अधिसूचनाएं - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अप्रैल 15, 2008
मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस)
आरबीआइ /2007-08/283 आरपीसीडी.एसपी.सं. 57/09.03.01/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर ) महोदय, मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) जैसा कि आपको ज्ञात है, स्वच्छकारों की मुक्ति और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय योजना (एनएसएलआरएस) वर्ष 1993 से सभी
आरबीआइ /2007-08/283 आरपीसीडी.एसपी.सं. 57/09.03.01/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर ) महोदय, मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) जैसा कि आपको ज्ञात है, स्वच्छकारों की मुक्ति और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय योजना (एनएसएलआरएस) वर्ष 1993 से सभी
अप्रैल 15, 2008
स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता
आरबीआइ / 2007-08 / 282 आरपीसीडी.एमएफएफआइ.बीसी.सं. 56 / 12.01.001/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता कृपया माइक्रो ऋण पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र आरपीसीडी.एमएफएफआइ. बीसी.सं. 08 / 12.01.001/2007-08 देखें जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि अन्य बातों के साथ-साथ ऐसे ऋण में न केवल गरीबों के विभिन्न कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए
आरबीआइ / 2007-08 / 282 आरपीसीडी.एमएफएफआइ.बीसी.सं. 56 / 12.01.001/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता कृपया माइक्रो ऋण पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र आरपीसीडी.एमएफएफआइ. बीसी.सं. 08 / 12.01.001/2007-08 देखें जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि अन्य बातों के साथ-साथ ऐसे ऋण में न केवल गरीबों के विभिन्न कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए
अप्रैल 10, 2008
विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधन
आरबीआइ / 2007 - 08 / 279 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 55 / 09.07.01/2007-08 10 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकभारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक ( क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )महोदय, विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधनकृपया दिनांक 13 जून 2007 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 101 / 09.07.01 /2006-07 देखें जिसमें उपर्युक्त योजना की संशोधित ऋण सीमाओं के बारे में सूचित किया गया है जिसे वर्तमान में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा कार्यान्वित किया ज
आरबीआइ / 2007 - 08 / 279 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 55 / 09.07.01/2007-08 10 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकभारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक ( क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )महोदय, विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधनकृपया दिनांक 13 जून 2007 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 101 / 09.07.01 /2006-07 देखें जिसमें उपर्युक्त योजना की संशोधित ऋण सीमाओं के बारे में सूचित किया गया है जिसे वर्तमान में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा कार्यान्वित किया ज
अप्रैल 01, 2008
राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
अप्रैल 01, 2008
पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
मार्च 27, 2008
गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
फ़र॰ 28, 2008
"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
फ़र॰ 27, 2008
‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
फ़र॰ 19, 2008
बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश
आरबीआइ/2007-08/240 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं.48/05.04.02/2007-08 19 फरवरी 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक,महोदय,बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश जैसा कि आप को ज्ञात है कि देश के कुछ भागों में एवियन इन्फलूंजा (बर्ड फलू) फैलने के मामले सामने आए हैं। मुर्गियों की छँटाई के साथ-साथ पोल्ट्री उत्पाद की मांग और उनके मूल्य में भारी गिरावट के कारण होने वाली आय में हुई क्षति के मद्देनजर बैंक उनके द्वारा वित
आरबीआइ/2007-08/240 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं.48/05.04.02/2007-08 19 फरवरी 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक,महोदय,बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश जैसा कि आप को ज्ञात है कि देश के कुछ भागों में एवियन इन्फलूंजा (बर्ड फलू) फैलने के मामले सामने आए हैं। मुर्गियों की छँटाई के साथ-साथ पोल्ट्री उत्पाद की मांग और उनके मूल्य में भारी गिरावट के कारण होने वाली आय में हुई क्षति के मद्देनजर बैंक उनके द्वारा वित
फ़र॰ 19, 2008
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध
भारिबैं/2007-08/24 ग्राआऋवि.एसपी. बीसी.सं. 49/09.09.01/2007-08 फरवरी 19, 2008 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 2/09.09.01/07-08 देखें । इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि दिनांक 30 अप्रैल 2007 के ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी.84/04.09.01/06-07 द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने संबंधी दिशा-निर्देश संशोधित किए
भारिबैं/2007-08/24 ग्राआऋवि.एसपी. बीसी.सं. 49/09.09.01/2007-08 फरवरी 19, 2008 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 2/09.09.01/07-08 देखें । इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि दिनांक 30 अप्रैल 2007 के ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी.84/04.09.01/06-07 द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने संबंधी दिशा-निर्देश संशोधित किए
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