मास्टर परिपत्र - भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश
आरबीआई/2016-17/16 01 जुलाई 2016 सभी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता, प्रणाली प्रदाता, सिस्टम सहभागी महोदय/महोदया, भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश – मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते हैं कि समय समय पर भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश देने वाले कई परिपत्र जारी किए हैं। इस मास्टर परिपत्र को तैयार करने के पीछे उदेश्य यह है कि प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता, प्रणाली प्रदाता, सिस्टम सहभागी और अन्य सभी भावी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ताओं को इस विषय पर सभी मौजूदा निर्देश एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकें। 2. इस मास्टर परिपत्र में 09 जुलाई 2015 तक भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में जारी किए गए सभी निर्देशों / दिशानिर्देशों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट (http://www.rbi.org.in) पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस मास्टर परिपत्र में जिन परिपत्रों का संदर्भ लिया गया है, उनकी सूची परिशिष्ट के रूप में संलग्न है। भवदीय, (नन्दा दवे) देश में प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) को जारी करने में शामिल भुगतान प्रणाली का परिचालन करने वाले व्यक्तियों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना और विवेकपूर्ण और ग्राहकों के अनुकूल तरीके से भुगतान और निपटान प्रणाली के इस क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करना। इन दिशानिर्देशों के उद्देश्य के लिए, शब्द 'व्यक्तियों' का आशय ऐसी “संस्थाओं” से है जो प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने के लिए अधिकृत है और जिन “संस्थाओं” ने प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने का प्रस्ताव किया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 सहपठित धारा 10 (2) के तहत जारी सांविधिक दिशानिर्देश। ग. पिछले दिशानिर्देश समेकित किए गए हैं इस मास्टर परिपत्र में परिशिष्ट में दी गई सूची के अनुसार भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने और उनका परिचालन करने के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। ये दिशानिर्देश देश में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने में शामिल भुगतान प्रणाली परिचालकों के लिए पात्रता मानदंड और बुनियादी शर्तें निर्धारित करते हैं। भारत में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने में शामिल एवं भुगतान प्रणालियों को परिचालित करने वाले सभी प्राधिकृत व्यक्ति इन दिशानिर्देशों का पालन करें। ऐसे सभी व्यक्ति जो प्रीपेड भुगतान प्रणाली परिचालित करने का प्रस्ताव करते हैं एवं प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने में शामिल हैं वे भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक से प्राधिकार प्राप्त करेंगे। 