प्रेस प्रकाशनियां
ज़र्व बैंक ने वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण निर्यात पर होने वाली व्यापार रुकावटों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं। ए. सामान/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात से प्राप्त होने वाली राशि की वसूली और प्रत्यावर्तन तथा निर्यात के बदले अग्रिम भुगतान संबंधी फेमा विनियम i) भारत से निर्यात किए ग
ज़र्व बैंक ने वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण निर्यात पर होने वाली व्यापार रुकावटों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं। ए. सामान/सॉफ्टवेयर/सेवाओं के निर्यात से प्राप्त होने वाली राशि की वसूली और प्रत्यावर्तन तथा निर्यात के बदले अग्रिम भुगतान संबंधी फेमा विनियम i) भारत से निर्यात किए ग
वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने सार्वजनिक दस्तावेज़ ‘कार्रवाई के लिए आह्वान के अधीन उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार’- 24 अक्तूबर 2025 द्वारा अपने सदस्यों और अन्य क्षेत्राधिकारों से अनुरोध किया है कि फरवरी 2020 में अपनाई गयी डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) और ईरान संबंधी वक्तव्य का संदर्भ लें, जो प्रभावी बना हुआ है। इसके अलावा, म्यांमार को उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों की सूची में शामिल किया गया है, जो अक्तूबर 2022 एफएटीएफ प्लेनरी में कार्रवाई के लिए आह्वान के अधीन है और एफएटीएफ ने अपने सदस्यों और अन्य क्षेत्राधिकारों से म्यांमार से उत्पन्न होने वाले जोखिम के समनुपातन अधिक सावधानी बरतने के उपायों को कार्यान्वित करने का आह्वान किया है। अधिक सावधानी बरतने संबंधी उपायों को कार्यान्वित करते समय, देशों को यह सुनिश्चित करने हेतु सूचित किया गया है कि मानवीय सहायता, वैध एनपीओ गतिविधि और विप्रेषण के लिए धन का प्रवाह बाधित न हो। कार्रवाई के आह्वान वाले देशों की सूची में म्यांमार की स्थिति यथावत् बनी हुई है।
वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने सार्वजनिक दस्तावेज़ ‘कार्रवाई के लिए आह्वान के अधीन उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार’- 24 अक्तूबर 2025 द्वारा अपने सदस्यों और अन्य क्षेत्राधिकारों से अनुरोध किया है कि फरवरी 2020 में अपनाई गयी डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) और ईरान संबंधी वक्तव्य का संदर्भ लें, जो प्रभावी बना हुआ है। इसके अलावा, म्यांमार को उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों की सूची में शामिल किया गया है, जो अक्तूबर 2022 एफएटीएफ प्लेनरी में कार्रवाई के लिए आह्वान के अधीन है और एफएटीएफ ने अपने सदस्यों और अन्य क्षेत्राधिकारों से म्यांमार से उत्पन्न होने वाले जोखिम के समनुपातन अधिक सावधानी बरतने के उपायों को कार्यान्वित करने का आह्वान किया है। अधिक सावधानी बरतने संबंधी उपायों को कार्यान्वित करते समय, देशों को यह सुनिश्चित करने हेतु सूचित किया गया है कि मानवीय सहायता, वैध एनपीओ गतिविधि और विप्रेषण के लिए धन का प्रवाह बाधित न हो। कार्रवाई के आह्वान वाले देशों की सूची में म्यांमार की स्थिति यथावत् बनी हुई है।
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
(Amount in ₹ crore) SCHEDULED COMMERCIAL BANKS (Including RRBs,SFBs and PBs) ALL SCHEDULED BANKS 18-Oct-2024 03-Oct-2025* 17-Oct-2025* 18-Oct-2024 03-Oct-2025* 17-Oct-2025* LIABILITIES TO THE BKG.SYSTEM (A) a) Demand & Time deposits from banks 294002.82 319163.07 317202.13 298612.42 327465.76 324259.03** b) Borrowings from banks 130776.35 83912.67 84168.72 130806.35 83950.17 84176.79
(Amount in ₹ crore) SCHEDULED COMMERCIAL BANKS (Including RRBs,SFBs and PBs) ALL SCHEDULED BANKS 18-Oct-2024 03-Oct-2025* 17-Oct-2025* 18-Oct-2024 03-Oct-2025* 17-Oct-2025* LIABILITIES TO THE BKG.SYSTEM (A) a) Demand & Time deposits from banks 294002.82 319163.07 317202.13 298612.42 327465.76 324259.03** b) Borrowings from banks 130776.35 83912.67 84168.72 130806.35 83950.17 84176.79
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से लघु वित्त बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंसिंग के लिए दिशानिर्देशों के अंतर्गत वीएफएस कैपिटल लिमिटेड से आवेदन प्राप्त होने की घोषणा की थी। अब यह सूचित किया जाता है कि वीएफएस कैपिटल लिमिटेड ने अपना आवेदन वापस ले लिया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से लघु वित्त बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंसिंग के लिए दिशानिर्देशों के अंतर्गत वीएफएस कैपिटल लिमिटेड से आवेदन प्राप्त होने की घोषणा की थी। अब यह सूचित किया जाता है कि वीएफएस कैपिटल लिमिटेड ने अपना आवेदन वापस ले लिया है।
