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सितंबर 21, 2011
बैंक खाते में अपर्याप्‍त राशि के कारण इलेक्ट्रॉनिक धन अंतरण का अस्‍वीकरण - स्पष्टीकरण
आरबीआई/2011-12/191भुनिप्रवि.केंका.पीडी.सं. 497/02.12.004/2011-12 21 सितंबर 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारीक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/ जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों/अधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्कों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय बैंक खाते में अपर्याप्‍त राशि के कारण इलेक्ट्रॉनिक धन अंतरण का अस्‍वीकरण - स्पष्टीकरण जैसा कि आप अवश्‍य जानते होंगे कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 25 भुगतान
आरबीआई/2011-12/191भुनिप्रवि.केंका.पीडी.सं. 497/02.12.004/2011-12 21 सितंबर 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारीक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/ जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों/अधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्कों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय बैंक खाते में अपर्याप्‍त राशि के कारण इलेक्ट्रॉनिक धन अंतरण का अस्‍वीकरण - स्पष्टीकरण जैसा कि आप अवश्‍य जानते होंगे कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 25 भुगतान
सितंबर 19, 2011
तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची
भारिबैं/2011-12/190 बैंपविवि. एएमएल सं.4329/14.06.001/2011-12 19 सितंबर 2011 अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/ स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची कृपया दिनांक 24 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र पत्र बैंपविवि.एएमएल. सं.3130/14.06.001/2011-12 देखें । हमें उसके बाद भारत सर
भारिबैं/2011-12/190 बैंपविवि. एएमएल सं.4329/14.06.001/2011-12 19 सितंबर 2011 अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/ स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची कृपया दिनांक 24 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र पत्र बैंपविवि.एएमएल. सं.3130/14.06.001/2011-12 देखें । हमें उसके बाद भारत सर
सितंबर 16, 2011
चलनिधि समायोजन सुविधा – रेपो तथा रिवर्स  रेपो और सीमांत स्‍थायी सुविधा दरें
आरबीआई/2011-2012/182एफएमडी.एमओएजी. सं 63/01.01.01/2011-12 16 सितंबर 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) तथा प्राथमिक व्‍यापारी महोदय चलनिधि समायोजन सुविधा – रेपो तथा रिवर्स  रेपो और सीमांत स्‍थायी सुविधा दरें आज घोषित की गई मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा सितंबर 2011 के अनुसरण  में यह निर्णय लिया गया है कि तत्‍काल प्रभाव से चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के अंतर्गत रेपो दर  में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर उसे 8.00 प्रत
आरबीआई/2011-2012/182एफएमडी.एमओएजी. सं 63/01.01.01/2011-12 16 सितंबर 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) तथा प्राथमिक व्‍यापारी महोदय चलनिधि समायोजन सुविधा – रेपो तथा रिवर्स  रेपो और सीमांत स्‍थायी सुविधा दरें आज घोषित की गई मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा सितंबर 2011 के अनुसरण  में यह निर्णय लिया गया है कि तत्‍काल प्रभाव से चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के अंतर्गत रेपो दर  में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर उसे 8.00 प्रत
सितंबर 16, 2011
बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़)
आरबीआइ/2011-12/181संदर्भ सं. मौनीवि.बीसी. 348/07.01.279/2011-12 16 सितंबर, 2011 सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] और प्राथमिक व्यापारी महोदया/महोदय, बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़) कृपया 16 सितंबर, 2011 को जारी रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति  की मध्य तिमाही समीक्षा देखें, जिसके अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो दर को तत्काल प्र
आरबीआइ/2011-12/181संदर्भ सं. मौनीवि.बीसी. 348/07.01.279/2011-12 16 सितंबर, 2011 सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] और प्राथमिक व्यापारी महोदया/महोदय, बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़) कृपया 16 सितंबर, 2011 को जारी रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति  की मध्य तिमाही समीक्षा देखें, जिसके अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो दर को तत्काल प्र
सितंबर 15, 2011
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
सितंबर 15, 2011
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC) - संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
सितंबर 15, 2011
भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
सितंबर 15, 2011
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
सितंबर 15, 2011
भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
सितंबर 12, 2011
रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश
आरबीआइ/2011-2012/171 ग्राआऋवि.एस एम ई एण्ड एन एफ एस. बीसी. 19/06.02.31/2011-12 12  सितंबर  2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकमुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय, रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 16 जनवरी 2002 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी. 57/  06.04.01/ 2001-02 के अनुबंध I का पैराग्राफ 5 देखें। उक्त परिपत्र के परिशिष्ट – II 
आरबीआइ/2011-2012/171 ग्राआऋवि.एस एम ई एण्ड एन एफ एस. बीसी. 19/06.02.31/2011-12 12  सितंबर  2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकमुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय, रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 16 जनवरी 2002 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी. 57/  06.04.01/ 2001-02 के अनुबंध I का पैराग्राफ 5 देखें। उक्त परिपत्र के परिशिष्ट – II 

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 06, 2024

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