1. परिचय 1.1. भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के पारित होने के परिणामस्वरूप बैंक और गैर बैंक संस्थाएं भारतीय रिजर्व बैंक से आवश्यक अनुमोदन / प्राधिकरण प्राप्त करने के उपरांत देश में प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करती रही हैं और वे इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अधीन परिचालित हो रही हैं। अप्रैल 2009 में जारी किए गए "प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) जारी करना एवं उनका परिचालन" पर प्रारंभिक दिशा निर्देशों को पीपीआई जारीकर्ताओं द्वारा की गई प्रगति और इस क्षेत्र में हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए समय - समय पर संशोधित जाता रहा है। अतीत में किए गए संशोधनों की संख्या को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि, सभी निर्देश एक ही स्थान पर हों। 1.2 इसके अलावा, पीपीआई के परिचालन से संबंधित कुछ मुद्दों पर पीपीआई जारीकर्ताओं से प्राप्त संदर्भों को ध्यान में रखते हुए, हितधारकों के परामर्श से मौजूदा दिशानिर्देशों और अनुदेशों की व्यापक समीक्षा भी की गई है। बैंक और गैर बैंक दोनों ही व्यक्तियों को शामिल करने वाले ये दिशानिर्देश देश में भुगतान प्रणालियों के परिचालन हेतु बुनियादी पात्रता मानदंड निर्धारित करते हैं। 2.1 जारीकर्ता: व्यक्तियों / संगठनों को प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने वाली भुगतान प्रणालियों को परिचालित करने वाले व्यक्ति। संग्रहीत धन इन व्यक्तियों द्वारा रखा जाता है तथा वे ऐसे व्यापारियों को भुगतान करते हैं जो स्वीकृति की व्यवस्था का सीधे अथवा निपटान व्यवस्था के माध्यम से एक हिस्सा हो। 2.2 धारक: ऐसे व्यक्ति/ संगठन जो वित्तीय सेवाओं सहित माल और सेवाओं की खरीद के लिए प्रीपेड भुगतान लिखत प्राप्त करते हैं। 2.3 प्रीपेड भुगतान लिखत : प्रीपेड भुगतान लिखत ऐसे भुगतान लिखत हैं जो निधि हस्तांतरण सहित ऐसे लिखतों पर जमा मूल्य के बदले माल और सेवाएँ खरीदने की सुविधा देते हैं। ऐसे लिखतों पर जमा मूल्य, धारक द्वारा नकद रूप में बैंक खाते को नामे अथवा क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान किए गए मूल्य को दर्शाता है। प्रीपेड भुगतान लिखत स्मार्ट कार्ड, मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड, इन्टरनेट एकाउंट्स, इन्टरनेट वालेट्स, मोबाइल एकाउंट्स, मोबाइल वालेट्स, पेपर वाउचर और अन्य ऐसे किसी लिखत के रूप में जारी किया जा सकता है जो प्रीपेड राशि (इसके बाद सामूहिक रूप से प्रीपेड भुगतान लिखत के रूप में जाना जाएगा) प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। देश में जारी किए जा सकने वाले प्रीपेड भुगतान लिखतों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: (i) क्लोज्ड सिस्टम भुगतान लिखत (ii) सेमी क्लोज्ड सिस्टम भुगतान लिखत और (iii)ओपेन सिस्टम भुगतान लिखत। 2.4 क्लोज्ड सिस्टम भुगतान लिखत: ऐसे भुगतान लिखत हैं जो किसी व्यक्ति द्वारा द्वारा माल और सेवाओं की खरीद में सुविधा हो इसलिए किसी व्यक्ति द्वारा जारी किए जाते हैं। इन लिखतों में नकदी आहरण अथवा प्रतिदान करने की अनुमति नहीं होती। चूंकि इन लिखतों में तीसरी पार्टी की सेवाओं के लिए भुगतान और निपटान की सुविधा नहीं होती, अत: ऐसे लिखतों को जारी करने तथा उनके परिचालन को भुगतान प्रणालियों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। 2.5 सेमी-क्लोज्ड सिस्टम भुगतान लिखत : ये ऐसे भुगतान लिखत हैं जिनका उपयोग स्पष्ट रूप से पहचान किए गए व्यापार स्स्थानों/प्रतिष्ठानों के समूह जिनका भुगतान लिखतों को स्वीकार करने के संबंध में जारीकर्ता के साथ विशिष्ट करार है, से वित्तीय सेवाओं सहित माल और सेवाएँ खरीदने के लिए किया जा सकता है। इसमें धारक को नकदी आहरण अथवा प्रतिदान की अनुमति नहीं होती है। 