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सित॰ 01, 2008
बैंकों में अदावी जमाराशियां/निष्क्रिय खाê
आरबीआई./2008-09/150शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी)परि.सं.9/13.01.000/2008-09 01 सितंबर 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाबैंकों में अदावी जमाराशियां/निष्क्रिय खाते कृपया अतिदेय जमाराशियों के नवीनीकरण पर ब्याज दरों की प्रयोज्यता पर 19 अप्रैल 2001 का हमारा परिपत्र शबैंवि.सं.डीएस.पीसीबी.परि.50/13.01.00/2000-2001 देंखें। इसके अलावा मौजूदा अनुदेशों के अनुसार जिन जमा खातों में दो वर्ष से परिचालन नहीं हुआ है उन्हें अलग किया जाए तथा अलग लेजर/लेजरों
आरबीआई./2008-09/150शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी)परि.सं.9/13.01.000/2008-09 01 सितंबर 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाबैंकों में अदावी जमाराशियां/निष्क्रिय खाते कृपया अतिदेय जमाराशियों के नवीनीकरण पर ब्याज दरों की प्रयोज्यता पर 19 अप्रैल 2001 का हमारा परिपत्र शबैंवि.सं.डीएस.पीसीबी.परि.50/13.01.00/2000-2001 देंखें। इसके अलावा मौजूदा अनुदेशों के अनुसार जिन जमा खातों में दो वर्ष से परिचालन नहीं हुआ है उन्हें अलग किया जाए तथा अलग लेजर/लेजरों
सित॰ 01, 2008
बैंकों द्वारा सूचना /जानकारी प्रदर्शित करना - व्यापक सूचना पट्ट

आरबीआई./2008-09/151 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी)परि.सं.10 /12.05.001/2008-09 01 सितंबर 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय /महोदयाबैंकों द्वारा सूचना /जानकारी प्रदर्शित करना - व्यापक सूचना पट्ट बैंकों की शाखाओं में सूचना /जानकारी प्रदर्शित करना वित्तीय शिक्षा प्रदान करने का एक माध्यम है। इस तरह का प्रदर्शन करने से ग्राहकों को बैंक के उत्पादों तथा सेवाओं के संबंध में समझबूझ कर निर्णय लेने में आसानी होती है तथा अपने अधिकारों तथा कुछ अनिवार्य सेवाएं

आरबीआई./2008-09/151 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी)परि.सं.10 /12.05.001/2008-09 01 सितंबर 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय /महोदयाबैंकों द्वारा सूचना /जानकारी प्रदर्शित करना - व्यापक सूचना पट्ट बैंकों की शाखाओं में सूचना /जानकारी प्रदर्शित करना वित्तीय शिक्षा प्रदान करने का एक माध्यम है। इस तरह का प्रदर्शन करने से ग्राहकों को बैंक के उत्पादों तथा सेवाओं के संबंध में समझबूझ कर निर्णय लेने में आसानी होती है तथा अपने अधिकारों तथा कुछ अनिवार्य सेवाएं

अग॰ 28, 2008
बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली

आरबीआई/2008-09/144आरबीआई/2008-09/144 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं.8/09.39..000/2008-09 28 अगस्त 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाबैंकों में शिकायत निवारण प्रणालीकृपया 09 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी). सं. 31/ 12.05.001 / 2006-07 देखें जिसके माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि वे बैंक प्रभारों का औचित्य सुनिश्चत करने के प्रयोजन से नीति निर्मित करने के लिए गठित कार्यदल की सिफ़ारिशों को कार्य

आरबीआई/2008-09/144आरबीआई/2008-09/144 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं.8/09.39..000/2008-09 28 अगस्त 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाबैंकों में शिकायत निवारण प्रणालीकृपया 09 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी). सं. 31/ 12.05.001 / 2006-07 देखें जिसके माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि वे बैंक प्रभारों का औचित्य सुनिश्चत करने के प्रयोजन से नीति निर्मित करने के लिए गठित कार्यदल की सिफ़ारिशों को कार्य

