अधिसूचनाएं - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
आरबीआई/2004/103 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.71/09.04.01/2003-04 18 मार्च 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, प्रधानमंत्री रोजगार योजना - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण पूरा करने की अंतिम तिथि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण को पूरा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30.09.2004 करने का निर्णय लिया गया है। 2. कृपया इस संबंध में अपनी सभी शाखाओं/ नियंत्रण कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी करें तथा प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। 3. कृपया इसकी प्राप्ति सूचना अवश्य भेजें।
आरबीआई/2004/103 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.71/09.04.01/2003-04 18 मार्च 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, प्रधानमंत्री रोजगार योजना - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण पूरा करने की अंतिम तिथि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण को पूरा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30.09.2004 करने का निर्णय लिया गया है। 2. कृपया इस संबंध में अपनी सभी शाखाओं/ नियंत्रण कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी करें तथा प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। 3. कृपया इसकी प्राप्ति सूचना अवश्य भेजें।
आरबीआई/2004/109 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.सं.1568/09.04.01/2003-04 11 मार्च 2004 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार-प्रधानमंत्री रोजगार योजना – मास्टर परिपत्र कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे परिपत्र RPCD.PLNFS.BC.No.25/09.04.01/2002-03 दिनांक 14 अक्टूबर 2002 का संदर्भ ग्रहण करें। हम सूचित करते हैं कि उपरोक्त मास्टर परिपत्र अब RBI द्वारा 29 फरवरी 2004 तक जारी सभी पिछले निर्देशों को समेकित करके हमारे परिपत्र RPCD.No.PLNFS.BC.69/09.04.01/2003-04 दिनांक 5 मार्च 2004 के अनुसार अद्यतन किया गया है, जिसकी सॉफ्ट कॉपी RBI की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
आरबीआई/2004/109 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.सं.1568/09.04.01/2003-04 11 मार्च 2004 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार-प्रधानमंत्री रोजगार योजना – मास्टर परिपत्र कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे परिपत्र RPCD.PLNFS.BC.No.25/09.04.01/2002-03 दिनांक 14 अक्टूबर 2002 का संदर्भ ग्रहण करें। हम सूचित करते हैं कि उपरोक्त मास्टर परिपत्र अब RBI द्वारा 29 फरवरी 2004 तक जारी सभी पिछले निर्देशों को समेकित करके हमारे परिपत्र RPCD.No.PLNFS.BC.69/09.04.01/2003-04 दिनांक 5 मार्च 2004 के अनुसार अद्यतन किया गया है, जिसकी सॉफ्ट कॉपी RBI की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
आरबीआई/2004/75 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.67/09.04.01/2003-04 25 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, आवंटित लक्ष्य की प्राप्ति पीएमआरवाई योजना के अंतर्गत - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 कृपया हमारे परिपत्र आरपीसीडी.बीसी.82/09.04.01/2002-03 दिनांक 31 मार्च 2003 के अनुबंध 'बी' का संदर्भ लें। निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, संबंधित वर्ष के लक्ष्य के 50% आवेदन स्वीकृत किए जाने चाहिए थे और बैंकों द्वारा दूसरी तिमाही के अंत तक यानी 30 सितंबर 2003 तक लक्ष्य का 15% ही ऋण वितरित किया जाना चाहिए था। उपलब्ध नवीनतम डेटा से संकेत मिल रहा है कि वास्तविक प्रदर्शन के मामले में अंतर के कारण बैंकों को निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। वर्ष के अंत में आवेदनों की भारी संख्या को टालने के लिए भी यह आवश्यक है।
आरबीआई/2004/75 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.67/09.04.01/2003-04 25 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, आवंटित लक्ष्य की प्राप्ति पीएमआरवाई योजना के अंतर्गत - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 कृपया हमारे परिपत्र आरपीसीडी.बीसी.82/09.04.01/2002-03 दिनांक 31 मार्च 2003 के अनुबंध 'बी' का संदर्भ लें। निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, संबंधित वर्ष के लक्ष्य के 50% आवेदन स्वीकृत किए जाने चाहिए थे और बैंकों द्वारा दूसरी तिमाही के अंत तक यानी 30 सितंबर 2003 तक लक्ष्य का 15% ही ऋण वितरित किया जाना चाहिए था। उपलब्ध नवीनतम डेटा से संकेत मिल रहा है कि वास्तविक प्रदर्शन के मामले में अंतर के कारण बैंकों को निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। वर्ष के अंत में आवेदनों की भारी संख्या को टालने के लिए भी यह आवश्यक है।
आरबीआई/2004/69 आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी.सं.65/07.02.03/2003-04 23 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी राज्य एवं केंद्रीय सहकारी बैंक प्रिय महोदय, गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिशेष गैर-एसएलआर निधियों के निवेश के तरीकों के बारे में 13 दिसंबर 1996 को जारी हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरआरबी.बीसी.76/03.05.34/1996-97 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार आरआरबी को समय-समय पर निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपनी गैर-एसएलआर अधिशेष निधियों को कुछ निश्चित तरीकों से निवेश करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 133 के अनुसार, बैंकों को अपने गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होने वाले जोखिम को नियंत्रित करने के लिए और अधिक विवेक का अनुपालन करने की सलाह दी गई थी।
आरबीआई/2004/69 आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी.सं.65/07.02.03/2003-04 23 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी राज्य एवं केंद्रीय सहकारी बैंक प्रिय महोदय, गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिशेष गैर-एसएलआर निधियों के निवेश के तरीकों के बारे में 13 दिसंबर 1996 को जारी हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरआरबी.बीसी.76/03.05.34/1996-97 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार आरआरबी को समय-समय पर निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपनी गैर-एसएलआर अधिशेष निधियों को कुछ निश्चित तरीकों से निवेश करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 133 के अनुसार, बैंकों को अपने गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होने वाले जोखिम को नियंत्रित करने के लिए और अधिक विवेक का अनुपालन करने की सलाह दी गई थी।
आरबीआई/2004/60 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 64/09.04.01/2003-2004 16 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, वर्ष 2003-2004 के लिए पीएमआरवाई के अंतर्गत उपलब्धि के लक्ष्य - लक्ष्य में कमी - हिमाचल प्रदेश कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.बीसी.3/09.04.01/2003-2004 दिनांक 7 जुलाई 2003 का संदर्भ लें। 2. हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए लक्ष्यों को 4000 से घटाकर 3200 के मूल लक्ष्य तक कम करने का निर्णय लिया है।
आरबीआई/2004/60 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 64/09.04.01/2003-2004 16 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, वर्ष 2003-2004 के लिए पीएमआरवाई के अंतर्गत उपलब्धि के लक्ष्य - लक्ष्य में कमी - हिमाचल प्रदेश कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.बीसी.3/09.04.01/2003-2004 दिनांक 7 जुलाई 2003 का संदर्भ लें। 2. हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए लक्ष्यों को 4000 से घटाकर 3200 के मूल लक्ष्य तक कम करने का निर्णय लिया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 14, 2025