2.6 ओपेन सिस्टम भुगतान लिखत: ये ऐसे भुगतान लिखत हैं जिन्हें कार्ड स्वीकारने वाले किसी भी व्यापार स्थान (पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल) पर निधि अंतरण जैसी वित्तीय सेवाओं सहित माल और सेवाओं की खरीद के लिए उपयोग में लाए जा सकते हैं। इसमें एटीएम/बीसी से नकदी आहरण की भी अनुमति है। 2.7 सीमाएं : दिशानिर्देशों में उल्लिखित लिखतों के मूल्य में सभी “सीमाएं” ऐसे लिखतों का अधिकतम मूल्य दर्शाती हैं जिन्हें किसी भी धारक को जारी किया जा सकता है। 2.8 व्यापारी: ऐसे प्रतिष्ठान जो प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ताओं द्वारा जारी किए गए, प्रीपेड भुगतान लिखत, माल और सेवाओं की खरीद के बदले स्वीकार करते हैं। 3. प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की पात्रता 3.1 ऐसे बैंक जो पात्रता मानदंड का अनुपालन करते हैं, उन्हें सभी श्रेणियों के प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। 3.2 तथापि, केवल वे ही बैंक जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मोबाइल बैंकिंग लेनदेनों की सुविधा को प्रदान करने की अनुमति दी गई है, को मोबाइल आधारित प्रीपेड भुगतान लिखत (मोबाइल वालेट और मोबाइल खाते) को प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाएगी। 3.3 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) तथा अन्य व्यक्तियों को मोबाइल फोन आधारित प्रीपेड भुगतान लिखतों सहित केवल सेमी क्लोज्ड सिस्टम भुगतान लिखतों को जारी करने की अनुमति दी जाएगी। 4.1 विदेशी मुद्रा प्रीपेड भुगतान लिखत : विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने के लिए प्राधिकृत व्यक्तियों को और जहां ऐसे व्यक्ति भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों के सहभागियों के रूप में ऐसे लिखतों को जारी करते हैं, उन्हें इन दिशानिर्देशों के संबंध में छूट प्राप्त है। ऐसे भुगतान लिखतों का उपयोग अनुमत चालू खाता लेनदेनों तक ही सीमित रहेगा और समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) नियमावली 2000 के तहत निर्धारित सीमाओं के अधीन रहेगा। 5.1 बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित पूंजी पर्याप्तता आवश्यकताओं का अनुपालन करती हैं, उन्हें प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की अनुमति दी जाएगी। 5.2 इसके पश्चात प्राधिकरण की मांग करने वाले अन्य सभी व्यक्तियों को 500 लाख रुपए की न्यूनतम चुकता पूंजी और 100 लाख रुपये की न्यूनतम सकारात्मक निवल मालियत हमेशा रखनी होगी। बढ़ी हुई पूंजीगत आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए मौजूदा पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए आवश्यक निर्देश, यदि कोई हों, अलग से अधिसूचित किए जाएंगे। 5.3 एफडीआई/एफआईआई वाली आवेदक कंपनियों को भारत सरकार की समेकित एफडीआई नीति के दिशा निर्देशों के तहत लागू न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता को पूरा करना चाहिए। 5.4 केवल भारत में निगमित कंपनियों को प्राधिकार हेतु आवेदन करने की पात्रता होगी। 6. धन शोधन (केवाईसी / एएमएल / सीएफटी) के विरुद्ध रक्षोपाय के प्रावधान 6.1. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के लिए समय-समय पर अपने ग्राहक को जानें/धन शोधन निवारण/ आतंकवाद वित्तपोषण का प्रतिरोध के संबंध में जारी दिशानिर्देश यथोचित परिवर्तनों के साथ उन सभी व्यक्तियों पर लागू होंगे जो प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करते हैं। 