अग॰ 12, 2008
विदेशों से सस्ते में धन भेजने की भ्रामक पेशकशों से सावधान रहने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी
आरबीआई/2008-09/126आरबीआई/2008-09/126 शबैंवि.केंका.पीसीबी.परि.सं. 6/12.05.000/2008-09 05 अगस्त 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाविदेशों से सस्ते में धन भेजने की भ्रामक पेशकशों से सावधान रहने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी जैसा कि आप जानते हैं, जनता धोखा देने के उद्देश्य से समय-समय पर भ्रामक लाटरी तथा मुद्रा परिचालन योजनाएं प्रकाश में आई हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि लाटरी योजनाओं में शामिल होने के लिए किया जाने वाला किसी भी
आरबीआई/2008-09/126आरबीआई/2008-09/126 शबैंवि.केंका.पीसीबी.परि.सं. 6/12.05.000/2008-09 05 अगस्त 2008मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाविदेशों से सस्ते में धन भेजने की भ्रामक पेशकशों से सावधान रहने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी जैसा कि आप जानते हैं, जनता धोखा देने के उद्देश्य से समय-समय पर भ्रामक लाटरी तथा मुद्रा परिचालन योजनाएं प्रकाश में आई हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि लाटरी योजनाओं में शामिल होने के लिए किया जाने वाला किसी भी
जुल॰ 31, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
URBAN BANKS DEPARTMENTआरबीआई /2008-2009/110 संदर्भ: शबैंवि (पीसीबी).सं./1/12.03.000/2008-09 31 जूलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय,भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 26 जून 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआई/2007-2008/386 शबैंवि (पीसीबी).सं.6/12.03.000/2007-08 देखें। जैसा कि वर्ष 2008-09 के लिए वार्षिक मौद्रीक नीति की पहली तिमाही की समीक्षा पर 29 जुलाई 2008 को जारी गवर्नर
URBAN BANKS DEPARTMENTआरबीआई /2008-2009/110 संदर्भ: शबैंवि (पीसीबी).सं./1/12.03.000/2008-09 31 जूलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय,भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 26 जून 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआई/2007-2008/386 शबैंवि (पीसीबी).सं.6/12.03.000/2007-08 देखें। जैसा कि वर्ष 2008-09 के लिए वार्षिक मौद्रीक नीति की पहली तिमाही की समीक्षा पर 29 जुलाई 2008 को जारी गवर्नर
जुल॰ 31, 2008
कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआई/2008-09/111 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.5/13.05.000/2008-09 30 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता के लिए विवेकपूर्ण मानदंड जैसा कि आपको ज्ञात है, माननीय वित्तमंत्री ने अपने वर्ष 2008-09 के बजट भाषण (पैराग्राफ73) में किसानों के लिए ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना की घोषणा की है, जिसे अन्यों के साथ-साथ सभी शहरी सहकारी बैंकों द्वार
आरबीआई/2008-09/111 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.5/13.05.000/2008-09 30 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदया कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता के लिए विवेकपूर्ण मानदंड जैसा कि आपको ज्ञात है, माननीय वित्तमंत्री ने अपने वर्ष 2008-09 के बजट भाषण (पैराग्राफ73) में किसानों के लिए ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना की घोषणा की है, जिसे अन्यों के साथ-साथ सभी शहरी सहकारी बैंकों द्वार
जुल॰ 15, 2008
पूंजीगत निधि में वृद्धि करने वाले लिखत - शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2008/96आरबीआई/2008/96 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं. 4/09.18.201/2008-09 15 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयापूंजीगत निधि में वृद्धि करने वाले लिखत - शहरी सहकारी बैंक वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों द्वारा पूंजी में वृध्दि करने तथा पूंजीगत निधियों में वृध्दि करने के लिए वैकल्पिक उपकरणों / अवसरों की पहचान करने से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के लिए एक
आरबीआई/2008/96आरबीआई/2008/96 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं. 4/09.18.201/2008-09 15 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयापूंजीगत निधि में वृद्धि करने वाले लिखत - शहरी सहकारी बैंक वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों द्वारा पूंजी में वृध्दि करने तथा पूंजीगत निधियों में वृध्दि करने के लिए वैकल्पिक उपकरणों / अवसरों की पहचान करने से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के लिए एक
जुल॰ 11, 2008
Balances held by UCBs with IDBI Bank Limited- Treatment for CRR/SLR purpose
RBI/2008-09/93 UBD.BPD (PCB) Cir No: 3 /12.05.001/2008-09 July 11, 2008 Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir Balances held by UCBs with IDBI Bank Limited- Treatment for CRR/SLR purpose- As you are aware, in terms of Section 18(1) (c) and 24(2) (a) of the B.R. Act, 1949 (AACS), net balance maintained in current account by the co-operative banks with the following banks are treated as cash for the purpose of CRR/SLR. i) State Bank
RBI/2008-09/93 UBD.BPD (PCB) Cir No: 3 /12.05.001/2008-09 July 11, 2008 Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir Balances held by UCBs with IDBI Bank Limited- Treatment for CRR/SLR purpose- As you are aware, in terms of Section 18(1) (c) and 24(2) (a) of the B.R. Act, 1949 (AACS), net balance maintained in current account by the co-operative banks with the following banks are treated as cash for the purpose of CRR/SLR. i) State Bank
जुल॰ 03, 2008
केंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना,2008
आरबीआई/2008-09/89 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.2/13.05.000/2008-09 03 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाकेंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना,2008कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 जून 2008 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.58 /13.05.000/2007-08 देखें।2. उपर्युक्त परिपत्र के अंतर्गत प्रश्न सं.33 पर दिए गए स्पष्टीकरण में भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रकार से संशोधन कर दिया गया है:"यदि ऋण मुर्गीपालन या भेड़पालन या सूअर
आरबीआई/2008-09/89 शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.2/13.05.000/2008-09 03 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयाकेंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना,2008कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 जून 2008 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.58 /13.05.000/2007-08 देखें।2. उपर्युक्त परिपत्र के अंतर्गत प्रश्न सं.33 पर दिए गए स्पष्टीकरण में भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रकार से संशोधन कर दिया गया है:"यदि ऋण मुर्गीपालन या भेड़पालन या सूअर
जुल॰ 02, 2008
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार
आरबीआइ/2008-2009/86आरबीआइ/2008-2009/86 शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी) सं. 1/12.05.001/2008-09 2 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारीं सभी प्रथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय,धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व - शहरी सहकारी बैंककृपया उपर्युत विषय पर 21 मार्च 2006 का हमारा परिपत्र शबैं. केंका. बीपीडी. (पीसीबी) सं 38 /09.16.100/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 4 और 5 में यह सूचित किया गया था कि बैंकों से अपेक्षित है कि वे
आरबीआइ/2008-2009/86आरबीआइ/2008-2009/86 शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी) सं. 1/12.05.001/2008-09 2 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारीं सभी प्रथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय,धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व - शहरी सहकारी बैंककृपया उपर्युत विषय पर 21 मार्च 2006 का हमारा परिपत्र शबैं. केंका. बीपीडी. (पीसीबी) सं 38 /09.16.100/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 4 और 5 में यह सूचित किया गया था कि बैंकों से अपेक्षित है कि वे

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