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नवंबर 16, 2023
उपभोक्ता ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण से संबंधित विनियामक दिशा निर्देश

आरबीआई/2023-24/85 विवि.एसटीआर.आरईसी.57/21.06.001/2023-24 16 नवंबर 2023 वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एचएफसी सहित) महोदया/महोदय उपभोक्ता ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण से संबंधित विनियामक दिशा निर्देश

 

आरबीआई/2023-24/85 विवि.एसटीआर.आरईसी.57/21.06.001/2023-24 16 नवंबर 2023 वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एचएफसी सहित) महोदया/महोदय उपभोक्ता ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण से संबंधित विनियामक दिशा निर्देश

 

नवंबर 15, 2023
यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन : यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 05 प्रविष्टियों में संशोधन

आरबीआई/2023-2024/84 विवि.एएमएल.आरईसी. 56 /14.06.001/2023-24 15 नवंबर 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/ प्रिय महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन : यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 05 प्रविष्टियों में संशोधन

 

आरबीआई/2023-2024/84 विवि.एएमएल.आरईसी. 56 /14.06.001/2023-24 15 नवंबर 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/ प्रिय महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन : यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 05 प्रविष्टियों में संशोधन

 

अक्‍तूबर 26, 2023
अप्रतिदेय जमाराशि – जमाराशियों पर ब्याज दर संबंधी मास्टर निदेश

भारिबैं/2023-24/74 डीओआर.एसपीई.आरईसी.सं. 51/13.03.000/2023-24 26 अक्तूबर 2023 अप्रतिदेय जमाराशि – जमाराशियों पर ब्याज दर संबंधी मास्टर निदेश कृपया जमाराशियों पर ब्याज दर से संबन्धित दिनांक 03 मार्च 2016 और दिनांक 12 मई 2016 के मास्टर निदेश (एमडी) - भारतीय रिजर्व बैंक (जमाओं पर ब्याज दर), 2016 की धारा 7 में समाविष्ट अनुदेश देखें। इन निदेशों के संदर्भ में, बैंकों को समय से पहले निकासी के विकल्प के बिना घरेलू मियादी जमा (टीडी) की पेशकश करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि व्यक्तियों से पंद्रह लाख रुपये और उससे कम राशि के लिए स्वीकार किए गए सभी टीडी में समय से पहले निकासी की सुविधा हो। इसके अलावा, बैंकों को जमा राशि की अवधि और आकार के अलावा जमा की अप्रतिदेयता (अर्थात, समय से पहले निकासी विकल्प की अनुपलब्धता) के आधार पर टीडी पर ब्याज पर अलग-अलग दर की पेशकश करने की भी अनुमति दी गई है।

भारिबैं/2023-24/74 डीओआर.एसपीई.आरईसी.सं. 51/13.03.000/2023-24 26 अक्तूबर 2023 अप्रतिदेय जमाराशि – जमाराशियों पर ब्याज दर संबंधी मास्टर निदेश कृपया जमाराशियों पर ब्याज दर से संबन्धित दिनांक 03 मार्च 2016 और दिनांक 12 मई 2016 के मास्टर निदेश (एमडी) - भारतीय रिजर्व बैंक (जमाओं पर ब्याज दर), 2016 की धारा 7 में समाविष्ट अनुदेश देखें। इन निदेशों के संदर्भ में, बैंकों को समय से पहले निकासी के विकल्प के बिना घरेलू मियादी जमा (टीडी) की पेशकश करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि व्यक्तियों से पंद्रह लाख रुपये और उससे कम राशि के लिए स्वीकार किए गए सभी टीडी में समय से पहले निकासी की सुविधा हो। इसके अलावा, बैंकों को जमा राशि की अवधि और आकार के अलावा जमा की अप्रतिदेयता (अर्थात, समय से पहले निकासी विकल्प की अनुपलब्धता) के आधार पर टीडी पर ब्याज पर अलग-अलग दर की पेशकश करने की भी अनुमति दी गई है।