6.2 चूंकि प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता भुगतान प्रणाली का परिचालन कर रहे हैं अत: धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधान और उसके अंतर्गत बनाए गए विनियम, समय - समय पर यथासंशोधित, भी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ताओं पर लागू होंगे। इन दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रणाली स्थापित की जाएगी। 6.3 दिशा निर्देशों के पैरा 4.1 में उल्लिखित भुगतान लिखतों को छोड़कर सीमा-पारीय लेनदेन के लिए प्रीपेड भुगतान लिखतों के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। 6.4 प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने वाले व्यक्तियों को इन लिखतों का उपयोग करते हुए किए गए सभी लेनदेनों का हिसाब रखना होगा। यह आंकड़ा रिजर्व बैंक अथवा किसी अन्य एजेंसी / रिजर्व बैंक द्वारा सूचित की गई एजेंसियों द्वारा जांच के लिए उपलब्ध होना चाहिए। इन व्यक्तियों को वित्तीय आसूचना इकाई- भारत (एफआईयू - इंड) के समक्ष संदेहास्पद लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) भी फाइल करना चाहिए। 7. प्रीपेड भुगतान लिखतों की श्रेणियाँ 7.1 किसी भी प्रीपेड भुगतान लिखत का अधिकतम मूल्य रुपये 50,000 / से अधिक नहीं होगा (जहां पैराग्राफ 10.2 के अनुसार हस्तांतरित राशि सहित विशिष्ट सीमा निर्धारित नहीं की गई है)। 7.2 ग्राहक के बारे में समुचित सावधानी बरतने के बाद निम्नलिखित प्रकार के सेमीक्लोज्ड भुगतान लिखत जारी किए जा सकते हैं : -
7.3 उपर्युक्त सूचीबद्ध सेमीक्लोज्ड भुगतान लिखत के अतिरिक्त बैंक पूर्ण केवाईसी के साथ ओपेन प्रीपेड भुगतान लिखत जारी कर सकते हैं। 7.4 को- ब्रांडेड प्रीपेड भुगतान लिखत प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने के लिए अधिकृत /अनुमोदित सभी व्यक्तियों को ऐसे लिखतों को वित्तीय संस्था का नाम / सरकारी संगठन इत्यादि जिनके ग्राहकों / लाभार्थियों के लिए ऐसे को-ब्रांडेड लिखत जारी किए जाते हैं के नाम/लोगो के साथ को-ब्रांड करने की अनुमति दी जाती है। जारीकर्ता का नाम भुगतान लिखत पर प्रमुखता से स्पष्ट होगा। ऐसे को-ब्रांडेड प्रीपेड लिखतों को जारी करने के इच्छुक एनबीएफसी / अन्य व्यक्ति भारतीय रिजर्व बैंक से एक बार प्राप्त किया जाने वाला अनुमोदन प्राप्त कर सकते हैं। तथापि, बैंकों को रुपया मूल्यवर्ग के को–ब्रांडेड प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की साधारण अनुमति दी गई है बशर्ते कि वे दिनांक 12 दिसंबर 2012 के परिपत्र आरबीआई/2012-13/325 डीबीओडी.सं.एफ़एसडी.बीसी.67/24.01.019/2012-13 का अनुपालन करें। 7.5 बैंकों, एनबीएफसी और अन्य व्यक्तियों द्वारा प्रीपेड उपहार लिखत जारी करना बैंकों, एनबीएफसी और अन्य व्यक्तियों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन प्रीपेड उपहार लिखत जारी करने की अनुमति दी जाती है :
7.6 सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को जारी करने के लिए सरकार के संगठनों को बैंकों द्वारा जारी किए गए प्रीपेड लिखत। बैंकों को सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को जारी करने के लिए सरकार के संगठनों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन प्रीपेड लिखत जारी करने की अनुमति दी जाती है: -
7.7 बैंकों द्वारा अन्य वित्तीय संस्थानों को जारी किए गए प्रीपेड भुगतान लिखत जिससे ये संगठन अपने ग्राहकों को एक बार/आवधिक भुगतान का क्रेडिट कर सकें। बैंकों द्वारा अन्य वित्तीय संस्थानों को प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन दी जाती है जिससे ये संगठन अपने ग्राहकों को एक बार/आवधिक भुगतान का क्रेडिट कर सकें :-
