऋण के रूप में स्वर्ण का आयात-ऋण की अवधि तथा आपाती (Stand By) साख पत्र खोलना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 18 फरवरी 2005 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें किए गए उल्लेखानुसार भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति 2004-2009 के अनुसार विनिर्माण और निर्यात के लिए 60 दिनों और कीमत निर्धारण तथा स्वर्ण ऋण क
फ़रवरी 21, 2012
आयात के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना – और उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/404ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 82 21 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, आयात के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना – और उदारीकरण विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 19 जून 2003 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 106 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में आयात के लिए व्यक्तियों, फर्मों तथा कंपनियों द्वारा 500 अमरीकी डॉलर से अधिक अथवा उसकी समतुल्य राशि के भुगतान क
भारिबैंक/2011-12/404ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 82 21 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, आयात के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना – और उदारीकरण विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 19 जून 2003 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 106 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में आयात के लिए व्यक्तियों, फर्मों तथा कंपनियों द्वारा 500 अमरीकी डॉलर से अधिक अथवा उसकी समतुल्य राशि के भुगतान क
फ़रवरी 21, 2012
माल और सेवाओं का निर्यात – एक वर्ष से ऊपर (विनिर्माण एवं पोत लदान) वाले पोत लदान संबंधी माल के निर्यात के लिए अग्रिम भुगतान की प्राप्ति
भारिबैंक/2011-12/403ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 81 21 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – एक वर्ष से ऊपर (विनिर्माण एवं पोत लदान) वाले पोत लदान संबंधी माल के निर्यात के लिए अग्रिम भुगतान की प्राप्ति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/आरबी-2000 के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 16 के उप-व
भारिबैंक/2011-12/403ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 81 21 फरवरी 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – एक वर्ष से ऊपर (विनिर्माण एवं पोत लदान) वाले पोत लदान संबंधी माल के निर्यात के लिए अग्रिम भुगतान की प्राप्ति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/आरबी-2000 के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 16 के उप-व
फ़रवरी 15, 2012
माल और सेवाओं का निर्यात – सॉफ्टेक्स क्रियाविधि का सरलीकरण और पुनरीक्षण (संशोधन)
भारिबैंक/2011-12/400ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 80 15 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – सॉफ्टेक्स क्रियाविधि का सरलीकरण और पुनरीक्षण (संशोधन) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 2 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा. 36/2001-आरबी द्वारा यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भ
भारिबैंक/2011-12/400ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 80 15 फरवरी 2012 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – सॉफ्टेक्स क्रियाविधि का सरलीकरण और पुनरीक्षण (संशोधन) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 2 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा. 36/2001-आरबी द्वारा यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भ

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