अक्‍तूबर 26, 2023
क्रेडिट सूचना के विलंबित अपडेशन/सुधार के लिए ग्राहकों को मुआवजे की रूपरेखा

आरबीआई/2023-24/72 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.48/20.16.003/2023-24 26 अक्तूबर, 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (सभी लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, और भुगतान बैंकों को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक

आरबीआई/2023-24/72 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.48/20.16.003/2023-24 26 अक्तूबर, 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (सभी लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, और भुगतान बैंकों को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक

अक्‍तूबर 26, 2023
क्रेडिट सूचना कंपनियों और क्रेडिट संस्थानों द्वारा दी जाने वाली ग्राहक सेवा को मजबूत बनाना

आरबीआई/2023-24/73 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.49/20.16.003/2023-24 26 अक्टूबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, और भुगतान बैंकों को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां सभी क्रेडिट सूचना कंपनियां महोदय/महोदया

आरबीआई/2023-24/73 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.49/20.16.003/2023-24 26 अक्टूबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, और भुगतान बैंकों को छोड़कर) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां सभी क्रेडिट सूचना कंपनियां महोदय/महोदया

अक्‍तूबर 26, 2023
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए थोक जमाराशियों पर जारी निर्देशों की समीक्षा

भारिबैं/2023-24/75 डीओआर.एसपीई.आरईसी.50/13.03.00/2023-2024 26 अक्तूबर 2023 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय/महोदया, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए थोक जमाराशियों पर जारी निर्देशों की समीक्षा कृपया दिनांक 3 मार्च 2016 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा राशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016 के पैरा 3 (ए) (i) का संदर्भ ग्रहण करें, जिसके अनुसार "थोक जमा" का अर्थ है: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों के लिए दो करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा।

भारिबैं/2023-24/75 डीओआर.एसपीई.आरईसी.50/13.03.00/2023-2024 26 अक्तूबर 2023 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय/महोदया, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए थोक जमाराशियों पर जारी निर्देशों की समीक्षा कृपया दिनांक 3 मार्च 2016 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा राशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016 के पैरा 3 (ए) (i) का संदर्भ ग्रहण करें, जिसके अनुसार "थोक जमा" का अर्थ है: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों के लिए दो करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा।

अक्‍तूबर 25, 2023
पूर्णकालिक निदेशक(निदेशकों) की नियुक्ति

आरबीआई/2023-24/70 विवि.एचजीजी.जीओवी.आरईसी.46/29.67.001/2023-24 25 अक्तूबर 2023 सभी निजी क्षेत्र के बैंक एवं विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियाँ (भुगतान बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंक को छोड़कर) महोदया / महोदय पूर्णकालिक निदेशक(निदेशकों) की नियुक्ति कृपया हमारे दिनांक 26 अप्रैल 2021 के 'बैंकों में कॉर्पोरेट अभिशासन - निदेशकों की नियुक्ति और बोर्ड की समितियों के गठन' पर जारी निदेश संख्या आरईसी.8/29.67.001/2021-22 के पैरा 10 और 11 का संदर्भ ले।

आरबीआई/2023-24/70 विवि.एचजीजी.जीओवी.आरईसी.46/29.67.001/2023-24 25 अक्तूबर 2023 सभी निजी क्षेत्र के बैंक एवं विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियाँ (भुगतान बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंक को छोड़कर) महोदया / महोदय पूर्णकालिक निदेशक(निदेशकों) की नियुक्ति कृपया हमारे दिनांक 26 अप्रैल 2021 के 'बैंकों में कॉर्पोरेट अभिशासन - निदेशकों की नियुक्ति और बोर्ड की समितियों के गठन' पर जारी निदेश संख्या आरईसी.8/29.67.001/2021-22 के पैरा 10 और 11 का संदर्भ ले।

अक्‍तूबर 25, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण – प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021: जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में अंतरित अदावी देयताओं की प्रस्तुति