7.8 सीमा पारीय आवक धनप्रेषण के क्रेडिट के लिए बैंकों द्वारा जारी किए गए प्रीपेड लिखत। आवक धनप्रेषणों से निधियों की लोडिंग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की मनी ट्रांसफर सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत अनुमोदित प्रमुख एजेंटों अथवा इस योजना के तहत लाभार्थी को सीधेतौर लोडिंग के लिए निम्नलिखित शर्तों के अधीन बैंकों को प्रीपेड लिखत जारी करने की अनुमति दी जाती है : -
7.9 अपने कर्मचारियों को जारी करने के लिए कार्पोरेटों को बैंकों द्वारा जारी किए गए प्रीपेड भुगतान लिखत बैंकों को कार्पोरेटों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी करने के लिए कार्पोरेटों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने की अनुमति दी जाती है : -
7.10 आश्रित / परिवार के सदस्यों के लिए पूर्ण केवाईसी वाले बैंक खातों से कई प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करना निम्नलिखित शर्तों के अधीन ओपेन सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों की नई श्रेणी की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है:
7.11 भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और अनिवासी भारतीयों के लिए बैंकों द्वारा जारी किए गए रुपये मूल्यवर्ग के प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) बैंकों को ओपेन सिस्टम रुपये मूल्य वर्ग के नॉन-रीलोडेबल पीपीआई (क) भारत की यात्रा पर आने वाले अनिवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों को प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) और (ख) भारत की यात्रा पर आने वाले अनिवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों को विनिमय गृहों/ मुद्रा प्रेषकों (मनी ट्रांसमिटर्स) (आरबीआई द्वारा अनुमोदित) के साथ को-ब्रांडेड प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) जारी करने की अनुमति है, जो निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी:
7.12 मास ट्रांजिट सिस्टम (पीपीआई-एमटीएस) के लिए प्रीपेड भुगतान लिखत कम - नकदी वाले समाज के विजन को प्राप्त करने के लिए नकदी आधारित भुगतानों से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की ओर बढ़ने की प्रक्रिया में, सेमी क्लोज्ड प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) की एक नई श्रेणी निम्नलिखित विशेषताओं के साथ लागू की जा रही है: -
8.1 प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करके किसी भी समय जुटाया गया धन ज्यादा भी हो सकता है। इसके अलावा, निधियों का आना –जाना भी काफी तेज हो सकता है। जनता और व्यापारिक प्रतिष्ठान उनपर कितना भरोसा करते हैं, यह बात ऐसे लिखतों के प्रयोग से उत्पन्न होने वाले दावों के समय पर निपटान पर निर्भर करेगी। समय पर निपटान हो, यह देखने के लिए जारीकर्ता जमा किए गए निधि का उसी तरह से निवेश करेंगे जैसाकि, यहाँ बताया गया है। 8.2 बैंकों द्वारा परिचालित योजनाओं के लिए बकाया राशि प्रारक्षित निधि अपेक्षाओं के प्रयोजन के लिए आवश्यक “निवल मांग और मीयादी देयताओं” के अंश के रूप में होंगी। इस स्थिति की गणना रिपोर्टिंग की तारीख के अनुसार बैंक की बहियों में दर्ज शेष राशियों के आधार पर की जाएगी। 8.3 भुगतान लिखत जारी करने वाले अन्य गैर-बैंक व्यक्ति निम्नलिखित शर्तों के अधीन बकाया शेष राशि किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक में निलंब (एस्क्रो) खाते में बनाए रखेंगे :-