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए निम्नलिखित निदेशों के मसौदे जारी किए हैं: 1. भारतीय रिज़र्व बैंक (पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा i) भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए निम्नलिखित निदेशों के मसौदे जारी किए हैं: 1. भारतीय रिज़र्व बैंक (पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा i) भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 04-अक्तूबर-2024 19-सितंबर-2025* 03-अक्तूबर-2025* 04-अक्तूबर-2024 19-सितंबर-2025* 03-अक्तूबर-2025* बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 287920.78 319607.38 318430.38 292252.74 327583.51 326733.06** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 127899.61 84796.98 84733.28 127950.17 84841.98 84761.78 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 22225.29 27486.35 28435.54 22565.39 27991.42 28945.86 अन्य के प्रति देयताएं (क)
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 04-अक्तूबर-2024 19-सितंबर-2025* 03-अक्तूबर-2025* 04-अक्तूबर-2024 19-सितंबर-2025* 03-अक्तूबर-2025* बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 287920.78 319607.38 318430.38 292252.74 327583.51 326733.06** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 127899.61 84796.98 84733.28 127950.17 84841.98 84761.78 ग) अन्य मांग और मीयादी देयताएं 22225.29 27486.35 28435.54 22565.39 27991.42 28945.86 अन्य के प्रति देयताएं (क)
रिज़र्व बैंक का अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलतम बनाने के लिए निरंतर प्रयास रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विनियामक बोझ और अनुपालन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही मौजूदा अनुदेशों की वैधता का समय पर पुनर्मूल्यांकन भी किया गया है।
रिज़र्व बैंक का अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलतम बनाने के लिए निरंतर प्रयास रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विनियामक बोझ और अनुपालन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही मौजूदा अनुदेशों की वैधता का समय पर पुनर्मूल्यांकन भी किया गया है।
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
दिनांक 8 दिसंबर 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्यमें की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा संबंधित पक्षों को उधार देने संबंधी निम्नलिखित विनियामक ढांचा के मसौदे जारी किए हैं, जिन पर जन सामान्य से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं:
दिनांक 8 दिसंबर 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्यमें की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा संबंधित पक्षों को उधार देने संबंधी निम्नलिखित विनियामक ढांचा के मसौदे जारी किए हैं, जिन पर जन सामान्य से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं:
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 20-सितंबर -2024 05- सितंबर -2025* 19- सितंबर -2025* 20- सितंबर -2024 05- सितंबर -2025* 19- सितंबर -2025* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 305203.01 322323.47 319556.99 309831.75
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 20-सितंबर -2024 05- सितंबर -2025* 19- सितंबर -2025* 20- सितंबर -2024 05- सितंबर -2025* 19- सितंबर -2025* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 305203.01 322323.47 319556.99 309831.75
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
रिज़र्व बैंक अपने जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जन साधारण को अपने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने और बैंकों से अपनी अदावी जमाराशि का दावा करने के लिए प्रोत्साहित करता आ रहा है। इस प्रयास में, बैंकों को निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) को
रिज़र्व बैंक अपने जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जन साधारण को अपने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने और बैंकों से अपनी अदावी जमाराशि का दावा करने के लिए प्रोत्साहित करता आ रहा है। इस प्रयास में, बैंकों को निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) को