भारिबैं/2023-24/71 विवि.एसीसी.47/21.04.018/2023-24 25 अक्तूबर 2023 महोदया / महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण – प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021: जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में अंतरित अदावी देयताओं की प्रस्तुति भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण – प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 (मास्टर निदेश) के अनुबंध II में दिए गए 'संकलन के लिए नोट्स और अनुदेश' के अनुसार वा

भारिबैं/2023-24/71 विवि.एसीसी.47/21.04.018/2023-24 25 अक्तूबर 2023 महोदया / महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण – प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021: जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में अंतरित अदावी देयताओं की प्रस्तुति भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण – प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 (मास्टर निदेश) के अनुबंध II में दिए गए 'संकलन के लिए नोट्स और अनुदेश' के अनुसार वा

अक्‍तूबर 17, 2023
केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन

RBI/2023-24/69 DOR.AML.REC.44/14.01.001/2023-24 October 17, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Dear Sir / Madam, Amendment to the Master Direction (MD) on KYC Please refer to the Master Direction (MD) on KYC dated February 25, 2016, as amended from time to time, in terms of which Regulated Entities (REs) have to undertake Customer Due Diligence (CDD), as per the process laid out therein, for their customers.

RBI/2023-24/69 DOR.AML.REC.44/14.01.001/2023-24 October 17, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Dear Sir / Madam, Amendment to the Master Direction (MD) on KYC Please refer to the Master Direction (MD) on KYC dated February 25, 2016, as amended from time to time, in terms of which Regulated Entities (REs) have to undertake Customer Due Diligence (CDD), as per the process laid out therein, for their customers.

अक्‍तूबर 16, 2023
रिवर्स रेपो लेनदेन - फॉर्म 'ए' रिटर्न में रिपोर्टिंग

आरबीआई/2023-24/68 विवि.रिटर्न.आरईसी.43/12.01.001/2023-24 16 अक्तूबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, रिवर्स रेपो लेनदेन - फॉर्म 'ए' रिटर्न में रिपोर्टिंग कृपया वाणिज्यिक बैंकों द्वारा रिवर्स रेपो लेनदेन की रिपोर्टिंग के संबंध में मास्टर निदेश - भारतीय रिजर्व बैंक [नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर)] दिशानिर्देश - 2021 (25 सितंबर, 2023 को अद्यतन) में फॉर्म ए रिटर्न देखें।

आरबीआई/2023-24/68 विवि.रिटर्न.आरईसी.43/12.01.001/2023-24 16 अक्तूबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, रिवर्स रेपो लेनदेन - फॉर्म 'ए' रिटर्न में रिपोर्टिंग कृपया वाणिज्यिक बैंकों द्वारा रिवर्स रेपो लेनदेन की रिपोर्टिंग के संबंध में मास्टर निदेश - भारतीय रिजर्व बैंक [नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर)] दिशानिर्देश - 2021 (25 सितंबर, 2023 को अद्यतन) में फॉर्म ए रिटर्न देखें।

सितंबर 25, 2023
सूचना का प्रकाशन - सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत प्रतिभूति आस्तियां

आरबीआई/2023-24/63
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.41/20.16.003/2023-24

25 सितंबर, 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक, लघु वित्त बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित तथा भुगतान बैंकों को छोड़कर
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केन्द्रीय सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफ़आईडी)
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, आवास वित्त कंपनियों सहित
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां

महोदय / महोदया

सूचना का प्रकाशन - सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत प्रतिभूति आस्तियां

अधिक पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदम के एक भाग के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाएं (आरई), जो वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम, 2002 के अनुसार सुरक्षित लेनदार हैं, वे उन उधारकर्ताओं के संबंध में जानकारी प्रदर्शित करेंगी जिनकी प्रतिभूति आस्तियों को आरई द्वारा अधिनियम के तहत कब्जे में लिया गया है।

2. आरई इस सूचना को अनुबंध में निर्धारित प्रारूप में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। इस तरह की पहली सूची इस परिपत्र की तारीख से छह (6) महीनों के भीतर आरई की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी, और सूची को मासिक आधार पर अद्यतन किया जाएगा ।