क्रेडिट क. पीपीआई की बिक्री / रीलोड करने से प्राप्त भुगतान, जिसमें एजेंट स्थान भी शामिल हैं। ख. विफल / विवादित / लौटाए गए / रद्द किए गए लेनदेनों से प्राप्त प्रतिदान। डेबिट ग. विभिन्न व्यापारियों / सेवा प्रदाताओं को उनसे प्राप्त दावों की प्रतिपूर्ति के मद में किए गए भुगतान घ. पीपीआई धारकों से प्राप्त निधि अंतरण अनुदेशों के प्रसंस्करण के लिए प्रायोजक बैंक को भुगतान जिसे, समय -समय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। ड: लागू सरकारी करों का भुगतान (खरीदारों से पीपीआई बिक्री / रीलोड राशि के साथ प्राप्त) च. पीपीआई को गलती से अथवा धोखाधड़ी साधनों (गलत अंतरण / धोखाधड़ी सिद्ध होने पर) के माध्यम से लोड / रीलोड करने के मामले में लेनदेन को रद्द करने पर धन वापसी। इन निधियों को उसी स्रोत पर क्रेडिट किया जाना चाहिए जहां से ये प्राप्त हुई थीं। ये निधियाँ मामले के निपटने तक जब्त नहीं की जा सकती हैं। छ. पीपीआई व्यापार के सामान्य परिचालन के दौरान पीपीआई जारीकर्ता को देय कोई अन्य भुगतान (उदाहरण के लिए सेवा शुल्क, जब्त राशि, कमीशन) । ज. विनियामक / न्यायालयों / कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा निर्देशित कोई अन्य डेबिट। नोट : (1) सेवा शुल्क, कमीशन और जब्त राशि का भुगतान पूर्व निर्धारित दरों / आवृत्ति पर किया जाएगा। इस प्रकार के अंतरण पीपीआई जारीकर्ता के नामित बैंक खाते में किए जाएंगे जो कि पीपीआई जारीकर्ता के एस्क्रो खाते वाले बैंक के साथ किए गए करार में निर्दिष्ट किया गया है। (2) ये सभी प्रावधान सेवा स्तर करार का हिस्सा होने चाहिए जिनपर पीपीआई जारीकर्ता और एस्क्रो खाते वाले बैंक के बीच हस्ताक्षर किए जाएंगे।
"यह बात स्पष्ट रूप से स्वीकृत एवं पक्की है कि प्रीपेड भुगतान लिखतों अथवा अन्यथा के उपयोग से उत्पन्न होने वाले देय के भुगतान के लिए एस्क्रो खाते में जमा राशि पर प्रभार प्रीपेड भुगतान लिखतों के धारकों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से लिया जाता है। इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि सहभागी व्यापारी प्रतिष्ठानों अथवा जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए प्रीपेड भुगतान लिखतों के धारकों से एस्क्रो खाते में पड़ी हुई राशि पर सेक्योरिटी प्रभार लिया जाएगा जिसका उपयोग प्रथमतया उक्त प्रीपेड भुगतान लिखतों के उपयोग से उत्पन्न होने वाली देय राशियों अथवा अन्यथा लिखतों का समर्पण करने पर इनके धारकों को अदा करने के लिए और स्कीम की समाप्ति पर अथवा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने एवं उनका परिचालन करने के लिए 27 अप्रैल 2009 को जारी किए गए तथा समय - समय पर यथासंशोधित परिचालनात्मक दिशा निर्देशों में विहित किए गए अनुसार रिजर्व बैंक द्वारा समाप्त किए जाने के निर्देश दिये जाने के पश्चात देय राशियों का निपटान किया जाता है।"
8.4 उपर्युक्त (8.3 xii) अपवाद के रूप में संस्था राशि के “मुख्य हिस्से” को हस्तांतरित करने हेतु बैंक, जहां निलंब खाते बनाए रखा गया है, के साथ निम्नलिखित के अधीन एक अलग खाता जिस पर ब्याज देय है, के लिए करार कर सकता है:-
टिप्पणी: इन दिशा निर्देशों के प्रयोजन के लिए “मुख्य हिस्से” की निम्नानुसार गणना के जाएगी – चरण 1: पूर्ववर्ती माह से एक वर्ष (26 पखवाड़े) के लिए एक पखवाड़े (एफ एन) के आधार पर न्यूनतम दैनिक बकाया शेष राशि (एल बी) की गणना की जाए। चरण 2 : न्यूनतम पाक्षिक बकाया शेष राशि के औसत की गणना की जाए [(एफ़एन2 का एलबी1+एफ़एन2 का एलबी2+.........+एफ़एन26 का एलबी 26) 26 द्वारा विभाजित] चरण 3 : इस तरह से गिनी गई औसत शेष राशि ब्याज पाने के लिए पात्र मुख्य हिस्से के रूप में होगी। 