मास्टर परिपत्र - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र
जुल॰ 01, 2009
मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां
आरबीआइ/2009-10/70 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 14 /13.03.00/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 18/13.03.00/ 2008-2009 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2008 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदेश / दिशा-निर्देश समेकित किये गये हैं ।
आरबीआइ/2009-10/70 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 14 /13.03.00/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 18/13.03.00/ 2008-2009 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2008 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदेश / दिशा-निर्देश समेकित किये गये हैं ।
जुल॰ 01, 2009
मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में संघों/संस्थाओं द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों के दायित्व
आरबीआइ /2009-2010/72 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 1/14.08.001/2009-10 1 जुलाई 20099 आषाढ़ 1931 (शक) अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाएँ महोदय मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में संघों/संस्थाओं द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों के दायित्व कृपया 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीस
आरबीआइ /2009-2010/72 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 1/14.08.001/2009-10 1 जुलाई 20099 आषाढ़ 1931 (शक) अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाएँ महोदय मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में संघों/संस्थाओं द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों के दायित्व कृपया 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीस
जुल॰ 01, 2009
विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र
आरबीआइ / 2009-10/68 बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 12/13.03.00/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 16/13.03.00/2008-09 का अवलोकन करें, जिसमें विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 30 जून 2008
आरबीआइ / 2009-10/68 बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी. 12/13.03.00/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों से संबंधित अनुदेशों का मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 16/13.03.00/2008-09 का अवलोकन करें, जिसमें विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खातों में रखी गयी जमाराशियों पर ब्याज दरों के संबंध में 30 जून 2008
जुल॰ 01, 2009
मास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरें
आरबीआइ/2009- 10/66 बैपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/2009-1 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्यबैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरें कृपया आप 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 14 /13.03.00/ 2008-09 देखें जिसमें अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में बैंकों को 30 जून 2008 तक जारी किये गये अनुदेश/दिशानिर्देश समेकित किये गये थे। 30 जून 2009 तक जारी किये गये अनु
आरबीआइ/2009- 10/66 बैपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/2009-1 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्यबैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - अग्रिमों पर ब्याज दरें कृपया आप 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 14 /13.03.00/ 2008-09 देखें जिसमें अग्रिमों पर ब्याज दरों के संबंध में बैंकों को 30 जून 2008 तक जारी किये गये अनुदेश/दिशानिर्देश समेकित किये गये थे। 30 जून 2009 तक जारी किये गये अनु
जुल॰ 01, 2009
’अपने ग्राहक को जानिए’मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2009-10/73 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 2/14.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 ज्येष्ठ 1931 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी वित्तीय संस्थाएं महोदय ’अपने ग्राहक को जानिए’मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र संदर्भ सं. बैंपविवि.एएमएल.बीसी.सं. 12/14
आरबीआइ/2009-10/73 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 2/14.01.001/2009-10 1 जुलाई 2009 ज्येष्ठ 1931 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी वित्तीय संस्थाएं महोदय ’अपने ग्राहक को जानिए’मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध/धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र कृपया 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र संदर्भ सं. बैंपविवि.एएमएल.बीसी.सं. 12/14
जुल॰ 01, 2009
निर्यातकों को रुपए में /विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2009-10/74 बैंपविवि. सं. डीआइआर. (ईएक्सपी). बीसी. 07/04.02.02/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931(शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदय निर्यातकों को रुपए में /विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई 2008 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. (ईएक्सपी) सं. 09/04.02.02/2008-09 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक
आरबीआइ/2009-10/74 बैंपविवि. सं. डीआइआर. (ईएक्सपी). बीसी. 07/04.02.02/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931(शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदय निर्यातकों को रुपए में /विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई 2008 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. (ईएक्सपी) सं. 09/04.02.02/2008-09 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक
जुल॰ 01, 2009
माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार
भारिबैं/2009-10/59 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी.10/06.02.31/2009-2010 01 जुलाई 2009 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) महोदय , मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों के बारे में दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश
भारिबैं/2009-10/59 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी.10/06.02.31/2009-2010 01 जुलाई 2009 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) महोदय , मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों के बारे में दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश
जुल॰ 01, 2009
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2009-10/38 संदर्भ मौनीवि. सं. 4627 /07.01.279/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2009 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.
भारिबैं/2009-10/38 संदर्भ मौनीवि. सं. 4627 /07.01.279/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2009 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.
जुल॰ 01, 2009
मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ
आरबीआइ सं./2009-10/42 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 22/21.04.018/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2008 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकित किय
आरबीआइ सं./2009-10/42 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 22/21.04.018/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 1 जुलाई 2008 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2008 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकित किय
जुल॰ 01, 2009
इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र
आरबीआइ /2009-10/44 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी.16 /20.16.003/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँ महोदय इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित विषयों पर अनुदेश निहित हैं ।बैंकों/वित
आरबीआइ /2009-10/44 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी.16 /20.16.003/2009-10 1 जुलाई 2009 9 आषाढ़ 1931 (शक) i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँ महोदय इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित विषयों पर अनुदेश निहित हैं ।बैंकों/वित
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 14, 2025