भवदीय

(जे.पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न : अनुबंध

आरबीआई/2023-24/63
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.41/20.16.003/2023-24

25 सितंबर, 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक, लघु वित्त बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित तथा भुगतान बैंकों को छोड़कर
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केन्द्रीय सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफ़आईडी)
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, आवास वित्त कंपनियों सहित
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां

महोदय / महोदया

सूचना का प्रकाशन - सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत प्रतिभूति आस्तियां

अधिक पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदम के एक भाग के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाएं (आरई), जो वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम, 2002 के अनुसार सुरक्षित लेनदार हैं, वे उन उधारकर्ताओं के संबंध में जानकारी प्रदर्शित करेंगी जिनकी प्रतिभूति आस्तियों को आरई द्वारा अधिनियम के तहत कब्जे में लिया गया है।

2. आरई इस सूचना को अनुबंध में निर्धारित प्रारूप में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। इस तरह की पहली सूची इस परिपत्र की तारीख से छह (6) महीनों के भीतर आरई की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी, और सूची को मासिक आधार पर अद्यतन किया जाएगा ।

भवदीय

(जे.पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न : अनुबंध

सितंबर 20, 2023
क्रेडिट सूचना कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक और सूक्ष्म ऋण श्रेणी के लिए डेटा गुणवत्ता सूचकांक

RBI/2023-24/62
DoR.FIN.REC.39/20.16.056/2023-24

September 20, 2023

All Commercial Banks (including Small Finance Banks, Local Area Banks and Regional Rural Banks)
All Primary (Urban) Co-operative Banks/State Co-operative Banks/ Central Co-operative Banks
All-India Financial Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB, SIDBI and NaBFID)
All Non-Banking Financial Companies (including Housing Finance Companies)
All Asset Reconstruction Companies
All Credit Information Companies

Dear Sir/ Madam,

Data Quality Index for Commercial and Microfinance Segments by Credit Information Companies

Please refer to our circular DBOD.No.CID.BC.127/20.16.056/2013-14 dated June 27, 2014, inter alia setting out a common Data Quality Index (DQI) for assessing the quality of data submissions by Credit Institutions (CIs) to Credit Information Companies (CICs) and improving the same over a period of time. Currently, the DQI is being used for data submitted under the consumer segment.

2. With a view to enable further implementation of DQI, it has been decided that CICs shall prepare DQIs for Commercial and Microfinance segments also as per Annex I and II, respectively. CICs shall provide the DQIs for Commercial and Microfinance segments to all CIs latest by March 31, 2024.

3. Further, CICs are advised as under:

  1. CICs shall provide DQIs for Commercial and Microfinance segments in the form of numeric scores on a monthly basis to all member credit institutions.

  2. DQI scores for Commercial and Microfinance segments shall be provided at CI and file level. The DQI scores for Commercial and Microfinance segments at CI level shall be computed as weighted average of file level DQI scores of commercial and microfinance segment respectively of that CI.

  3. CICs shall compute industry level DQIs for each of the three reporting segments1 as weighted average of the CI level DQI in their respective category (e.g. Public Sector Banks, Private Sector Banks, Foreign Banks, Co-operative Banks, RRBs, NBFCs etc.) on monthly basis. Further, a half yearly Industry Benchmark shall be calculated as a rolling average of preceding six months Industry level DQI score of respective category of CIs.

  4. CICs shall provide reasons for decline in score to each CI, if its (a) CI level score has declined over the previous month or (b) CI level score is lower than the half yearly industry benchmark.

  5. CICs shall provide monthly data of CI level DQI and industry level DQI of all segments to Department of Supervision, Reserve Bank of India, Central Office at half yearly intervals as on September 30 and March 31 each year, for information and monitoring purposes.

4. CIs are advised to undertake half yearly review of the DQI for all segments to improve the quality of the data being submitted to CICs. Corrective steps taken on the above issues along with a report on the same shall be placed before its top management by each CI for review within two months from the end of that half-year.