9. प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करना और पुन: लोड करना 9.1 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पीपीआई की अनुमति प्राप्त श्रेणी के अनुसार प्रीपेड भुगतान संबंधी लिखत जारी करने वाले सभी व्यक्तियों को पुन: लोड किए जा सकने वाले और पुन: लोड न किए जा सकने वाले प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने की अनुमति है। 9.2 बैंकों को अपनी शाखाओं और एटीएम में बैंक खाते/क्रेडिट कार्ड में नकदी /नामे और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार नियुक्त बिजनेस करेस्पोंडेंट द्वारा भुगतान पर ऐसे भुगतान लिखतों को जारी करने और उन्हें पुन: लोड करने की अनुमति दी जाती है। बैंकों को एजेन्टों के माध्यम से (बिजनेस करेस्पोंडेंट से इतर) निम्नलिखित शर्तों के अधीन बैंक खाते/क्रेडिट कार्ड में नकदी /नामे में भुगतान करने के माध्यम से सेमी क्लोज्ड प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने एवं रीलोड करने की अनुमति है:-
9.3 अन्य व्यक्तियों को अपने प्राधिकृत निर्गमों अथवा एजेन्टों के माध्यम से बैंक खाते/क्रेडिट कार्ड में नकदी /नामे द्वारा भुगतान पर ऐसे भुगतान लिखतों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन जारी करने एवं रीलोड करने की अनुमति दी जाएगी:-
10.1 देश में जारी सभी प्रीपेड भुगतान लिखत एक्टीवेशन/धारक को जारी करने की तारीख से छह माह की न्यूनतम अवधि के लिए वैध होंगे। 10.2 नॉन रीलोडेबल प्रीपेड भुगतान लिखतों के मामले में धारक द्वारा खरीदे गए भुगतान लिखत की समाप्ति पर बकाया राशि के उसी जारीकर्ता के नए एवं उसी प्रकार के भुगतान लिखत में अंतरण को अनुमति दी जा सकती है। 10.3 पीपीआई जारीकर्ता, यदि पीपीआई में कोई बकाया शेष हैं तो उन्हें जब्त करने से पहले के पीपीआई की वैधता अवधि की समाप्ति के 30 दिन पहले की अवधि के दौरान उचित अंतराल पर पीपीआई धारक को सावधान करेंगे। चेतावनी की यह सूचना धारक की पसंद की भाषा में जो कि उसने ऑन –बोर्डिंग दि कस्टमर (पीपीआई की बिक्री) के समय बताई थी, एसएमएस / ई - मेल / डाक अथवा किसी अन्य माध्यम से भेजी जाएगी। इसके अलावा, समाप्ति की अवधि के बारे में जानकारी के साथ ही जब्त करने संबंधी नीति के बारे में जानकारी ग्राहक को पीपीआई की बिक्री / पुनः लोड करते समय दे दी जानी चाहिए और इसे स्पष्ट रूप से पीपीआई की बिक्री की सेवा शर्तों में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जहाँ लागू हो, इसे स्पष्ट रूप से जारीकर्ता की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 11.1 पीपीआई का उपयोग कर माल और सेवाओं की खरीद पर अलग से कोई सीमा नहीं है और धारक को यह अनुमति है कि वह लागू समग्र पीपीआई सीमा के भीतर इन उद्देश्यों के लिए पीपीआई का उपयोग करे। 11.2 तथापि, लेनदेन सीमा और मासिक कैप्स घरेलू धन अंतरण (डीएमटी) दिशानिर्देशों के अंतर्गत अनुमति प्राप्त धन अंतरण के संबंध में लागू हैं। पीपीआई जारीकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएमटी के तहत पीपीआई में आने वाली सभी निधियाँ पीपीआई श्रेणी की समग्र अनुमति प्राप्त सीमा के अंदर हैं। 