अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
जुलाई 04, 2013
जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन - भारतीय विदेशी मुद्रा बाज़ार में निवासी संस्थाओं (एंटिटीज़) के लिए प्रलेखीकरण/दस्तावेजी अपेक्षाओं के संबंध में उदारीकरण
भारिबैंक/2013-14/118ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 02 4 जुलाई 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन - भारतीय विदेशी मुद्रा बाज़ार में निवासीसंस्थाओं (एंटिटीज़) के लिए प्रलेखीकरण/दस्तावेजी अपेक्षाओं के संबंध में उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 'ओवर दि काउंटर (OTC) विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश' के बारे म
भारिबैंक/2013-14/118ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 02 4 जुलाई 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन - भारतीय विदेशी मुद्रा बाज़ार में निवासीसंस्थाओं (एंटिटीज़) के लिए प्रलेखीकरण/दस्तावेजी अपेक्षाओं के संबंध में उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 'ओवर दि काउंटर (OTC) विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश' के बारे म
जुलाई 04, 2013
भारत में विदेशी निवेश-भारतीय कंपनियों में कुल विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व के अंतरण और नियंत्रण एवं भारतीय कंपनियों द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश की गणना के लिए दिशानिर्देश
भारिबैंक/2013-14/117 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 1 4 जुलाई 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश-भारतीय कंपनियों में कुल विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व के अंतरण और नियंत्रण एवं भारतीय कंपनियों द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश की गणना के लिए दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के जरिये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्र
भारिबैंक/2013-14/117 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 1 4 जुलाई 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश-भारतीय कंपनियों में कुल विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों के स्वामित्व के अंतरण और नियंत्रण एवं भारतीय कंपनियों द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश की गणना के लिए दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी के जरिये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्र
जून 27, 2013
नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात
भारिबैंक/2012-13/557ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.122 27 जून 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी हैं/ स्वर्ण के आयात के लिए नामित सभी एजेंसियाँ महोदया/महोदय, नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर हमारे 13 मई 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 103 और 4 जून 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 107 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिनके अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि बैंकों
भारिबैंक/2012-13/557ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.122 27 जून 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी हैं/ स्वर्ण के आयात के लिए नामित सभी एजेंसियाँ महोदया/महोदय, नामित बैंकों/एजेंसियों द्वारा स्वर्ण का आयात प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान, उल्लिखित विषय पर हमारे 13 मई 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 103 और 4 जून 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 107 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिनके अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि बैंकों
जून 26, 2013
जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन
भारिबैंक/2012-13/554ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 121 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.32 के संलग्नक के खंड 'सी' की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो "ओवर दि काउंटर (OTC) विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग" के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश से सबंधित है तथा जिसके अ
भारिबैंक/2012-13/554ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 121 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/ महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.32 के संलग्नक के खंड 'सी' की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो "ओवर दि काउंटर (OTC) विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव तथा पण्यों की कीमतों और भाड़े संबंधी जोखिमों के बाबत ओवरसीज़ हेजिंग" के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश से सबंधित है तथा जिसके अ
जून 26, 2013
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – सेवाओं, तकनीकी जानकारी का आयात तथा लाइसेंस फीस
भारिबैंक/2012-13/552ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 119 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महेदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – सेवाओं, तकनीकी जानकारी का आयात तथा लाइसेंस फीस प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 और 1 अगस्त 2005 के ए.पी. (डीआईआर
भारिबैंक/2012-13/552ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 119 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महेदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति – सेवाओं, तकनीकी जानकारी का आयात तथा लाइसेंस फीस प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 और 1 अगस्त 2005 के ए.पी. (डीआईआर
जून 26, 2013
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- सुनियोजित दायित्व (Structured Obligation)
भारिबैंक/2012-13/553ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.120 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- सुनियोजित दायित्व (Structured Obligation) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति (सुनियोजित दायित्व) से संबंधित 2 मार्च 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.40 और 26 सितंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.28 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, के
भारिबैंक/2012-13/553ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.120 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- सुनियोजित दायित्व (Structured Obligation) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति (सुनियोजित दायित्व) से संबंधित 2 मार्च 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.40 और 26 सितंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.28 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, के
जून 26, 2013
माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात
भारिबैंक/2012-13/548ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.118 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 28 अक्तूबर 2003 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32 के अनुलग्नक परियोजना और सेवाओं के निर्यात संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन (PEM) के पैरा बी.7 (i) और सी.5 (i) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार विदेश में परियोजना निर्यात और सेवा संबंधी संविदाएं करने वाले निर्यातक को संविदा
भारिबैंक/2012-13/548ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.118 26 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 28 अक्तूबर 2003 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32 के अनुलग्नक परियोजना और सेवाओं के निर्यात संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन (PEM) के पैरा बी.7 (i) और सी.5 (i) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार विदेश में परियोजना निर्यात और सेवा संबंधी संविदाएं करने वाले निर्यातक को संविदा
जून 25, 2013
रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2012-13/546ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.117 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उपरोक्त विषय पर 27 सितंबर 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को अनुमोदन मार्ग के तहत एक बिलियन अमरीकी डालर की वार्षिक सीमा के तहत रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधा
भारिबैंक/2012-13/546ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.117 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उपरोक्त विषय पर 27 सितंबर 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को अनुमोदन मार्ग के तहत एक बिलियन अमरीकी डालर की वार्षिक सीमा के तहत रेन्मिन्बी (आरएमबी) में बाह्य वाणिज्यिक उधा
जून 25, 2013
नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
भारिबैंक/2012-13/545ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 116 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महेदया/महोदय, नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 24 अप्रैल 2012 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.113 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. उल्लिखित परिपत्र के पैराग्राफ 2 (iii) के अनुसार, नागरिक विमानन क्षेत्र हेतु कार्यशील पूंजी के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार उक्त परिपत्र के जारी होने की तारीख स
भारिबैंक/2012-13/545ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 116 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महेदया/महोदय, नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 24 अप्रैल 2012 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.113 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. उल्लिखित परिपत्र के पैराग्राफ 2 (iii) के अनुसार, नागरिक विमानन क्षेत्र हेतु कार्यशील पूंजी के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार उक्त परिपत्र के जारी होने की तारीख स
जून 25, 2013
विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान
भारिबैंक/2012-13/544ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.115 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 8 दिसंबर 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.39, 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.75 और 05 जुलाई 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.1 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. वैश्विक वित्तीय बाजारों क
भारिबैंक/2012-13/544ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.115 25 जून 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों (FCCBs) की पुनर्खरीद (Buyback)/अवधिपूर्व भुगतान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 8 दिसंबर 2008 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.39, 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.75 और 05 जुलाई 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.1 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. वैश्विक वित्तीय बाजारों क
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