Yours faithfully

RBI/2023-24/62
DoR.FIN.REC.39/20.16.056/2023-24

September 20, 2023

All Commercial Banks (including Small Finance Banks, Local Area Banks and Regional Rural Banks)
All Primary (Urban) Co-operative Banks/State Co-operative Banks/ Central Co-operative Banks
All-India Financial Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB, SIDBI and NaBFID)
All Non-Banking Financial Companies (including Housing Finance Companies)
All Asset Reconstruction Companies
All Credit Information Companies

Dear Sir/ Madam,

Data Quality Index for Commercial and Microfinance Segments by Credit Information Companies

Please refer to our circular DBOD.No.CID.BC.127/20.16.056/2013-14 dated June 27, 2014, inter alia setting out a common Data Quality Index (DQI) for assessing the quality of data submissions by Credit Institutions (CIs) to Credit Information Companies (CICs) and improving the same over a period of time. Currently, the DQI is being used for data submitted under the consumer segment.

2. With a view to enable further implementation of DQI, it has been decided that CICs shall prepare DQIs for Commercial and Microfinance segments also as per Annex I and II, respectively. CICs shall provide the DQIs for Commercial and Microfinance segments to all CIs latest by March 31, 2024.

3. Further, CICs are advised as under:

  1. CICs shall provide DQIs for Commercial and Microfinance segments in the form of numeric scores on a monthly basis to all member credit institutions.

  2. DQI scores for Commercial and Microfinance segments shall be provided at CI and file level. The DQI scores for Commercial and Microfinance segments at CI level shall be computed as weighted average of file level DQI scores of commercial and microfinance segment respectively of that CI.

  3. CICs shall compute industry level DQIs for each of the three reporting segments1 as weighted average of the CI level DQI in their respective category (e.g. Public Sector Banks, Private Sector Banks, Foreign Banks, Co-operative Banks, RRBs, NBFCs etc.) on monthly basis. Further, a half yearly Industry Benchmark shall be calculated as a rolling average of preceding six months Industry level DQI score of respective category of CIs.

  4. CICs shall provide reasons for decline in score to each CI, if its (a) CI level score has declined over the previous month or (b) CI level score is lower than the half yearly industry benchmark.

  5. CICs shall provide monthly data of CI level DQI and industry level DQI of all segments to Department of Supervision, Reserve Bank of India, Central Office at half yearly intervals as on September 30 and March 31 each year, for information and monitoring purposes.

4. CIs are advised to undertake half yearly review of the DQI for all segments to improve the quality of the data being submitted to CICs. Corrective steps taken on the above issues along with a report on the same shall be placed before its top management by each CI for review within two months from the end of that half-year.

Yours faithfully

सितंबर 13, 2023
जिम्मेदार उधार आचरण – वैयक्तिक ऋणों के पुनर्भुगतान/निपटान पर चल/अचल संपत्ति दस्तावेज़ मुक्त करना

आरबीआई/2011-12/62 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी).एमसी.सं.5 /13.05.000/2012-13 2 जुलाई 2012 मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय मास्टर परिपत्र अग्रिमों का प्रबंधन - शहरी सहकारी बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई, 2011 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैवि.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 5/13. 05. 000/2011-12 देखें (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध)। संलग्न मास्टर परिपत्र में  30 जून 2012 तक जारी सभी अनुदेशों / दिशानिर्देशों को स

आरबीआई/2011-12/62 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी).एमसी.सं.5 /13.05.000/2012-13 2 जुलाई 2012 मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय मास्टर परिपत्र अग्रिमों का प्रबंधन - शहरी सहकारी बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई, 2011 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैवि.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 5/13. 05. 000/2011-12 देखें (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध)। संलग्न मास्टर परिपत्र में  30 जून 2012 तक जारी सभी अनुदेशों / दिशानिर्देशों को स

सितंबर 08, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

आरबीआई/2023-24/59
विवि.रिटर्न.आरईसी.34/12.01.001/2023-24

08 सितम्बर 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

कृपया दिनांक 10 अगस्त, 2023 के परिपत्र विव.रिटर्न.आरईसी.29/12.01.001/2023-24 तथा उपर्युक्त विषय पर संबंधित अधिसूचना देखें।