11.3 विफल / लौटे / अस्वीकृत / रद्द लेनदेन के मामले में रीफंड के लिए संबन्धित पीपीआई खाते में तुरंत आवेदन किया जा सकता है चाहे यह निधियों के संबंध में इस प्रकार का आवेदन करने के कारण पीपीआई की उस श्रेणी के लिए विहित सीमा से अधिक ही क्यों न हो। तथापि, पीपीआई जारीकर्ताओं से यह अपेक्षित होगा कि वे इस प्रकार की वापसियों/ रीफंड्स इत्यादि का पूरा विवरण तैयार रखें और जब कभी भी आवश्यक हो, उसे उपलब्ध कराने के लिए तैयार रहें। इसके अलावा, पीपीआई जारीकर्ताओं से यह अपेक्षित होगा कि वे ऐसी आवश्यक प्रणाली की स्थापना करें जो उन्हें विशिष्ट खातों में जल्दी-जल्दी होने वाले रीफंड्स के मामलों की निगरानी रखने में सहायता करे और यदि आवश्यक हो/मांगा जाए तो वे उन्हें लेखापरीक्षा के प्रयोजनार्थ, विनियामक को सबूतों सहित प्रस्तुत करने में सक्षम हों। 11.4 भारत में बैंकों द्वारा जारी किए गए ओपेन सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों के मामले में पीओएस से प्रतिदिन के हिसाब से 1000/- रुपये की सीमा तक की नकदी का आहरण करने की अनुमति है और इस संबंध में अभी तक डेबिट कार्डों पर लागू शर्तें ही लागू होंगी (पीओएस पर नकदी आहरण हेतु)। 12.1 यदि लिखत पर पर्याप्त बकाया शेष राशि हो तो ऐसे लिखतों के जारीकर्ता अनुमोदित स्थानों पर भुगतानों/धन अंतरण के लिए ग्राहक के अनुदेशों को अस्वीकृत नहीं करेंगे। 12.2 यदि किसी भी कारणवश योजना समाप्त की जा रही हो या उसे बंद किए जाने हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा निर्देश दिये गए हों तो प्रीपेड भुगतान लिखतों के धारकों को समाप्ति की तारीख के भीतर बकाया शेष राशि के मोचन की अनुमति दी जाएगी। 12.3 जहां उपर्युक्त 10.2 के अनुसार मोचन की अनुमति हो, वहाँ मोचन मूल्य लिखत की बकाया राशि या अंकित मूल्य (लोडिंग सीमा) से अधिक नहीं होगा। 13. धोखाधड़ी रोकना और सुरक्षा मानक 13.1 धोखाधड़ी रोकने और उसका पता लगाने के लिए प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता समुचित सूचना और डाटा सुरक्षा संबंधी मूलभूत ढांचे का प्रबंध करेंगे। यह आवश्यक है कि जारीकर्ता द्वारा केंद्रीकृत डाटाबेस/एमआईएस बनाया जाए ताकि भुगतान लिखतों की विभिन्न स्थानो पर की जाने वाली भिन्न-भिन्न ख़रीदों को रोका जा सके जिससे इस प्रकार के भुगतान लिखतों के लिए निर्धारित सीमाओं, यदि कोई हो, के उल्लंघन से बचा जा सके। 14. ग्राहक सुरक्षा संबंधी मामला 14.1 सभी प्रीपेड भुगतान लिखतों के जारीकर्ता, लिखतों को जारी करते समय सभी महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों को स्पष्ट एवं सरल भाषा में बताएँगे (हो सके तो अँग्रेजी, हिन्दी या अन्य स्थानीय भाषा में) जो धारकों की समझ में आए। ऐसे प्रकटन में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए :-
14.2 गैर बैंक पीपीआई जारीकर्ता एस्कलेशन मैट्रिक्स (संस्था के शीर्ष स्तर तक अपनी शिकायत ले जाने की व्यवस्था) के साथ ग्राहकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक प्रभावी तंत्र की स्थापना करेंगे और ग्राहकों के लाभ के लिए इसका प्रचार करेंगे। प्रारूप में ग्राहकों की शिकायतों की रिपोर्टिंग और आवृत्ति जो पहले से ही अनिवार्य है, के अलावा पीपीआई जारीकर्ताओं से यह भी अपेक्षित है कि वे उनके द्वारा जारी पीपीआई से संबन्धित धोखाधड़ी, यदि कोई हो को तिमाही आधार पर (या उससे पहले) रिपोर्ट करें। धोखाधड़ी के मामलों के साथ अपराधियों द्वारा अपनाए गए तरीकों की यदि जानकारी हो और उनका विश्लेषण किया गया हो तो उसकी भी अलग से रिपोर्टिंग की जाए। 14.3 बैंकों द्वारा जारी प्रीपेड भुगतान लिखतों के मामले में ग्राहकों को शिकायत निवारण के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना तक पहुँच की सुविधा होगी। एस्क्रो खाते में बकाए के संबंध में लेखापरीक्षक द्वारा दिया जाने वाला तिमाही प्रमाणपत्र
मास्टर परिपत्र के लिए समेकित परिपत्रों की सूची
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