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सात निदेश/परिपत्र जारी किए, जिनमें बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं पर लागू मौजूदा निदेश /परिपत्रों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। इनमें से तीन संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएंगे (भाग ए), जबकि शेष चार संशोधनों पर जनता से सुझाव मांगे गए हैं (भाग बी)। इन प्रस्तावों की पूरी जानकारी निम्नानुसार है। क. 1 अक्तूबर 2025 से लागू होने वाले निदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सात निदेश/परिपत्र जारी किए, जिनमें बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं पर लागू मौजूदा निदेश /परिपत्रों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। इनमें से तीन संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएंगे (भाग ए), जबकि शेष चार संशोधनों पर जनता से सुझाव मांगे गए हैं (भाग बी)। इन प्रस्तावों की पूरी जानकारी निम्नानुसार है। क. 1 अक्तूबर 2025 से लागू होने वाले निदेश
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 06-सितंबर -2024 22-अगस्त -2025* 05- सितंबर -2025* 06- सितंबर -2024 22- अगस्त -2025* 05- सितंबर -2025* बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 298116.19 346928.84 322142.98 302401.77 354508.87 329710.26**
(राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 06-सितंबर -2024 22-अगस्त -2025* 05- सितंबर -2025* 06- सितंबर -2024 22- अगस्त -2025* 05- सितंबर -2025* बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 298116.19 346928.84 322142.98 302401.77 354508.87 329710.26**
विनियमों के निर्माण हेतु ढांचा के अनुक्रम में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया है कि विनियमों की समीक्षा के लिए संस्थागत प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए और इसके लिए एक विनियामक समीक्षा कक्ष (आरआरसी) का गठन किया गया है।
विनियमों के निर्माण हेतु ढांचा के अनुक्रम में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया है कि विनियमों की समीक्षा के लिए संस्थागत प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए और इसके लिए एक विनियामक समीक्षा कक्ष (आरआरसी) का गठन किया गया है।
नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण
- 31 अगस्त 2025 की स्थिति
नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और
नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण
- 31 अगस्त 2025 की स्थिति
नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और
दिनांक 8 अगस्त 2025, शुक्रवार तक भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण (राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 09-अगस्त-2024 25-जुलाई-2025* 08-अगस्त-2025* 09-अगस्त-2024 25-जुलाई-2025* 08-अगस्त-2025* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 291422.53 342422.14 341955.78 295618.64 347963.84 349533.04** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 130962.87 105206.09 100840.03 130982.37 105216.43 100849.93
दिनांक 8 अगस्त 2025, शुक्रवार तक भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण (राशि ₹ करोड़ में) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और पेमेंट बैंकों सहित) सभी अनुसूचित बैंक 09-अगस्त-2024 25-जुलाई-2025* 08-अगस्त-2025* 09-अगस्त-2024 25-जुलाई-2025* 08-अगस्त-2025* I बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (क) क) बैंकों से मांग और मीयादी जमाराशियां 291422.53 342422.14 341955.78 295618.64 347963.84 349533.04** ख) बैंकों से लिये गये ऋण 130962.87 105206.09 100840.03 130982.37 105216.43 100849.93
कृपया 'बासेल III पूंजी विनियमन' पर दिनांक 1 अप्रैल 2025 के मास्टर परिपत्र DOR.CAP.REC.2/21.06.201/2025-26 के पैराग्राफ 5.15.3 में निहित प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम (सीसीआर) संबंधी अनुदेश का संदर्भ लें। रिज़र्व बैंक ने आज प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश पर परिपत्र का मसौदा जारी किया है, जो उपरोक्त अनुदेशों को संशोधित करता है।
कृपया 'बासेल III पूंजी विनियमन' पर दिनांक 1 अप्रैल 2025 के मास्टर परिपत्र DOR.CAP.REC.2/21.06.201/2025-26 के पैराग्राफ 5.15.3 में निहित प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम (सीसीआर) संबंधी अनुदेश का संदर्भ लें। रिज़र्व बैंक ने आज प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश पर परिपत्र का मसौदा जारी किया है, जो उपरोक्त अनुदेशों को संशोधित करता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 18, 2025