2. जैसा कि 08 सितंबर, 2023 की आरबीआई प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की गई, समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) को बंद करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों के आकलन के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि आई-सीआरआर के तहत परिबद्ध की गई राशि को चरणों में जारी किया जाएगा ताकि प्रणाली की तरलता को आकस्मिक आघातों का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार व्यवस्थित तरीके से कार्य कर सके। राशियाँ निम्नानुसार जारी की जाएंगी:

आरबीआई/2023-24/59
विवि.रिटर्न.आरईसी.34/12.01.001/2023-24

08 सितम्बर 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

कृपया दिनांक 10 अगस्त, 2023 के परिपत्र विव.रिटर्न.आरईसी.29/12.01.001/2023-24 तथा उपर्युक्त विषय पर संबंधित अधिसूचना देखें।

2. जैसा कि 08 सितंबर, 2023 की आरबीआई प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की गई, समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) को बंद करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों के आकलन के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि आई-सीआरआर के तहत परिबद्ध की गई राशि को चरणों में जारी किया जाएगा ताकि प्रणाली की तरलता को आकस्मिक आघातों का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार व्यवस्थित तरीके से कार्य कर सके। राशियाँ निम्नानुसार जारी की जाएंगी:

अगस्त 18, 2023
Implementation of Section 12A of the Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Act, 2005: Designated List (Amendments)

RBI/2023-24/56 DOR.AML.REC.33/14.06.001/2023-24 August 18, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Madam/Dear Sir, Implementation of Section 12A of the Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Act, 2005: Designated List (Amendments)

RBI/2023-24/56 DOR.AML.REC.33/14.06.001/2023-24 August 18, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Madam/Dear Sir, Implementation of Section 12A of the Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Act, 2005: Designated List (Amendments)

अगस्त 18, 2023
उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

आरबीआई/2023-24/53
विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)

महोदया/ महोदय,

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

दंडात्मक ब्याज के प्रकटीकरण में तर्कसंगतता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत, ऋण देने वाली संस्थाओं के पास ब्याज की दंडात्मक दरें लगाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की परिचालन स्वायत्तता है। यह पाया गया है कि कई आरई, ऐसी शर्तें जिन पर क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं, उधारकर्ता द्वारा उनकी चूक/गैर-अनुपालन किए जाने के मामले में, लागू ब्याज दरों के अलावा, दंडात्मक ब्याज दरों का प्रयोग कर रही हैं।

2. दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने का इरादा अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना निर्माण करना है, न की ऐसे शुल्क ब्याज की अनुबंधित दर से अधिक राजस्व वृद्धि उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए है। हालाँकि, पर्यवेक्षी समीक्षाओं में दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने संबंध में आरई द्वारा भिन्न प्रथाएं जिनसे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं के उदाहरण मिले हैं।

3. ऋणों पर दंडात्मक ब्याज/शुल्क वसूलने के लिए आरई द्वारा अपनाई गई प्रथाओं की समीक्षा करने पर, अपनाए जाने हेतु निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं: -

(i) उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

(ii) आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

(iii) आरई को दंडात्मक शुल्क अथवा ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

(iv) दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

(v) 'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

आरबीआई/2023-24/53
विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)

महोदया/ महोदय,

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

दंडात्मक ब्याज के प्रकटीकरण में तर्कसंगतता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत, ऋण देने वाली संस्थाओं के पास ब्याज की दंडात्मक दरें लगाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की परिचालन स्वायत्तता है। यह पाया गया है कि कई आरई, ऐसी शर्तें जिन पर क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं, उधारकर्ता द्वारा उनकी चूक/गैर-अनुपालन किए जाने के मामले में, लागू ब्याज दरों के अलावा, दंडात्मक ब्याज दरों का प्रयोग कर रही हैं।

2. दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने का इरादा अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना निर्माण करना है, न की ऐसे शुल्क ब्याज की अनुबंधित दर से अधिक राजस्व वृद्धि उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए है। हालाँकि, पर्यवेक्षी समीक्षाओं में दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने संबंध में आरई द्वारा भिन्न प्रथाएं जिनसे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं के उदाहरण मिले हैं।

3. ऋणों पर दंडात्मक ब्याज/शुल्क वसूलने के लिए आरई द्वारा अपनाई गई प्रथाओं की समीक्षा करने पर, अपनाए जाने हेतु निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं: -

(i) उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

(ii) आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

(iii) आरई को दंडात्मक शुल्क अथवा ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

(iv) दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

(v) 'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

अगस्त 18, 2023
समान मासिक किस्तों (ईएमआई) आधारित व्यक्तिगत ऋण पर अस्थायी (फ्लोटिंग) ब्याज दर का पुनर्निर्धारण

संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह

संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह

अगस्त 10, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

आरबीआई/2023-24/52
विवि.आरईटी.आरईसी.29/12.01.001/2023-24    

10 अगस्त 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक /
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के अंतर्गत, सभी अनुसूचित बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक में निवल मांग और आवधिक देयताओं (एनडीटीएल) का 4.50 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना आवश्यक है।

2. वर्तमान तरलता स्थितियों की समीक्षा करने पर, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1ए) के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को 12 अगस्त 2023 से प्रारम्भ होने वाले पखवाड़े से 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच एनडीटीएल में वृद्धि पर 10 प्रतिशत का वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) भारतीय रिज़र्व बैंक में बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। आई-सीआरआर की समीक्षा 8 सितंबर 2023 या उससे पहले की जाएगी।

3. संबंधित अधिसूचना दिनांक 10 अगस्त 2023, विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24 की प्रति संलग्न की गई है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24

10 अगस्त 2023

अधिसूचना

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) को-ऑपरेटिव बैंक/सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक, 12 अगस्त 2023 से शुरू होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिजर्व बैंक में निम्नलिखित को बनाए रखेंगे:

धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत बनाए रखने के लिए आवश्यक औसत दैनिक शेष के अलावा अतिरिक्त औसत दैनिक शेष; और

ऐसे अतिरिक्त औसत दैनिक शेष की राशि 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच निवल मांग और आवधिक देयताओं में वृद्धि के 10 प्रतिशत से कम नहीं होगी।

(जयंत कुमार दाश)
कार्यपालक निदेशक

आरबीआई/2023-24/52
विवि.आरईटी.आरईसी.29/12.01.001/2023-24    

10 अगस्त 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक /
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के अंतर्गत, सभी अनुसूचित बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक में निवल मांग और आवधिक देयताओं (एनडीटीएल) का 4.50 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना आवश्यक है।

2. वर्तमान तरलता स्थितियों की समीक्षा करने पर, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1ए) के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को 12 अगस्त 2023 से प्रारम्भ होने वाले पखवाड़े से 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच एनडीटीएल में वृद्धि पर 10 प्रतिशत का वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) भारतीय रिज़र्व बैंक में बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। आई-सीआरआर की समीक्षा 8 सितंबर 2023 या उससे पहले की जाएगी।

3. संबंधित अधिसूचना दिनांक 10 अगस्त 2023, विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24 की प्रति संलग्न की गई है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24

10 अगस्त 2023

अधिसूचना

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) को-ऑपरेटिव बैंक/सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक, 12 अगस्त 2023 से शुरू होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिजर्व बैंक में निम्नलिखित को बनाए रखेंगे:

धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत बनाए रखने के लिए आवश्यक औसत दैनिक शेष के अलावा अतिरिक्त औसत दैनिक शेष; और

ऐसे अतिरिक्त औसत दैनिक शेष की राशि 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच निवल मांग और आवधिक देयताओं में वृद्धि के 10 प्रतिशत से कम नहीं होगी।

(जयंत कुमार दाश)
कार्यपालक निदेशक

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 26, 2024

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